बठिंडा। 18 माह पहले पंजाब सरकार की तरफ से शुरू की गई आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना मरीजो के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है। योजना शुरू होने से लेकर 31 जनपरी 2021 तक 59 हजार 403 से मरीज इस स्कीम के तहत पांच लाख रुपये का अपना इलाज करवा चुके है। इसमें 65 फीसदी मरीजों ने प्राइवेट अस्पतालों में, तो 35 फीसदी मरीजों ने सरकारी अस्पतालों से अपना इलाज करवाया है। जिनका 98 करोड़ 89 लाख रुपये की अदायगी सरकार की तरफ से मरीजों का इलाज करने वाले सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों की जा चुकी है। आयुष्मान योजना की स्टेट हेल्थ एजेंसी के मैनेजर व डा. संजीव जैन ने बताया कि इतना ही नहीं सरकार की तरफ से काेरोना बीमारी को भी इस स्कीम में शामिल होने के बाद बठिंडा जिले के 2000 कोरोना पाजिटिव मरीजों ने अपना फ्री इलाज करवाया है। गौर होकि इस योजना में 1580 विभिन्न प्रकार की बीमारियों को कवर किया जाता है। इसमें मरीज पांच लाख रुपये तक इलाज इस योजना में बिल्कुल फ्री करवा सकता है।
14 हजार 475 मरीजों ने करवाया सरकारी अस्पतालों में इलाज
सेहत विभाग के अनुसार यह योजन 20 अगस्त 2019 को शुरू की गई थी। इसमें बठिंडा जिले के 14 सरकारी व 62 प्राइवेट अस्पतालों को इस योजना में शामिल किया गया है। 20 अगस्त से लेकर 31 जनवरी 2021 तक 59 हजार 403 मरीजों ने इस योजना के लाभ ले चुके है और 98 करोड़ 89 लाख रुपये का क्लेम सरकार की तरफ किया जा चुका है। 20 अगस्त 2019 से लेकर 19 अगस्त 2020 तक 14 सरकारी अस्पतालों में 10213 मरीजों ने अपना इलाज करवाया है, जिसका 8 करोड़ रुपये क्लेम किया जा चुका है। इसी तरह दूसरे साल 20 अगस्त 2020 से लेकर 31 जनवरी 2021 तक जिले के 14 सरकारी अस्पतालों में 4262 मरीजों ने अपना इस योजना के तहत इलाज करवाया है और 4 करोड़ 5 लाख रुपये का क्लेम किया जा चुका है।
- जिला में कुल कितने लोगों के आयुष्मान योजना के तहत कितने कार्ड बनने हैं : 251272
- इस योजना के तहत जिले के कितने अस्पतालों में लोगों का इलाज हो सकता है: 76
- इस योजना के तहत जिले में कुल कितने सरकारी व कितने प्राइवेट अस्पतालों : 62 प्राइवेट व 14 सरकारी अस्पताल
- इस योजना के तहत कुल कितनी बीमारियों को कवर किया जाता है : 1580
- अस्पतालों को इलाज के लिए अब तक कितना भुगतान हो चुकी है : 98 करोड़ 89 लाख रुपये
- सरकारी व कितने प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने वाले मरीजों की संख्या : 59403- पाइवेट 44928, सरकाारी 14475
सरकारी अस्पताल के नाम
- एडवांस कैंसर अस्पताल बठिंडा
- जिला सिविल अस्पताल बठिंडा-
- सीएचसी बालियांवाली-
- सीएचसी भुच्चो मंडी-
- सीएचसी गोनियाना मंडी-
- सीएचसी मौड़ मंडी-
- सीएचसी महाराज-
- सीएचसी नथाना-
- सीएचसी रामा मंडी-
- सीएचसी संगत मंडी-
- एचडीएच घुद्दा-
- एचडीएच रामपुरा फूल-
- एचडीएच तलवंडी साबो
प्राइवेट अस्पताल
- पंजाब कैंसर केयर एंड रिचर्स अस्पताल बठिंडा -
- दयाल किडनी अस्पताल
- बठिंडा न्यूरोस्पाइन एंड टोरमा सेंटर-
- आईवीवाई अस्पताल-
- जिंदल हार्ट अस्पताल-
- मेजर गुप्ता अस्पताल-
- संजीवनी अस्पताल-
- प्रकाश अस्पताल-
- आर गगन गैस्ट्रो-
- दिल्ली हार्ट इंस्टीट्यूट एंड अस्पताल
30 रुपये देकर सेवा केंद्र में भी बनवा सकेंगे आयुष्मान योजना कार्ड
आयुष्मान भारत व सरबत सेहत बीमा योजना के कार्ड कामन सर्विस सेंटरों के अलावा सरकारी सेवा केंद्रों पर ही बन सकेंगे। यह सुविधा जिले के 32 सेवा केंद्रों पर शुरू हो चकी है। इसके लिए महज 30 रुपये की सरकारी फीस अदा करनी होगी। इस कार्ड के धारक 5 लाख तक का वार्षिक मेडिकल खर्च की सुविधा सरकार से ले सकते हैं। कार्ड किसानों, नीला कार्ड धारक, लेबर कार्ड धारक, पत्रकार, कम आमदन वाले परिवारों आदि के कार्ड बनेंगे।
विभाग कैंप लगाकर बनाएंगे मौके पर आयुष्मान कार्ड
आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी व डीएमसी डा. रमन सिंगला ने बताया कि जिले में अब तक 1 लाख 12 हजार 112 परिवारों के कार्ड बनाएं जा चुके है, जबकि सेहत विभाग की तरफ बठिंडा जिले का 2 लाख 51 हजार 272 परिवारों के कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। लोगों को इस योजना के प्रति जागरूक करने के लिए जिले में 21 मार्च तक एक जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों कैंप लगाकर मौके पर कार्ड बनाएं जा रहे है। ई -कार्ड गांव और शहर में बने कॉमन सर्विस सेंटरों से भी बनवा सकते हैं। जिन धारकों ने कार्ड नहीं बनवाया है वह बिना किसी देरी के सेवा केंद्र में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बनवा सकते हैं।
आयुष्मान योजना की स्टेट हेल्थ एजेंसी के मैनेजर व डा. संजीव जैन ने कहना है कि आयुष्मान योजना सभी जरूरतमंद लोगों के लिए अपना इलाज करवाने में काफी लाभदायक साबित हो रही है। इस योजना को शुरू हुए डेढ़ साल का समय बीत चुका है। बठिंडा जिले में इस योजना के तहत 59403 लोग जिले के विभिन्न सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होकर अपना इलाज करवा चुके है। इसमें 98 करोड़ 89 लाख रुपये की अदागी की जा चुकी है। इसमें 65 फीसदी मरीजों ने प्राइवेट और 35 फीसदी मरीजों ने सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाया है।
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