बठिडा: सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक मुलाजिमों की ओर से शुरू की गई दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन बठिडा में भी बैंक बंद रहे और मुलाजिमों ने प्रदर्शन किया गया। जिला परिषद के सामने स्थित यूनियन बैंक के बाहर धरना लगाया गया और केंद्र सरकार को जमकर कोसा गया। इस हड़ताल के कारण जिले के सभी सरकारी बैंकों में कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। जिले की करीब 300 ब्रांचों के 2000 कर्मचारियों की हड़ताल के चलते करीब 500 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ। कर्मियों की हड़ताल का सीधा असर बैंक पर पड़ने के अलावा एटीएम पर भी पड़ा। इसके तहत एटीएम में कैश लोड नहीं हो सका। एटीएम भी दिन भर खाली रहे। लोग एक एटीएम से दूसरे एटीएम तक चक्कर काटते रहे। शनिवार व रविवार की छुट्टी होने के कारण एटीएम में कैश भी लोड नहीं हो सका था। वहीं बैंकों में किसी भी प्रकार के कैश का लेनदेन न होने के अलावा क्लियरिग के चेक भी पास नहीं हो पाए। हालांकि आइसीआइसीआइ बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंक सामान्य तौर पर काम करते रहे।
धरने के दौरान यूनियन के कन्वीनर पवन जिदल ने बताया कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वर्तमान वर्ष के हालिया बजट में कुछ सरकारी बैंकों व इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण किए जाने एवं एलआइसी के शेयर में निजी पूंजी की भागीदारी की घोषणा के विरुद्ध में नौ बैंक यूनियनों के एक संयुक्त फोरम यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने 15 व 16 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है। यूनियन के गुलशन ओबराय ने बताया कि केंद्र की उक्त नीतियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। देश की संपत्ति पूंजीपतियों के हाथों में सौंप देना देश व देश की जनता के हित के विरुद्ध है। केंद्र सरकार अपने निर्णय को वापस ले अन्यथा अभी तो दो दिन ही हड़ताल बुलाई है, जिसके आगे प्रदर्शन को तेज किया जाएगा। इस मौके पर कामरेड गुलशन ओबराय, लाजपाल राय गोयल, अशोक गुप्ता, सतपाल जिदल, परमजीत सिंह, केके सिगला, मनजीत सिंह, चरनजीत शर्मा, पंकज कुमार, मोहित वर्मा, जसवीर जस्सी, प्रेम भूषण, चरनजीत शर्मा, मनमीत सिंह खुराना, गुरप्रीत कौर, जगतार सिंह, राज कुमार गोयल, उपकरण सिंह, जसपाल सिंह आदि उपस्थित थे।
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