नई दिल्ली/ सोनीपत। कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बार्डर पर चल रहे आंदोलन का नजारा अब बदलने लगा है। बढ़ते तापमान को देखते हुए आंदोलनस्थल पर बने टेंटों में इसी अनुरूप सुविधाएं भी बदलने लगी है। यही हाल अब यहां पहुंचने वाल ट्रैक्टर-ट्रालियों का भी है। ठंड के दिनों में तंबूनुमा ट्रालियों में जहां गद्दे-कंबल के साथ-साथ लकड़ियां भरी रहती थी, वहीं अब लग्जरी और एसी ट्रालियां यहां पहुंचने लगी हैं। इन ट्रालियों को मोडिफाई कर आकर्षक रूप दिया है।
अंदर से इंसूलेटर, वाल पेपर लगाकर इसे पूरी तरह से वातानुकूलित किया गया है और बाहर इसमें विंडो एसी लगाई गई है, जो सोलर सिस्टम से चलता है। आंदोलनस्थल पर खड़ी यह ट्राली लाेगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
डेढ़ लाख में मोडिफाई हुआ ट्राली
पंजाब से एसी ट्राली लेकर पहुंचे युवराज सिंह ने बताया कि इस ट्राली को मोडिफाई में करीबन डेढ़ लाख रुपये का खर्च आया है। ट्राली की दीवार पर बाहर तो लोहे की चद्दरें ही हैं, लेकिन धूप और गर्मी से इसे बचाने के लिए अंदर से तापरोधी मैटेरियल लगाया गया है। इसी तरह छत पर फाल्स सीलिंग लगाई गई है और दीवारों को खूबसूरत वाल पेपर से सजाकर आकर्षक लुक दिया गया है।
डेढ़ किलो वाट का लगा है सोलर पैनल
ट्राली में लगी एसी को चलाने के लिए बाहर से बिजली लेने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए ट्राली में ही डेढ़ किलोवाट का सोलर पैनल लगाया है। इस सोलर पैनल से एसी आसानी से चल जाता है। यही नहीं इसे ट्रैक्टर की बैट्री से भी चलाया जा सकता है।
मनोरंजन और आराम का पूरा प्रबंध
ट्राली में एसी के साथ-साथ आराम करने और मनोरंजन व अन्य सुख-सुविधाओं का भी पूरा ख्याल रखा गया है। ट्राली के अंदर ही एक बड़ी एलईडी भी लगी है। साथ ही एक फ्रिज भी इसमें लगा है, ताकि बढ़ते तापमान को देखते हुए पानी आदि को आसानी से ठंडा किया जा सके।
इसके अलावा ट्राली में आठ आरामदेह गद्दे भी खूबसूरत मैट पर बिछाए गए हैं। करीब छह फीट ऊंची छत को लाइट, फाल्स सीलिंग और बीटों के जरिए आकर्षक ढंग से सजाया गया है, ताकि इसके अंदर बैठने पर किसी होटल के सजे हुए कमरे का एहसास हो सके। इसमें लगे सभी विद्युत उपकरण सोलर पैनल से ही चलते हैं, जो ट्राली की छत के ऊपर लगे हैं।
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