चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार का दिन काफी अहम होगा। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने राज्य के वित्त वर्ष 2021-22 के बजट को अंतिम रूप दे दिया है। आम लोगों, खासतौर पर कर्मचारी वर्ग की नजर टिकी हुई है, वहीं विपक्ष को भी उस पल का बेसब्री से इंतजार है। यह अलग बात है कि विपक्ष इसे चुनावी बजट की संज्ञा दे रहा है।
पंजाब विधानसभा में चल रहे बजट सत्र में शुरुआत से ही हंगामा हो रहा है, वहीं शनिवार को भी आम आदमी पार्टी और अकाली दल के विधायकों ने सरकार को घेरने की तैयारी की। रविवार के अवकाश के बाद अब सदन की कार्यवाही सोमवार को 11 बजे फिर से शुरू होगी। इससे पहले मनप्रीत अपनी सरकारी रिहायश पर बजट को लेकर पहले अधिकारियों के साथ चर्चा करते रहे और बाद में उन्होंने खुद बजट को लेकर आर्थिक हालात का अध्ययन किया।
विश्वनीय सूत्रों की माने तो वित्त मंत्री अपने इस आखिरी बजट में कर्मचारियों के हित में छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा कर सकते हैं। इसके पीछे कर्मचारियों की मांग लंबित होने के साथ-साथ सरकार का यह आखिरी बजट होने को बड़ी वजह माना जा रहा है। साथ ही उम्मीद है कि सरकार किसानों के लिए सब्जियों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का ऐलान कर सकती है। एक तो केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में डटे किसानों के लिए सूबे की सरकार खुद भी नरम रवैया अपनाए हुए है। दूसरी तरफ पार्टी के अपने पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू इसकी मांग कर चुके हैं। बजट में खेल, शिक्षा और स्वास्थ्य सेक्टर पर विशेष ध्यान फोकस किया जाएगा। हर वर्ग को लुभाने के प्रयास के साथ सरकार महिलाओं को लेकर भी कुछ ऐलान कर सकती है।
राजस्व बढ़ाने पर भी होगा जोर
इसके अलावा कोरोना वायरस के संक्रमण की महामारी के चलते पिछले कुछ महीनों में सरकार को कई हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। दूसरी केंद्र सरकार से GST का बकाया भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में राज्य की सरकार की ओर से राजस्व बढ़ाने को लेकर भी जोर रहेगा।
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