बठिंडा। जीवन की आपाधापी में शायद ही ऐसा कोई हो जो धन और वैभव कमाना न चाहता हो। मगर एक समय आता है जब जीवन में सब कुछ पा लेने के बाद भी एक खालीपन सा रहता है और तब मन शांति ढूंढता है। शायद उसी मानसिक शांति और अध्यात्म की चाह में ऐसे कई लोग हैं, जो साधु-साध्वी या जैन भिक्षु बनने का फैसला कर चुके हैं। ऐसे ही दो युवा धन-ऐश्वर्य छोड़कर दीक्षा ग्रहण की और जैन मुनि बन गए। मौका था बठिंडा के अनाज मंडी में जैन दीक्षा समारोह का जहां आगमज्ञाता मंगलदेश गुरुदेव अरूण चंद्र जी महाराज के पावन सान्निध्य में दीक्षार्थी पुनीत जैन व अरुज जैन ने दीक्षा अंगीकार की।
दोनों वैरागियों को हाथी पर बैठा शहर में निकाली शोभायात्रा, हजारों की संख्या में पहुंचे लोग
अंबाला निवासी पुनीत जैन (41) और दिल्ली निवासी अरुज जैन (16) ने धन और वैभव को बहुत करीब से देखा है, लेकिन उन्हें मोह-माया आकर्षित नहीं कर सके जबकि वे तपस्या की आभा से आकर्षित हुए और अब उन्होंने अपना आगे का पूरा जीवन जैन मुनि के रूप में बिताने का फैसला किया है।
सुबह 8 बजे बैंडबाजे के साथ दोनों वैरागियों को हाथी पर बिठाकर हजारों भक्तजनों की साक्षी में शोभायात्रा निकाली गई। जयकारों से गूंज के बीच गुरुदेव अरुण चंद्र जी महाराज के पावन चरणों में पहुंचे। गुरु जी ने वैरागी परिवारों व समाज की अनुमति लेकर उनका केश लोचन किया और पुनीत जैन को अभिनंदन मुनि जबकि अरुज जैन को अरविंद मुनि का नाम दिया।
सुबह 10 बजे वर्षीदान किया गया
समारोह में कांग्रेस नेता जैजीत सिंह जोहल, केके अग्रवाल, पवन मानी, निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल, मोहन लाल झुंबा, आईजी बठिंडा रेंज जसकरण सिंह, एसपी सिटी जसपाल सिंह, डीएसपी सिटी गुरजीत सिंह रोमाणा ने शिरकत की। एसएस जैन सभा के प्रधान महेश जैन ने आभार जताया जबकि व्यवस्था प्रबंधन में श्री महावीर जैन नवयुवक मंडल का योगदान रहा। दीक्षा समारोह से पहले 18 मार्च को सुबह 10 बजे वर्षीदान किया गया।
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