-नामदेव रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल ने ऑक्सीजन की कमी के चलते 20 मरीजों को भर्ती करने से किया इंकार
बठिंडा. सरकार की तरफ से आक्सीजन की आपूर्ति पहले सरकारी व बाद में कोविड मरीजों को भर्ती करने वाले अस्पतालों को देने की योजना परेशानी का सबब बन रही है। इसमें सीधे तौर पर अस्पताल प्रबंधक प्लाट से खरीद नहीं कर रहे हैं वही प्लाट संचालक भी मामले में पहले सरकारी सप्लाई को पूरा कर रहे हैं जिससे प्राइवेट अस्पतालों में आक्सीजन की किल्लत पेश आने लगी है। इसमें स्थिति यह है कि अब प्राइवेट अस्पताल मरीजों को दाखिल करने से मना करने लगे हैं। एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि हमारे पास ऑक्सीजन की बहुत कमी है, और प्रशासन ने यह आश्वासन दिया गया था कि आपूर्ति मिल जाएगी, लेकिन कोई भी विक्रेता न तो सप्लाई दे रहा है और न ही समुचित जवाब दिया जा रहा है।
बठिंडा में हालत इतनी गंभीर है कि एक 60 वर्षीय महिला को शहर के सात अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन उसे कोई भी अस्पताल ने दाखिल नहीं किया। क्योंकि अस्पतालों में कोई बेड व ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं था। उसे राजस्थान के बीकानेर ले जाया गया है, जहां इलाज के दौरान रात के समय 2 बजे उसकी मौत हो गई।
बठिंडा आईएमए के अध्यक्ष डॉ. विकास छबरा ने कहा, "यह पूरे देश में एक राष्ट्रीय संकट है, हम सभी डीसी के साथ कल रात से जागकर व्यवस्था बना रहे थे, लेकिन ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं किया जा सकता है। हमें आपूर्ति की व्यवस्था करनी होगी, एक ऑक्सीजन टैंकर कल रात यहां पहुंचना था, जो अब तक नहीं पहुंचा है। जिसके कारण समस्या पैदा हो गई है, अगर हमें टैंकर मिलते हैं, तो हमारे पास दो दिनों के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध होगा”। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ निजी अस्पतालों ने मरीजों को दाखिल करना बंद कर दिए हैं ताकि पहले से भर्ती मरीजों को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
सिविल सर्जन डॉ. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने कहा: "कुछ अस्पतालों में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जबकि कुछ लोग जरूरत से ज्यादा स्टॉक रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमने ऐसी टीमें बनाई हैं जो निजी अस्पतालों में स्टॉक की जांच करेगी व जरूरत पड़ी तो आपूर्ति दी जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि कल हमें ऑक्सीजन की आपूर्ति मिली, जो कि अदेश अस्पताल को दी गई थी, क्योंकि वहां लगभग 130 मरीज भर्ती हैं। हम सभी अस्पतालों को पर्याप्त ऑक्सीजन प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं।
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