बठिंडा. केंद्र सरकार की तरफ से कोरोना मरीजों को ठीक करने के लिए पहले दी जाने वाली दवाईयों में से कई तरह की दवाईयों को हटाने के बावजूद पंजाब सरकार की तरफ से दी जाने वाली फतेह कीट में इन्हें शामिल करने पर सवाल उठने लगे हैं। इसे लेकर प्रो. डॉ. वितुल कुमार गुप्ता, स्वास्थ्य और मानवाधिकार कार्यकर्ता और अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया मालवा शाखा ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस बाबत पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है। डा. गुप्ता कोविड देखभाल प्रबंधन में सबसे आगे रहे हैं और फोन पर मुफ्त परामर्श प्रदान करने के साथ-साथ फ्री लेवल दू कोविड सेंटर भी चला रहे हैं। केयर फैसिलिटी ने बठिंडा के किशोरी राम अस्पताल में नौजवान वेलफेयर सोसाइटी के सहयोग से पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि वह भारत के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की तरफ से हाल ही में जारी दिशा-निर्देशों की पालना करे व इसी गाइडलाइन के अनुसार कोविड रोगियों को उपचार प्रदान करें।
डॉ वितुल ने कहा कि भारत में कोविड प्रबंधन के लिए हाल ही में डीजीएचएस ने दिशानिर्देश दिए है जिसमें रोगियों के उपचारमें एचसीक्यू, इनर्मेक्टिन, विटामिन, जिंक, एज़िथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन जैसी दवाओं को हटाया गया है, लेकिन पंजाब सरकार की तरफ से इन दवाओं को फिर भी फतेह किट के माध्यम से वितरित किया जा रहा है। डीजीएचएस दिशानिर्देशों में इनर्मेक्टिन, विटामिन, जिंक, एज़िथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन जैसे अनुशंसित कई दवाएं शामिल नहीं हैं और ऐसी अनावश्यक दवाओं को शामिल करने से रोगियों को बहुत भ्रम होता है और वे अभी भी इसे ले रहे हैं। डॉ. वितुल ने कहा कि एज़िथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन जैसी दवाओं को अभी एक महीने के लिए कोविड उपचार प्रबंधन के लिए उपयोगी दवाओं की सूची से बाहर रखा गया है लेकिन फिर भी इन दवाओं को 'फतेह किट' से हटाया नहीं गया है।
डॉ. वितुल ने पंजाब सरकार से डॉ. के.के. तलवार की अध्यक्षता वाली कोविड टास्क फोर्स की भूमिका के बारे में सवाल किया और कहा कि या तो टास्क फोर्स ने उपयोगी 'फतेह किट' से अनावश्यक दवाओं को हटाने का सुझाव नहीं दिया है या पंजाब सरकार ने उनकी सलाह को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। दोनों ही स्थितियों में रोगियों को ठीक से उपचार नहीं दिया जा सकता है।
डॉ. वितुल ने मुख्यमंत्री से 'फतेह किट' से अनावश्यक दवाओं को तत्काल हटाने के आदेश देने का अनुरोध किया ताकि डॉक्टरों के साथ-साथ आम लोगों के मन में भी कोई भ्रम न हो। पंजाब सरकार को भी कोविड देखभाल के लिए समान प्रबंधन रणनीतियों के लिए डीजीएचएस या भारत सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
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