बठिंडा. एनपीए की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे डाक्टरों व कर्मचारियों की ग्रुप आफ मनिस्ट्री के साथ वीरवार को पंजाब भवन में रखी बैठक अंतिम समय में रद्द कर दी गई। उक्त बैठक के रद्द होने की सूचना मिलने के बाद समूह डाक्टरों व कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया है। इसी के मद्देनजर रणनीति बनाने के लिए समूह डाक्टरों की एसोसिएशन ने शुक्रवार को सिविल अस्पताल में इकट्ठा होने व आगे के आंदोलन की रणनीति बनाने का फैसला लिया है। हालांकि डाक्टर पहले जहां संकेतिक धरना व प्रदर्शन कर रहे थे वही पिछले कुछ दिनों से उन्होंने ओपीडी का बायकाट कर अस्पताल के बाहर मरीजों की जांच करने का फैसला लिया था। वही अब डाक्टर इससे भी कड़ा संघर्ष करने की चेतावनी दे चुके हैं व शुक्रवार को जिला व प्रदेश मुख्यालयों में बैठक कर अगली रणनीति बनाई जाएगी। गैरतलब है कि पंजाब सरकार के प्रसोनल विभाग की तरफ से डाक्टरों व सेहत कर्मियों की मांगों पर विचार करने के लिए प्रमुख सचिव वित्त विभाग व प्रमुख सचिव सेहत व परिवार भलाई विभाग के साथ वीरवार 22 जुलाई को बैठक करने का फैसला लिया था। इस बाबत कर्मचारियों व संगठन के नेताओं को पत्र जारी कर 22 जुलाई 2021 को तीन बजे पंजाब भवन चंडीगढ़ में बुलाया गया था। इस दौरान कहा गया है कि मंत्री मंडल शाखा की तरफ से 25 जून 2021 को कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने के लिए ग्रुप आफ मनिस्ट्री व अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने के बाद समूह कर्मचारियों व उनके संगठनों ने इस पर विचार करने का फैसला लिया था। लेकिन देर सांय सरकार की तरफ से एक अन्य पत्र जारी कर इस बैठक को रद्द करने संबंधी सूचना दी गई। एनपीए के विरोध में पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (पीसीएमएस) एसोसिएशन के आह्वान पर पूर्ण रूप से हड़ताल पर चल रहे सरकारी डाक्टरों ने इसके बाद सरकार पर वायदा खिलाफी व उनकी मांगों के प्रति लापरवाह होने का आरोप लगाया है। वहीं सरकार की तरफ से समय मांगे जाने के बावजूद भी डाक्टरों की मांगों पर अभी तक कोई भी फैसला नहीं लिए जाने पर डाक्टरों ने गत मंगलवार को निशुल्क ओपीडी भी बंद कर पूर्ण रूप से हड़ताल करने का ऐलान किया। पीसीएमएस के जिला प्रधान डा. जगरूप सिंह का कहना है कि वह मरीजों की समस्या को देखते हुए निशुल्क ओपीडी करने का फैसला लिया था, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लेकर बिल्कुल भी गंभीरता नहीं दिखा रही है, इसलिए स्टेट कमेटी के आह्वान पर अब पूर्ण रूप से हड़ताल की जा रही है। वही सरकार उनकी मांगों को लेकर लगातार लापरवाह नीति अपना रही है व बैठक के लिए पहले समय दे बाद में उसे रद्द कर उनके साथ मजाक किया जा रहा है। डा. जगरूप सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार उन्हें सिर्फ झूठे आश्वासन ही दे रही है, लेकिन उनकी मांगों को कोई भी हल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हड़ताल कोई शौंक नहीं मजबूरी है। इस मौके पर डा. सतीश जिंदल, डा. रविकांत गुप्ता, डा. हर्षित गोयल, डा. अरुण बांसल, डा. खुशदीप सिद्धू, डा विशेश्वर चावला, डा. रविंदर सिंह आहलूवालिया, डा. विजय मित्तल, डा. धीरज गोयल, डा. रिचा, डा. सीमा गुप्ता आदि मौजूद थे।
No comments:
Post a Comment