बठिंडा. आशा वर्कर एंड फेसिलिटेटर्स की लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा नहीं करने से खफा बठिंडा जिले की आशा वर्करों ने वीरवार को खाली बर्तन बजाकर पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। मिनी सचिवालय के बाहर एकत्र हुई बठिंडा जिले की तमाम आशा वर्करों ने शहर में रोष मार्च करते हुए हनुमान चौंक पहुंची, जहां पर खाली बर्तन खड़ाकर जमकर नारेबाजी की। इसके बाद मार्च करते हुए गोनियाना रोड स्थित वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर का घेराव करने पहुंची। सैंकड़ों की तादाद में पहुंची आशा वर्करों को देखते हुए पुलिस वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर को जाने वाले रास्ते पर बैरिकेड कर बंद कर दिया, लेकिन आशा वर्कर व फेसिलिटेटर्स ने बैरिकेड को तोड़कर दफ्तर का घेराव कर लिया। इस दौरान पुलिस व प्रदर्शनकारियों में हल्की धक्का-मुक्की भी हुई, लेकिन पुलिस की तरफ से दो लेयर में की गई बैरिकेडिंग को तोड़ने में सफल हुई। इसके बाद आशा वर्करों ने वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर के बाहर भी जोर-जोर से खाली बर्तन बजाकर अपना गुस्सा जाहिर किया।
इस मौके पर प्रदर्शनकारी आशा वर्करों ने कहा कि पिछले साढ़े चार सालों से पंजाब सरकार व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल कुभकर्णी नींद में सोए हुए है। सरकार की तरफ से हर बार उन्हें झूठा आश्वासन दिया जा रहा है, जबकि उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कोई भी ठोस कदम पिछले साढ़े चार साल में पंजाब सरकार की तरफ से नहीं उठाएं गए है। झूठे अाश्वासनों से परेशान होकर उनकी तरफ से संघर्ष शुरू किया है। इस मौके पर आशा वर्कर एंड फेसिलिटेटर्स ने कहा कि कोरोना महामारी में वर्करों व फैसिलिटेटर लगातार ड्यूटी निभा रही हैं, जिसके तहत कोविड के संदिग्ध मरीजों की पहचान करना, टेस्टिग करवाना, मोटीवेट करना, टीके लगाने हेतु घर-घर तक पहुंच करना शामिल है। परन्तु पंजाब सरकार द्वारा फ्रंटलाइन वाली वर्करों को अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि आशा वर्करों को हरियाणा की तर्ज पर चार हजार प्लस इनसेटिव देने, फैसिलिटेटर को प्रति टूर 500 रुपये देने, कम से कम तनख्वाह 15 हजार लागू करने, वर्करों को स्मार्टफोन देने, प्रत्येक महीने सीएचओ टीमबेस्ट इनसैटिव पेमेंट देने, फैसिलिटेटर को सीएचओ टीमबेस्ट में जोड़ने, गर्मी-सर्दी की वर्दियों का भुगतान प्रत्येक छमाही करने, वर्करों व फैसिलिटेटरों से एक्स्ट्रा काम लेने पर एक्स्ट्रा भत्ता जारी करने, ड्यूटी दौरान हादसा होने पर कर्मचारी की तरह बनती सुविधा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगे न मानीं तो संघर्ष तेज किया जाएगा। वहीं तहसीलदार बठिंडा सुखबीर सिंह बराड़ ने आशा वर्करों का ज्ञापन लेकर उसे मुख्यमंत्री को भेजने का आश्वासन दिया।
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