गुरुवार, 28 जनवरी 2021

पुलिसकर्मी ने उठाया खौफनाक कदम:मुंशी ने बिना केस दर्ज हुए बिठा रखा था युवक को अपने पास, SHO से फटकारा ताे खा लिया जहर


तरनतारन
में पंजाब पुलिस के एक जवान ने बुधवार रात थाने में आत्महत्या कर ली। वह यहां मुंशी के तौर पर कार्यरत था और कल नाइब् ड्यूटी पर था। पता चला है कि मुंशी ने एक युवक को अपने पास बिठा रखा था। जब इस बारे में थाना प्रभारी को पता चला तो दोनों में कहासुनी हुई। इसके बाद उसने जहर खा लिया। सुबह शव मिला तो उसे मोर्चरी में भिजवाकर पुलिस ने मामले की जांच का क्रम शुरू कर दिया है।

मृतक की पहचान जिले के कस्बा झब्बाल स्थित थाने में मुंशी के तौर पर कार्यरत हरपाल सिंह के रूप में हुई है। वह बुधवार रात नाइट ड्यूटी पर तैनात था। गुरुवार सुबह उसकी आत्महत्या के बारे में पता चलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

शुरुआती जांच में सामने आया है कि एक व्यक्ति को बिना केस दर्ज किए बाहर अपने पास बिठा रखा था। थानेदार जसवंत सिंह ने पूछा तो मुंशी ने उसके अपना परिचित होने की बात कही। इसके बाद थानेदार ने आरोपी के साथ मुंशी को भी हवालात में डालने की बात कह डाली। उनके चले जाने के बाद इसी बात की वजह से बेइज्जती महसूस कर चुके मुंशी ने ड्यूटी के दौरान जहर खा लिया। मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। इसमें उसने अपनी आत्महत्या के पीछे के सारे कारणों का खुलासा किया है।  

गाजीपुर से शाम तक हटने के लिए आंदोलनकारी किसानों को यूपी पुलिस का अल्टीमेटम



  •  सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाजीपुर में बैठे आंदोलनकारी किसानों को वहां से हटने को कहा है. यूपी पुलिस की तरफ से इन लोगों को आज शाम तक का वक्त दिया गया है.

राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान आंदोलनकारी किसानों की तरफ से कई जगहों पर भारी उपद्रव मचाए जाने के बाद इनसे जुड़े किसान संगठन अब खुद ही किनारा कर आंदोलन को खत्म करने का ऐलान कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली के पड़ोसी राज्य सरकारों की तरफ से भी इन प्रदर्शनकारियों को लेकर अब सख्ती बरती जा रही है. यूपी पुलिस ने जहां गाजीपुर से प्रदर्शनकारी किसानों को हटने के लिए कहा तो वहीं हरियाणा के तीन जिलों में इंटरनेट और एसएमएस लगी रोक बढ़ा दी गई है.


सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाजीपुर में बैठे आंदोलनकारी किसानों को वहां से हटने को कहा है. यूपी पुलिस की तरफ से इन लोगों को आज शाम तक का वक्त दिया गया है. जबकि, नोएडा-दिल्ली के जोड़ने वाले चिल्ली बॉर्डर से आंदोलनकारी किसान पहले ही अनशन खत्म कर वहां से उठ चुके हैं.


उधर, खट्टर सरकार ने आदेश में कहा है कि राज्य के तीन जिले- सोनीपत, पलवल और झज्जर में इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर लगी रोक को 28 जनवरी की शाम 5 बजे तक के लिए बढ़ा दी गई है.


गौरतलब है कि दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद भारतीय किसान यूनियन का दूसरा धड़ा भानू ने आंदोलन को खत्म करने का ऐलान किया. बीकेयू (भानू) के अध्यक्ष ठाकुर भानू प्रताप सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ उनसे काफी दुख पहुंचा. इसके अलावा, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने भी आंदोलन को खत्म करने का बुधवार को ऐलान किया.


जिले में 30 जनवरी से 13 फरवरी तक कुष्ठ रोग को लेकर एंटी लैपरोसी जागरूकता मुहिम चलेगी


बठिंडा.
सेहत पर परिवार भलाई विभाग चंडीगढ़ की हिदायत पर सिविल सर्जन बठिंडा डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में 30 जनवरी 2021 से 13 फरवरी 2021 तक एंटी लैपरोसी(कुष्ठ रोग) जागरूकता मुहिम चलाई जाएगी। इस मौके जिला प्रोग्राम अफसर डा. सीमा गुप्ता ने बताया कि इस समय पूरे जिले में 12 मरीज इस योजना के तहत लैपरोसी का इलाज ले रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि लैपरोसी (कुष्ठ रोग) का इलाज 6 महीने से एक साल तक चलता है और मरीज बिल्कुल ठीक हो जाता है। लैपरोसी का इलाज राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ़्त किया जाता है। कुष्ठ रोग (लैपरोसी) होने की निशानियाँ हैं जैसे कि पंजे और उगलियों का कंमजोर होना, आंख बंद करन में तकलीफ आना, शरीर पर सुन्न होना व दाग पड़ना, निशान में लाली और उभरापन, दौड़ू का मोटा होना और दर्द न होना, लैपरा रिएक्शन आदि। उन्होंने आम जनता से अपील की कि यदि किसी व्यक्ति को शरीर और ऐसे चिन्ह या लक्षण नज़र आते है तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में चमड़ी रोगों के माहिर डाक्टर से जांच करवाई जाए। इससे सही समय पर इस रोग का इलाज शुरू किया जा सकेगा। सेहत विभाग की तरफ से शुरू किए जा रहे इस पंद्रहवाड़े के दौरान कुष्ठ रोग से बचाओ संबंधित विभाग की तरफ से जन-जागरूकता गतिविधियों को भी शुरू किया जाएंगा।

हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद पंजाब सरकार ने 93 मल्टीहेल्थ वर्कर फिमेल को नौकरी ने निकाला


-कोर्ट में केस चलने के बावजूद सरकार ने दिसंबर में दी थी 93 हेल्थ वर्करों को नियुक्ति, कोर्ट ने कहा साइस विषय नहीं होने के बावजूद कैसे मिली नियुक्ति

-सरकार ने कोर्ट में जबाव दायर करने से पहले सभी कर्मियों को नौकरी से निकालने का जारी किया पत्र 

बठिंडा. पंजाब सरकार की तरफ से 29 दिसंबर 2020 को मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर फिमेल को दी गई नियुक्ति को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से की गई टिप्पणी के बाद रद्द कर दिया है। सरकार ने करीब 600 पदों को भरने का फैसला लिया था व इसमें 93 मल्टी हेल्थ वर्करों को नियुक्ति पत्र दिसंबर 2020 में जारी कर दिया गया था। नियुक्ति में सरकार की तरफ से तय शैक्षिक योग्यता को लेकर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में पहले ही केस चल रहा था व कोर्ट ने फैसला नहीं होने तक मामले में किसी तरह की नियुक्ति नहीं करने के लिए निर्देश दिए थे। 5 अक्तूबर 2020 को दिए आदेश के विपरित पंजाब सरकार ने 29 दिसंबर 2020 को पत्र जारी कर राज्य में विभिन्न स्थानों में 93 मल्टीपर्पज हैल्थ वर्कर फिमेल को नियुक्ति संबंधी पत्र जारी कर दिया। इसमें हवाला दिया गया कि वित्त विभाग पंजाब ने इस नियुक्ति को 17 व 20 जुलाई 2020 को मंजूरी प्रदान कर रखी है। इसे लेकर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में सरकार की पालसी व नीतियों को लेकर शिकायतकर्ता मंदीप कौर ने चैलेज कर दिया था व कहा था कि सरकार ने ही नियुक्ति संबंधी जो पैरामीटर बनाया है उसमें उम्मीदवार दसवीं व उच्चतम शिक्षा में साइंस विषय से पास होना चाहिए लेकिन सरकार इन्हीं नियमों की पालना नहीं कर रही है। इसके बाद सरकार ने जनवरी 2021 में उक्त नियुक्ति को अवैध ठहराते सरकार से जबावतलबी की थी। कोरोना काल में विडियोकांफ्रेसिग से हुई सुनवाई में सरकार ने पक्ष रखा लेकिन कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं थी। इसमें अब 27 जनवरी 2021 को एक पत्र सभी सिविल सर्जनों व संबंधित विभाग को जारी कर दिया। इसमें कहा गया कि सरकार की तरफ से 31 दिसंबर को जो 93 मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर फिमेल को नियुक्ति दी थी उसे पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से अवैध ठहराने के बाद रद्द किया जा रहा है। यह नियुक्ति सरकार ने तीन साल के प्रोविजनल पीरियड के लिए 21 हजार 700 रुपए के वेतन पर की थी। पंजाब सरकार ने पंजाब स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तकनीकी (समूह) की तरफ से सेवा नियम 2016 बनाया था। इसमें अधिसूचित किया था कि नियुक्ति के लिए योग्यता विज्ञान के साथ मैट्रिक पास होना लाजमी है। इसमें मल्टी पर्पस हेल्थ वर्कर (महिला) को इसमें छूट प्रदान कर दी गई जबकि कोर्ट का कहना है कि पुरुष उम्मीदवारों के लिए, यह छूट मिली क्योंकि यह भर्ती नियमों की घोषणा से पहले की थी। इसमें सरकार से अंतर को स्पष्ट करने की हिदायत दी थी व दो सप्ताह का समय दिया लेकिन सरकार इसमें दी गई छूट को लेकर जनवरी 2021 तक समुचित जबाव नहीं दे सकी जिसमें अब कोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने की गई नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। 

फिलहाल सरकार की तरफ से जारी आदेश के बाद बठिंडा में सर्वाधिक 15 मल्टीहेल्थ वर्करों को नौकरी से निकाल दिया गया है। वही दूसरे नंबर पर 11 वर्कर होशियारपुर में, मानसा में दो, लुधियाना में सात, फरीदकोट में 8, एसएएस नगर में सात, मुक्तसर में 8, फिरोजपुर में पांच, संगरुर में 8, फाजिल्का में तीन, रुपनगर में तीन, बरनाला में 4, आलमवाला में एक, पटियाला में 4, गुरदासपुर में एक, तरनतारन अमृतसर में एक, फतेहगढ़ साहिब में एक, मोगा में तीन व जालंधर में एक मल्टीहेल्थ वर्कर फिमेल को नौकरी से निकाला गया है। इस तरह से पंजाब में कोरोना काल में हेल्थ सर्विस को बेहतर ढंग से चलाने के लिए नियुक्त किए हेल्थ वर्करों को निकालने के बाद सेहत सुविधा में भी असर पड़ेगा। खासकर कोरोना वैक्सीन लगाने के साथ विभिन्न सरकारी योजनाओं में काम करने वाले स्टाफ की कमी पहले ही सेहत विभाग में है जिससे जरूरी काम व सेहत सुविधा प्रभावित होती रही है। फिलहाल मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों ने सरकार के इस फैसला का विरोध जताया है। उनका कहना है कि सरकार ने ही उन्हें नियुक्ति दी थी व उक्त नियुक्ति देते सरकार को सभी मानकों का ध्यान रखना चाहिए था ताकि कोर्ट में इस बाबत किसी तरह की दिक्कत न आती वर्तमान में वह बिना किसी कसूर के लिए मानसिक व आर्थिक तौर पर दिक्कत का सामना करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। 


समाज सेवा के साथ इलाके का सर्वोपरि विकास करवाना है वार्ड नंबर 33 से कांग्रेस की उम्मीदवार नेहा जिंदल का मकसद

 

  • समाज सेवी मनोज जिंदल की बहूं है नेहा जिंदल, गरीब, जरूरतमंद लोगों की हेल्प कर इलाके में नाम कमाया, अब राजनीति में उतरकर इलाके में विकास करवाने की जताई इच्छा
बठिंडा। शहर के प्रमुख समाज सेवी मनोज जिंदल की बहूं नेहा जिंदल ने वार्ड नंबर 33 से कांग्रेस की टिकट पर नगर निगम चुनावों में उम्मीदवारी हासिल की है। नेहा जिंदल को इलाके के लोगों ने अपना समर्थन देकर उनकी मुहिम को बल दिया है। गली मुहल्ले में दूसरे दलों के उम्मीदवार अभी चुनाव प्रचार की शुरूआत कर रहे हैं लेकिन नेहा जिंदल ने पूरे इलाके में तीन बार अपना चुनाव प्रचार पूरा कर लिया है। इस दौरान केवल चुनाव प्रचार ही नहीं कर रहे बल्कि लोगों की समस्याओं को भी हल करवाने का प्रयास कर रहे हैं। चुनाव आचार सहिंता लागू होने से पहले समाज सेवी मनोज जिंदल ने गली मुहल्लों की तमाम समस्याओं को हल करवाने के लिए दिन रात एक किया। लाकडाउन से लेकर कोरोना काल में उत्पन्न हुई स्थिति में जहां जरूरतमंदों को घरों तक राशन के साथ हर जरूरत का सामान पहुंचाया वही लाकडाउन हटने के बाद इलाके में सड़क, नालियों, स्ट्रीट लाइटों व सीवरेज की समस्या को हल करवाने के लिए वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह व जयजीत सिंह जौहल के साथ मिलकर काम किया। इलाके के लोग भी मानते हैं कि जो काम पिछली सरकार इलाके में नहीं करवा सकी उन्हें मनोज जिंदल व नेहा जिंदल ने मिलकर पूरा करवाया। वर्तमान में गली मुहल्लों में जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं व लोगों से कांग्रेस की उम्मीदवार नेहा जिंदल को विजयी बनाने की अपील कर रहे हैं। नेहा जिंदल का कहना है कि उन्हें विश्वास है कि लोग उन्हें निगम चुनावों में विजयी बनाकर इलाके की सेवा करने का मौका देंगे। इलाके में जो भी समस्या रहती है उन्हें चुनाव के बाद हल करवाया जाएगा। लोगों ने जो भी उम्मीद उनसे की है उसे पूरा करेंगे क्योंकि राजनीति उनके लिए सेवा का रास्ता है व सेवा को ही वह परमधर्म मानकर चलते हैं। गौरतलब है कि नेहा जिंदल वार्ड नंबर 33 से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही है। वह पिछले लंबे समय से इलाके में चुनाव प्रचार कर रहे हैं व इलाके में उनकी अच्छी पैठ बनी हुई है। यही कारण है कि उनकी जनसभाओं में लोगों का भारी समर्थन मिल रहा है।      

वार्ड नंबर 42 में आप के उम्मीदवार सुखचरण सिंह बराड़ को मिला लोगों का समर्थन, सैकड़ों नौजवानों व महिलाओं के समर्थन के साथ घर-घर जाकर मांग रहे वोट

 

-इलाके में पढ़े लिखे व सूझवान उम्मीदवार होने के साथ पेशे से है डाक्टर, समाज सेवा में भी रहे हैं अग्रणी 

बठिंडा। वार्ड नंबर 42 से आप के उम्मीदवार सुखचरण सिंह बराड़ ने अपनी चुनाव मुहिम को तेज करते घर-घर जाकर लोगों को आम आदमी पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए अपील की। डा. सुखचरण सिंह बराड़ वार्ड नंबर 42 से आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। नगर निगम चुनावों में डा. बराड के पक्ष में सैकड़ों नौजवान व महिलाएं घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर रही है। उनके समर्थन में चल रही मुहिम ने विरोधियों को भी चिंता में डाल दिया है। पहली बार चुनाव मैदान में उतरे डा. सुखचरण सिंह बराड़ का इलाके में अच्छा रुतबा होने के कारण आम लोगों में बेहतर पकड़ है जिसका उन्हें फायदा भी मिल रहा है। नौजवान होने के साथ पढ़े लिखे व सूझवान होने के चलते हर वर्ग के लोग उन्हें पसंद भी करते हैं। पेशे से डाक्टर होने के कारण वह गरीब व जरुरतमंद लोगों की सहायता के लिए हरदम तैयार रहते हैं व लाकडाउन व कोरोना काल में उन्होंने समाज के हर वर्ग को सहायता दी।   डा. सुखचरण बराड़ का कहना है कि इलाके का विकास उनकी प्राथमिकता रहेगी। लंबे समय से अकाली दल व कांग्रेस ने राज किया लेकिन पिछड़े माने जाने वाले इस इलाके की विकास की तरफ कभी भी ध्यान नहीं दिया जिसके चलते सड़क, पानी, सीवरेज व स्ट्रीट लाइटों की समस्या पूर्व की बरकरार है। चुनाव जीतने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता इलाके को शहर का सबसे विकसित वार्ड बनाने रहेगी वही गरीब व जरूरतमंद लोगों तक विभिन्न स्कीमों का लाभ सही ढंग से पहुंचे इसके लिए वह दिन रात एक कर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आम आदमा पार्टी चुनावों में अकाली दल व कांग्रेस की तरफ से पांच साल में किए झूठे वायदों क पोल खोलेगी व असल विकास को लेकर लोगों से वायदा कर रही है। शहर में लंबे समय से लंबित योजनाओं को पूरा करवाना उनका मुख्य एजेंडा होगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी गरीबों व दबे कुचले लोगों की पार्टी है व उनके लिए विकास ही सबसे आगे है। इसका प्रमाण दिल्ली में हुआ अपार विकास दिखाता है जहां स्मार्ट स्कूलों से लेकर सड़कों, गलियों व कालोनियों में हर काम हुआ वही गरीबों को पेंशन से लेकर हर बुनियादी सुविधा दी गई। पंजाब में भी इसी मा़डल पर आप काम करेगी व देश का नंबर वन प्रदेश बनाएंगी। इसके लिए जरूरी है कि लोग विधानसभा चुनाव से पहले नगर निगम चुनावों में उन्हें जीत दिलाकर हमारा मेयर बनवाएं। उन्हें विश्वास है कि नगर निगम चुनावों में उनके उम्मीदवार हर वार्ड में विजयी होंगे व अकाली दल व कांग्रेस का गरुर तोड़ने में सफल होंगे। 

बठिंडा की रामा तेल रिफायनरी से तेल लाने के लिए किराये पर लिया टैंकर, पहले किराया नहीं दिया बाद में बेच दिया


बठिंडा.
रामा मंडी स्थित तेल रिफायनरी से तेल लाने व लेकर जाने के लिए एक व्यक्ति को किराये पर दिए टैंकर का एक व्यक्ति ने लंबे समय तक किराया नहीं दिया वही कुछ समय बाद उक्त कैंटर को बेच दिया। इस बाबत रामा पुलिस ने आरोपी व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रामा पुलिस के पास शिवराज सिंह वासी गांव हस्सू जिला सिरसा ने शिकायत दी कि कुलदीप सिंह वासी रामसरा ने कुछ समय पहले उससे संपर्क कर कहा कि वह रामा मंडी से तेल निर्यात करने का ठेका ले रहा है व उसके पास तेल का कैंटर है जिसे वह किराये पर लेना चाहता है। इसमें 40 हजार रुपए महीने का किराया देना तय हुआ। आरोपी व्यक्ति ने काफी समय तक तेल का टैंकर किराये पर चलाया लेकिन उसका किराया नहीं दिया। यही नहीं जब उसने कैंटर वापिस करने की बात कही तो बताया गया कि उसने पांच लाख से अधिक कीमत के इस कैंटर को आगे किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिय़ा है। मामले में लिखित शिकायत पुलिस के पास की गई जिसमें जांच के बाद आरोपी व्यक्ति के खिलाफ जालसाजी व धोखाधड़ी के साथ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

मोटरसाइकिल का सेलेंसर मोडिफाई कर पटाखे चलाने से रोका तो कर दी मारपीट

बठिंडा. सेलबराह गांव में मोटरसाइकिल पर सेलेंसर मोडिफाई कर पटाखे चलाने वाले व्यक्ति को रोकने पर चार लोगों ने मिलकर एक व्यक्ति के साथ मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। मामले में थाना फूल के पास लिखित शिकायत दे आरोपी लोगों पर केस दर्ज किया गया है। फूल पुलिस को दी शिकायत में जसपाल सिंह वासी सेलबराह ने बताया कि गांव में डंड सिंह, गद्धू सिंह, धोनी सिंह व मिट्टू सिंह मोटरसाइकिल के सेलेंसर को मोडिफाई कर उसे तेज गति से चलाकर पटाखे चलाते थे। इससे गांव की बुजुर्ग लोग व बीमार व्यक्ति को काफी परेशानी होती थी। गत दिवस जब उक्त लोग गली से मोटरसाइकिल लेकर जा रहे थे तो पटाखे चलाने पर उन्हें रोका गया व ऐसा नहीं करने की नसीहत दी लेकिन उक्त लोगों ने उसका विरोध किया व मोटरसाइकिल रोककर उसे घेरकर मारपीट की। मामले की शिकायत फूल पुलिस के पास की गई जिसमें सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

पुराने झगड़े में छह लोगों ने मिलकर दो से की मारपीट, केस दर्ज  

बठिंडा. गांव मंडी कला में पुराने झगड़े को लेकर छह लोगों ने मिलकर दो लोगों के साथ मारपीट कर घायल कर दिया। बालियावाली पुलिस के पास गोरा सिंह वासी मंडी कलां गांव ने शिकायत दी कि उनका गांव में कुलविंदर सिंह, जसबीर सिंह, गुरविंदर सिंह, लक्खा सिंह, कुलदीप सिंह, चमकौर सिंह के साथ पुराना झगड़ा चल रहा था। इसमें कई बार दोनों के बीच कहासुनी होती रही लेकिन गत दिवस उक्त सभी लोगों ने मिलकर उनके भाई निर्मल सिंह व मौसी किरणा कौर को रोककर मारपीट की व गंभीर रुप से जख्मी कर फरार हो गए। दोनों घायलों को उपचार के लिए आसपास के लोगों ने अस्पताल दाखिल करवाया। मामले में पुलिस ने शिकायत के बाद मामला दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिए है।

नशीली गोलियों, शराब व लाहन की तस्करी करने वाले सात नामजद, पांच गिरफ्तार

बठिंडा. जिला पुलिस ने शराब, लाहन व नशीली गोलियों सहित सात लोगों को नामजद किया है। इसमें पांच लोगों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दो लोग फरार है। रामा पुलिस के सहायक थानेदार कर्मजीत सिंह ने बताया कि सेवक सिंह वासी कोटबख्तू को गांव से 490 नशीली गोलियों के साथ गिरफ्तार किया है। सदर रामपुरा पुलिस के एसआई परविंदर कौर ने बताया कि सतनाम सिंह वासी गांव बल्लो के पास 50 लीटर वाहन जब्त की गई जिसे मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया। कनाल कालोनी पुलिस के सहायक थानेदार अक्षय कुमार ने बताया कि सुरजीत सिंह वासी बीड़तलाब को बादल रोड के अंडरब्रिज के पास 300 लीटर लाहन के साथ गिरफ्तार किया गया है। नंदगढ़ पुलिस के सहायक थानेदार कुलविंदर सिंह ने बताया कि इकबाल सिंह व खुशविंदर सिंह वासी गांव झूंबा को 120 लीटर अवैध शराब के साथ मौके पर रोककर पूछताछ की गई जिसमें इकबाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया लेकिन खुशविंदर सिंह फरार होने में सफल रहा। वही नंदगढ़ पुलिस के होलदार परविंदर सिंह ने बताया कि बलविंदर सिंह वासी बबीहा व लखवीर सिंह वासी कालझरानी जिला बठिंडा को 36 बोतल हरियाणा मार्का शराब के साथ पकड़ा गया जिसमें लखबीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन दूसरा आरोपी बलविंदर सिंह फरार होने में सफल रहा।

सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम की चिट्‌ठी वायरल:गुरमीत ने जेल से मां और समर्थकों के नाम भेजी चिट्‌ठी; लिखा- ईश्‍वर ने चाहा तो जल्‍द आकर मां का इलाज कराउंगा


जालंधर।
 डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने सुनारिया जेल रोहतक से अपनी मां और समर्थकों के नाम एक चिट्‌ठी लिखी है। इस चिट्‌ठी पर जेल की मुहर लगी हुई है। 23 जनवरी गुरमीत ने लिखा था, जिसे 25 जनवरी को जेल से जारी किया गया। डेरे के दूसरे गुरु शाह सतनाम सिंह के 102वें जन्मदिवस पर आयोजित नाम चर्चा के दौरान यह चिट्‌ठी संगत को पढ़कर सुनाई गई। बता दें राम रहीम इससे पहले भी 13 मई व 28 जुलाई 2020 को भी अपनी मां व संगत के नाम चिट्ठी लिखी थी।

राम रहीम ने चिट्ठी में लिखा कि अगर ईश्वर ने चाहा तो मैं जल्द आऊंगा और अपनी मां का इलाज करवाऊंगा। जब मैं अपनी मां से अस्पताल में मिलने आया था तो उनकी तबीयत गंभीर थी। लेकिन, मुझसे मिलने के बाद उनकी तबीयत में सुधार हुआ है। राम रहीम ने जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए एक मुहिम को शुरू करने का निर्देश डेरा श्रद्धालुओं को दिया। हम दो, हमारे दो या फिर हम दो, हमारा एक की मुहिम शुरू करने पर डेरा श्रद्धालुओं ने सहमति जताई है।


चिट्‌ठी पर जेल की मुहर लगी हुई है। 23 जनवरी को यह पत्र जेल से जारी किया गया।

शाह सतनाम सिंह के जन्मदिवस पर शाह सतनाम जी धाम, सिरसा में नामचर्चा का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में हरियाणा राज्य से भारी संख्या में साध-संगत ने ही शिरकत की। इस कार्यक्रम में हनीप्रीत इंसां, राम रहीम की पत्नी, दोनों बेटियां, दोनों दामाद और बेटा व बहू भी शामिल हुए। बाकी राज्यों की साध-संगत ने अपने-अपने ब्लॉकों में ही मानवता भलाई के कार्य करके शाह सतनाम का जन्मदिवस मनाया।

गुरमीत राम रहीम साध्वी यौन शोषण मामले और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति हत्याकांड मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। एक मामले में उसे 20 साल की और दूसरे मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। तीन साल से राम रहीम जेल में है और उनके बिना ही अब डेरे में कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इस बार राम रहीम द्वारा डेरा सच्चा सौदा के नाम जेल से एक चिट्‌ठी भेजी गई, जिसे पढ़कर सुनाया गया।

आधी रात को पत्नी को ट्रैप किया तो पुलिस अधिकारी के साथ पकड़ाई, पति ने किया हंगामा

 


जालंधर। 
66 फुटी रोड पर जालंधर हाइट्स के पास बुधवार रात उस समय हंगामा हो गया, जब पति ने ट्रैप लगाकर ऑ​​​ल्टो कार में जा रही पत्नी को पकड़ लिया। कार कोई आम आदमी नहीं, बल्कि शहर में तैनात एक सीनियर पुलिस अधिकारी चला रहा था।

देर रात पुलिस ने पत्नी-पत्नी के विवाद को लेकर रिपोर्ट दर्ज की मगर सीधे तौर पर अधिकारी का नाम सामने नहीं आया था। हालांकि यह अधिकारी होशियारपुर में भी महिला के चक्कर में चर्चा में आ चुका है। पति के ट्रैप का कारण है कि वह पत्नी की पर्सनल लाइफ उजागर करके तलाक आसानी से ले सके।

शहर में रात करीब 11 बजे यह सूचना आई कि 66 फुटी रोड पर एक सीनियर पुलिस अधिकारी को एक पराई महिला के साथ पति ने पकड़ा है। इसके बाद मौके पर 30 मिनट तक हंगामा होता रहा। चौकी जालंधर हाइट्स की पुलिस मौके पर पहुंची तो ट्रैकसूट में उनके सीनियर अधिकारी पब्लिक के बीच घिरा हुआ था। सड़क से मामला सीधे चौकी में पहुंच गया। यहां पर एडीसीपी सिटी-2 अश्वनी कुमार और एसएचओ रश्मिंदर सिंह पहुंच गए। इस दौरान कुछ लोग काफी गुस्से में थे तो आरोपी पुुलिस अधिकारी भी वहां से निकल गया।

पीछा कर रहा था तो कार के ड्राइवर ने मार दी एक्टिवा को टक्कर

अवतार नगर के रहने वाले रेस्टोरेंट के मालिक ने पुलिस को बताया कि करीब 13 साल पहले उसकी शादी विदेशी नागरिक लड़की से हुई थी। इस बीच उनका पत्नी से विवाद हो गया था। विवाद को लेकर उस पर पर्चा दर्ज हुआ था। बुधवार को उसने देखा कि पत्नी ऑल्टो कार में जा रही थी। कूल रोड से कार का पीछा शुरू किया तो वह जालंधर हाइट्स तक पहुंच गया।

यहां पर कार के ड्राइवर ने उसकी एक्टिवा को टक्कर मार दी तो उसका ड्राइवर से झगड़ा हो गया। यहां पर पुलिस ने आकर मामला शांत करवाया। पति ने कहा कि वह पत्नी के खिलाफ अदालत में तलाक का केस दायर करेगा। दूसरी ओर महिला ने कहा कि पति उसे अक्सर तंग करता है। वह कार में जा रही थी कि उसे बदनाम करने के लिए हंगामा किया।

उज्बेकिस्तान की रहने वाली है महिला

40 साल की उज्बेकिस्तान की रहने वाली महिला की शिकायत पर बीते साल नवंबर में पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 325 व 498 ए केस दर्ज किया गया था। महिला का आरोप था कि उसे दहेज के लिए भी ताने मारे जाते हैं। 25 नवंबर को उस समय हद हो गई, जब पति ने उसे खूब पीटा। उसके बाएं कान पर इतने थप्पड़ मारे कि सुनना बंद हो गया था। उसे इलाज के लिए अस्पताल में लेकर गए थे तो कान की मेडिकल रिपोर्ट आने पर पता चला कि उसका कान का पर्दा फट गया है।

शिकायत में पुलिस अधिकारी का जिक्र नहीं : डीसीपी

उधर, डीसीपी गुरमीत सिंह ने कहा कि प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि पति-पत्नी के बीच विवाद को लेकर हंगामा हुआ था। जब उनसे पूछा गया कि मामले में पुलिस अधिकारी का नाम उछला है तो उन्होंने कहा कि पति ने अपनी शिकायत में एेसे किसी अधिकारी का जिक्र नहीं किया है। दूसरी ओर विवाद से जुड़े अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है कि उनकी कार का एक एक्टिवा से एक्सीडेंट हुआ था। उनका महिला से कोई-लेना देना नहीं है।

दिल्ली दंगे : तरनतारन का है लाल किले पर केसरिया झंडा फहराने वाला युवक, परिजन बोले- जुगराज सिंह को उकसाया गया


अमृतसर।
 किसान आंदोलन के नाम पर 26 जनवरी को दिल्ली में हुए घटनाक्रम से पूरा देश शर्मसार है। इसी दौरान के एक वीडियो में एक युवक लाल किले पर केसरिया झंडा फहराता नजर आ रहा है। इसकी पहचान हो गई है। 22 साल का जुगराज सिंह नाम का यह युवक पंजाब के सीमांत जिले तरनतारन के गांव वां तारा सिंह का रहने वाला है। परिवार और ग्रामीणों ने वीडियो से उसकी पहचान कर ली, वहीं पुलिस भी घर तक पहुंच गई। हालांकि इसके मां-बाप और बहन फिलहाल अंडरग्राउंड हैं।

वां तारा सिंह गांव पाकिस्तान बॉर्डर से सटा हुआ है। कंटीली तार के पास 2 एकड़ जमीन पर जुगराज सिंह का परिवार खेती करता है। तीन भैंसें और एक गाय भी रखी है। परिवार पर 5 लाख रुपए का कर्ज है। परिवार में उसके मां-बाप, दादा-दादी के अलावा तीन बहनें हैं, जिनमें से दो बहनों की शादी हो चुकी है। मैट्रिक पास जुगराज सिंह ढाई साल पहले चेन्नई स्थित निजी कंपनी में काम करने गया था, लेकिन पांच महीने बाद ही लौट आया था। अब मजदूरी करता है। जानकारी के अनुसार गांव से 24 जनवरी को दो ट्रैक्टर-ट्रॉलियां दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। जुगराज भी इनके साथ गया था।

लाल किले पर केसरिया झंडा फहराए जाने की घटना के बाद 26 जनवरी की रात 10 बजे पुलिस की टीम जुगराज सिंह के घर पहुंची। पूछताछ में जुगराज सिंह के पिता बलदेव सिंह ने सिर्फ यह बताया था कि उसका बेटा किसान आंदोलन में शामिल होने लिए दिल्ली गया है। इसके बाद से जुगराज के पिता बलदेव सिंह, मां भगवंत कौर और एक बहन भूमिगत हैं।

मीडिया से बात करते जुगराज सिंह के दादा महल सिंह।
मीडिया से बात करते जुगराज सिंह के दादा महल सिंह।

दादा महल सिंह और दादी गुरचरण कौर ने कहा कि परिवार का कोई भी सदस्य कभी किसी गैर सामाजिक गतिविधि में शामिल नहीं रहा है। दादी गुरचरण कौर ने कहा कि गांव में छह गुरुद्वारे हैं। जुगराज इन गुरुद्वारों में निशान साहिब पर चोला चढ़ाने की सेवा करता था। उन्होंने कहा कि दूसरे साथियों के नाकाम रहने और उकसाने पर जोश में आकर जुगराज ने लाल किले पर झंडा चढ़ा दिया होगा। अब जुगराज से उनका कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है।

जुगराज सिंह के घर पर जुटे पड़ोसी।
जुगराज सिंह के घर पर जुटे पड़ोसी।

उधर, ग्रामीण साधा सिंह, प्रेम सिंह, गुरसेवक सिंह और महिदर सिंह का कहना है कि कुछ शरारती लोगों ने यह गलत हरकत की है। परिवार और ग्रामीणों ने जुगराज के किसी भी खालिस्तानी मूवमेंट के साथ संबंध होने की बात से इनकार किया है। उनका कहना है कि उन्हें TV देखकर ही इस घटना का पता चला। दूसरी ओर एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि जांच की जा रही है कि मामला खालिस्तान आंदोलन से तो नहीं जुड़ा है।

NIA करेगी शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह हत्याकांड की जांच; घर में घुसकर आतंकियों ने मारी थीं गोलियां

 


अमृतसर। 
बहुचर्चित शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह हत्याकांड की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी। तरनतारन के भिखीविंड में आतंकियों ने 17 अक्टूबर 2020 को एक्टिविस्ट बलविंदर सिंह की हत्या कर दी थी। उनके परिवार ने हत्यांकाड की जांच CBI से कराने की मांग की थी।

बलविंदर सिंह ने पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद के दौर में बहादुरी से आतंकियों का मुकाबला किया था। उन पर 42 बार हमले हुए थे। इसके चलते उन्हें परिवार समेत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। उनके जीवन पर कई टेलीफिल्में भी बन चुकी हैं। बलविंदर सिंह कस्बे में निजी स्कूल चलाते थे।

परिवार के साथ मिलकर 200 आतंकियों को खदेड़ा था

सितंबर 1990 में पंजवड़ ने 200 आतंकवादियों के साथ बलविंदर सिंह के घर में हमला किया था। आतंकवादियों ने बलविंदर के घर को चारों तरफ से घेर लिया था। उनके घर जाने वाले सभी रास्ते भी ब्लॉक कर दिए थे, ताकि पुलिस व अर्धसैनिक बल मदद को न आ सकें। 5 घंटे चली मुठभेड़ में पंजवड़ भाग खड़ा हुआ था और उसके कई गुर्गे मारे गए थे।

घर में बनाए गए मोर्चे से परिवार के सभी सदस्यों ने आतंकवादियों का बहादुरी से मुकाबला किया था। इसके बाद बलविंदर सिंह का नाम सुर्खियों में आ गया था। 1993 में गृह मंत्रालय की सिफारिश पर तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने बलविंदर सिंह, उनके बड़े भाई रंजीत सिंह और उनकी पत्नियों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।

कांट्रैक्ट किलिंग थी बलविंदर सिंह की हत्या

शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या कांट्रैक्ट किलिंग थी। गैंगस्टर सुख भिखारीवाल ने की तीन लाख रुपये की सुपारी ली थी, जो गुरजीत सिंह और सुखदीप सिंह ने दी थी। भिखारीवाल ने हत्या आरोपियों को बताया था कि बलविंदर सिंह मामूली आदमी है। उन्हें बाद में पता चला कि वो शौर्य चक्र विजेता है।

आखिरकार बठिंडा में सिरे चढ़ने लगी रिंगरोड 1 योजना :500 मीटर लंबे रेलवे अंडरब्रिज को मिली मंजूरी, बायपास होंगे शहर से 800 हैवी व्हीकल्स

 


  • पिछले करीब एक साल से लंबित थी अंडरब्रिज अप्रूवल, पहले ओवरब्रिज की योजना थी
  • रेलवे की मंजूरी मिली, 1 साल से कम समय में पूरा करना है प्रोजेक्ट, 26 करोड़ लागत

बठिंडा। 4.7 किलोमीटर लंबे रिंगरोड-1 अपनी शुरूआत के एक और कदम करीब पहुंच गया है। करीब 18 साल बाद जहां 2019 में रिंगरोड-1 का करीब 105 करोड़ रुपए से निर्माण शुरू किया गया, वहीं अब रेलवे अंडरब्रिज की अड़चन भी समाप्त हो गई है।

अंबाला रेलवे व बड़ौदा हाउस ने इस रिंगरोड पर बनने वाले अंडरब्रिज को हाल ही में मंजूरी दे दी है तथा इसका एक पत्र बीएंडआर विभाग को भेजा जा चुका है। इसके निर्माण से करीब 800 हैवी व्हीकल बायपास होंगे। करीब 500 मीटर लंबे अंडरब्रिज के निर्माण के लिए बीएंडआर विभाग ने करीब एक साल पहले अंबाला डिवीजन को परमिशन लैटर सब्मिट किया था। अब जल्द ही इसके लिए रेलवे टेंडर लगा अपनी देखरेख में इसका निर्माण करवाएगी। रेलवे ने बीएंडआर विभाग को 26 करोड़ रुपए निर्माण के लिए जमा करवाने के निर्देश दे दिए हैं जो कुछ दिनों में रेलवे को बीएंडआर ट्रांसफर करेगा।

करीब 2019 में ही इस अंडरब्रिज की मंजूरी के लिए रेलवे की अंबाला डिवीजन को बीएंडआर विभाग के अधिकारियों ने प्लानिंग भेज दी थी, लेकिन कोरोना काल के मध्य सिस्टम के रुकने से इस प्रोजेक्ट पर काम एक बारगी रुक गया, लेकिन रिंगरोड-1 के लिए बेहद महत्वपूर्ण इस अंडरब्रिज की हाल ही में परमिशन अंबाला डिवीजन से मिल गई है, जिसके बाद बीएंडआर विभाग पूरा एक्टिव हो गया है। करीब 500 मीटर लंबाई के इस अंडरब्रिज की ऊंचाई 5.5 मीटर है जिसमें दो ब्लाक रेलवे लाइनों के नीचे लगाए जाएंगे।

वहीं दोनों तरफ के स्पैन करीब-करीब बराबर होंगे। इस अंडरब्रिज को हैवी ट्रैफिक के लिए डिजाइन किया गया है। करीब 26 करोड़ की लागत से बनने वाले इस अंडरब्रिज का निर्माण रेल लाइनों की सुरक्षा दृष्टि से रेलवे खुद करवाएगी जिसके लिए बीएंडआर विभाग को फंड जमा करवाने का निर्देश दे दिया गया है। टेंडर होते ही एक साल से भी कम समय में इस अंडरब्रिज को पूरा किया जाएगा।

पहले बनना था ओवरब्रिज, सुरक्षा दृष्टि से लगा एतराज

4.7 किलोमीटर लंबे इस रिंगरोड पर पहले विभाग की तरफ से एक ओवरब्रिज प्लान किया गया था, लेकिन सैन्य छावनी के बिल्कुल करीब से गुजरते इस रोड पर ओवरब्रिज को सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं माना गया तथा इस पर सैन्य एतराज लगने के बाद बीएंडआर विभाग ने इस प्लॉनिंग को अंडरब्रिज में बदला। हालांकि बठिंडा में पहले बने दो अंडरब्रिज में बारिश के पानी से होने वाले जलभराव की समस्या बेहद अधिक है। ऐसे में विभाग यहां पर अंडरब्रिज की बजाए ओवरब्रिज बनाना चाहता था।

फायदा : शहर में बढ़ते ट्रैफिक बोझ से मिलेगी निजात

रिंग रोड से वाहन चालकों को शहर में एंट्री की जरूरत ही नहीं पड़ेगी, क्योंकि शहर के जीटी रोड तथा 100 फीट बीबी वाला रोड शहर में दोपहिया तथा चौपहिया वाहनों के बढ़ने से सड़कों पर ट्रैफिक बहुत अधिक बढ़ गया है। वहीं सिटी बस स्टैंड के शिफ्ट होने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी।

जल्द जमा करवा दी जाएगी निर्माण राशि
रिंगरोड-1 पर अंडरब्रिज की रेलवे से अप्रूवल विभाग को मिल चुकी है। जल्द इस अंडरब्रिज के निर्माण के लिए 26 करोड़ रुपये रेलवे को जमा करवा दिए जाएंगे। जिसके बाद रेलवे इसका निर्माण शुरू करवाएगी। रिंगरोड में यह आरयूबी अहम है।

--ई. इंदरजीत सिंह, एक्सईएन, बीएंडआर, बठिंडा

Delhi Violance: रात में ही तैयारी हो गई थी, दीप सिद्धू व पंजाब के पूर्व गैंगस्टर लक्खा ने कब्‍जाया मंच


चंडीगढ़।
 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्‍टर परेड के तय रूट पर न जाकर लाल किले की तरफ चले जाने और लाल किले पर केसरिया झंडा फहराने का कार्यक्रम सुबह अचानक तय नहीं हुआ। बताया जाता है कि रात में ही इसकी तैयारी हो चुकी थी। किसान मजदूर संघष्र समिति के नेताओं ने यह कहना शुरू कर दिया कि वे पुलिस और किसान संगठनों के बीच तय हुए रूट पर नहीं बल्कि रिंग रोड पर प्रदर्शन करेंगे। इसी दौरान पंजाबी फिल्‍म कलाकार दीप सिद्धू और पूर्व गैंगस्‍टर लक्खा सिधाणा जैसे लोगों ने किसानों की स्टेज पर कब्जा कर लिया।

उन्होंने साफ कर दिया कि हम किसान नेताओं द्वारा तय किए गए रोड मैप के अनुसार नहीं चलेंगे और किसान नेता कौन होते हैं हमें ये बताने वाले कि हम कहां जाएं। लक्खा के गर्मख्याली बयानों के बाद पंडाल में मौजूद युवाओं ने भी उनका समर्थन किया। पूर्व गैंगस्टर से नेता बने लक्खा सिधाणा समेत किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेताओं सरबण सिंह पंधेर को समझाने में काफी लोगों ने मशक्कत की लेकिन वे नहीं माने। आखिर वही हुआ जिसका डर था।

लक्‍खा सिधाणा किसानों को प‍हले से ही भड़का रहा था

लक्खा सिधाणा अभी से नहीं बल्कि किसान मोर्चा शुरू होने से पहले ही किसानों को भड़काता रहा है। इसी के कारण किसान मोर्चा टीकरी और सिंघू बार्डर पर लगा हुआ है। इसी ने बुराड़ी के मैदान मे जाने से मना कर दिया था और किसानों को इसके लिए भड़काया था। हालांकि, विभिन्न किसान संगठन सरकार की ओर से बुराड़ी के मैदान में दी गई जगह आंदोलन चलाने को तैयार थे। लक्खा सिधाणा सरीखे नेताओं ने ऐसा करने से मना कर दिया और जज्बात में आए युवा वहीं डटकर बैठ गए। लेकिन, धीरे धीरे किसान नेताओं ने दीप सिद्धू और लक्खा सिधाणा को अपने से अलग कर दिया। इन्होंने अलग से अपनी स्टेज लगाकर आंदोलन में अपने आप को बनाए रखा। हर रोज युवाओं को भड़काने वाली पोस्ट डालकर उन्हें गुमराह करने की कोई कसर नहीं छोड़ते थे।

जानें कौन है लक्खा सिधाणा

लक्खा सिधाणा भी दीप सिद्धू की तरह बठिंडा जिले का रहने वाला है। वह गांव सिधाणा का रहने वाला है और अच्छा पढ़ा-लिखा व्यक्ति है। पढ़ाई के दौरान ही वह रामपुरा फूल से चुनाव लड़ने वाले शिरोमणि अकाली नेता व पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के संपर्क में आया। उस पर बूथ कैप्चरिंग का केस भी दर्ज हुआ। 2004 में वह गैंगस्टरों के गुट में शामिल हो गया। वह कुख्‍यात गैंगस्टर विक्की गांउडर ग्रुप के विरोधी गुट में शामिल था।

आरोप है कि उसने बठिंडा में हुई गैंगवार में गांउडर ग्रुप के एक आदमी का कत्ल कर दिया। उसके खिलाफ कुल 12 केस दर्ज हैं । 2016 तक उसका जेल में आना जाना लगा रहा लेकिन, उसके पेट में गोली लगी तो उसने अपराध का रास्ता त्याग दिया। वह मनप्रीत बादल की ओर से बनाई पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब में शामिल हो गया और उन्हीं की पार्टी से चुनाव भी लड़ा।

पंजाबी भाषा को पंजाब में जगह दिलाने के लिए उसने नेशनल हाईवे पर लगे मील पत्थरों पर हिंदी और अंग्रेजी में लिखे बोर्ड पर कालिख पोत दी। प्राइवेट अस्पतालों में लाइव हाेकर ज्यादा पैसे लेने वालों के खिलाफ अभियान चलाने वाली सरगर्मिंयां करने लगा। पिछले छह महीने से तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है।

दीप सिद्धू ने फेसबुक लाइव पर किसान नेताओं को दी चेतावनी, मैं बोलूंगा तो भागने का रास्‍ता नहीं मिलेगा

नई दिल्‍ली. गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) में हुई हिंसा और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लहराए जाने के मुख्य आरोपी दीप सिद्धू (Deep Sidhu) ने फेसबुक लाइव के जरिए किसान नेताओं को खुली चेतावनी दे दी है. खुद को गद्दार कहे जाने से नाराज सिद्धू ने किसान नेताओं को धमकी दी है कि अगर उन्‍होंने अपना मुंह खोला और किसान आंदोलन की अंदर की बातें खोलनी शुरू कीं तो इन नेताओं को भागने का रास्‍ता भी नहीं मिलेगा. दीप सिद्धू ने कहा कि मेरी बात को डायलॉग न समझें , ये बात याद रखना, मेरे पास हर बात की दलील है. मानसिकता बदलो.

फेसबुक पर लाइव होकर दीप सिद्धू ने कहा कि दिल्‍ली में ट्रैक्‍टर रैली के दौरान भड़की हिंसा के बाद मेरे खिलाफ कई बातें कहीं जा रही हैं. ऐसे में वक्त आ गया है कि कुछ बातें स्पष्ट कर दी जाएं. दीप ने कहा कि युवाओं को दिल्‍ली में ट्रैक्‍टर मार्च की बात कहकर बुलाया गया था. इस दौरान किसान नेताओं ने दिल्‍ली में तय रूट पर परेड करने की भी बात कही थी. इस पर जब युवाओं ने नाराजगी जताई तो किसान नेता वहां से किनारा कर गए.
दीप सिद्धू ने किसान नेताओं को अहंकारी बताते हुए कहा कि वे सरकार की भाषा बोलते हैं. उन्‍होंने कहा कि किसान नेताओं ने 26 जनवरी को हुई घटना पर अपना एक स्‍टैंड नहीं लिया. दीप ने लाल किले पर झंडा लगाने की बात पर अपना बचाव किया और कहा कि मेरे बाइक से भागने का वीडियो वायरल हो रहा है लेकिन जब तक इसकी पुष्टि न हो, उसे सच न मानें.
दिल्‍ली में हिंसा भड़काने की बात को भी दीप सिद्धू ने पूरी तरह से नकार दिया. उन्‍होंने कहा कि कौन सी हिंसा की गई. हमले लाल किले में किसी भी प्रॉपर्टी को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. हम वहां पर शांतिपूर्ण तरीके से रैली करने पहुंचे थे. दिल्ली पुलिस के बारे में सिद्धू ने कहा कि पुलिस ने हमें कहा कि जो करना है, शांतिपूर्वक करो और यहां से जाओ. दीप सिद्धू ने भाजपा, आरएसएस और कांग्रेस से किसी भी तरह के रिश्‍तों को नकार दिया है.


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