बठिंडा। एनएफएल टाउनशिप के समीप एक बाइक चालक अचानक बेहोश हो कर सड़क पर गिर गया। घटना की सूचना मिलते ही समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा की हाईवे एम्बुलेंस टीम मौके पर पहुंची तथा बेहोश युवक को तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया। जिसकी पहचान दविंदर सिंह पुत्र सुरजीत सिंह निवासी एसएएस नगर के तौर पर हुई। युवक ने बताया कि उसकी पत्नी के साथ उसका किसी बात को ले कर विवाद हो गया तथा उसकी पत्नी एनएफएल टाउनशिप में मायके चली गई जिसे लेने के लिए वह एनएफएल पहुंचा था तथा पत्नी के वापसी आने से मना करने पर युवक ने नशीली गोलियां खा ली।
सोमवार, 22 फ़रवरी 2021
बठिंडा में घरेलू विवाद के चलते नशीली गोलियां निगली
बठिंडा। एनएफएल टाउनशिप के समीप एक बाइक चालक अचानक बेहोश हो कर सड़क पर गिर गया। घटना की सूचना मिलते ही समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा की हाईवे एम्बुलेंस टीम मौके पर पहुंची तथा बेहोश युवक को तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया। जिसकी पहचान दविंदर सिंह पुत्र सुरजीत सिंह निवासी एसएएस नगर के तौर पर हुई। युवक ने बताया कि उसकी पत्नी के साथ उसका किसी बात को ले कर विवाद हो गया तथा उसकी पत्नी एनएफएल टाउनशिप में मायके चली गई जिसे लेने के लिए वह एनएफएल पहुंचा था तथा पत्नी के वापसी आने से मना करने पर युवक ने नशीली गोलियां खा ली।
वैक्सीनेशन को लेकर मंत्री की चेतावनी के बाद कोरोना कर्मी आए आगे, डाक्टर भी शामिल
कोरोना वायरस का फिर से होने लगा फैलाव, लोग नियमों की अवहेलना कर बिना मास्क के घूम रहे सार्वजनिक स्थानों में
बठिंडा. पंजाब सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन से परहेज करने वाले और वैक्सीन नहीं लगवाने वाले सेहत विभाग के कर्मियों के प्रति कड़े रुख के बाद सिविल अस्पताल बठिंडा व दूसरे सेहत सेंटरों में डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ अब वैक्सीनेशन के लिए आगे आने लगे है। सेहत विभाग के प्रयासों के बावजूद सेहत कर्मी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शुरू की गई कोविड टीकाकरण मुहिम में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। ऐसे कर्मचारियों को लेकर सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने गत दिवस बड़ा कदम उठाते चेतावनी दी थी कि जिन सेहत कर्मियों ने टीका नहीं लगवाया है, अगर वे भविष्य में संक्रमण के शिकार हो जाते हैं तो पूरे इलाज का खर्च उनको खुद उठाना होगा। ऐसे कर्मचारी एकांतवास अवकाश का लाभ लेने के भी पात्र नहीं होंगे। फिलहाल सरकार की इस चेतावनी के बाद सोमवार को कई डाक्टरों के साथ सेहत कर्मी वैक्सीनेशन के लिए आगे आने लगे हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामलों में हुई वृद्धि ने सेहत विभाग को सकते में डाल दिया है। पिछले कुछ दिनों से कोविड के सक्रिय मामले बढ़ रहे हैं। फिलहाल इस स्थिति से निपटने के लिए सभी सेहत कर्मियों का टीकाकरण होना अनिवार्य किया गया है ताकि वह कोरोना से बचाव करते दूसरे मरीजों का समुचित उपचार कर सके।
दूसरी तरफ कोरोना का कहर और रोजाना नए केस मिलने का क्रम जारी है। यह सब जानते हुए भी लोग लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं। बाजारों में भीड़ उमड़ रही है। लोग न तो शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क लगा रहे हैं। हैंडवाश से तो उनका दूर-दूर तक वास्ता नहीं है। लापरवाह लोगों के कारण स्थिति ऐसी न हो जाए कि संभाल पाना मुश्किल हो जाए। पिछले 11 माह में कोई दिन ऐसा नहीं रहा जब कम या अधिक कोरोना संक्रमित न मिले हों। कोरोना को लेकर भले ही बड़ी संख्या में लोग जागरूक हों, लेकिन ऐसे लोग भी हैं जो तमाम खतरों से परिचित होने के बावजूद लापरवाह बने हुए हैं। इनमें सबसे अधिक वे लोग हैं जो कोरोना संक्रमण से कोई खतरा नहीं मान रहे हैं। दूसरा युवा वर्ग है, जो शारीरिक दूरी रखना तो दूर मास्क लगाने में भी परहेज कर रहा है। जिले में कोरोना का संक्रमण बढ़ाने में इन दोनों की भूमिका अहम होगी।
कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके आगे खतरनाक होने के आसार नजर आ रहे हैं, क्योंकि फरवरी माह के 20 दिनों में 146 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं मात्र 21वें दिन कोई पॉजिटिव केस सामने नहीं आया, लेकिन इससे पहले प्रतिदिन 3 से लेकर 6 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। जिले में 58 एक्टिव मरीज हैंै। कोरोना के आंकड़ों पर नजर डालें तो सेहत विभाग की ओर से अब तक जिले में 1 लाख 39 हजार 846
लोगों के सैंपल लिए गए हैं। जिसमें 9 हजार 655 पॉजिटिव मिल चुके हैं। फरवरी में 5 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। जबकि अब तक 227 कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। हालांकि 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन आने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। रविवार को वैक्सीनेशन प्रक्रिया नहीं की गई।
चेन बन गई तो तोड़ना होगा मुश्किल
बेशक जिले में दिसंबर और जनवरी माह के मुकाबले फरवरी में कोरोना संक्रमण मामलों की संख्या कम जरूर हुई है, लेकिन थमी नहीं है। लोगों की लापरवाही के कारण लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है। रोजाना बाजार में लोग उमड़ रहे हैं, लेकिन कोई भी सेहत विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है। इससे कोरोना महामारी के फैलने की आशंका बढ़ रही है। भीड़ में यदि दो-चार लोग भी संक्रमित हुए तो कोरोना की चेन हो जाएगी कि इसे संभाल पाना भी मुश्किल हो जाएगा।
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लोगों में कोरोना को लेकर नहीं डर
रविवार को छुट्टी होने के कारण बाजार में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। इस दौरान लोग जमकर लापरवाही बरत रहे हैं। कुछ ऐसा ही रविवार को भी हुआ। शहर के गोनियाना रोड पर स्थित नगर सुधार ट्रस्ट दफ्तर के सामने खाली रोड पर संडे मार्केट लगती है। जहां पर सैकड़ों की तादाद में दुकानें व रेहड़ी-फड़ी सजती हैं और हजारों की संख्या में खरीदार पहुंचते हैं। जब वहां जागरण टीम ने दौरा किया तो पाया लोग शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। कपड़ों की दुकानों पर सबसे ज्यादा भीड़ रही। बाजार के विभिन्न हिस्सों में लोग बिना मास्क के घूम रहे थे। लोगों को देखकर लग रहा कि जिले में कोरोना संक्रमण है ही नहीं और जीवन सामान्य हो चुका है। लोगों के अंदर कोरोना को लेकर डर कहीं पर भी नजर नहीं आ रहा है। प्रशासन की तरफ से भी नियमों की अनदेखी करने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। धोबी बाजार, सिरकी बाजार, सदर बाजार समेत आसपास के प्रमुख बाजारों में नियमों की खूब धज्जियां उड़ीं।
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नवंबर में बढ़ी संक्रमितों की संख्या
अक्टूबर और नवंबर के शुरुआती 20 दिन में 250 मरीज मिले थे। कुल मिलाकर नवंबर में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। वहीं डीसी बठिडा की तरफ से निर्देश जारी किए हैं कि दूसरे शहरों व राज्यों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना जांच कराई जाए।
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कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि वे कोविड-19 की गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करें। घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहनें और शारीरिक दूरी का पालन करें। लापरवाही खुद के साथ ही आपके परिवार का भी जीवन खतरे में डाल सकती है। समय समय पर साबुन अथवा से हाथ साफ करते रहे।
-डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों, सिविल सर्जन।
कृषि कानूनों पर भाषण के बाद कुर्सी पर बैठते ही पंजाब के किसान नेता दातर सिंह की हार्ट अटैक से मौत
अमृतसर। कृषि सुधार कानूनों को लेकर चल रहे किसान संघर्ष पर विचार रखने के तुरंत बाद किरती किसान यूनियन के प्रदेश प्रधान मास्टर दातर सिंह जिंदगी को अलविदा कह गए। रविवार को यादगारी फाउंडेशन की ओर से मातृ भाषा, कृषि कानूनों और श्री ननकाना साहिब साका विषयों पर स्वतंत्रता सेनानी कामरेड उजागर सिंह खतराए कलां की पुण्य तिथि पर विरसा विहार में सेमिनार आयोजित किया गया था। इस दौरान मास्टर दातार सिंह मंच पर भाषण देने के बाद जैसे ही अपनी सीट पर पहुंचे तो उन्हेंं हार्ट अटैक आ गया। उन्हेंं फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हेंं मृत घोषित कर दिया।
समारोह में मास्टर दातार सिंह देरी से पहुंचे थे और अंतिम भाषण उन्हें ही देना था। उन्हेंं लंबा भाषण देने की आदत थी, इसलिए आयोजकों ने उन्हेंं दस मिनट में भाषण खत्म करने को कहा था। अपने भाषण में उन्होंने किसानी संघर्ष और उसके समक्ष खड़ी चुनौतियों पर अपने विचार रखे और भाषण समय पर खत्म करते हुए उन्होंने कहा 'मेरा समय समाप्त हो गया।'
इसके बाद वह मंच से नीचे आकर अपनी सीट पर बैठ गए। कुछ ही समय बाद उनके साथ वाली सीट पर बैठी उनकी पत्नी अमरजीत कौर ने देखा कि दातार सिंह की हालात ठीक नहीं है। उन्होंने आयोजकों से उन्हेंं फोर्टिस अस्पताल ले जाने को कहा। अस्पताल पहुंचते ही डाक्टरों ने उन्हेंं मृत घोषित कर दिया। बता दें कि उन्होंने दो दिन पहले ही फोर्टिस अस्पताल में अपना रुटीन चेकअप करवाया था, जिसमें सबकुछ ठीक आया था।
निगम चुनाव संपन्न, निगम ने सीवरेज और पानी के बिल भेजने का सिलसिला किया शुरू
बठिडा : नगर निगम चुनाव संपन्न हो गए हैं। इसलिए अब उपभोक्ता सीवरेज-पानी के ताजा और बकाया बिल भरने के लिए तैयार हो जाएं। निगम की ओर से बीते जनवरी माह में बांटने शुरू किए बिलों को एकदम रोकने के बाद अब फिर से बांटना शुरू कर दिया गया है। बताया जाता है कि निगम ने कांग्रेस नेताओं के इशारे पर बिल बांटने रोक दिए थे, ताकि कहीं निगम चुनाव के दौरान यह उनके लिए भारी न पड़ जाएं। बेशक निगम अधिकारी जनवरी में बिल बांटने का काम रोकने की कोई उचित वजह नहीं बता पा रहे हैं। लेकिन सच्चाई यही बताई जा रही है कि कांग्रेस के लिए वोट बैंक कहीं प्रभावित न हो जाए, इसलिए एक बार उसे रोक दिया गया था। अब बीते शनिवार से नगर निगम की ओर से शहर के उपभोक्ताओं को फिर से बिल बांटने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है।
बिलों व नोटिस से वोट प्रभावित होने की थी चिता
नगर निगम ने बीती 15 जनवरी के करीब बीते जुलाई से लेकर दिसंबर तक के छह माह के बिल बांटने शुरू किए थे। अभी बिल बांटने का काम केवल शहर के मात्र एक जोन में ही संपन्न हुआ था कि निगम अधिकारियों के मौखिक आदेश पर दो नंबर जोन में बिल बांटने का काम रोक दिया गया। इतना ही निगम ने बकाया बिलों की लिए बांटे जा रहे चेतावनी नोटिसों को भी बांटना बंद कर दिया। विधायक एवं राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल की ओर से निगम चुनाव को लेकर शहर भर के गलियों-मोहल्लों में नुक्कड़ सभाएं की जा रही थीं और इस दौरान कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताकर निगम हाउस पर इस बार अपनी सत्ता स्थापित करने की अपील की जा रही थी। लेकिन इन कार्यक्रमों के दौरान लोग वित्तमंत्री सहित वरिष्ठ नेताओं के पास बकाया बिलों के आ रहे नोटिस और बकाया समेत ताजा बिल लेकर खड़े हो जाते थे। जिसके चलते एक बार नोटिस और ताजा बिल बांटने ही बंद करवा दिए गए।
74 हजार कनेक्शन, 25 हजार को जारी होते हैं बिल
महानगर में सीवरेज और पानी के कुल करीब 74 हजार कनेक्शन हैं। इसमें करीब 37 हजार सीवरेज और इतने ही पानी के कनेक्शन हैं। इसमें से लगभग 12 हजार कनेक्शन ऐसे हैं, जिनके मकान 125 गज के हैं। 125 गज तक के मकानों को सीवरेज और पानी की सुविधा राज्य सरकार की ओर से बिलकुल मुफ्त है। इसलिए निगम करीब 25 हजार पानी और सीवरेज कनेक्शनों की बिलिग करता है। निगम एक साल में करीब छह करोड़ रुपये के सीवरेज और पानी के बिल जारी करता है। जोकि करीब तीन करोड़ रूपये के होते हैं। निगम को जारी किए कुल बिलों में से 80 फीसद उगाही होती है। अन्य लोग बिल नहीं भर रहे हैं।
1260 और 1680 रुपये के भेजे जा रहे हैं बिल
नगर निगम की ओर से 250 गज के मकानों पर एक महीने का 105 रुपये सीवरेज और 105 रुपये पानी का बिल लागू है। दोनों का मिलाकर एक माह का 210 रुपये बिल बनता है। इस तरह से उन्हें छह माह का यह बिल 1260 रुपये का भेजा जा रहा है। इसी तरह 250 गज से ऊपर 500 गज तक के मकानों पर सीवरेज का 140 और पानी का भी 140 रुपये का बिल लागू है। दोनों का मिलाकर एक माह का 280 रुपये बिल बनता है। इस तरह उन्हें छह माह का यह बिल 1680 रुपये का दिया जा रहा है। इसके अलावा निगम के उपभोक्ताओं की करीब 10 करोड़ रुपये की राशि बकाया भी खड़ी है।
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मुझे नहीं पता कि बिल बांटने क्यों रोके गए थे। क्योंकि मैं पिछले कई दिनों से लगातार छुट्टी पर चल रहा हूं।
-मक्खन लाल, नगर निगम के सुपरिटेंडेंट।
लापरवाही से ट्रैक्टर चला रहे व्यक्ति ने मारी मोटरसाइकिल सवार नौजवान को टक्कर, पीजीआई में मौत
बठिंडा. गांव जलाल में लापरवाही से ट्रैक्टर चला रहे एक व्यक्ति ने मोटरसाइकिल सवार को टक्कर मारकर घायल कर दिया। जिसे उपचार के लिए पीजीआई में दाखिल करवाया गया जहां उसकी मौत हो गई। इसके बाद दियालपुरा पुलिस ने आरोपी ट्रैक्टर चालक पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के पास दी शिकायत में मृतक के चाचा राज सिंह वासी गुमटी कला ने बताया कि वह गत दिनों फरीदकोट से अपने गांव वापिस आ रहा था। इस दौरान उसने बस स्टेंड से घर जाने के लिए अपने भतीजे सुरजीत सिंह उम्र 36 साल को बुलाया था। सुरजीत सिंह अपने मोटरसाइकिल पर जब सुखमंदर सिंह चेयरमैन के घर के पास पहुंचा तो सामने से तेज रफ्तार ट्रैक्टर लेकर संदीप सिंह वासी जलाल उसकी तरफ आया व मोटरसाइकिल पर टक्कर मार दी। इसमें सुरजीत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे पहले स्थानीय अस्पताल में दाखिल करवाया जहां हालत गंभीर होने पर उसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इसमें आरोपी व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है लेकिन अभी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
21 हजार नशीली गोलियों व अवैध शराब के साथ दो लोग गिरफ्तार
बठिंडा. जिला पुलिस ने अवैध शराब व 21 हजार नशीली गोलियों
सहित दो लोगों को नामजद कर गिरफ्तार किया है। सदर रामपुरा पुलिस के सहाय़क थानेदार
लखविंदर सिंह ने बताया कि गुरजंट सिंह वासी पीरकोट से 9 बोतल अवैध शराब गांव पीरकोट
के पास बरामद की गई जिसे गिरफ्तार करने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया। वही सदर
रामपुरा पुलिस के सहायक थानेदार बलजीतपाल ने बताया कि गांव पित्थों में कार सवार जाखरदीन
को गांव पित्थों के पास शक के आधार पर रोककर तलाशी ली तो उसके पास 21 हजार नशीली
गोलियां बरामद की गई जिसे वह आगे तस्करी के लिए लेकर जा रहा था। पुलिस ने आरोपी को
गिरफ्तार कर लिया है।
शिव सेना हिदुस्तान के प्रदेश संगठन मंत्री सुशील जिदल ने शिव सेना पंजाब का दामन थामा
बठिडा : शिव सेना हिदुस्तान के प्रदेश संगठन मंत्री सुशील जिदल ने शिव सेना पंजाब का दामन थामा। हालांकि सुशील जिदल का कहना है कि उन्होंने खुद पार्टी को छोड़ा है। जबकि शिव सेना हिदुस्तान के पंजाब प्रभारी संजीम देम और बठिडा प्रभारी चंद्रकांत चड्ढा का कहना है कि सुशील को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निकाला गया है। शिव सेना पंजाब के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेश बातिश ने जिदल को सिरोपा देकर पार्टी में शामिल किया। इस मौके पर बातिश ने कहा कि पार्टी में शामिल होने वाले प्रत्येक वर्कर व नेता को पूरा बनता सम्मान दिया जाएगा। उन्हें पंजाब का वरिष्ठ उपप्रधान नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि सुशील जिदल को पार्टी की एक बैठक बुलाने के बाद बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। बातिश ने कहा कि जल्द ही शिव सेना पंजाब की ओर से शहर में किए गए कब्जों, अवैध निर्माण व सरकारी दफ्तरों में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। शिव सेना पंजाब में शामिल किया।
वहीं बठिडा में शिवसेना के राष्ट्रीय उप प्रमुख योगेश बातिश के दिशा निर्देश अनुसार विशेष बैठक बुलाई गई। इसमें योगेश बातिश व वरिष्ठ उपप्रमुख पंजाब सुशील कुमार जिदल ने अर्पण बागड़ी को सिरोपा डालकर पार्टी में शामिल किया। पार्टी में जल्द ही उनको जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को शिवसेना पंजाब में शामिल होने के बाद पूरा बनता मान सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी में सभी को बनता मान सम्मान दिया जाता है। इस मौके पर पंजाब उपप्रधान अंकुर गर्ग, जिला प्रधान विक्रम वर्मा, कुणाल खन्ना आदि शिव सैनिक मौजूद थे।
सतर्क और सजग रहें, मास्क पहनें, पंजाब में फिर बढ़े कोरोना के मामले, पिछले माह के मुकाबले 33 फीसद चढ़ा ग्राफ
चंडीगढ़। Coronavirus (COVID-19): पंजाब में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। पिछले माह के मुकाबले 33 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज गई है। रविवार को 348 केस पाजिटिव आए, जबकि छह लोगों की मौत हो गई। तीन दिन से लगातार 350 के करीब केस आ रहे हैं। शनिवार को अमृतसर के कांग्रेस विधायक सुनील दत्ती समेत उनके परिवार के 20 लोग पॉजिटिव पाए गए थे।
लुधियाना, नवांशहर व अमृतसर में स्कूलों में बच्चों के संक्रमित होने की दर भी बढ़ गई है। रविवार को अमृतसर में नौ और पटियाला में चार अध्यापक पॉजिटिव आए। पटियाला में 13 दिन में 60 फीसद केस बढ़ गए हैं। यहां के देवीगढ़ ब्लाक का भुनरहेड़ी स्कूल 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है।
पंजाब सरकार के स्वास्थ्य सलाहकार डा. केके तलवाड़ का कहना है कि कोरोना अभी गया नहीं है। मरीजों का आंकड़ा रोज 300 से पार जा रहा है। यह बेहद महत्वपूर्ण समय है। कोरोना टीकाकरण को लेकर हम तीसरे फेज की तरफ बढ़ रहे हैं, जबकि पहले और दूसरे फेज के टीकाकरण का काम पूरा नहीं हुआ है। अभी तक कहीं से टीका लगवाने के बाद नकारात्मक रिपोर्ट सामने नहीं आई है। 13857 लोगों ने तो कोरोना की दूसरी डोज भी लगवा ली है।
फिर से फैलने के कारण
- सभी शिक्षण संस्थान पहले की तरह खोल दिए गए हैं।
- लोग मास्क लगाने में काफी लापरवाही बरत रहे हैं।
- बाजारों में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा। खूब भीड़ उमड़ रही है।
- पारिवारिक, धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम पहले कर तरह होने लगे हैं। यहां भी लोग लापरवाही दिखा रहे हैं।
सरकार की ओर से लगाए जाने वाली कोरोना वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों में भय का माहौल अब भी बना हुआ है। यही कारण है कि कि स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना वैक्सीनेशन की गाड़ी गति नहीं पकड़ पा रही है। पंजाब में रोजाना करीब सात फीसद डोज खराब हो रही है। क्योंकि स्वास्थ्य कर्मी या फ्रंट लाइन वर्कर्स वैक्सीन लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। डा. केके तलवाड़ का कहना है कि लोगों को जागरूक होना चाहिए। स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आना चाहिए।
दो माह में कोरोना की रफ्तार
तारीख ठीक हुए नए मरीज मृत्यु 1 जनवरी 408 253 8 2 जनवरी 315 244 15 3 जनवरी 263 210 12 4 जनवरी 490 299 24 5 जनवरी 293 211 4 6 जनवरी 235 261 9 7 जनवरी 290 284 10 14 फरवरी 204 234 03 15 फरवरी 217 224 10 16 फरवरी 197 248 5 17 फरवरी 179 341 10 18 फरवरी 169 278 10 19 फरवरी 214 385 8 20 फरवरी 264 358 8 21 फरवरी 206 348 06
पंजाब: पहला वैक्सीन डोज लेने की अंतिम तारीख बढ़ी, स्कूलों में होगी नियमित टेस्टिंग
Vaccination in Punjab: देश के दूसरे राज्यों में कोविड-19 (Covid-19) के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है. अब स्वास्थ्यकर्मी 19 के बजाए 25 फरवरी तक पहला डोज ले सकते हैं.
चंडीगढ़. पंजाब सरकार (Punjab Government) ने वैक्सीन का पहला डोज लेने की तारीख बढ़ा दी है. अब स्वास्थ्यकर्मी 25 फरवरी तक पहला डोज लगवा सकते हैं. पहले यह तारीख 19 फरवरी थी. इसके अलावा सरकार ने फ्रंटलाइन वर्कर्स (Frontline Workers) के लिए वैक्सीन (Covid Vaccine) के पहले डोज की तारीख में बदलाव किया है. देश में वैक्सीन प्रोग्राम बीती जनवरी से शुरू हो गया है. खास बात है कि टीकाकरण (Vaccination) के मामले में पंजाब का प्रदर्शन अभी तक ठीक नहीं रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, राज्य में लक्षित लाभार्थियों में से 50 फीसदी को भी वैक्सीन नहीं दी गई है.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा है कि दूसरे राज्यों में बढ़ते मामलों और नए वायरस स्ट्रैन्स को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा है कि इस दौरान यह जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन दी जाए. क्योंकि वे फ्रंट लाइन में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. इसके अलावा सरकार ने राज्य में नए मामलों को लेकर भी तैयारी कर ली है.
सिद्धू ने बताया कि पंजाब सरकार ने राज्य में मामले बढ़ने की स्थिति में हालात से निपटने का प्लान तैयार कर लिया है. सरकार ने इसके लिए एक रोडमैप तैयार किया है. खास बात है कि महाराष्ट्र में एक बार फिर कोविड-19 के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. उन्होंने जानकारी दी कि अब तक वैक्सीन लगाए जाने के चलते राज्य में कोई गंभीर दुष्प्रभाव का मौत का मामला सामने नहीं आया है.
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, शिक्षण संस्थानों में कोरोना वायरस प्रसार को रोकने के लिए टेस्टिंग की योजना बनाई है. उन्होंने बताया कि सभी सिविल सर्जन्स को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि स्कूल और उच्च शिक्षण संस्थानों में सभी स्टाफ और टीचर्स की टेस्टिंग सुनिश्चित करें. अगर कोई शिक्षक या छात्र पॉजिटिव आता है, तो बगैर देरी किए कॉन्टेक्ट ट्रैसिंग शुरू की जाए. इसके अलावा सिद्दू ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने हर स्कूल पर एक शिक्षक को तैनात किया है. ये शिक्षक स्कूल में कोविड सावधानियों को सुनिश्चित करेंगे.
पंजाब में वैक्सीन न लगवाने वाले कर्मी कोरोना पाजिटिव हुए तो खुद उठाना होगा इलाज का खर्च
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन से परहेज करने वाले और वैक्सीन नहीं लगवाने वाले सेहत विभाग के कर्मियों के प्रति रुख कड़ा कर लिया है। सेहत विभाग के प्रयासों के बावजूद सेहत कर्मी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शुरू की गई कोविड टीकाकरण मुहिम में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है। ऐसे कर्मचारियों को लेकर सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि जिन सेहत कर्मियों ने टीका नहीं लगवाया है, अगर वे भविष्य में संक्रमण के शिकार हो जाते हैं तो पूरे इलाज का खर्च उनको खुद उठाना होगा। ऐसे कर्मचारी एकांतवास अवकाश का लाभ लेने के भी पात्र नहीं होंगे।
सेहत विभाग ने कहा, कोरोना के शिकार होने पर नहीं मिलेगा एकांतवास अवकाश
सिद्धू ने कुछ दिनों में कोरोना के मामलों में हुई वृद्धि का हवाला देते हुए कहा कि 20 फरवरी को 358 केस सामने आए थे और राज्य में 3000 के करीब कोविड के सक्रिय मामले हो गए हैं। जबकि तीन सप्ताह पहले केवल 2000 मामले ही थे। किसी भी अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए सभी सेहत कर्मियों का टीकाकरण होना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि पंजाब देश के उन छह राज्यों में से एक है जहां कोविड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसे कोरोना की दूसरी लहर की तरह मानते हुए हमें पूरी तरह तैयार रहना चाहिए। कोरोना के मामलों में और वृद्धि होने की आशंका है। उन्होंने सेहत कर्मचारियों से अपील की कि उन्हें बिना किसी झिझक जल्द से जल्द टीका लगवाना चाहिए।
सिद्धू ने टीकाकरण की कम दर पर ¨चता जताते हुए कहा कि अब तक राज्य में 2.06 लाख सेहत कर्मचारियों और 1.82 लाख अग्रिम पंक्ति के वर्करों ने कोरोना टीकाकरण के लिए नाम दर्ज करवाया है। इनमें से करीब 79,000 (38 फीसद) सेहत कर्मचारियों और 4,000 अन्य वर्करों ने टीका लगवाया है जो काफी कम है। अब तक पंजाब में टीकाकरण के दुष्प्रभाव का कोई मामला सामने नहीं आया है।
न्होंने कहा कि टीकाकरण की पहली खुराक लेने की आखिरी तारीख को 19 फरवरी से बढ़ाकर 25 फरवरी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वैसे तो सभी को संक्रमण का खतरा है लेकिन सेहत कर्मचारियों को मरीजों से संक्रमित होने का खतरा और भी अधिक होता है।
बठिंडा में पेंशन घोटाला:8 माह में मात्र 60 हजार रिकवरी, इस तरह तो कई सौ साल बाद भी अधूरा रहेगा टारगेट
बठिंडा । जिले में 8762 लोगों द्वारा शिअद-भाजपा सरकार के कार्यकाल में गलत दस्तावेज पेशकर लगवाई गई बुढ़ापा पेंशन को रिकवर करने में विभाग को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अकेले बठिंडाA में ही उक्त डिफाल्टरों से करीब 17 करोड़ रुपए की भारी भरकम रिकवरी के लिए हो रहे प्रयासों के बावजूद जिला सामाजिक सुरक्षा विभाग को कोई विशेष कामयाबी नहीं मिली है। वहीं दिल्ली में चल रहे कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन के चलते रिकवरी के काम में काफी दिक्कत आ रही है। टीमों द्वारा दिए जा रहे तर्क के अनुसार अधिकांश लोगों के किसान आंदोलन में जाने के चलते पेंशन की रिकवरी धीमी चल रही है
जबकि विभाग डिफाल्टरों से पेंशन की रिकवरी के लिए जुलाई 2020 से दिसंबर 2020 तक तीन बार नोटिस भेजा चुका है। इस बीच डिफाल्टरों द्वारा दिसंबर 2020 तक कुल 60 हजार रुपए की रकम विभाग के खाते में जमा हुई है जबकि पेंशन घोटाले की भारी-भरकम रकम ही 17 करोड़ रुपए है। अगर सरकारी पैसे की वसूली का यही हाल रहा तो कई सौ बरस बाद भी पेंशन घोटाले की रकम रिकवर होती नजर नहीं आ रही है।
जमीनी हकीकत के अनुसार एक्शन न ले पाने से विभाग रिकवरी करने में असहाय रहा है जबकि गांवों में नोटिस पहुंचाने के लिए लगी टीमों को खूब खरी-खोटी सुननी पड़ रही है। गौरतलब है कि सरकार ने रिकवरी का आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन सख्त एक्शन लेने और कानूनी कार्रवाई करने पर सभी चुप्पी साधे हुए हैं। फिलहाल विभाग डिफाल्टरों से रकम की रिकवरी के लिए अब चौथी बार नोटिस भेजने की तैयारी में है।
किसान आंदोलन के चलते रिकवरी धीमी, चौथी बार नोटिस देने की तैयारी
कम उम्र वालों ने खुद को बुजुर्ग बताकर ले ली पेंशन जांच के बाद गिनती के लोगों ने दिखाए दस्तावेज- शिअद-भाजपा सरकार के कार्यकाल में पेंशन लेने वाले लोगों में गलत पेंशन लेने वाले लोग कम उम्र के थे, लेकिन उन्होंने खुद को बुजुर्ग बताकर करीब 2 साल तक पेंशन का लाभ हासिल किया। इस मामले का खुलासा पंजाब सरकार की ओर से 2017 में सत्ता में आने के बाद करवाई गई जांच के आधार पर हुआ। जिस पर अब रिकवरी करने के लिए सामाजिक सुरक्षा स्त्री व बाल विकास विभाग की ओर से सभी जिलों के जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर आदेश दिए गए हैं।
इसके तहत कमेटी द्वारा कम उम्र के दिए गए सबूतों के आधार पर जांच करने के अलावा आमदनी के छिपाए गए स्रोत भी उजागर किए जाएंगे। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार घोटालेबाज लोगों को आपत्ति से जुड़े सबूत जमा कराने को कई मौका दिया गया है, लेकिन गिनती के लोगों ने ही विभाग के पास दस्तावेज पेश किए हैं जिसमें मात्र 60 हजार रुपए की रिकवरी हो पाई है। किसी ने गलत एड्रेस लिखा तो किसी ने आयु
कम दिखा पेंशन लाभ लिया है। ऐसे लोगों ने रिकवरी नोटिस के साथ ड्राफ्ट बनवाकर विभाग को सौंपा है। फिलहाल विभाग द्वारा इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं करीब 20 से 30 लोगों ने कमेटी के पास लाभपात्री होने संबंधी दस्तावेज पेश किए हैं, जिसकी जांच चल रही है।
फिर से भेजे जाएंगे रिकवरी नाेटिस - डिफाल्टरों से घोटाले की रकम वापस करवाने के लिए पहले तीन बार नाेटिस भेजे गए हैं जिससे अभी तक मात्र 60 हजार रुपए की रकम वापस हुई है। दिल्ली किसान आंदोलन के कारण रिकवरी अटकी है तथा टीमों को गांवों में विरोध का सामना करना पड़ता है। विभाग द्वारा अब फिर से नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है। हालांकि रिकवरी न देने वालों को धारा 420 के तहत केस दर्ज करने की चेतावनी भी दी गई है। डा. तेअवासप्रीत कौर, जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकार
शिअद-भाजपा सरकार में पेंशन, कांग्रेस सरकार मे हो रही है रिकवरी - जिला बठिंडा में 8762 लोगों को पेंशन शिअद-भाजपा सरकार में प्रदान की गई। इसमें तलवंडी साबो ब्लाक में सबसे अधिक पेंशन होल्डर थे। यहां जिला सामाजिक सुरक्षा विभाग ने आंगनबाड़ी, सीडीपीओ और पंचायत लेवल पर बीडीपीओ स्तर से संपर्क कर रिकवरी की मुहिम शुरू की थी।
इसमें तलवंडी साबो ब्लाक में 2200 लोगों को नोटिस भेजा गया हैं। इसके बाद नथाना में 1330, संगत में 1220, बठिंडा में 1200, रामपुरा में 787, मौड़ में 680, भगता में 370 व फूल एरिया में 215 डिफाल्टरों को पेंशन रिकवरी के नोटिस भेजे गए हैं। इसमें 8 माह में दो चरणों में 60 हजार रुपये की कुछ लोगों ने सरकार के पास जमा करवाए हैं जबकि बाकी करोड़ों की रकम अभी रिकवर करनी बाकी है। तीन बार नोटिस देने के बाद रिकवरी धीमी रहने के बाद अब चौथी बार पेंशन रिकवरी के नोटिस भेजने की तैयारी हो रही है।
बठिंडा में 20 करोड़ से बनेगा रोजगार्डन के बलवंत गार्गी ओपन एयर थिएटर का कल्चरल कांप्लेक्स
बठिंडा। थिएटर व रंगमंच के कद्रदानों के लिए बहुत अच्छी खबर है, रोजगार्डन स्थित बलवंत गार्गी ओपन एयर थिएटर का कल्चरल कांप्लेक्स में नवीनीकरण होगा। यहां इनडोर आडिटोरियम व आउटडोर थिएटर के अलावा स्टेट आफ द आर्ट डिस्प्ले गैलरी एवं म्युजियम को भी विशेष तरजीह मिलेगी जिससे रंगमंच, थिएटर व साहित्य को प्रफुल्लित होने में भरपूर प्रोत्साहन मिलेगा।
थिएटर ग्रुप व रंगमंच कलाकारों की ओर से लगातार की जा रही मांग को पूरा करते हुए वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल की ओर से इसके लिए 20 करोड़ रुपए का बजट पास किया है और आगामी दिनों में निर्माण कार्य शुरू करके इसी साल अत्याधुनिक आवरण में तैयार होगा।
900 सीटर ऑडिटोरियम और 400 सीटर ओपन एयर थिएटर बनेगा- रोजगार्डन स्थित बलवंत गार्गी ओपन एयर थिएटर के आसपास की जमीन का भी इस्तेमाल किया जाएगा ताकि में स्टेट आफ द आर्ट यानी साहित्यक एवं रंगमंच गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए नई लुक में तैयार हो सके। निर्माणाधीन कल्चरल कांप्लेक्स में 900 सीटर इनडोर ऑडिटोरियम बनेगा, वहीं साथ ही 400 सीटर ओपन एयर थिएटर का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा स्टेट आफ द आर्ट ओपन गैलरी, म्युजियम भी तैयार होगा।
इस प्रोजेक्ट की ड्राइंग तैयार हो रही है जिसमें इंटर्नल ले आउट का प्लान फाइनल किया जा रहा है और आगामी कुछ दिनों में निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। संस्कृति के प्रचार का कार्य थिएटर में संभव है। युवा और एमेच्योर से प्रोफेशनल रंगमंच बनने की प्रक्रिया थोड़ा धीमी है जबकि थिएटर के आधुनिक रूप में तैयार होने से रंगकर्मियों को बेहद लाभ मिलेगा।
पंजाबी भाषा के विख्यात साहित्यकार बलवंत गार्गी ने ही बठिंडा के रोजगार्डन में ओपन एयर थिएटर की नींव रखी। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के अध्यापक बलवंत गार्गी को एक भारतीय रंगमंच का उद्भव और विकास रंगमंच की रचना करने के लिये 1962 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रीसीनियम थिएटर शेप में बने बलवंत गार्गी ओपन एयर थिएटर में दर्शक सामने बैठते हैं और मंच पर प्ले चलता है। यह
थिएटर बलवंत गार्गी के नाम पर उनके जीते-जी बना है। इसको महिंदर कुमार ने डिजाइन किया। शहर का रंगमंच बहुत प्रफुल्लित है जहां नाट्यम की ओर से हर साल 10 से 12 दिन का राष्ट्रीय स्तर का नाटक मेला लगाया जाता है, वहीं प्रशासन की ओर से प्रतिभा खोज मुकाबले एवं गीत-संगीत व शायराना महफिलें भी जमती हैं।
इंटर्नल ले आउट प्लान हो रहा फाइनल, जल्द काम होगा शुरू - साहित्य, रंगमंच, थिएटर को प्रोत्साहित करने की दिशा में बलवंत गार्गी ओपन एयर थिएटर को कल्चरल कांप्लेक्स के तौर पर विकसित किया जा रहा है जहां इनडोर ऑडिटोरियम व आउटडोर के अलावा स्टेट आफ द आर्ट गैलरी, म्युजियम बनाए जाएंगे। इसके लिए अभी इंटर्नल ले आउट प्लान तैयार हो रहा है, प्रोजेक्ट 20 करोड़ से ज्यादा का ही रहेगा। एक्सप्रेस ऑन इंट्रेस्ट में दो पार्टियों ने दिलचस्पी दिखाई, जिनमें से एक को फाइनल करके काम जल्द ही शुरू करके इसे साल में मुकम्मल किया जाएगा।
- बिक्रमजीत सिंह शेरगिल, कमिश्नर नगर निगम बठिंडा
हवालाती को तीन मोबाइल, पांच सिम कार्ड और चार्जर देने जा रहा था जेल वार्डन, ड्योढ़ी पर तलाशी में पकड़ा
फिरोजपुर। केंद्रीय जेल में बंद कैदियों और हवालातियों तक मोबाइल व नशा पहुंचाने में जेल कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। हालांकि जेल प्रशासन की ओर से कर्मचारियों की इस तरह की हरकतें सामने आने के बाद उनकी तलाशी व जांच के बाद ही उन्हें ड्यूटी पर भेजा जा रहा है बावजूद इसके कर्मियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह पैसों के लालच में इस तरह की प्रतिबंधित चीजाें को जेल पहुंचाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
हवालाती अमरीक सिंह एनडीपीएस एक्ट के तहत एक मामले में हैं बंद- आरोपी वार्डन गुरमीत सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसे मनु नामक एक व्यक्ति ने उक्त सामान दिया था अौर इसे जेल में पहुंचाने की एवज में उसे 15 हजार रुपए मिले थे। उसने यह सामान जेल में बंद हवालाती अमरीक सिंह को पहुंचाना था जोकि एनडीपीएस एक्ट में एक मामले में बंद है। वार्डन ने बताया कि वह उक्त सामान अपने किट बैग में डालकर जेल के अंदर लेकर जा रहा था कि तलाशी के दौरान वह पकड़ा गया।
टावर नंबर 1 पर थी वार्डन गुरमीत सिंह की ड्यूटी -ताजा मामले में जेल के सहायक सुपरिंटेंडेंट जरनैल सिंह ने पुलिस को दी लिखित शिकायत में बताया कि 19-20 फरवरी की रात 10 से 2 बजे तक जेल के टावर नंबर एक पर वार्डन गुरमीत सिंह नंबर 2656 की ड्यूटी थी। इस दौरान जब उसने ड्यूटी पर जाने के लिए अंदर प्रवेश किया तो ड्योढ़ी पर उसकी तलाशी ली गई तो उसके बैग में से एक पार्सल में तीन मोबाइल फोन टच स्क्रीन, 5 सिम कार्ड, दो चार्जर अडॉप्टर सहित तीन डाॅटा केबल और दो हैड फोन बरामद हुए। मामले की जांच कर रहे थाना सिटी के एएसआई रमन कुमार ने बताया कि पुलिस ने जेल वार्डन गुरमीत सिंह के खिलाफ 52-ए पर्सिनंज एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत के मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
दो साल में पकड़े गए नशीले पदार्थ और मोबाइल-
27 जनवरी 2020 : पति से मुलाकात करने आई महिला उसे नशीले पदार्थ दे गई तो जब मुलाकात के बाद हवालाती पति सुरेश कुमार की तलाशी ली गई तो उससे 1 ग्राम नशीला पाउडर बरामद हुआ था।
17 अप्रैल 2020 : स्वास्थ्य विभाग की ओर से जेल में फार्मासिस्ट तैनात इंदरजीत सिंह ड्यूटी पर जाते समय जुराबों मे दो मोबाइल और 32 ग्राम नशीला पाउडर छुपा कर ले गया था। तलाशी में सामान बरामद हुआ जोकि उसने दो कैदियों को देना था।
25 मई 2020 : बाहर से फैंके गए एक पैकेट को जेल के पेस्को कर्मचारी रजिंदर सिंह व सरबजीत ने जेल में बंद हवालाती गोपाल चंद निवासी आवा बस्ती तक पहुंचाया था। तलाशी में हवालाती से तलाशी में 3 मोबाइल, एक सिम और 36 नशीली गोलियां बरामद हुई थीं।
10 अगस्त 2020 : जेल की छत पर ड्यूटी कर रहे सिपाही से एक मोबाइल, तीन पूड़ी जर्दा व 15 बीड़ी बरामद हुई थी।
18 अगस्त 2020 : सेहत विभाग के लैब टैक्नीशियन से 94 नशीली गोलियां बरामद हुई थीं जोकि उसने जेल में बंद शेख रियाजुद्दीन और कैदी गौरव को देनी थीं। वहीं बीते वर्ष में ही एक ओर मामले में दो पुलिस कर्मचारियों सहित चार व्यक्ति जेल में मुलाकात करने के लिए आए थे। जब जेल में उनके सामान की चैकिंग के दौरान तो तो कैरमबोर्ड से आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया था।
ठगी का मामला:कंपनी बना लकी ड्राॅ का झांसा दे 634 लोगों से 38.4 लाख ठगे,आरोपी ने डेहलों में बना लिया डेढ़ करोड़ का ऑफिस, खरीदे दो प्लाॅट
लुधियाना। प्राइवेट कंपनी बना लकी ड्राॅ निकालने का झांसा देकर मालिक ने 634 लोगों से 38.4 लाख की ठगी मार ली। जब लोगों को ठगी का पता चला तो उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। थाना डेहलों पुलिस ने गांव पौहीड़ के अमरीक सिंह की शिकायत पर गांव गिल के सुखचैन सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एएसआई अश्वनी कुमार ने बताया कि शिकायतकर्ता प्राइवेट नौकरी करता है। उक्त आरोपी सुखचैन सिंह परिवार स्टार हम तुम नाम से कंपनी चलाता है। जिसमें 12 महीने की स्कीम में हर व्यक्ति से प्रति महीना एक हजार रुपए लिए जाते हैं।
उनका लकी ड्राॅ निकाला जाता है। शिकायतकर्ता की एक जानकार के जरिए 2018 में आरोपी की कंपनी के बारे में पता चला। इसके बाद उसने भी कंपनी में किश्त देनी शुरू कर दी। इस तरह उसने 18 लोगों को साथ जोड़ लिया। जबकि उसके 18 जानकारों ने भी आगे और लोग जोड़कर कुल 634 लोग जोड़ दिए। 6 महीने की किश्तें लेने के बाद ड्राॅ के लिए आरोपी ने टाल मटोल करनी शुरू कर दी। जिसके बाद शिकायतकर्ता को ठगी का पता चला।
आरोपी ने बनाए थे 13 ग्रुप, हर ग्रुप में थे 3000 लोग- शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी ने ए से लेकर एम नाम तक 13 ग्रुप बना रखे थे। हर ग्रुप में तीन हजार लोग शामिल थे। लोगों से किश्त लेने के दौरान हर ग्रुप का महीने के आखिरी रविवार को लकी ड्राॅ निकाला जाता था। जिसका ड्रा निकलता था, तो उसे गिफ्ट मिलता था। अगर किसी का ड्राॅ न निकला तो 12 महीने पूरे होने पर उसे सामान देने की बात कही गई। लेकिन आरोपी ने ऐसे झांसा देकर न तो ड्राॅ निकाला और न ही कोई गिफ्ट दिया। शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी ने ये कंपनी चलाने के दौरान डेहलों में अपने डेढ़ करोड़ का ऑफिस व दो प्लॉट बना लिए।
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