बठिंडा । जिले में 8762 लोगों द्वारा शिअद-भाजपा सरकार के कार्यकाल में गलत दस्तावेज पेशकर लगवाई गई बुढ़ापा पेंशन को रिकवर करने में विभाग को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अकेले बठिंडाA में ही उक्त डिफाल्टरों से करीब 17 करोड़ रुपए की भारी भरकम रिकवरी के लिए हो रहे प्रयासों के बावजूद जिला सामाजिक सुरक्षा विभाग को कोई विशेष कामयाबी नहीं मिली है। वहीं दिल्ली में चल रहे कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन के चलते रिकवरी के काम में काफी दिक्कत आ रही है। टीमों द्वारा दिए जा रहे तर्क के अनुसार अधिकांश लोगों के किसान आंदोलन में जाने के चलते पेंशन की रिकवरी धीमी चल रही है
जबकि विभाग डिफाल्टरों से पेंशन की रिकवरी के लिए जुलाई 2020 से दिसंबर 2020 तक तीन बार नोटिस भेजा चुका है। इस बीच डिफाल्टरों द्वारा दिसंबर 2020 तक कुल 60 हजार रुपए की रकम विभाग के खाते में जमा हुई है जबकि पेंशन घोटाले की भारी-भरकम रकम ही 17 करोड़ रुपए है। अगर सरकारी पैसे की वसूली का यही हाल रहा तो कई सौ बरस बाद भी पेंशन घोटाले की रकम रिकवर होती नजर नहीं आ रही है।
जमीनी हकीकत के अनुसार एक्शन न ले पाने से विभाग रिकवरी करने में असहाय रहा है जबकि गांवों में नोटिस पहुंचाने के लिए लगी टीमों को खूब खरी-खोटी सुननी पड़ रही है। गौरतलब है कि सरकार ने रिकवरी का आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन सख्त एक्शन लेने और कानूनी कार्रवाई करने पर सभी चुप्पी साधे हुए हैं। फिलहाल विभाग डिफाल्टरों से रकम की रिकवरी के लिए अब चौथी बार नोटिस भेजने की तैयारी में है।
किसान आंदोलन के चलते रिकवरी धीमी, चौथी बार नोटिस देने की तैयारी
कम उम्र वालों ने खुद को बुजुर्ग बताकर ले ली पेंशन जांच के बाद गिनती के लोगों ने दिखाए दस्तावेज- शिअद-भाजपा सरकार के कार्यकाल में पेंशन लेने वाले लोगों में गलत पेंशन लेने वाले लोग कम उम्र के थे, लेकिन उन्होंने खुद को बुजुर्ग बताकर करीब 2 साल तक पेंशन का लाभ हासिल किया। इस मामले का खुलासा पंजाब सरकार की ओर से 2017 में सत्ता में आने के बाद करवाई गई जांच के आधार पर हुआ। जिस पर अब रिकवरी करने के लिए सामाजिक सुरक्षा स्त्री व बाल विकास विभाग की ओर से सभी जिलों के जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर आदेश दिए गए हैं।
इसके तहत कमेटी द्वारा कम उम्र के दिए गए सबूतों के आधार पर जांच करने के अलावा आमदनी के छिपाए गए स्रोत भी उजागर किए जाएंगे। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार घोटालेबाज लोगों को आपत्ति से जुड़े सबूत जमा कराने को कई मौका दिया गया है, लेकिन गिनती के लोगों ने ही विभाग के पास दस्तावेज पेश किए हैं जिसमें मात्र 60 हजार रुपए की रिकवरी हो पाई है। किसी ने गलत एड्रेस लिखा तो किसी ने आयु
कम दिखा पेंशन लाभ लिया है। ऐसे लोगों ने रिकवरी नोटिस के साथ ड्राफ्ट बनवाकर विभाग को सौंपा है। फिलहाल विभाग द्वारा इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं करीब 20 से 30 लोगों ने कमेटी के पास लाभपात्री होने संबंधी दस्तावेज पेश किए हैं, जिसकी जांच चल रही है।
फिर से भेजे जाएंगे रिकवरी नाेटिस - डिफाल्टरों से घोटाले की रकम वापस करवाने के लिए पहले तीन बार नाेटिस भेजे गए हैं जिससे अभी तक मात्र 60 हजार रुपए की रकम वापस हुई है। दिल्ली किसान आंदोलन के कारण रिकवरी अटकी है तथा टीमों को गांवों में विरोध का सामना करना पड़ता है। विभाग द्वारा अब फिर से नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है। हालांकि रिकवरी न देने वालों को धारा 420 के तहत केस दर्ज करने की चेतावनी भी दी गई है। डा. तेअवासप्रीत कौर, जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकार
शिअद-भाजपा सरकार में पेंशन, कांग्रेस सरकार मे हो रही है रिकवरी - जिला बठिंडा में 8762 लोगों को पेंशन शिअद-भाजपा सरकार में प्रदान की गई। इसमें तलवंडी साबो ब्लाक में सबसे अधिक पेंशन होल्डर थे। यहां जिला सामाजिक सुरक्षा विभाग ने आंगनबाड़ी, सीडीपीओ और पंचायत लेवल पर बीडीपीओ स्तर से संपर्क कर रिकवरी की मुहिम शुरू की थी।
इसमें तलवंडी साबो ब्लाक में 2200 लोगों को नोटिस भेजा गया हैं। इसके बाद नथाना में 1330, संगत में 1220, बठिंडा में 1200, रामपुरा में 787, मौड़ में 680, भगता में 370 व फूल एरिया में 215 डिफाल्टरों को पेंशन रिकवरी के नोटिस भेजे गए हैं। इसमें 8 माह में दो चरणों में 60 हजार रुपये की कुछ लोगों ने सरकार के पास जमा करवाए हैं जबकि बाकी करोड़ों की रकम अभी रिकवर करनी बाकी है। तीन बार नोटिस देने के बाद रिकवरी धीमी रहने के बाद अब चौथी बार पेंशन रिकवरी के नोटिस भेजने की तैयारी हो रही है।
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