बठिडा : नगर निगम चुनाव संपन्न हो गए हैं। इसलिए अब उपभोक्ता सीवरेज-पानी के ताजा और बकाया बिल भरने के लिए तैयार हो जाएं। निगम की ओर से बीते जनवरी माह में बांटने शुरू किए बिलों को एकदम रोकने के बाद अब फिर से बांटना शुरू कर दिया गया है। बताया जाता है कि निगम ने कांग्रेस नेताओं के इशारे पर बिल बांटने रोक दिए थे, ताकि कहीं निगम चुनाव के दौरान यह उनके लिए भारी न पड़ जाएं। बेशक निगम अधिकारी जनवरी में बिल बांटने का काम रोकने की कोई उचित वजह नहीं बता पा रहे हैं। लेकिन सच्चाई यही बताई जा रही है कि कांग्रेस के लिए वोट बैंक कहीं प्रभावित न हो जाए, इसलिए एक बार उसे रोक दिया गया था। अब बीते शनिवार से नगर निगम की ओर से शहर के उपभोक्ताओं को फिर से बिल बांटने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है।
बिलों व नोटिस से वोट प्रभावित होने की थी चिता
नगर निगम ने बीती 15 जनवरी के करीब बीते जुलाई से लेकर दिसंबर तक के छह माह के बिल बांटने शुरू किए थे। अभी बिल बांटने का काम केवल शहर के मात्र एक जोन में ही संपन्न हुआ था कि निगम अधिकारियों के मौखिक आदेश पर दो नंबर जोन में बिल बांटने का काम रोक दिया गया। इतना ही निगम ने बकाया बिलों की लिए बांटे जा रहे चेतावनी नोटिसों को भी बांटना बंद कर दिया। विधायक एवं राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल की ओर से निगम चुनाव को लेकर शहर भर के गलियों-मोहल्लों में नुक्कड़ सभाएं की जा रही थीं और इस दौरान कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताकर निगम हाउस पर इस बार अपनी सत्ता स्थापित करने की अपील की जा रही थी। लेकिन इन कार्यक्रमों के दौरान लोग वित्तमंत्री सहित वरिष्ठ नेताओं के पास बकाया बिलों के आ रहे नोटिस और बकाया समेत ताजा बिल लेकर खड़े हो जाते थे। जिसके चलते एक बार नोटिस और ताजा बिल बांटने ही बंद करवा दिए गए।
74 हजार कनेक्शन, 25 हजार को जारी होते हैं बिल
महानगर में सीवरेज और पानी के कुल करीब 74 हजार कनेक्शन हैं। इसमें करीब 37 हजार सीवरेज और इतने ही पानी के कनेक्शन हैं। इसमें से लगभग 12 हजार कनेक्शन ऐसे हैं, जिनके मकान 125 गज के हैं। 125 गज तक के मकानों को सीवरेज और पानी की सुविधा राज्य सरकार की ओर से बिलकुल मुफ्त है। इसलिए निगम करीब 25 हजार पानी और सीवरेज कनेक्शनों की बिलिग करता है। निगम एक साल में करीब छह करोड़ रुपये के सीवरेज और पानी के बिल जारी करता है। जोकि करीब तीन करोड़ रूपये के होते हैं। निगम को जारी किए कुल बिलों में से 80 फीसद उगाही होती है। अन्य लोग बिल नहीं भर रहे हैं।
1260 और 1680 रुपये के भेजे जा रहे हैं बिल
नगर निगम की ओर से 250 गज के मकानों पर एक महीने का 105 रुपये सीवरेज और 105 रुपये पानी का बिल लागू है। दोनों का मिलाकर एक माह का 210 रुपये बिल बनता है। इस तरह से उन्हें छह माह का यह बिल 1260 रुपये का भेजा जा रहा है। इसी तरह 250 गज से ऊपर 500 गज तक के मकानों पर सीवरेज का 140 और पानी का भी 140 रुपये का बिल लागू है। दोनों का मिलाकर एक माह का 280 रुपये बिल बनता है। इस तरह उन्हें छह माह का यह बिल 1680 रुपये का दिया जा रहा है। इसके अलावा निगम के उपभोक्ताओं की करीब 10 करोड़ रुपये की राशि बकाया भी खड़ी है।
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मुझे नहीं पता कि बिल बांटने क्यों रोके गए थे। क्योंकि मैं पिछले कई दिनों से लगातार छुट्टी पर चल रहा हूं।
-मक्खन लाल, नगर निगम के सुपरिटेंडेंट।
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