बठिंडा। अमृतसर से जामनगर तक बनने वाली रोड को लेकर पंजाब में होने वाली जमीन अधिग्रहण का किसानों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। सोमवार को जिले के जिन गांवों से जमीन ली जानी है, वहां के किसानों ने एकत्र होकर डीसी दफ्तर के बाहर धरना लगाकर प्रदर्शन किया। किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें इस सड़क की कोई जरूरत नहीं है, इस कारण वह जमीन नहीं दे सकते हैं। अगर सरकार ने उनके साथ धक्का करने की कोशिश की तो वह अपना संघर्ष तेज करेंगे।
किसानों ने बताया कि यह रोड खेतों के बीच से निकाली जाएगी। इस कारण उनका कारोबार बंद हो जाएगा, जबकि वह खेती पर ज्यादातर निर्भर करते हैं। अगर उनकी जमीन को ही छीन ले जाएगा तो वह खेती किस प्रकार करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से जिस जगह से जमीन एक्वायर की जा रही है, वह खेतों के बीच से निकाली जा रही है। इसके साथ उनके खेत भी दो हिस्सों में बंट जाएंगे। यहां तक कि वह इस रोड का भी इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इसके चलते वह जमीन किसी भी हालत में देने को तैयार नहीं है।
इस संबंध में जमीन बचाओ संघर्ष कमेटी के प्रधान जगजीत सिंह का कहना है कि अगर सरकार ने धक्के से जमीन लेने की कोशिश की तो वह संघर्ष को तेज करेंगे। इस मौके पर जिला प्रधान इंद्रजीत सिंह, कुलविंदर सिंह, यादविंदर सिंह, जगजीत सिंह, जसकरन सिंह आदि उपस्थित थे।
गौर हो कि इस हाईवे के लिए पंजाब के चार जिलों से जमीन अधिग्रहण को लेकर प्रोसेस शुरू हो गया है। यह प्रोजेक्ट दिल्ली-कटड़ा एॠसप्रेस-वे को जोड़ते हुए सल्तानपुर लोधी के गांव टिब्बा से निकलेगा, जो बठिंडा के संगत कलां तक पंजाब में बनाया जाएगा।
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