कोरोना वायरस का फिर से होने लगा फैलाव, लोग नियमों की अवहेलना कर बिना मास्क के घूम रहे सार्वजनिक स्थानों में
बठिंडा. पंजाब सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन से परहेज करने वाले और वैक्सीन नहीं लगवाने वाले सेहत विभाग के कर्मियों के प्रति कड़े रुख के बाद सिविल अस्पताल बठिंडा व दूसरे सेहत सेंटरों में डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ अब वैक्सीनेशन के लिए आगे आने लगे है। सेहत विभाग के प्रयासों के बावजूद सेहत कर्मी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शुरू की गई कोविड टीकाकरण मुहिम में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। ऐसे कर्मचारियों को लेकर सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने गत दिवस बड़ा कदम उठाते चेतावनी दी थी कि जिन सेहत कर्मियों ने टीका नहीं लगवाया है, अगर वे भविष्य में संक्रमण के शिकार हो जाते हैं तो पूरे इलाज का खर्च उनको खुद उठाना होगा। ऐसे कर्मचारी एकांतवास अवकाश का लाभ लेने के भी पात्र नहीं होंगे। फिलहाल सरकार की इस चेतावनी के बाद सोमवार को कई डाक्टरों के साथ सेहत कर्मी वैक्सीनेशन के लिए आगे आने लगे हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामलों में हुई वृद्धि ने सेहत विभाग को सकते में डाल दिया है। पिछले कुछ दिनों से कोविड के सक्रिय मामले बढ़ रहे हैं। फिलहाल इस स्थिति से निपटने के लिए सभी सेहत कर्मियों का टीकाकरण होना अनिवार्य किया गया है ताकि वह कोरोना से बचाव करते दूसरे मरीजों का समुचित उपचार कर सके।
दूसरी तरफ कोरोना का कहर और रोजाना नए केस मिलने का क्रम जारी है। यह सब जानते हुए भी लोग लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं। बाजारों में भीड़ उमड़ रही है। लोग न तो शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क लगा रहे हैं। हैंडवाश से तो उनका दूर-दूर तक वास्ता नहीं है। लापरवाह लोगों के कारण स्थिति ऐसी न हो जाए कि संभाल पाना मुश्किल हो जाए। पिछले 11 माह में कोई दिन ऐसा नहीं रहा जब कम या अधिक कोरोना संक्रमित न मिले हों। कोरोना को लेकर भले ही बड़ी संख्या में लोग जागरूक हों, लेकिन ऐसे लोग भी हैं जो तमाम खतरों से परिचित होने के बावजूद लापरवाह बने हुए हैं। इनमें सबसे अधिक वे लोग हैं जो कोरोना संक्रमण से कोई खतरा नहीं मान रहे हैं। दूसरा युवा वर्ग है, जो शारीरिक दूरी रखना तो दूर मास्क लगाने में भी परहेज कर रहा है। जिले में कोरोना का संक्रमण बढ़ाने में इन दोनों की भूमिका अहम होगी।
कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके आगे खतरनाक होने के आसार नजर आ रहे हैं, क्योंकि फरवरी माह के 20 दिनों में 146 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं मात्र 21वें दिन कोई पॉजिटिव केस सामने नहीं आया, लेकिन इससे पहले प्रतिदिन 3 से लेकर 6 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। जिले में 58 एक्टिव मरीज हैंै। कोरोना के आंकड़ों पर नजर डालें तो सेहत विभाग की ओर से अब तक जिले में 1 लाख 39 हजार 846
लोगों के सैंपल लिए गए हैं। जिसमें 9 हजार 655 पॉजिटिव मिल चुके हैं। फरवरी में 5 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। जबकि अब तक 227 कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। हालांकि 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन आने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। रविवार को वैक्सीनेशन प्रक्रिया नहीं की गई।
चेन बन गई तो तोड़ना होगा मुश्किल
बेशक जिले में दिसंबर और जनवरी माह के मुकाबले फरवरी में कोरोना संक्रमण मामलों की संख्या कम जरूर हुई है, लेकिन थमी नहीं है। लोगों की लापरवाही के कारण लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है। रोजाना बाजार में लोग उमड़ रहे हैं, लेकिन कोई भी सेहत विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है। इससे कोरोना महामारी के फैलने की आशंका बढ़ रही है। भीड़ में यदि दो-चार लोग भी संक्रमित हुए तो कोरोना की चेन हो जाएगी कि इसे संभाल पाना भी मुश्किल हो जाएगा।
-------
लोगों में कोरोना को लेकर नहीं डर
रविवार को छुट्टी होने के कारण बाजार में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। इस दौरान लोग जमकर लापरवाही बरत रहे हैं। कुछ ऐसा ही रविवार को भी हुआ। शहर के गोनियाना रोड पर स्थित नगर सुधार ट्रस्ट दफ्तर के सामने खाली रोड पर संडे मार्केट लगती है। जहां पर सैकड़ों की तादाद में दुकानें व रेहड़ी-फड़ी सजती हैं और हजारों की संख्या में खरीदार पहुंचते हैं। जब वहां जागरण टीम ने दौरा किया तो पाया लोग शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। कपड़ों की दुकानों पर सबसे ज्यादा भीड़ रही। बाजार के विभिन्न हिस्सों में लोग बिना मास्क के घूम रहे थे। लोगों को देखकर लग रहा कि जिले में कोरोना संक्रमण है ही नहीं और जीवन सामान्य हो चुका है। लोगों के अंदर कोरोना को लेकर डर कहीं पर भी नजर नहीं आ रहा है। प्रशासन की तरफ से भी नियमों की अनदेखी करने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। धोबी बाजार, सिरकी बाजार, सदर बाजार समेत आसपास के प्रमुख बाजारों में नियमों की खूब धज्जियां उड़ीं।
-------
नवंबर में बढ़ी संक्रमितों की संख्या
अक्टूबर और नवंबर के शुरुआती 20 दिन में 250 मरीज मिले थे। कुल मिलाकर नवंबर में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। वहीं डीसी बठिडा की तरफ से निर्देश जारी किए हैं कि दूसरे शहरों व राज्यों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना जांच कराई जाए।
-------
कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि वे कोविड-19 की गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करें। घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहनें और शारीरिक दूरी का पालन करें। लापरवाही खुद के साथ ही आपके परिवार का भी जीवन खतरे में डाल सकती है। समय समय पर साबुन अथवा से हाथ साफ करते रहे।
-डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों, सिविल सर्जन।
No comments:
Post a Comment