लुधियाना। मरे हुए व्यक्ति की फर्द निकलवाकर जाली आधार कार्ड तैयार करके फर्जी जमानती ने नाबालिग लड़की को घर से भगाने व रेप के आरोपी की जमानत दे दी। लेकिन जब कोर्ट द्वारा चेक किया गया तो फर्द व आधार कार्ड फर्जी पाया गया। जिसके चलते जाली जमानत का खुलासा हुआ। थाना डिवीजन नंबर पांच की पुलिस ने जज रश्मि शर्मा के आदेशों पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एएसआई सुखपाल सिंह ने बताया कि गांव बुढेवाल में आरोपी मोहम्मद जनी इलाके में रहती एक 16 साल की नाबालिगा को परेशान करता था।
वह 20 अक्टूबर 2018 को सुबह पांच बजे लड़की को बहला फुसलाकर अगवा करके साथ ले गया। जिसके बाद लड़की के पिता ने थाना जमालपुर में आरोपी मोहम्मद जनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। कुछ महीने बीतने पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लड़की को बरामद कर लिया। जिसके बाद उससे रेप की पुष्टि होने पर पुलिस ने साथ में रेप की धाराएं भी जोड़ दी थी। जिसके बाद से आरोपी जेल में बंद था। करीब 6 महीने पहले फर्जी जमानती ने मरे हुए व्यक्ति के दस्तावेजों के आधार पर आरोपी की फर्जी जमानत दे दी। जमानत मंजूर होने पर आरोपी को जेल से रिहा कर दिया गया।
फर्जीवाड़ा : ऑनलाइन निकाली थी फर्द- फर्जी जमानती द्वारा ऑनलाइन फर्द चेक की गई। उन्होंने जगजीत सिंह पुत्र तारा सिंह के नाम की फर्द चयनित की। जिसके बाद उसकी एक फोटो कॉपी निकलवा उसी के आधार पर आधार कार्ड तैयार कर लिया गया। जबकि आधार कार्ड पर फोटो फर्जी जमानती की लगी है। उसी के आधार पर कुछ महीने पहले रेप के आरोपी की जमानत दे दी गई।
पत्नी ने दिखाया मौत का सर्टिफिकेट तो हुआ खुलासा- दरअसल जिस फर्द पर जमानत दी जाती है, उस पर लाल अक्षरों में लिख दिया जाता है। जिसके चलते उसकी कॉपी नहीं ली जा सकती। फर्जी जमानती द्वारा जब जमानत दी गई, तो बाद में कोर्ट द्वारा उसे चेक कराया गया। लेकिन जब आधार कार्ड रिकाॅर्ड में नहीं बोला तो कोर्ट द्वारा पुलिस को मामले की जांच के लिए कहा गया। जांच की तो जगजीत की पत्नी ने उसकी मौत का सर्टीफिकेट दिखाया। जिससे पता चला कि रेप के आरोपी की फर्जी जमानत दी हुई थी।
केस-1 : 2019 में जमानत देने पर 6 पर पर्चा- थाना डिवीजन 8 द्वारा 2018 में ऑडी ए-6 की जाली एनओसी तैयार करके बेचने के नाम पर 10 लाख ठगनेे के आरोप में न्यू प्रेम नगर के रिचू शर्मा की शिकायत पर अजीत कुमार, सचिन गुप्ता, कमल किशोर और सचिन अरोड़ा के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। 2019 में अजीत व कमल किशोर की दो फर्जी जमानती, मुचलका भरने समेत 6 लोगों द्वारा जाली जमानत देकर रिहा करवा दिया गया। बाद में कोर्ट ने चेक किया तो ठगी का पता चलने पर जमानत कैंसिल की गई। अब 20 फरवरी 2021 को थाना डिवीजन 5 द्वारा छह लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।
केस-2 : हत्यारोपी समेत तीन ऐसे ही मामले में काबू- 14 फरवरी 2021 को नशा तस्करी के आरोपी की जाली जमानत देने आए तीन आरोपियों को कोर्ट द्वारा चेक करने पर जाली पाया गया। पुलिस द्वारा चमकौर सिंह, हरदीप सिंह व दीपक कुमार को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया गया। जांच में पता चला कि आरोपी दीपक कुमार हत्या, हरदीप पर चोरी व चमकौर सिंह पर घर में घुसकर मारपीट का मामला दर्ज है। जमानत देने के लिए दीपक जाली आधार कार्ड बनाया, चमकौर ने जाली जमानत दी और हरदीप ने मुचलका भरा था।
ऐसे संगीन अपराध में उम्रकैद भी मुमकिन - अदालत में जाली जमानत देने वालों पर पर जालसाजी की धाराओं में पर्चा दर्ज होना चाहिए। साथ ही जिन्होंने जालसाजी की यानि जिनकी जमानत के लिए बेल बाॅन्ड बनाए गए, उनको भी साजिश में नामजद करना चाहिए। फर्जी जमानत देने पर धोखाधड़ी की धारा 467 आईपीसी के तहत उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। -सुरजीत सिंह, पूर्व एडीश्नल सेशन जज
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