बठिंडा. एनपीए के विरोध में पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (पीएसएमएसए) के आह्वान पर चार दिनों से पूर्ण रूप से हड़ताल पर चल रहे जिले भर के सरकारी डाक्टरों ने शुक्रवार को दूसरे दिन सिविल अस्पताल की सरकारी ओपीडी का बायकाट कर अस्पताल के बाहर टेंट लगाकर मरीजों का निशुल्क चेकअप कर इलाज किया। वहीं डाक्टरों की तरफ से आए मरीजों को अपनी तरफ से निशुल्क दवाइयां दे लोगों से अपील की कि वह सरकारी अस्पतालों को बचाने के लिए उनके आंदोलन का समर्थन करे। सरकार की सरकारी संस्थानों के प्रति यही निति रही तो आने वाले दिनों में सरकारी अस्पतालों को बंद करने की स्थिति पैदा हो सकती है। इतना ही नहीं सरकारी पर्ची की वजह डाकटरों की तरफ से पीएसएमएएस की तरफ से छपवाई गई निशुल्क पर्ची काटकर ही मरीजों का इलाज किया। इस मौके पर स्टेट प्रधान डा. संजीव पाठक, जिला प्रधान डा. जगरूप सिंह गिल ने कहा कि ओेपीडी की बजाएं अस्पताल के बाहर बैठकर मरीजों का इलाज करने का मकसद यह है कि उनकी वजह से आम जनता परेशान ना हो और कोई भी मरीज बिना इलाज करवाएं वापस ना लौटे। चूकिं उन्हें इस धरती पर भगवान का दूसरा रूप का नाम दिया गया है, इसलिए उनका नैतिक फर्ज है कि बीमार मरीज का इलाज कर उसकी कीमती जान बचाए, इसलिए उन्होंने सरकारी ओपीडी करने की वजह अपनी ओपीडी बनाकर मरीजों का चेकअप कर रहे है, ताकि पिछले कई दिनों से बिना इलाज करवा बैंरग लौट रहे मरीजों को सेहत सेवाएं मिल सके। उन्होंने बताया कि इसलिए उन्होंने सरकारी पर्ची की वजह अपनी तरफ से छपवाई गई पर्चियां बनाकर ही मरीजों का इलाज किया। वहीं मरीजों को अपनी तरफ से निशुल्क दवाइयां तक दी है, ताकि अस्पताल में हररोज मरीजों से होने वाली आमदनी सरकारी खजाने में जमा ना हो सके। उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शन 17 जुलाई शनिवार तक जारी रहेगा। इस बीच भी सरकार की उनकी की मांगों को पूरा नहीं करती है और 25 से 20 फीसदी किए गए एनपीए के फैसले को वापस नहीं करते और डा. गुरमेल सिंह की बदली रद्द नहीं करती है, तो संघर्ष ओर तेज किया जाएगा। वहीं 19 जुलाई को अन्य सेहत सेवाएं भी बंद की जाएगी। इस मौके पर सतीश जिंदल, डा. रविकांत गुप्ता, डा. हार्षित गोयल, डा. अरूण बांसल, डा. खुशदीप सिद्धू, डा विशेषवर चावला, डा. आहूलवालिया, डा. विजय मित्तल, डा. धीरज गोयल आदि मौजूद थे।
फोटो -बठिंडा सिविल अस्पताल में सरकारी ओपीडी का बायकाट कर मरीजों की जांच कर दवाईयां वितरित करते।