गुरुवार, 7 जनवरी 2021

बठिंडा में चार दिन में हत्या कर लूट की दूसरी घटना- गिरोह ने परसराम नगर रेलवे ओवरब्रिज के नीचे एक व्यक्ति की हत्या व एक का हाथ काट दिया लूट की घटना को अंजाम

 


बठिंडा. रेलवे स्टेशन के आसपास का क्षेत्र आपराधिक घटनाओं का केंद्र बनने लगा है। अभी 3 जनवरी दिन रविवार को रेववे ग्राउड बठिंडा में एक व्यक्ति से लूटपाट कर उसे बुरी तरह से जलाकर मार दिया गया। वही चार दिन बाद रेलवे स्टेशन से मात्र 200 मीटर की दूसरी पर परसराम नगर ओवरब्रिज के नीचे वाशिंग लाइन के पास लुटेरा गिरोह ने बेखोफ होकर एक युवक की हत्या कर दी जबकि एक के हाथ काटकर व शरीर में गंभीर चोटे मार घायल कर दिया।

लुटेरे उक्त दोनों प्रवासी मजदूरों से 25 हजार की नगदी व दो मोबाइल फोन व बैग लूटकर फरार हो गए। इस घटना के बाद आसपास के इलाके में जहां दहश्त का माहौल है वही दहश्तगर्दों व लुटेरों की सुरक्षित स्थली बनी रेलवे कालोनी व संतपुरा रोड व रेलवे रोड के आसपास रह रहे व्यापारियों व आम लोगों का सांय के सम घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है। आए दिन घटित हो रही वारदातों को रोकने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम हो रही है। फिलहाल मामला रेलवे के अधीन होने के चलते डीआरपी पुलिस जांच में जुटी है। इसमें खबर लिखे जाने तक लुटेरों के संबंध में कोई सुराग नहीं मिल सका है जबकि पुलिस पूरे क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल आरोपियों तर पहुंचने की कोशिश कर रही है।

जानकारी अनुसार सुरेश कुमार सानी पुत्र राम लाल उम्र 40 साल वासी जिला मुजफरपुर बिहार और उनका साथी अजय यादव पुत्र गोपाल यादव वासी वेस्ट बंगाल हर साल अबोहर में होने वाली किन्नू संतरे की खेती के दौरान काम के लिए आते थे। इस दौरान वह सीजन में किन्नू तोड़ने व बेचने का काम कर कुछ पूंजी जोड़कर वापिस अपने गांव बिहार व बंगाल में चले जाते थे। इसी तरह उक्त लोगों ने काम पूरा करने के बाद बुधवार की देर रात बठिंडा से रेलगाड़ी पकड़कर वापिस अपने घर जाना था। उक्त लोग अबोहर से बठिंडा बस के रास्ते पहुंचे व नहर के पास बस से उतरने के बाद पैदल परसराम नगर रेलवे ओवरब्रिज के नीचे से होते रेलवे स्टेशन की तरफ जा रहे थे।

इसी दौरान दो युवकों ने उनका पीछा करना शुरू किया व रेलवे वाशिंग लाइन के पास सड़क में उन्हें रोक लिया व साजों सामान छीनने की कोशिश की। इसमें जब सुरेश कुमार व अजय यादव ने विरोध जताया तो लुटेरों ने सुरेश कुमार के सिर पर तेजधार हथियार से वार कर दिया जबकि अजय यादव ने जब लुटेरों को पकड़ने की कोशिश की तो उसका हाथ काट दिय़ा व शरीर के कई हिस्सों में तेजधार हथियार से वार कर घायल कर दिया। इस दौरान लुटेरों ने उनके बैग में रखे 25 हजार की नगदी व दो मोबाइल छीन लिए व कपड़ों का बैग लेकर फरार हो गए। वहां से गुजरने वाले लोगों से सहायता लेकर दोनों को सिविल अस्पातल में दाखिल करवाया जहां खून ज्यादा बहने व घाव गहरे होने के कारण सुरेश कुमार की मौत हो गई जबकि अजय यादव की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।

मामले की जानकारी मिलने के बाद जीआरपी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी व घायल अजय यादव के बयान दर्ज कर अगली कारर्वाई शुरू कर दी है। गौरतलब है कि इससे पहले गत तीन जनवरी को भी बठिंडा रेलवे ग्राउंड से रविवार सुबह 90 फीसदी जला हुआ शव बरामद होने से इलाके में सनसनी फैल गई थी। घटना की सूचना मिलने पर पहुंची थाना कनाल पुलिस ने जले हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए सहारा जनसेवा संस्था के सदस्यों की सहायता से सिविल अस्पताल भेजा। मृतक की पहचान नरेश कुमार पुत्र ओम प्रकाश निवासी सिरसा के तौर पर हुई थी। इस मामले में भी लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए हत्या की गई व शव की पहचान न हो सके इसलिए उसे रेलवे ग्राउड में ही तेल डालकर जला दिया गया। अज्ञात लोगों ने पहले उक्त व्यक्ति के सिर एवं शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें मारकर उसकी हत्या कर दी और बाद में शव को जला दिया।

पंजाब में प्रकाशोत्सव पर पीएम नरेंद्र मोदी को न बुलाने पर छिड़ी बहस, भाजपा ने कहा- निदंनीय व कष्टदायक



चंडीगढ़। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की प्रधान बीबी जगीर कौर के उस बयान ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 400 वर्षीय प्रकाशोत्सव पर होने वाले समारोहों में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत किसी भी भाजपा नेता को न्यौता नहीं भेजा जाएगा। बीबी जगीर कौर ने कहा कि गुरु घर में कोई भी आ सकता है, लेकिन विशेष रूप से किसी को न्यौता नहीं भेजा जा रहा।

उधर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने एसजीपीसी प्रधान की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न बुलाने के बयान को दुखद, निदंनीय व कष्टदायक बताया। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी को राजनीतिक मतभेद से ऊपर उठकर अपने निर्णय लेने चाहिए।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन काल में गुरु साहिबान की बाणी को अपने सामने रखकर देश की 135 करोड़ जनता की सेवा की है। छह वर्ष में प्रधानमंत्री ने पंजाबी व सिख भाईचारे के लिए असंख्य काम किए हैं। चुग जगीर कौर को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जिस कांग्रेस के प्रधानमंत्री ने 1984 में सिखों की कत्लोगारत करवाई उन कांग्रेसी नेताओं को समय-समय पर अपने धार्मिक समारोह में शामिल करने में गुरेज नहीं किया गया।

चुग ने शताब्दी समारोह में मोदी को न बुलाने के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए हुए कहा कि तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल इस पर समर्थन देते रहे और आज जगीर कौर ने शिअद की राजनीति को ध्यान में रखकर पवित्र स्थान व पवित्र कार्य के लिए बनी कमेटी के पद का दुरुपयोग करके राजनीतिक रोटियां सेंकने का खेल खेला है, जो दुखद है।

पंजाब ने केंद्र से आरडीएफ न मिलने पर जताई नाराजगी, वित्त मंत्री मनप्रीत बादल बोले- रंजिशन रोका गया


चंडीगढ़।
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को केंद्र सरकार की ओर से देहाती विकास फंड (आरडीएफ) को रोकने के पीछे सियासी बू आ रही है। उन्होंने कहा, यह कोई ग्रांट नहीं है बल्कि स्टेचुरी टैक्स है जो पंजाब सरकार ने लगाया हुआ है। इसे रोका नहीं जा सकता।

वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि जब उन्होंने इस बारे में केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल से बात की तो उनकी बातों से लगा कि यह रंजिशन रोका गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानूनों का जिस प्रकार से पंजाब के किसान विरोध कर रहे हैं और राज्य सरकार उन्हें सपोर्ट कर रही है, उससे केंद्र सरकार नाराज है और वह हमारा नुकसान कर रही है। उन्होंने कहा कि लंबे संघर्षाें में छोटे-मोटे नुकसान नहीं देखे जाते।

वित्त मंत्री मनप्रीत बादल आज यह मीडिया कर्मियों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह अकेला ऐसा मामला नहीं है। यूएई सरकार की ओर से देश में सात बिलियन डालर के निवेश से तीन बड़े फूड पार्क स्थापित करने थे जिसका सबसे पहले दावेदार पंजाब था और यूएई सरकार भी चाहती थी कि एक प्रोजेक्ट पंजाब में लगे, लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक जीएसटी का 8500 करोड़ रुपये बकाया अदा नहीं किया है। छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट पर देरी पर मनप्रीत बादल ने कहा कि मुझेे खुद उस रिपोर्ट का इंतजार है, क्योंकि मैंने साल 2021-22 का बजट तैयार करना है। उन्होंने बकाया डीए के बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। पंजाब को घाटे से बाहर लाने के लिए उठाए कदमों के बारे में मनप्रीत बादल ने कहा कि 200 रुपये प्रति महीना विकास टैक्स लगाने से 2019-20 में 138.07 करोड़ रुपये राजस्व मिला।


बर्ड फ्लू इंसानों के लिए कितना खतरनाक? जानें- पक्षियों की बीमारी से जुड़े हर सवाल का जवाब

 


नई दिल्ली।
कोरोना महामारी के बीच देश में बर्ड फ्लू (Avian influenza) ने दस्तक दे दी है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सतर्क कर दिया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और केरल में इसकी पुष्टि हो चुकी है। वहीं हरियाणा में हजारों पक्षियों की मौत के बाद उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। हालांकि, अभी तक इससे कोई प्रभावित नहीं हुआ है। सर्दियों की शुरुआत साथ देश में विदेशी प्रवासी पक्षियों के आने के कारण बर्ड फ्लू फैलने की आशंका व्यक्त की गई है। बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। जैसे यह बीमारी क्या है? यह कैसे फैलता है? आइए जानते हैं, ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब। 



क्या है बर्ड फ्लू


यह एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है। पक्षियों में एक दूसरे से फैलने वाला .ह वायरस काफी संक्रामक होता है। यह उनमें सांस की गंभीर बीमारी का कारण बनता है। इसके कई स्ट्रेन हैं, लेकिन H5N1 सबसे खतरनाक है। इंसानों में इस वायरस के मामले बहुत कम देखने को मिलता है। इस वायरस से मृत्यु दर 60 फीसद है। 

कैसे फैलता है बर्ड फ्लू

मनुष्यों में H5N1 संक्रमण के लगभग सभी मामले संक्रमित जीवित या मृत पक्षियों, या H5N1-दूषित वातावरण के संपर्क में आने जुड़े हैं। वायरस मनुष्यों को आसानी से संक्रमित नहीं करता है। इस बात का अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है कि अगर संक्रमित पक्षी को ढंग से पकाया जाए, तो उसे खाने से संक्रमण फैलता है। 


बर्ड फ्लू के लक्षण

बुखार (अक्सर तेज बुखार) और बेचैनी, खांसी, गले में खराश और मांसपेशियों में दर्द इसके लक्षणों में शामिल हैं। शुरुआत में पेट में दर्द, सीने में दर्द और दस्त भी देखने को मिल सकती है। आगे यह संक्रमण सांस लेने में कठिनाई या सांस की तकलीफ, निमोनिया का कराण बन सकता है।


बर्ड फ्लू का इलाज 


मनुष्यों में ज्यादातर मामलों में एवियन इन्फ्लूएंजा एक गंभीर बीमारी के रूप में विकसित होता है। इसका इलाज अस्पताल में तुरंत किया जाना चाहिए। आइसीयू की आवश्यकता हो सकती है। इसके इलाज में आमतौर पर एंटीवायरल दवा ओसेल्टामिविर का इस्तेमाल किया जाता है। इस संक्रमण को रोकने के लिए टीके विकसित किए गए हैं, लेकिन वे व्यापक उपयोग के लिए तैयार नहीं हैं।

राजस्थान रोज बर्ड फ्लू के नए केस आ रहे हैं। झालावाड़, बारां, कोटा और जयपुर के बाद बुधवार को सवाई माधोपुर में भी बर्ड फ्लू से कौओं की मौत की पुष्टि हुई है। प्रदेश में अब तक कुल 1157 कौओं की मृत्यु हो चुकी है। बुधवार को सबसे ज्यादा जयपुर में 72 कौवे मृत मिले।


इनके अलावा कोटा में 20, बारां 42, झालावाड़ 26, जोधपुर में 54 कौए मृत मिले हैं। इनके अलावा कोटा और बूंदी में पॉल्ट्री में भी 51 मुर्गियां मृत मिली हैं। हालांकि, राहत की बात है कि अब तक पॉल्ट्री में बर्ड फ्लू का एक भी केस नहीं आया है।


हालांकि पाॅल्ट्री संचालकों का कहना है कि पाॅल्ट्री में एक प्रतिशत मृत्यु दर सामान्य मानी जाती है। इसलिए इन मौतों को सीधे बर्ड फ्लू से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए। इसके अलावा अब तक पॉल्ट्री में बर्ड फ्लू का एक भी केस सामने नहीं आया है। प्रदेश भर से अब तक 149 सैंपल भोपाल स्थित निशाद लैब भेजे जा चुके हैं।


हालांकि पशुपालन विभाग ने एतिहातन प्रदेश के सभी पॉल्ट्री फार्म मालिकों को उनके जिलों में तैनात पशुपालन अधिकारियों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप पर जुड़ने के निर्देश दे दिए हैं। विभाग के मंत्री लालचंद कटारिया व प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा ने बुधवार को प्रदेश पॉल्ट्री फार्म एसोसिएशन के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बातचीत की।


24 घंटे के अंदर ये 4 बड़े कदम


रेपिड रेस्पांस टीम; पशुपालन विभाग ने एहतियात के लिए सभी जिलाें में रेपिड रेस्पांस टीम गठित कर दी है।

आरटीपीसीआर लैब; प्रदेश में आरटीपीसीआर लैब अगले सप्ताह तक खोले जाने की स्वीकृति मिल जाएगी।

वाॅट्सएप ग्रुप; प्रदेश में करीब 2500 पॉल्ट्री फार्म है। इनके संचालकों के साथ अफसर एक वॉट्सग्रुप बनाएंगे।

पीपीई किट; पशुपालन अधिकारियों को निशुल्क पीपीई किट बांटने के निर्देश। बिना इसके मृत पक्षी नहीं उठाएंगे।

इंग्‍लैंड में बनाया ऊंचा मुकाम, लेकिन पंजाब में बसा रहा दिल, आज हैं डेढ़ हजार बेटियों के पिता


बटाला (गुरदासपुर)।
पंजाब के एक शख्‍स इंग्‍लैंड में बस गए और कड़ी मेहनत व कौशल से बड़ा मुकाम हासिल किया। लेकिन, उनका दिल पंजाब में ही बसा रहा। आज पंजाब में वह करीब डेढ़ हजार बेटियों के 'पिता' या यू कहें 'बाबुल' हैं। लंदन में बसे हरजीत सिंह हर साल पंजाब में अपने गांव आकर गरीब बेटियों की शादी करवाते हैं। यह कार्य वह खुद के गरीब नवाज चैरिटेबल संस्‍था के माध्‍यम से करते हैं।



इंग्लैंड में रहकर चला रहे गरीब नवाज चैरिटेबल संस्था, जरूरतमंदों का बने सहारा


इंग्लैंड की राजधानी लंदन में बसे हरजीत सिंह को उनके गांव में लोग बाबा हरजीत सिंह यूके वाले के नाम से बुलाते हैं। जरूरतमंद व गरीब बेटियों के लिए वह 'बाबुल' से कम नहीं हैं। 1996 में हरजीत सिंह इंग्लैंड में बस गए थे। वहां उन्होंने धीरे-धीरे मुकाम हासिल किया, लेकिन उनका दिल हमेशा यहीं भारत में रहा। इसलिए लोगों की सेवा के लिए 2015 में गरीब नवाज चैरिटेबल संस्था की नींव रखी।

इस संस्था के माध्यम से हरजीत सिंह डेढ़ हजार जरूरतमंद बेटियों का विवाह (आनंद कारज) करवा चुके हैं। आनंद-कारज पूरे धार्मिक रीति-रिवाज व रस्मों के साथ निभाया जाता है। घर चलाने के लिए बेटियों को रसोई का जरूरी सामान, बेड, बिस्तर, कपड़े, ट्रंक पेटी, कुर्सियां-मेज आदि सभी जरूरी वस्तुएं दी जाती हैं। शगुन के रूप में 2100 से 3100 रुपये की राशि दी जाती है।


गरीब बेटियों के सामूहिक विवाह का खर्च उठाती है संस्था, गृहस्थी का समान भी देती है

हर वर्ष फरवरी और सितंबर महीने में सामूहिक आनंद-कारज समागम आयोजित किया जाता है। समारोह में शामिल होने वाले सभी लोगों के खाने का इंतजाम भी संस्था करती है। बाबा हरजीत सिंह यूके में अखंड पाठ व कीर्तन आदि से जो भी कमाते हैं, उसे इस पुण्य काम में लगा देते हैं। इसके अलावा कुछ समाजसेवी उन्हें इस पवित्र कार्य के लिए दान भी देते हैं।

बाबा हरजीत कहते हैं, ऐसा करके मन को शांति मिलती है। 'मेरी खुद की बेटी है। इसलिए हर लड़की में अपनी बेटी का चेहरा नजर आता है।' पहले वह अपनी संस्था के माध्यम से धार्मिक समागम कर संगत को पंथ के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते थे। धीरे-धीरे उन्होंने सामाजिक कार्यो की तरफ ध्यान देना शुरू किया और आज अपनी संस्था की बदौलत कई जरूरतमंद बेटियों के घर बसा रहे हैं।


एक माह पहले शुरू हो जाती हैं तैयारियां

हरजीत सिंह बताते हैं कि सामूहिक आनंद कारज समागम की तैयारियां एक माह पहले शुरू हो जाती हैं। विभिन्न माध्यमों से इस कार्यक्रम का प्रचार किया जात है। इंटरनेट मीडिया का भी सहारा लिया जाता है। अलग-अलग वाट्सएप ग्रुप्स में इसकी सूचना शेयर की जाती है। लोगों से अपील की जाती है कि उनकी नजर में कोई गरीब जरूरतमंद परिवार की बेटी विवाह योग्य है तो संस्था उसके आनंद-कारज में हर प्रकार की सहायता करेगी। इससे कई लोग उनके संपर्क में आते हैं। पूरी जांच पड़ताल के बाद जोड़ों का चयन किया जाता है और उनका विवाह करवाया जाता है।


देश-विदेश से आते हैं रागी जत्थे


इस समागम से तीन दिन पहले अखंड-पाठ रखे जाते हैं। इसमें देश-विदेश से रागी-जत्थे यहां पहुंचते हैं। उनके रहने व खानपान का सारा बंदोबस्त संस्था की ओर से किया जाता है। इस बार 7 फरवरी को आनंद-कारज समागम निर्धारित किया गया है। संस्था के मुताबिक अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन, पठानकोट से कुल पांच बच्चियों के आनंद-कारज की सूची पहुंच चुकी है। उम्मीद है कि इस बार यह आंकड़ा सौ के करीब पहुंच जाएगा।


गुरु मर्यादा का खास खयाल


संस्था गुरु मर्यादा का खास खयाल रखती है, क्योंकि आनंद-कारज सादे तरीके से ही किया जाता है। हालांकि बारातियों के खानपान में कोई कसर नहीं रखी जाती। आनंद कारज के बाद लड़कियों को हर त्योहार पर उपहार भी दिया जाता है। दीवाली, लोहड़ी पर ये उपहार उनके घर तक पहुंचाए जाते हैं।

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Bathinda/स्मार्ट कार्ड:स्मार्ट राशन कार्ड का वितरण शुरू, कई जरूरतमंद अभी भी वंचित


बठिंडा।
जिले में स्मार्ट राशन कार्ड का विवरण शुरू हो गया है। फूड सप्लाई विभाग के निर्देशानुसार सभी इंस्पेक्टर अपने ब्लाक में संबंधी डिपो संचालकों के माध्यम से लाभपात्री लोगों को स्मार्ट राशन कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। विभाग की ओर से जिले के 1 लाख 90 हजार 337 लाभपात्रियों को शामिल किया गया है। जिनके स्मार्ट कार्ड बनाए जा रहे हैं। विभाग के अधिकारियों अनुसार जिले के 657 डिपो के अधीन 1 लाख 77 हजार लाभपात्रियों को स्मार्ट कार्ड उपलब्ध करवा दिए गए हैं। जबकि 44 डिपो के करीब 20 हजार लोगों के कार्ड अभी पेंडिंग हैं। वहीं जिले के ऐसे कई क्षेत्र व ब्लाक है जहां स्मार्ट राशन कार्ड बांटे गए हैं।


उन्हीं क्षेत्र में कई ऐसे परिवार हैं जो गरीबी रेखा के अधीन आते हैं, लेकिन उनका नीला कार्ड नहीं बनाया गया, कई ऐसे लाभपात्री भी है जिनके पास नीला कार्ड भी है और कार्ड के असली पात्र भी है, लेकिन उनका नाम ही काट दिया गया है। ऐसे में उन्हें स्मार्ट कार्ड नहीं मिला।

बठिंडा में वैक्सीन:काेराेना टीकाकरण को लेकर सेहत विभाग कल तीन जगह पर करेगा ड्राई रन

 


जिले में 12 टीकाकरण सेंटर बनाए, 36 टीमें गठित, जनवरी मध्य तक कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हो सकती है

बठिंडा। जनवरी मध्य तक कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत होने की संभावना है। जिले में सेहत विभाग ने सरकारी और प्राइवेट 12 टीकाकरण सेंटर बनाए हैं। उक्त सेंटरों पर 36 टीमों का गठन किया गया है। पहले चरण में चरण में 4359 सरकारी और 4798 निजी अस्पताल के डाक्टर व स्टाफ को टीकाकरण के लिए शामिल किया गया है। सेहत विभाग द्वारा टीकाकरण संबंधी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सेहत अधिकारियों के अनुसार शुक्रवार को तीन स्थानों पर टीकाकरण को लेकर ड्राई रन मॉक ड्रिल की जाएगी। जिसमें बठिंडा सिविल अस्पताल व निजी अस्पताल को शामिल किया गया है।


वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लिए तलवंडी साबो अस्पताल को चुना जा रहा है। मॉक ड्रिल का उद्देश्य कोल्ड चैन मैनेजमेंट, वैक्सीन की सप्लाई, स्टोरेज, लॉजिस्टिक्स के साथ ही वैक्सीनेशन के लिए आने लोगों के वैक्सीनेशन स्थल पर पहुंचने पर उनकी एंट्री, पंजीयन, वैक्सीनेशन व आब्जर्वेशन में रखने की तैयारियों का परीक्षण किया जाएगा। 

वैक्सीनेशन के दौरान एप पर डाटा एंट्री से लेकर वैक्सीन लगाने तक में कितना समय लगता है, इसका भी इस दौरान आंकलन किया गया। इस वैक्सीन का लाभ ऐसे लोगों को मिलेगा जिसमें कोरोना का लक्षण ना हो।इसके बाद अलग कक्ष में संबंधित व्यक्ति की काउंसलिंग, जांच करके यह जानने का प्रयास किया जाएगा कि उन्हें बुखार सर्दी खांसी या कोरोना का लक्षण तो नहीं है। इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद टीकाकरण कक्ष में प्रवेश का अवसर पंजीकृत व्यक्ति को मिलेगा। 

मॉक ड्रिल दौरान ऑटो डिस्पोजेबल सिरिंज का उपयोग किया जाएगा। इसके पहले कक्ष में मौजूद स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम द्वारा वैक्सीन का लाभ लेने के लिए पहुंचा बेनेफिशरी वही व्यक्ति है या नहीं, इसकी पुष्टि करेगी।

कृषि बिल:AAP नेता बोले- चोर दरवाजे से कानून लागू करके पंजाब से गद्दारी करने के लिए CM पद से इस्तीफा दें कैप्टन


चंडीगढ़।
पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चोर दरवाजे से तीनों कृषि कानून लागू किए हैं और अब प्रदेश की भोलीभाली जनता के सामने घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश के किसान, जनता, जमीन, खेती, अन्न और अन्नदाता के साथ गद्दारी की है। इसलिए आम आदमी पार्टी पूरी जिम्मेदारी के साथ उनसे इस्तीफा मांगती है। ये कहना है AAP पंजाब के को-इंचार्ड राघव चड्‌ढा है। बुधवार को उन्होंने चंडीगढ़ के मीडिया से वर्चुअली दिल्ली से बात की। इस मौके पर AAP पंजाब किसान विंग के प्रधान और विधायक कुलतार सिंह संधवान भी चंडीगढ़ में मौजूद रहे। दोनों ने कृषि बिलों पर पंजाब सरकार के दोहरे मापदंड पर बात की।


राघव ने कहा कि कैप्टन ने पुत्र मोह के लिए पंजाब को बेच दिया। राज्य से ज्यादा महत्व उन्होंने अपने परिवार को दी है। वे आगे बोले, इस आंदोलन के दौरान शहीद हुए 57 किसानों के परिवार उनसे पूछ रहे हैं कि उन्होंने इनके उनके साथ गद्दारी क्यों की? इसके साथ ही राघव ने BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि BJP के लोग लगातार किसानों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।


राघव ने कहा कि एक ओर कैप्टन सरकार खुद को किसानों की हितकारी बता रही है। दूसरी ओर इनके कैबिनेट मंत्री भरत भूषण आशु कहते हैं कि पंजाब में तीनों कानून लागू हो चुके हैं और कैप्टन ने बाहरी किसानों को पंजाब में अपनी प्रोड्यूस बेचने की इजाजत दे दी है। इससे पता चलता है कि ये सरकार कैसे मोदी सरकार के साथ मिली हुई है। CM ने पंजाब के साथ जो गद्दारी की है, उससे सूबे का बच्चा-बच्चा अपनी कलाई पर हमारा मुख्यमंत्री गद्दार है लिखवाना चाहता है। चड्‌ढा ने आगे कहा कि हम पंजाब के हर हल्के और हर गांव में जाकर गद्दार और ढाेंगी कैप्टन की पोल खोलेंगे।


अरविंद को किया जा रहा बदनाम


इस मौके पर मौजूद संधवान ने कहा कि कैप्टन सरकार ने सारा हल्ला अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने के लिए किया है। जब इनके खुद के कैबिनेट मंत्री भरत भूषण आशु और बाकी मंत्री बोल रहे हैं कि केंद्र सरकार द्वारा लागू बिलों में राज्य कुछ नहीं कर सकते तो किस बात के लिए अरविंद को बदनाम किया जा रहा है? ये मुहीम सिर्फ अरविंद को बदनाम करने के लिए चलाई गई है।

बुधवार, 6 जनवरी 2021

पंजाब में एक हजार रुपये में मिलावटी दूध के सैंपल हाेते थे पास, लुधियाना की फर्म के दो कर्मी गिरफ्तार



लुधियाना।
पंजाब में एक हजार रुपये लेकर मिलावटी दूध के सैंपल हाेते थे। थाना सदर समाना के तहत गांव कुलारां में प्लांट लगाकर मुर्गियों की फीड से मिलावटी दूध तैयार कर उसे लुधियाना के फोकल प्वाइंट स्थित एक निजी फर्म को सप्लाई किया जाता था। पुलिस ने लुधियाना की फर्म के दो स्टाफ मेंबरों उमेश कुमार व प्रीतम चंद को गिरफ्तार किया है। इन लोगों की ड्यूटी फर्म को आने वाले दूध की सप्लाई के सैंपल लेकर उसके टेस्ट करने की होती थी। इनकी टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर ही फर्म सप्लाई हासिल करती थी

कुलारां के प्लांट मालिकों से थी मिलीभगत

इन लोगों ने ही कुलारां के प्लांट मालिकों से मिलीभगत कर ली और हर बार सप्लाई लेने आने पर एक हजार रुपये लेकर मिलावटी दूध के सैंपल बदलकर सही दूध के सैंपल टेस्ट करते थे। थाना सदर समाना के इंचार्ज अंकुरदीप सिंसह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि फर्म को गांव कुलारां के अलावा बलियाल, फग्गूवाल, माझी, गाजेवास व भट्टी से सप्लाई आती थी। अब दोनों आरोपितों को अदालत में पेश करने के बाद रिमांड पर लेकर पूछताछ होगी।

मांगने पर भी गांव के लोगों को नहीं देते थे दूध की सप्लाई

इस मामले में पहले से गिरफ्तार गांव कुलारां के रहने वाले आरोपित हरप्रीत ङ्क्षसह व गुरप्रीत ङ्क्षसह आसपास के गांव से दूध इकट्ठा करने के बाद इसमें मिलावट कर इसे लुधियाना की फर्म को  चते थे। आरोपित हरियाणा से मुर्गियों को डालने वाला सफेद पाउडर (मार्का माल्टो प्लस) लाने के बाद 100 लीटर पानी में दस किलो पाउडर डाल घोल तैयार करते थे। इसके बाद 400 लीटर दूध में इसे मिक्स कर दिया जाता था। ऐसा कर 500 लीटर मिलावटी दूध तैयार होने पर लुधियाना की फर्म को सप्लाई करते थे। इन लोगों से गांव के लोगों ने कई बार दूध की सप्लाई मांगी थी लेकिन गांव के लोगों ने दूध सप्लाई नहीं देते थे।




शर्मनाक! लुधियाना के खन्ना में 70 साल की बुजुर्ग के साथ घर में घुसकर दुष्कर्म, आरोपित फरार

 


खन्ना (लुधियाना)।
खन्ना सदर थाना के अंतर्गत आते गांव में एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां एक 70 साल की बुजुर्ग के साथ दुष्कर्म कर आरोपित फरार हो गया। महिला घर पर अकेली ही थी। सदर थाना पुलिस ने गांव के ही रहने वाले सुखदेव सिंह के खिलाफ दुष्कर्म और धमकियां देने के आरोप में केस दर्ज किया है। आरोपित की तलाश पुलिस कर रही है। आरोपित की उम्र करीब 40 साल बताई जाती है।



पीड़िता की बेटी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका अपने पति के साथ तलाक का केस चल रहा है। इस कारण वह अपने मायके घर रहती थी। उसका भाई भारतीय सेना में नौकरी कर रहा है। उसकी भाभी तथा मां साथी ही रहती हैं। भाभी कुछ दिनों पहले मायके घर गई हुई थी। 4 जनवरी को जब वह गांव में दुकान से सामान लेकर वापस घर आई तो देखा कि आरोपित उसकी मां के कमरे से निकल रहा था। जब उसने अंदर जाकर देखा तो उसकी मां नग्न अवस्था में थी।

शिकायतकर्ता ने बताया कि उसकी मां वृद्ध होने कारण अच्छी तरह से बोल नहीं सकती। उसने इशारों से समझाया कि आरोपित ने उसके साथ गलत काम किया है। पहले डर के मारे उसने किसी को नहीं बताया। उसने अपनी भाभी को फोन कर सारी जानकारी दी। अगले दिन भाभी घर आई और माता को सिविल अस्पताल खन्ना भर्ती कराया गया। अस्पताल में पुलिस ने बयान दर्ज करने के बाद आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज किया। सदर थाना के एसएचओ इंस्पेक्टर हेमंत कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए उसकी तलाश की जा रही है।

बठिंडा में बर्ड फ्लू का खतरा, डियर सफारी में सैनिटाइजेशन शुरू



बठिडा:
बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ने के बाद शहर के मिनी जू-कम-डियर सफारी में भी पक्षियों की सुरक्षा के प्रबंध शुरू कर दिए गए हैं। बुधवार को पशु पालन विभाग की टीम ने डियर सफारी का दौरा किया। डिप्टी डायरेक्टर पवन सिगला की अगुआई में टीम ने स्टाफ को हिदायत दी कि बाहर से आने वाले पक्षियों की तुरंत सूचना दी जाए। साथ ही चिड़ियाघर को समय-समय पर सैनिटाइज करने व जगह-जगह पर कली डालने के भी आदेश दिए।


डियर सफारी में इस समय कई प्रकार के पक्षी हैं, जिनकी निगरानी के लिए स्टाफ को तैनात कर दिया गया है। बाहर से आने वाले नए पक्षियों की पहचान करने के लिए भी स्टाफ को अलर्ट किया गया है। उन्हें हिदायत दी गई है कि बर्ड फ्लू राजस्थान तक पहुंच गया है, जिसके चलते अब खास ध्यान रखने की जरूरत है। इसके अलावा डियर सफारी में आने वाले लोगों को भी पूरी सावधानी के साथ घूमने की अपील की गई। साथ ही स्टाफ को कहा गया कि लोगों को पक्षियों और जानवरों से दूर रखा जाए। उनकी सुरक्षा के सभी नियम अपनाए जाएं। 

समय-समय पर पक्षियों को डाली जाएगी दवा

पशु पालन विभाग की टीम ने स्टाफ को समय-समय पर पक्षियों व जानवरों को दवा डालने की हिदायत की। साथ ही बताया कि अगर कहीं कोई पक्षी मरा हुआ दिखाई दे तो इसकी सूचना तुरंत विभाग को दी जाए। जंगलात विभाग के रेंज अफसर पवन श्रीधर ने बताया कि बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ने के बाद चिड़ियाघर में सुरक्षा बढ़ाना जरूरी हो गया है।

कोरोना के कारण आर्थिक संकट झेल रहे व्यापारी: करतार जौड़ा



बठिडा:
पंजाब स्वर्णकार संघ और पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल की बैठक सिरकी बाजार स्थित दफ्तर में हुई। इस दौरान कोविड-19 से कारोबार और व्यापार में मंदी के कारण बिगड़ी स्थिति पर चर्चा की गई।


स्वर्णकार संघ के राष्ट्रीय प्रधान और व्यापार मंडल के राज्य चेयरमैन करतार सिंह जौड़ा ने बताया कि कोविड-19 के कारण पिछले दस महीने काफी संकट में गुजरे हैं। अब भी कोरोना का प्रकोप समाप्त नहीं हुआ है। मार्च 2020 से कई महीने तक सोना-चांदी के कारोबार सहित अन्य व्यापार पूर्ण तौर पर बंद रहे। इस कारण ज्वेलर्स तथा दुकानदारों के लिए रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। ऐसे हालात में भी केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की ओर से व्यापारियों को कोई सहायता नहीं दी गई थी। अगर कोरोना का प्रकोप और बढ़ा तो दुकानदार और कारिगरों की हालत काफी खराब हो जाएगी। इसलिए सरकार उनकी कुछ मदद करे।

कचरा उठाने वालों की सुरक्षा में कदम उठाने की मांग

जौड़ा ने कहा कि अब भी हजारों लोग कोरोना संक्रमण को छुपाकर सेहत विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन को बताए बिना ही अपने-अपने घरों में बैठे हैं। पता तब चलता है जब मरीज की हालत काफी बिगड़ जाती है और कोरोना टेस्ट पाजिटिव आता है। इससे पहले कोरोना पाजिटिव मरीज का इस्तेमाल किए हुए सामान का कचरा अन्य कचरे के साथ ही फेंका जाता है, जिसे सफाई कर्मी उठाते हैं। इसलिए भारत सरकार के सेहत मंत्री, पंजाब के मुख्य मंत्री व सेहत मंत्री को पत्र जारी करके मांग की गई है कि कचरा उठाने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए योग्य कदम उठाए जाएं।

Bathinda/कांग्रेस से बागी हो चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाला हरमेश पक्का बिजली चोरी में गिरफ्तार


बठिडा
: कांग्रेस से बागी होकर आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले पूर्व कांग्रेस नेता हरमेश बांसल पक्का को बिजली चोरी के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। उस पर घर में कुंडी लगाकर बिजली चोरी करने के चार मामलों में सात लाख रुपये बकाया हैं। बुधवार को पावरकाम की एंटी पावर थेफ्ट थाना पुलिस ने उसे घर से गिरफ्तार कर लिया। एएसआइ इकबाल सिंह ने बताया कि हरमेश पक्का को गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उनका कोरोना टेस्ट करवाने का आदेश दिया है।


एएसआइ इकबाल सिंह ने बताया कि हरमेश पक्का के खिलाफ एंटी पावर थेफ्ट थाने में बिजली चोरी के पांच केस दर्ज हैं। एक केस में एक साल की सजा भी हो चुकी है, जबकि चार केसों में वह भगोड़ा चल रहा था। उसके खिलाफ वर्ष 2014, 2016, 2018 और वर्ष 2020 में बिजली चोरी के केस दर्ज किए गए थे। वह अपने घर पर बार-बार कुंडी लगाकर बिजली चोरी करता था। उसकी तरफ बिजली चोरी का सात लाख रुपये जुर्माना बकाया है। उक्त चारों केसों में हरमेश पक्का एंटी पावर थेफ्ट थाना पुलिस को वांछित था। बुधवार को पुलिस को सूचना मिली कि वह अपने घर पर मौजूद है। पुलिस पार्टी ने उसके घर पर छापामारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। 

वार्ड नं. 28 से टिकट कटने पर छोड़ी थी कांग्रेस

हरमेश पक्का ने नगर निगम चुनाव में पंजाब के वित्तमंत्री की ओर से शिअद छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं को टिकट देने का विरोध किया था। वह खुद अपने वार्ड नंबर 28 से चुनाव लड़ने का इच्छुक था। इतना ही नहीं उसने अपने वार्ड में कांग्रेस से संबंधित बैनर भी लगा दिए थे, लेकिन इसी वार्ड से शिअद छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए मास्टर हरमंदर सिंह संधू को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। इसके बाद हरमेश पक्का ने कांग्रेस से बागी होकर वार्ड नंबर 28 से चुनाव लड़ने की घोषणा बीते सोमवार को ही की थी और बठिडा सोशल ग्रुप ज्वाइन कर लिया था। सोशल ग्रुप में भी उसे चुनाव में समर्थन देने का ऐलान किया गया था।


कोरोना देश में:8 जनवरी को हर जिले में होगा वैक्सीनेशन का ड्राई रन, कल राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की अहम बैठक



नई दिल्ली।
देश में अगले हफ्ते से वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू होना है। इसके पहले 8 जनवरी को पूरे देश में एक साथ वैक्सीनेशन का ड्राई रन (रिहर्सल) होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश के हर जिले में ड्राई रन कराने का मकसद वैक्सीनेशन के दौरान आने वाली दिक्कतों की पहचान करना है। इधर, वैक्सीनेशन से पहले गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सभी राज्यों और UT के स्वास्थ्य मंत्रियों से चर्चा करेंगे।

वैक्सीनेशन का पहला ड्राई रन 28-29 दिसंबर को चार राज्यों के दो-दो जिलों में हुआ था। दूसरा ड्राई रन 2 जनवरी को देशभर के 116 जिलों में किया गया था। अब तीसरे ड्राई रन में देश के सभी जिले शामिल होंगे।

इधर, केरल में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने यहां एक हाई लेवल टीम भेजने का फैसला लिया है। इस टीम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसर और कई बड़े डॉक्टर्स शामिल होंगे। ये सभी केरल में कोविड-19 मैनेजमेंट के इंतजाम देखेंगे और इसकी रोकथाम में राज्य सरकार की मदद करेंगे। राज्य में पिछले 7 दिन के अंदर 35 हजार 38 नए मामले सामने आए हैं। यहां हर दिन 5 हजार लोग संक्रमित मिल रहे हैं।

दुनिया के टॉप-10 संक्रमित देशों की सूची से भारत बाहर

कोरोना पर राहत की खबर है। भारत अब दुनिया के टॉप-10 संक्रमित देशों की सूची से बाहर हो गया है। यहां एक्टिव केस अब 2.22 लाख बचे हैं। अब तक भारत इस मामले में 10वें नंबर पर था। पोलैंड 11वें नंबर पर था।

ठीक हुए मरीजों का आंकड़ा एक करोड़ के पार

देश में ठीक होने वाले कोरोना मरीजों का आंकड़ा एक करोड़ के पार हो गया है। मंगलवार को 17 हजार 909 कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई, 21 हजार 161 ठीक हो गए, जबकि 265 की मौत हो गई। एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 3531 की कमी आई। अब 2.22 लाख एक्टिव केस बचे हैं। अब तक कुल 1.03 करोड़ केस आ चुके हैं, 1 करोड़ 3 हजार मरीज ठीक हो चुके हैं और 1.50 लाख संक्रमितों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं।

पंजाब में 7 जनवरी से स्कूल खुलने की घोषणा से पहले शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार ने बठिंडा के स्कूलों का अचानक किया निरीक्षण


-स्कूलों में प्रबंधन व्यवस्था के साथ कोविड को लेकर की गई तैयारियों का भी लिया जायजा  

बठिंडा. राज्य सरकार ने 7 जनवरी से पांचवी कक्षा से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं को शुरू करने की घोषणा की है। इसी बीच सरकारी स्कूलों में कोविड बीमारी से लड़ने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए राज्य के शिक्षा सचिव स्कूल कृष्ण कुमार ने बठिंडा व मुक्तसर के स्कूलों का अचानक दौरा किया। इस दौरान शिक्षा विभाग पंजाब के सचिव शिक्षा स्कूल पंजाब कृष्ण कुमार की तरफ से बुधवार को अचानक से बठिंडा के कुछ स्कूलों का दौरा कर वहां दी जा रही शिक्षा व संसाधनों की जांच की। शिक्षा सचिव पंजाब की तरफ से स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से भी बात की व उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल करने के साथ कोविड के दौरान दी गई शिक्षा के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली। इस अचानक चैकिंग के दौरान जिला शिक्षा अफसर बठिंडा के किसी भी स्टाफ को पता नहीं लगा। सचिव ने बुधवार प्रातःकाल 9:50 बजे के करीब सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल गहरी बुट्टर में अचानक चैकिंग की। स्कूल प्रिंसिपल जसपाल सिंह ने बताया कि सचिव कृष्ण कुमार ने स्टाफ के साथ विद्यार्थियों की पढ़ाई की कारगुज़ारी के बारे में सभी क्लास इंचार्ज के साथ बातचीत की और स्कूल की कक्षाओं में दी जा रही बच्चों की पढ़ाई के बारे बच्चों के साथ बातचीत की। स्कूल में विद्यार्थी कोविड 19 की हिदायतें अनुसार कक्षा लगा रहे हैं या नहीं इसके बारे में भी स्टाफ के साथ बातचीत करते कहा कि शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने के लिए शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया जाये। 



इसके बाद सचिव शिक्षा ने पौने ग्यारह बजे सरकारी सेकेंडरी स्कूल पथरला में स्कूल की चैकिंग की। इस मौके उपस्थित प्रिंसिपल महेश कुमार ने बताया कि कृष्ण कुमार ने ग्यारहवी बारहवीं की कक्षाओं में बच्चों के साथ बातचीत करते स्कूल की कारगुजारी से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने स्कूल में आ रही समस्या के बारे प्रिंसिपल महेश कुमार के साथ बातचीत करते कहा कि स्कूल की इमारत बनाने के लिए जल्दी अनुदान देने का भरोसा दिया। इसके बाद उन्होंने जिला मुक्तसर साहिब के हलका गिद्दड़बाह के स्कूलों में में भी अचानक चैकिंग की। इस सम्बन्धित जब उप जिला शिक्षा अफसर इकबाल सिंह बुट्टर के साथ बातचीत की तो उन्होंने बताया कि शिक्षा सचिव के अचानक चैकिंग के बारे उनको कोई भी जानकारी नहीं थी। 

फोटो - बठिंडा के सरकारी सेकेंडरी स्कूलों में स्टाफ और विद्यार्थियों के साथ बातचीत करते शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ।


बठिंडा में मार्किट कमेटी के चेयरमैन मोहन लाल झुंबा की सुरक्षा वापिस लेने के बाद सियासी हलचल शुरू



बठिंडा. नगर निगम चुनावों के नजदीक आते ही जहां राजनीतिक उठापटक तेज हो रही है वही टिकट नहीं मिलने से नाराज बागी सोशल मीडिया की तरफ रुख कर रहे हैं। इसी बीच अब शहर में नए राजनीतिक समीकरण व घटनाक्रम चर्चा का विषय बन रहे हैं। इन दिनों सर्वाधिक राजनीतिक सर्गमी कांग्रेस के अंदर चल रही है। कांग्रेस नगर निगम चुनावों में सत्तारुढ होने के चलते अना मेयर बनाने की स्थिति में है व राजनीतिक तौर पर हमेशा से ही सत्ताधारी दल ही नगर निगम व नगर काउंसिल में अपना कब्जा जमाती रही है। इसके पीछे एक कारण लोग निकायों में सत्ताधारी दलों को जीताकर शहर के विकास की उम्मीद करते हैं जबकि विरोधी को जिताने पर उन्हें शहर के विकास के लिए फंड हासिल करने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शहर में कांग्रेस की मजबूती का लाभ मिलेगा यही सोचकर हर कोई उसकी टिकट हासिल करने की दावेदारी भी कर रहा है। वर्तमान में कांग्रेस ही अब तक अधिकतर वार्डों में अपने उम्मीदवार घोषित करने में सफल रही है। इस स्थिति मेें जिन लोगों को उम्मीदवारी की टिकट नहीं मिली उन्हें निराशा होना भी संभाविक है। कई सब्र का घूट पीकर पार्टी के कर्मठ वर्कर बन काम में जुट गए तो कई अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा पूरी करने के लिए दूसरे दलों की तरफ रुख कर रहे हैं। इस स्थिति में बगावती तेवर ज्यादा न हो इसके लिए हर दल अपने स्तर पर प्रयास भी कर रहा है। जब प्रयास होंगे तो  नए घटनाक्र भी ाए दिन घटित होंगे। 

इसी क्रम में बुधवार को पहला घटनाक्र उस समय चर्चा का कारण बना जब मार्किट कमेटी के चेयरमैन मोहन लाल झुंबा को मिली सरकारी सुरक्षा वापिस ले ली गई। इसे लेकर पुलिस प्रशासन ने तर्क दिया कि जब चेयरमैन झुंबा को सरकारी तौर पर सुरक्षा मिली ही नहीं तो वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। वही मोहन लाल झुंबा ने कहा कि उनकी सुरक्षा वापिस लेने के बाद अगर किसी तरह की अनहोनी होती है तो उसके लिए जिला पुलिस जिम्मेवार होगी। फिलहाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व में शहरी प्रधान व वर्तमान में कांग्रेस के ही कोटे से मार्किट कमेटी के चेयरमैन बनने वाले मोहन लाल झुंबा को लंबे समय से सुरक्षा मिली हुई थी। इसमें कांग्रेस प्रधान रहते उनकी तरफ से सिस्टम के खिलाफ आवाज बुलंद करने व उन्हें कुछ लोगों की तरफ से धमकिया मिलने के बाद उनकी जान को खतरा बताया जा रहा था व इसी कारण से उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई थी। पहले चार व बाद में दो व अब एक सुरक्षा कर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात था लेकिन उसे भी बुधवार को वापिस बुला लिया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व वर्तमान चेयरमैन की सुरक्षा वापिस लेना वह भी नगर निगम चुनाव के नजदीक कई तरह से सवालों को जन्म दे रहा है। इसमें सूत्र खुलासा करते हैं कि कांग्रेस में अपने करीबियों को टिकट दिलवाने की कोशिश कई नेता कर रहे हैं। इसमें कुछ लोगों को टिकट मिल रही है जबकि कई लोगों को टिकट नहीं मिलने के बाद नेता हाईकमान या फिर उच्च स्तर पर शिकायते भी कर रहे हैं। पिछले दिनों तो रातों रात पूर्व विधायक हरमंदर सिंह जस्सी के समर्थकों ने अपना गुस्सा दिखाते शहर में उनके बैनर व बोर्ड लगा दिए। इसे लेकर भी कांग्रेस में काफी गहमा गहमी रही कि आखिर यह सब कौन कर रहा है क्योंकि हरमंदर सिंह जस्सी बठिंडा से विधायक रहे हैं व काफी समय से शहर की राजनीति से दूर होकर तलवंडी साबों में राजनीति जमीन तैयार कर रहे हैं। 

वही इसमें कई नेता तो कांग्रेस का दामन छोड़ सोशल मीडिया ग्रुप में शामिल होकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर रहे हैं। पिछले दिनों बठिडा सोशल ग्रुप ने नगर निगम चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद कांग्रेस छोड़ने वाले चार नेता इस ग्रुप में शामिल हो गए व अब अपने वार्डों से सोशल ग्रुप की तरफ से आजाद चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। ग्रुप में शामिल होने वाले नेताओं में हरमेश कुमार बासंल पक्का, पूर्व पार्षद राजा सिंह, राजिदर कुमार गोल्डी व हरविदर सिंह चहल शामिल थे। इनमें हरमेश कुमार बांसल पक्का को बुधवार को पुलिस ने साल 2014 के एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पिछले छह साल से उक्त मामला लंबित चल रहा था व चुनाव से पहले उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इन नेताओं ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के प्रति गत दिनों आयोजित प्रेसवार्ता में गुस्सा प्रकट किया था। फिलहाल बुधवार को घटित दो घटनाक्रमों ने संकेत दे दिए है कि आने वाले दिनों में नगर निगम के चुनाव कांग्रेस ही नहीं बल्कि सभी दलों के लिए काफी हेरफेर वाले होंगे। इसमें आए दिन नए घटनाक्रम भी घटित होंगे क्योंकि कोई भी दल नहीं चाहता है कि बागी चुनाव के दौरान उनका खेल बिगाड़े। 


Bathinda- तीन साल से नीले कार्ड नहीं बनाने के विरोध में फूटा लोगों का गुस्सा, डीसी को मांग पत्र देने के बाद किया प्रदर्शन



-राजनीतिक कारणों से राशन कार्ड काटने व मामले में किसी तरह की सुनवाई नहीं करने का लगाया आरोप 

बठिंडा. जिले के गांव अकलिया कला में रहने वाले सैकड़ों लोगों ने नीले कार्ड काटने व तीन साल से किसी तरह की सुविधा नहीं देने का आरोप लगाया है। इस बाबत स्थानीय लोगों ने ग्राम पंचायत के साथ मिलकर मांगपत्र डीसी बठिंडा को सौंपा। इसमें कुलविंदर सिंह, गुरमेल सिंह, दर्सन सिंह ने बताया कि वर्तमान में 785 के करीब परिवार ऐसे हैं जिनके तीन साल पहले हुई वैरिफिकेशन में नीले कार्ड काट दिए गए थे। इसके बाद उन्होंने कई बार फूड सप्लाई विभाग के पास नीले कार्ड शुरू करवाने के लिए आवेदन दिया लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की व आज तक कार्ड फिर से नहीं बन सके हैं। इसमें राजनीतिक कारणों से कार्ड काटने का आरोप भी उक्त लोगों ने लगाया। वही चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने मामले मे दखल देकर जल्द उनकी समस्या का हल नहीं निकाला तो वह आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।


 उन्होंने आरोप लगाया कि वह जब भी राशन व कार्ड संबंधी इलाके के डिपो होल्डरों के पास जाते हैं तो उनके साथ पक्षपात किया जाता है व अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान प्रभावित लोगों ने मांग पत्र देने के बाद धरना प्रदर्शन भी किया व प्रशासन के साथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर उनकी समस्या हल कर काटे गए नीले राशन कार्ड फिर से शुरू करने की मांग रखी। गौरतलब है कि राज्य में अकाली-भाजपा सरकार के समय में हजारों लोगों के बने नीले कार्डों की कांग्रेस सरकार ने फिर से जांच करवाई थी। इसमें तय नियमों से उलट बने कार्डों को वैरिफिकेशन के बाद काट दिया गया था। इसी दौरान अकलिया गांव में भी सैकड़ों लोगों को संदिग्ध मानते उनके नीले कार्ड काट दिए गए थे व विभाग ने इस बाबत संदिग्ध लोगों को फिर से दावेदारी करने के लिए कहा था। इस गांव के लोगों की तरफ से प्रशासन के पास फिर से नीले कार्ड शुरू करवाने के लिए आवेदन किए थे लेकिन इसमें आज तक किसी तरह की सुनवाई नहीं हो सकी है जिसके चलते इलाके के सैकड़ों लोगों में प्रशासन व सरकार के खिलाफ गुस्सा है। 

फोटो -नीले कार्ड काटे जाने के विरोध में प्रदर्शन करते गांव अकलिया व आसपास के गांवों के लोग। 

 

 


Bathinda-जनवरी में शुरु होने वाले पहले चरण में 4359 गवर्नमैंट और 4798 प्राईवेट कर्मियों को लगेगी कोरोना वैक्सीन


 

-सिविल सर्जन व डीसी की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में तैयारियों का लिया गया जायजा

बठिंडा . जिले में कोरोना वायरस के खातमे के लिए सभी विभागों के प्रशासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने कमर कस ली है। सेहत विभाग जनवरी में शुरु होने वाले पहले चरण में 4359 गवर्नमैंट और 4798 प्राईवेट कर्मियों को वैक्सीन लगाकर मुहिम में शामिल करेगा। सेहत विभाग बठिंडा की तरफ से सिविल सर्जन डा.तेजवंत सिंह के नेतृत्व में नेशनल पल्स पोलियो राउंड और कोविड-19 के टीकाकरण को लेकर दफ़्तर डिप्टी कमिशनर बठिंडा में जिला टास्क फोर्स की मीटिंग बुधवार को आयोजित की गई। इस मीटिंग की अध्यक्षता डिप्टी कमिशनर बठिंडा बी. श्रीनिवासन की तरफ से गई। इस मीटिंग में समूह सीनियर मैडीकल अफ़सर, शिक्षा विभाग, स्त्री और बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, बिजली बोर्ड बठिंडा, फूड सप्लाई विभाग, जी.एन.एम. ट्रेनिंग स्कूल, नगर निगम बठिंडा, रेलवे विभाग, एम्ज, मैक्स अस्पताल, आदेश हस्पताल और मैडीकल कालेज भु्च्चो, आर्मी हस्पताल बठिंडा, आई.एम.ए, आई.पी.ए. और समाज सेवीं संस्थायों के प्रतिनिधियों और अन्य विभागों के मुखिया की तरफ से शिरक्त की गई। इस मौके सिविल सर्जन बठिंडा डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने जानकारी देते बताया कि कोविड-19  के टीकाकरण के लिए सेहत विभाग की तरफ से मुकम्मल तैयारियाँ कर ली गई हैं। टीकाकरण के साथ सम्बन्धित समूह आधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डीं.सी.जी.आई.( ड्रग कंट्रोलर आफ इंडिया) की तरफ से दो वैक्सीन को एमरजैंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी प्रदान की गई है। आने वाले दिनों में जो भी गाईड लाइन सरकार की तरफ से प्राप्त होंगी उन हिदायतों की पालना करते हुए यह टीकाकरण मुहिम शुरू कर दी जाएगी। जिला टीकाकरन अफसर डा. मीनाक्षी सिंगला ने जानकारी देते बताया कि पहले चरण में 4359 गवर्नमैंट और 4798 प्राईवेट लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। दूसरे चरण में फरंट लाईन वर्कर और तीसरे कृपा में 50 साल की उम्र से ऊपर के व्यक्तियों का टीकाकरन किया जायेगा और चौथे चरण में 50 साल से कम उम्र के जो (पहले किसी रोग से पीडित हैं) जिसमें शुगर, टी.बी., दिल के रोग, हाईपरटैनशन आदि बीमारियों से पीड़ित लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। डिप्टी कमिशनर बठिंडा बी.श्रीनिवासन की तरफ से मीटिंग में उपस्थित समूह विभागों के मुखियों को हिदायत की गई कि इस मिशन में सेहत विभाग की माँग अनुसार पूर्ण सहयोग दिया जाए और सरकार की हिदायतें की पालना सख्ती से की जाए। इस मौके डिप्टी मैडीकल कमिश्नर डा: रमनदीप सिंगला, अर्बन नोडल अफ़सर डें पामिल बांसल, डिप्टी एम.ई.आई.ओ. कुलवंत सिंह, प्रोजैक्सनिस्ट केवल कृष्ण शर्मा, ज़िला बी.सी.सी. कोआर्डीनेटर नरिन्दर कुमार, एस.आई. नरदेव सिंह और वीरपाल सिंह उपस्थित थे।



वही बैठक में बताया गया कि नेशनल पल्स पोलियो मुहिम 17 से 19 जनवरी तक चलाई जा रही है। जिस में 0 से 5 साल के तक की उम्र 153055 बच्चों को यह बूंदें पिलाईं जाएंगी। इस राउंड दौरान बच्चों को कवर करने के लिए जिले के अंदर 699 बूथ, 32 ट्रांजिट टीमें, 29 मोबाइल टीमें, 1247 घर से घर जाने वाली टीमों का गठन किया गया है। सिविल सर्जन बठिंडा ने अपील की कि अपने 0 से 5 साल तक के बच्चों को पोलियो बूँदें ज़रूर पिलाए। चाहे बच्चा बीमार हो, चाहे दस्त लगे हो या फिर चाहे रुटीन की खुराक कोई ले रखी हो तो भी इस मुहिम के दौरान बच्चे को यह पोलियो की बूँदें ज़रूर पिलाईं जाएं। डिप्टी कमिश्नर बठिंडा बी श्रीनिवासन ने समूह विभागों के मुखिया को हिदायत की गई कि इस मुहिम के दौरान सेहत विभाग को पूर्ण सहयोग दिया जाए ताकि 0 से 5 साल की उम्र के बच्चों को यह पोलियो बूँदें पिलाईं जा सकें। इस मौके डिप्टी मेडीकल कमिशनर डा. रमनदीप सिंगला, अर्बन नोडल अफ़सर डें पामिल बांसल, डिप्टी एम.ई.आई.ओ. कुलवंत सिंह, प्रोजैक्सनिस्ट केवल कृष्ण शर्मा, ज़िला बी.सी.सी. कोआर्डीनेटर नरिन्दर कुमार, एस.आई. नरदेव सिंह और वीरपाल सिंह उपस्थित थे। 

फोटो सहित-बीटीडी-11,12- कोरोना वैक्सीन व पल्स पोलियो अभियान को लेकर बैठक करते डीसी बी श्रीनिवासन व सिविल सर्जन तेजवंत सिंह। 







संघ प्रमुख मोहन भागवत पर आपत्तिजनक टिप्पणी से भड़के स्वयंसेवक, जालंधर में डीसी तक पहुंचा मामला


जालंधर।
 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक तस्वीर लगाकर अभद्र टिप्पणी करने से जालंधर में स्वयंसेवक गुस्से में हैं। मंगलवार को यह मामला डिप्टी कमिश्नर तक पहुंच गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महानगर शाखा ने यूथ अकाली दल नेता अयूब दुग्गल के खिलाफ शिकायत दी है। उनका आरोप है कि दुग्गल ने इंटरनेट मीडिया पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। 

डीसी को मेमोरेंडम देते समय संघ के महानगर संघचालक डा. सतीश शर्मा, सह कार्यवाह अश्विनी कुमार, सुशील सैनी, महेश गुप्ता, सुशील दत्ता, सुमेश लूथर, पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया, पूर्व विधायक केडी भंडारी, भाजपा प्रवक्ता मोहिंदर भगत समेत कई भाजपा नेता भी मौजूद रहे।


खुशखबरीः कल से पंजाब में खुलेंगे 5वीं से 12वीं तक के सभी स्कूल


 

चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूल खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। 7 जनवरी से स्कूल खुल जाएंगे और 5वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी ही आएंगे। प्रदेश के शिक्षामंत्री विजयइंदर सिंगला ने प्रेस नोट जारी करके यह जानकारी दी। बता दें कि कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से सूबे में शैक्षिक संस्थान बंद हैं। हालांकि, बीच में स्कूल खोलने की पहल की गई थी, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते स्कूल खोले नहीं गए।

अब फिर से पहल करते हुए पंजाब सरकार स्कूल खोलने जा रही है। स्कूलों का समय सुबह 10 से दोपहर 3 तक रहेगा। शिक्षामंत्री के इस फैसले पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने भी अपनी सहमति जता दी है। लेकिन, उन्होंने कोरोना नियमों का पालन करने और एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। सभी स्कूल प्रबंधकों को सेहत विभाग की तरफ से जारी की हिदायतों का सख़्ती से पालना करने के लिए कहा गया है।

जानकारी अनुसार कोरोना काल में बंद पड़े स्कूल अब पूरी तरह से खुलने जा रहे हैं। पंजाब शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिंगला ने ऐलान कर दिया है कि 7 जनवरी से पंजाब में सभी स्कूल खुलेगें। मंत्री के अनुसार, सरकारी, अर्ध सरकारी और निजी स्कूल  5वीं से लेकर 12वीं तक सभी स्कूल खुलेंगे और अब फिर से विद्यार्थी स्कूल जा सकेंगे।पंजाब सरकार ने यह ऐलान करते हुए कहा है कि अब पंजाब में फिर से सारे स्कूल खुलेंगें और करीब 10 महीने बाद फिर से विद्यार्थी स्कूल जाकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगें। पंजाब में सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक स्कूल खुलेंगे और स्कूल खुलने के बाद बच्चों को पूरी एहतियात बरतनी जरुरी होगी।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही पंजाब में 9वीं और 12वीं तक के विद्यार्थियों को स्कूल जाने की अनुमति दी गई थी, हालांकि स्कूल पूरी तरह से खुले नहीं थे। कुछ महीने पहले छोटी कक्षाओं के लिए स्कूलों को नहीं खोला गया था। बच्चे सिर्फ स्कूल मे जाकर काम ले सकते थे और सिर्फ 10वीं 12वीं के बच्चे ही स्कूल में आ सकते थे, वो भी बच्चों के परिवारों की सहमति से ही। अगर परिवार उन्हें भेजे तभी बच्चे स्कूल जा सकते थे. लेकिन पिछले साल कोरोना काल में बंद पड़े स्कूलों में अब फिर से रौनक लौट आएगी। 
 
स्कूल आना बच्चों की इच्छा पर निर्भर
शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिंगला ने कहा कि अगर बच्चे स्कूल आना चाहता है तो आ सकता है और अगर बच्चा स्कूल नहीं आना चाहता वो ना आए। इससे बच्चे की रिपोर्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
 
स्कूलों को पूरी तरह किया जाएगा सैनिटाइज
मंत्री ने कहा कि स्कूल खुलने के बाद स्कूलों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा और बच्चों को स्कूल में मास्क पहन कर आना जरुरी होगा और बच्चों को सैनिटाइज बी इस्तेमाल करना जरुरी होगा.वहीं मंत्री ने कहा कि इम्तिहानों को देखते हुए ही स्कूलों को खोलने का फैसला लिया गया है।

बठिंडा -मास्टर हरपाल सिंह की आत्मिक शांति के लिए पाठ का भोग 10 जनवरी को

 


बठिंडा. नरवाणा रोड बठिंडा में रहने वाले मास्टर हरपाल सिंह का गत दिनों देहांत हो गया था। सामाजिक कार्यों में अग्रणी व धार्मिक प्रवृति को मास्टर हरपाल सिंह के देहांत पर कभी पूरा नहीं होने वाला नुकसान समाज को हुआ है। मास्टर हरपाल के पुत्र अमनदीप सिंह ने बताया कि उनके पाठ का भोग व अरदास 10 जनवरी रविवार को दोपहर 12 से एक बजे तक गुरुद्वारा सत्संग सभा रेलवे कालोनी ठंडी सड़क में रखा गया है। जिंदगी भर बच्चों को शिक्षित करने के साथ नैतिक शिक्षा व तंदरुस्तु का पाठ पठाने वाले मास्टर जी के सैकड़ों शागिर्द आज विभिन्न क्षेत्रों में अपना नाम कमा रहे हैं। सेवा से निवृत होने के बाद भी उनका बच्चों से खासा लगाव रहा व समय-समय पर विभिन्न खेल समागमों में हाजिर होकर अपनी जिंदगी के अनुभव व खेल के गुरों के बारे में लोगों को जागरुक करने का काम करते थे।


बठिंडा शहर की स्वच्छता के नाम पर लाखों की बर्बादी : पांच साल में शहर में तीसरी बार डस्टबिन लगाए जा रहे, करीब 55 लाख रुपए खर्च


 

बठिंडा. नगर निगम शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर पूरी तरह गंभीर है तथा स्वच्छता अभियान में तीन बार हैट्रिक कर पंजाब के अलावा देश में भी अहम स्थान हासिल कर चुका है। लोगों के सहयोग व सफाई कर्मियों के दम पर शहर को साफ सुथरा रख रहे नगर निगम के लिए यह बहुत खुशी की बात है, लेकिन दूसरी ही तरफ नगर निगम डस्टबिनों पर ही पैसा पानी की तरह बहा रहा है जिसका आंकलन इस बात से किया जा सकता है कि 2015-16 से लेकर अभी तक पांच साल में तीसरी बार करीब 15 से 20 लाख रुपए के लोहे के डस्टबिन शहर में विभिन्न जगहों पर लगाए जा रहे हैं ताकि शहर को कचरे से बचाया जा सके, लेकिन इस प्रक्रिया में डस्टबिन को रिपेयर करने की बजाए सीधे उखाड़ नए इंस्टाल किए जा रहे हैं जो रखरखाव के अभाव में बेवजह साल दो साल में ही टूट रहे हैं तथा जनता का कीमती पैसा डस्टबिनों पर ही बहता दिख रहा है। स्टील के करीब 25 लाख के डस्टबिन जहां थोड़े समय में ही चोरी हो गए, लेकिन निगम इसकी कोई एफआईआर नहीं करवा पाया। इसी तरह 2018 में इंस्टाल किए डस्टबिन फिर टूट गए जो अब नए लगवाने की पुन नौबत आ गई है। ऐसे में 50 लाख से अधिक रुपये डस्टबिनों पर ही खर्च हो गए हैं।

न डस्टबिन के रखराखव की कोई योजना, न चोरी होने से बचाने का उचित प्रबंध

रखरखाव के अभाव में पब्लिक संपत्ति की हो रही है बर्बादी
बठिंडा नगर निगम जितनी शिद्दत से शहर को साफ रखने का काम करता है, अगर उसका आधा भी शहर को साफ रखने में अहम रोल देते डस्टबिन के रखरखाव पर लगा दे तो शायद यह सालों ही खराब नहीं हों। लगातार कचरे से अटे रहने के अलावा इंस्टालेशन के बाद ना तो इनमें पुन कभी प्राइमर किया जाता है तथा ना ही इन्हें फिर रंग-रोगन किया जाता है। वहीं क्वालिटी को लेकर एफएंडसीसी के सदस्य ही सवाल उठा रहे हैं। पूर्व एफएंडसीसी मैंबर निर्मल संधू कहते हैं कि निगम का कीमती पैसा डस्टबिन पर बार-बार खर्च करना सही नहीं है। अगर शहर में अच्छी क्वालिटी के डस्टबिन लगाकर उनका सही रखरखाव किया जाए तो यह खराब ही नहीं हों।मोहाली की तर्ज पर पूर्व निगम कमिश्नर अनिल गर्ग ने स्टील के 150 से अधिक डस्टबिन लगवाए थे।

इस पर करीब निगम ने करीब 22 से 25 लाख रुपए खर्च किए थे, लेकिन धीरे-धीरे इनके टूटने के अलावा यह चोरी भी होते गए जिसमें जिम्मेदार निगम अधिकारियों द्वारा इनकी पैरवी के अभाव में पुलिस में भी कोई शिकायत नहीं दी गई। इसके बाद निगम ने शहर मंे 2018 में 200 से अधिक लोहे के डस्टबिन लगवाए, लेकिन उनके रखरखाव व रिपेयर के अभाव में वह भी कचरा-कचरा होने शुरू हो गए तथा हालत यह है कि निगम की यह संपत्ति आपको शहर के अलग-अलग कोनों में उखड़ी मिल जाएगी जिसे या तो तोड़ दिया गया या फिर आसपास के लोगों द्वारा रेगुलर सफाई नहीं होने से कचरा इकट्ठा होने के चलते उखाड़कर फेंक दिया गया, लेकिन जो सही हैं या हलके खराब हैं, उन्हें रिपेयर की जाए सीधे उखाड़कर नए लगाए जा रहे हैं। अब तीसरी बार करीब 120 से 150 लोहे के डस्टबिन पर 10 से 15 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं।

हमारी बात अनसुनी की
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दूसरी बार जब डस्टबिन लगाए जाने थे तो बतौर एफएंडसीसी मैंने व सीनियर डिप्टी मेयर तरसेम गोयल ने मीटिंग में कहा था कि डस्टबिन अच्छी क्वालिटी का लगाना चाहिए, लेकिन हमारी बात अनसुनी कर दी गई। बार-बार पैसा लगाने की बजाए अच्छी क्वालिटी के डस्टबिन लगें।
गुरिंदरपाल कौर मांगट, पूर्व डिप्टी मेयर, नगर निगम, बठिंडा

 

स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत लगाए थे डस्टबिन

नगर निगम की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के तहत शहर में सार्वजनिक स्थानों पर जनवरी 2018 में 237 लगाए गए थे। ताकि इसके प्रतियोगिता में अंक हासिल किए जा सकें। आखिर निगम को इसका लाभ भी मिला। प्रतियोगिता में इसके अच्छे अंक मिले और बठिंडा को राज्य में प्रथम स्थान हासिल हुआ। इन डस्टबिनों पर करीब 24 लाख रुपये खर्च हुए थे। लेकिन सर्वेक्षण संपन्न होने के बाद निगम ने इनके रखरखाव एवं सफाई के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया। लोगों ने भी इनका सदुपयोग नहीं किया। आखिरकार यह डस्टबिन कबाड़ में तब्दील होने लगे। धीरे-धीरे कूडे के डंप ही बन गए। कई पूरे के पूरे डस्टबिन चोरों ने चोरी कर लिए। जबकि बड़ी गिनती में डस्टबिनों के अंदर से प्लास्टिक के डिब्बे (डस्टबिन) चोरी कर लिए गए। पहले जब यह डस्टबिन तोड़े या चोरी हुए थे तो नगर निगम की ओर से तुरंत पुलिस के पास शिकायतें भी दर्ज कराई गईं, लेकिन उसके बाद शिकायतें दी जानी भी बंद हो गई।

सफाई को भी नहीं रखे 27 कर्मचारी

बीती 12 मार्च को हुई नगर निगम के जनरल हाउस की बैठक में इन डस्टबिनों की सफाई के लिए 25 कर्मचारी रखने का प्रस्ताव भी रखा गया था। लेकिन कर्मचारी रखने से पहले बैठक में इसकी गिनती की पड़ताल करने के लिए सब कमेटी के गठन की घोषणा कर दी गई। सब कमेटी ने पड़ताल तो क्या करनी थी, अभी तक एक बैठक भी नहीं की। सफाई कर्मी रखना तो दूर की बात रही। स्थिति यह है कि सफाई के अभाव में यह डस्टबिन बदबू का जरिया बन हुए हैं। जिनकी अब स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 की प्रतियोगिता के लिए मरम्मत की तैयारियां की जा रही हैं।

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