लोगों ने लगाया आरोप-चुनाव से पहले थाना सिविल लाइन में दी थी शिकायत, राजनीतिक संरक्षण व पुलिस मिलीभगत से नही हो रही कंपनी संचालकों पर कारर्वाई
बठिंडा, 25 फरवरी(जोशी). विदेश जाकर नौकरी करने के इच्छुक युवाओं के साथ बठिंडा की दो इमीग्रेशन कंपनियों ने लाखों रुपए लेकर फर्जी वीजा दे दिए और जब तक लोग वीजा की जांच करवा पाते उससे पहले दोनों इमीग्रेशन कंपनियों के दफ्तर बंद हो गए और मुलाजिमों का नंबर बंद आ रहा है। जिले में बिना किसी लाइसेंस व मंजूरी के चल रहे इमीग्रेशन कंपनियों को राजनीतिक व प्रशासकीय संरक्षण मिले होने के चलते लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। इसी तरह के मामले में बठिंडा में एक कंपनी ने दर्जनों लोगों से लाखों रुपए ठग लिए जिसमें अब पुलिस भी किसी तरह की कारर्वाई नहीं कर रही है। जानकारी के अनुसार चिल्ड्रन पार्क सिंह में एकत्रित हुए दो दर्जन के करीब युवाओं ने पुलिस के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए कहा कि शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ितों सलीम मोहम्मद, लाल चंद, राजवीर सिंह, यासीन मोहम्मद, सिकंदर दीन, सुखचैन सिंह ने बताया कि वो सभी बेराेजगार हैं। उन्होंने सोशल मीडिया में दो इमीग्रेशन कंपनियों की एड देखी थी जिससे संपर्क करने के बाद वो बठिंडा के 100 फीट रोड पर स्थित कोस्मो अस्पताल के सामने स्थित इमीग्रेशन कंपनी के दफ्तर पहुंचे। यहां प्रत्येक से 60 हजार से लेकर 80 हजार रुपए ले गए जब कि 5 हजार रुपए प्रति व्यक्ति मेडिकल का लिया गया जो एमजे अस्पताल से करवाया गया। सभी को पैसे लेकर वीजा दे दिया गया और 10 दिन बुलाया गया, जब वो पिछले दिनों आए तो दोनों इमीग्रेशन कंपनियों के दफ्तर बंद थे। उनकी डीलिंग स्नेहा नामक एक युवती से हुई थी। जिसको सभी ने पैसे जमा करवाए और कई लोगों ने एक बैंक खाते में पैसे जमा करवाए। लेकिन उक्त सभी लोगोंके नंबर बंद आ रहे हैं। उन्होंने 18फरवरी को थाना सिविल लाइन में शिाकयत दी थी तब एसएचओ जसविंदर सिंह थे। उन्होंने कहा था कि चुनाव केबाद ही कार्रवाईहोगी लेकिन अभी तक काेई कार्रवाई नही की।
फोटो सहित- बठिंडा में जालसाजी के शिकार लोग शिकायत देने जाते।