पीड़िता ने दिए थे जान से मारने के बयान, 15 दिन बाद एफआईआर, उसमें भी पुलिस ने सिर्फ दुर्घटना की धाराएं लगा की खानापूर्ति
लुधियाना। बरनाला से पुलिस भर्ती का फॉर्म लेकर बाइक पर लौटते समय युवती से कार सवार 4 युवकों ने छेड़छाड़ की। विरोध करने पर उन्होंने उसे टक्कर मार दी। इससे युवती के कमर से पैरों तक हड्डियां टूट गईं। मामले में पुलिस ने पहले तो 15 दिन एफआईआर दर्ज नहीं की। अगर दर्ज की तो उसमें बयानों के मुताबिक धाराएं नहीं लगाई। अब पीड़ित परिवार डीजीपी-एसएसपी जगराओं को शिकायत देगा। परिवार ने पुलिस पर कथित मिलीभगत का आरोप लगाया।
सुधार पुलिस ने बसंत एवेन्यू प्रेम नगर की चांदनी तिवारी की शिकायत पर गांव टूसा के करनदीप सिंह के खिलाफ पर्चा दर्ज किया है। आरोपी की ऑल्टो ट्रेस करने से लेकर उनका पता लगाने तक भागदौड़ परिवार ने खुद की। जबकि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसी समय जमानत भी दे दी।
मैंने पुलिस बुलाने की बात की तो पहले आरोपी चले गए, फिर रॉन्ग साइड से आकर मारी टक्कर-
मैं 30 जनवरी सुबह मोटरसाइकिल पर बरनाला में दीदी किरन से मिलकर शाम करीब 4.30 बजे लौट रही थी। करीब 5.15 बजे मैं टूसे गांव के पास पहुंची तो लुधियाना से बरनाला की तरफ ग्रे रंग की ऑल्टो में चार युवक जा रहे थे। उनकी उम्र 22 से 24 साल के करीब थी। वे छेड़छाड़ और भद्दे कमेंट कर रहे थे और किडनैपिंग की बात कहने लगे। मैं रुकी और पुलिस बुलाने को कहा। उन्होंने मुझे मार देने की बात कही। मैंने बाइक चलाई तो युवक तेज रफ्तार से ओवरटेक करते हुए आगे निकल गए, लेकिन फिर यू-टर्न लेकर आए।
वह रॉन्ग साइड कार लाए और सामने से टक्कर मार दी। मैं इस कारण बाइक समेत कार के बोनट पर जा गिरी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि हैंडल मेरी टांग में घुस गया। उन्होंने कार की रफ्तार और बढ़ा दी, जिससे कार गड्ढे में घुसी और मैं
उछलते हुए खेतों में जा गिरी। इसके बाद मैं उठ ही नहीं पाई। बाइक करीब 50 मीटर दूर जा गिरी। बाइक के कई पार्ट्स मेरी पेट के नीचे पैरों तक सारे शरीर में घुस गए। मैं तड़पती रही। युवक कार से उतरे और बोले कि लै वी ऐ तां ऐहदा ई मर गई कहकर भाग निकले। -जैसा कि पीड़िता चांदनी ने बताया
भाई ने खुद होशियारपुर जाकर ट्रेस की कार -पीड़िता के भाई सचिन तिवारी के मुताबिक मौके पर कार की नंबर प्लेट मिलने से आरोपी का पता चला। पुलिस को सूचना दी तो रात 12.30 बजे मुलाजिम अस्पताल आए और सुबह कार्रवाई की बात कह चले गए, मगर दोबारा नहीं आए। कार का नंबर ट्रेस किया तो वह होशियारपुर का था। वहां गए तो कार के चार और मालिकों का पता चला। चारों से मिलने का बाद आरोपी का पता चला। 12 दिन मुलाजिम ने व्यस्त होने की बात कह खुद लिखकर बयान देने को कहा। थाने गया तो आरोपी पक्ष ने पुलिस के सामने कहा कि जो करना है, वो कर लो। हम कार्रवाई नहीं होने देंगे। पुलिस और आरोपी राजीनामे को दबाव डालते रहे तो देरी से पर्चा हुआ।
मेरी जिंदगी नर्क बना दी, दिलाऊंगी सजा -चांदनी के अनुसार उसने 12वीं के बाद मॉल में नौकरी शुरू की। 2016 से पुलिस भर्ती होने का सपना देखा। अब मई में भर्ती के लिए 6 माह से रोज सुबह-शाम 3 किमी. दौड़ती थी। डॉक्टर का कहना है कि वह दो साल बिस्तर से नहीं उठ पाएगी। अगर कभी उठी तो पूरी जिंदगी दौड़ नहीं पाएगी। उसने कहा कि आरोपियों ने उसकी जिंदगी नर्क बना दी। अब अकेली रोती रहती है। अगर ऐसे ही अाला अफसरों के पास जाना पड़ा तो वह जाएगी, मगर आरोपियों को सख्त सजा दिलवाकर ही रहेगी।
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