बठिडा: कोट फत्ता गांव में बुआ की औलाद के खातिर बली दिए गए दो दलित मासूम बहन भाई के मामले में पिछले 4 सालों से उचित कार्रवाई करने पर स्थानीय अदालत ने तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए हैं।
मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को रखी गई है। कोट फत्ता गांव में मासूम भाई-बहन की बुआ अमनदीप कौर के औलाद न होने के कारण कालियांवाली के तांत्रिक लखविदर सिंह उर्फ लक्खी के कहने पर 3 वर्षीय अनामिका तथा उसके भाई 5 वर्षीय रणजोध सिंह की बेरहमी से बली दे दी गई थी। 8 मार्च 2017 की इस घटना में पुलिस इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार की तरफ से कत्ल के इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। दोहरे कत्ल के इस मामले में मृतक बच्चों की दोषी दादी निर्मल कौर व पिता कुलविदर सिंह तो बेशक केंद्रीय जेल में बंद हैं।
लेकिन मुख्य आरोपी लखविदर सिंह लक्खी को पुलिस ने खाना नंबर दो में रखकर निकाल दिया। परंतु फिर भी अदालत ने उसे तलब किया हुआ है। तत्कालीन एसएचओ कृष्ण कुमार ने 4 सालों से बाकी मृतक बच्चों की बुआ सहित अन्य अन्य दोषियों के खिलाफ अभी तक चालान नहीं पेश किया है। इस मामले की इंसाफ कमेटी के भाई परमजीत सिंह जग्गी बाबा तथा बलजिदर सिंह कोटभारा ने बताया कि इससे पहले बीती 15 मार्च को तत्कालीन थाना प्रभारी को तलब किया गया था परंतु वह पेश नहीं हुआ। फिर उसे आज वीरवार को अदालत में तलब किया गया था लेकिन आज भी वह हाजिर नहीं हुआ। इस पर अदालत ने उसके जमानती वारंट जारी कर दिए हैं।
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