बठिडा। जिले में हुए निकाय चुनावों के कारण फरवरी महीने में बंटने पर सस्ता अनाज डिपुओं पर अब डेढ़ महीने की देरी के बाद पहुंचा है। इससे पहले जिले में अगस्त माह में लोगों को अनाज बांटा गया था। हालांकि यह अनाज जनवरी के आखिरी हफ्ते में डिपुओं पर पहुंच जाता है, लेकिन इस बार चुनावों ने इसको रोक दिया था। जिले में दो लाख 346 कार्ड होल्डर सस्ते अनाज का लाभ ले रहे हैं। जिन पर विभाग के पास 7,47,784 उपभोक्ता रजिस्टर्ड हैं। इनके लिए जिले में 22,151 टन अनाज की एलोकेशन जारी हुई है।
बठिडा जिले की 14 लाख आबादी है, इस हिसाब से जिले में 55 फीसद लोग सस्ते अनाज पर निर्भर हैं। ऐसे में इन लोगों के लिए अनाज की एलोकेशन को देरी से जारी करना, उनके लिए परेशानी पैदा कर सकता है। सस्ता अनाज लेने वाले ज्यादातर लोग दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का गुजारा करते हैं। इन हालातों में अगर अनाज आने में देरी हो जाती है तो उनके महंगे दाम पर बाजार से गेहूं खरीदना पड़ता है।
लिस्ट में नए कार्डधारक नहीं किए शामिल
बठिडा शहर में सबसे ज्यादा 33 हजार कार्ड धारक हैं, जबकि माइसर खाना में सबसे कम 2457 कार्ड धारक हैं। हालांकि जिन लोगों के नए कार्ड बने हैं, उनको विभाग की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया। इस कारण उनको अनाज लेने के लिए अब दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है।
कांग्रेस की सरकार आते ही कट गए थे कई कार्ड
2017 में जब कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो सबसे पहले आटा दाल कार्डों की जांच के आदेश दिए। इसके बाद पता चला कि आटा दाल स्कीम के कार्ड ऐसे लोगों के भी बने हुए हैं, जिनके पास एसी गाड़ियां, सरकारी नौकरी या कोठियां हैं। इस पर सरकार ने संज्ञान लेते हुए कार्डों को काट दिया। 2017 में कार्डों की गिनती 2.18 लाख से कम होकर 1.62 लाख रह गई। लोगों के विरोध के बाद कार्ड फिर से बहाल कर दिए गए। डीएफएससी जसप्रीत सिंह काहलों का कहना है कि सरकार के आदेशों पर ही कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल नए बने कार्डधारकों व पुराने सभी कार्डधारकों के लिए अनाज जारी होगा।
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