चंडीगढ़। पंजाब में आने वाले कुछ दिन बाद बिना मास्क सार्वजनिक स्थल पर पकड़े जाने पर 1000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके साथ ही एक पर्ची दी जाएगी जिसमें लिखा होगा कि अपने करीबी स्वास्थ्य केंद्र में अगले 24 घंटे के भीतर कोरोना टेस्ट कराएं। ऐसी स्थिति में इस टेस्ट का खर्च भी संबंधित व्यक्ति को ही वहन करना होगा। पंजाब सरकार कोविड संबंधी नियमों की सख्ती से पालना के लिए अब तक उठाए कदमों को और कड़ा करने पर विचार कर रही है।
जानकारी के अनुसार, हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक और उसी दौरान कोविड संबंधी समीक्षा बैठक में कोविड-19 संबंधी एसओपी पर भी चर्चा की गई। कैबिनेट बैठक में कुछ मंत्रियों ने जुर्माना राशि बढ़ाने की सलाह दी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे अस्वीकार कर दिया। उनका कहना था कि ऐसे कदम उठाए जाएं कि लोग कोरोना संबंधी खतरे की गंभीरता को खुद समझें और दूसरों को भी लापरवाही न बरतने के लिए प्रेरित करें।
दूसरी तरफ, समीक्षा बैठक के दौरान अफसरों की राय थी कि कोविड सैंपलिंग में तेजी लाते हुए इस कार्य को एसओपी के साथ जोड़ दिया जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों को कोविड टेस्ट कराने के लिए बाध्य किया जाए। सरकार ने ऐसे कदम उठाने को लेकर पुलिस और सेहत विभाग से राय मांगी है।
सेहत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोविड नियमों के प्रति लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ फिलहाल कोई नया फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन इस बारे में विचार किया जा रहा है कि लापरवाह लोगों को कोरोना संबंधी टेस्ट कराने पर बाध्य किया जाए, ताकि वे इस बीमारी की गंभीरता का खुद अंदाजा लगाएं और इससे बचने के उपायों को गंभीरता से लें। यह पूछे जाने पर बिना मास्क पकड़े जाने वालों का कोरोना टेस्ट क्या विभाग द्वारा कराया जाएगा? इस बारे में अधिकारियों ने कहा कि संभव है कि इस टेस्ट का खर्च संबंधित व्यक्ति को ही वहन करना पड़े।
हालांकि स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने ऐसी किसी भी योजना से इनकार करते हुए कहा कि पंजाब की जनता समझदार है। सेहत विभाग इस मुश्किल दौर में जनता की मुश्किल नहीं बढ़ाएगा। फिर भी कुछ लापरवाह लोगों के कारण अगर बाकी लोगों के लिए खतरा बढ़ रहा है तो ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाना जरूरी है।
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