-लोगों ने समस्या को हल नहीं करने के विरोध में जेल के सामने लगाया धरना, अब पक्के संघर्ष की दी चेतावनी
बठिंडा. केंद्रीय जेल गोबिंदपुरा बठिंडा में कैदियों की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले फोन को बंद करने के लिए जेल प्रशासन ने जैबर लगा दिए है। इस तकनीक के लगते ही बेशक कैदियों की तरफ से चोरी छिपे इस्तेमाल किए जाने वाले फोन बंद हो गए है लेकिन इसका आसपास के इलाके में रहने वाले ग्रामीणों को भी नुकसान हो रहा है। बठिंडा के गांव गोबिन्दपुरा के नजदीक बनी बठिंडा की केंद्रीय जेल के जैमरों के कारण आस पास के गांवों में भी मोबाइल फोन बंद हो गए है व उनमें नेटवर्क नहीं आ रहा है। इस समस्या को लेकर आसपास के गांवों के लोगों ने सोमवार को केंद्रीय जेल गोबिंदपुरा के आगे धरना लगाया। धरनाकारियों ने बताया कि केंद्रीय जेल के जैमरों के कारण गांव हररंगपुरा और ख्यालीवाला में मोबाइल फोनों की रेंज नहीं आ रही है। जिस कारण उनको भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सर्वाधिक परेशानी गांव के स्कूली व कालेजों में पढ़ने वाले बच्चों को हो रही है। पिछले कुछ दिनों से वह लगने वाली आनलाइन क्लासे ही नहीं लगा पा रहे हैं व उनकी शिक्षा का नुकसान हो रहा है। दोनों गाँवों की पंचायतों ने बताया कि उनके पास के खेतों में तो मोबाइल फोन बिल्कुल काम नहीं कर रहे जबकि दोनों गाँवों में भी बड़ी समस्या आ रही है। गांव हररंगपुरा के सरपंच नमतेज सिंह ने बताया कि जैमरों के कारण लोग बेहद परेशान हैं। उन्होंने बताया कि किसी कंपनी के मोबायल फोन की रेंज नहीं आ रही है जिस कारण मोबायल फोनों पर बातचीत बिल्कुल बंद हो चुकी है। उन्होंने बताया कि वह जेल आधिकारियों को यह समस्या बताने के लिए गए थे परन्तु उन्होंने सरपंचों को मिलने से भी इन्कार कर दिया। जिस कारण मजबूरन आज गांव हररंगपुरा और ख्यालीवाला के लोगों ने जेल के सामने धरना देना पड़ा। उन्होंने बताया कि वह अलग अलग कंपनियों के आधिकारियों को मिल चुके हैं जिन्होंने अपने टावर चैक करने के बाद बताया कि जेल के जैमरों की रेज ज्यादी की गई है जिसके कारण मोबाइलों में रेंज नहीं आ रही। धरनाकारियों ने कहा कि जैमर लगे होने के बावजूद भी जेलों के अंदर लोग मोबाइलों का प्रयोग कर रहे हैं और यह मोबाइल फोन जेल आधिकारियों की मिलीभुगत के साथ अंदर जा रहे हैं। इसमें जेल प्रबंधकों ने जेल के अंदर जैंबर रेज कम कर बाहर की तरफ ज्यादा कर रखी है जिससे कैदियों को तो पहले ही तरह मोबाइल पहुंचाने से फोन करवाने का सिलसिला चल रहा है लेकिन बाहर लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि जेल आधिकारियों ने दोनों गांवों के लोगों की समस्या का हल न किया तो वह पक्के तौर पर जेल का घेराव करेंगे।
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