चंडीगढ़। पंजाब के सरकारी कर्मचारियों काे जल्द ही बड़ी सौगात मिल सकती है। राज्य छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट जल्द लागू हो सकती है। वेतन आयोग की रिपोर्ट 2 जून को कैबिनेट की बैठक में पेश होगी और इसे लागू करने के तरीके पर कैबिनेट फैसला करेगी।
आयोग के चेयरमैन जय सिंह गिल की ओर से मई की शुरुआत में दी गई रिपोर्ट पर वित्त विभाग ने मंथन करके एजेंडा तैयार कर लिया है। यह रिपोर्ट 2 जून को कैबिनेट में पेश की जा सकती है। अब इस रिपोर्ट को लेकर सरकार की सबसे बड़ी चिंता इसे लागू करने से पड़ने वाला वित्तीय बोझ है। सरकार में एक उच्च पदस्थ अधिकारी के अनुसार वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने से वेतन और पेंशन मिलाकर सात हजार करोड़ रुपये का सालाना बोझ पड़ेगा। अगर इसे 2016 से लागू किया गया तो खजाने पर 35 हजार करोड़ रुपए का बोझ पड़ना तय है।
आयोग ने सरकारी कर्मियों के वेतन में 17 फीसदी व;द्धि की सिफारिश की है। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पांच फीसद अंतरिम राहत पहले से ही दे रही है। ऐेसे में आयोग की रिपोर्ट लागू होने पर करीब 35 दस हजार करोड़ का बोझ कम तो अब नहीं पड़ेगा, लेकिन शेष 25 हजार करोड़ रुपये कैसे अदा किए जाएंगे, इसका फैसला कैबिनेट की ओर से लिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि पिछले पांच साल का बकाया सरकार किश्तों में अगले पांच साल में अदा करने के बारे में फैसला ले सकती है। इसमें एक बड़ा हिस्सा उनके जीपी फंड में जमा किया जाएगा और चालू वर्ष में उन्हें नए वेतनमान के अनुसार वेतन देने का फैसला लिया जा सकता है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में चतुर्थ श्रेणी का न्यूनतम वेतन अब 2.59 गुना बढ़ाने की सिफारिश की थी। यानी जो न्यूनतम वेतन अब तक 6950 रुपये था, वह अब बढ़कर 18 हजार रुपये हो जाएगा।
ये हैं वेतन आयोग की सिफारिशें:
- पेंशन और डीए में वृद्धि और फिक्सड मेडिकल भत्ता दो गुना की जाए। सिफारिश मानी गई तो कर्मचारियों व पेंशन धारकों को अब एक हजार रुपए फिक्सड मेडिकल भत्ता मिलेगा।
- निधन होने या रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली ग्रेच्युटी को दस लाख से बढ़ाकर बीस लाख रुपये किया जाए।
- सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी पर मौत होने पर एक्स-ग्रेशिया ग्रांट बढ़ाई जाए।
- वेतनमान को सरल करने के लिए 65 साल के बाद हर पांच वर्ष पूरे होने पर बुढ़ापा भत्ता बढ़ाया जाए।
- सेवानिवृति के बाद संशोधित पेंशन का 40 फीसद कम्यूट करने की प्रक्रिया दोबारा बहाल की जाए।
- हाउस रेंट को पुराने पैटर्न पर ही रखा जाए।
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