बठिंडा. बठिंडा में पिछले दिनों बेटे के खिलाफ दर्ज नशा तस्करी के मामले में सीआईए स्टाफ के एएसआइ द्वारा दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने जेल में बंद पीड़ित के बेटे को जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी कर दिए गए। उक्त 20 वर्षीय युवक के खिलाफ छह मई को केस दर्ज करके सीआईए स्टाफ पुलिस की तरफ से गिरफ्तार किया गया था। पीड़ित महिला ने सीआईए स्टाफ की पुलिस पर उसके बेटे के खिलाफ झूठा नशा तस्करी का केस दर्ज करने की शिकायत की थी। इसके बाद एएसआइ गुरविंदर सिंह ने पीड़ित विधवा महिला के घर जाकर दुष्कर्म करने का प्रयास किया गया था, जिसे लोगों ने रंगे हाथों नग्न हालत में गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने उक्त एएसआइ खिलाफ दुष्कर्म की धारा के तहत केस दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस विभाग ने एएसआइ को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था।
पीड़ित महिला के एडवोकेट गुरप्रीत सिंह भसीन ने बताया कि बीती छह मई को सीआईए स्टाफ की टीम ने पीड़ित विधवा के बेटे को घर से उठाकर उसके खिलाफ अफीम तस्करी का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद सीआइए स्टाफ के एक एएसआइ ने उसके बेटे का बचाव करने की एवज में धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने बताया कि एएसआइ द्वारा दुरूकर्म करने व बेटे के खिलाफ नशा तस्करी का मामला दर्ज करने की जांच पहले ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को दिए थे। इसके लिए एडीजीपी गुरप्रीत कौर दियो की अगुवाई में एक नई एसआईटी गठित करने के आदेश अदालत द्वारा दिए गए थे। उन्होंने झूठे केस में फंसे युवक की जमानत के लिए अर्जी बठिंडा की अदालत में दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए एडिशनल सेशन जज संजीतर की अदालत ने उक्त नौजवानों को नशा तस्करी के केस में जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किए है।
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