बठिंडा. आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को स्कूलों में भर्ती करने व प्री-नर्सरी कक्षाओं के मुद्दे पर मांगों की अनदेखी करने से आंगनबाड़ी मुलाजिमों का गुस्सा भड़क गया। आंगनबाड़ी मुलाजिमों ने आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन (सीटू) के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया व हनुमान चौक में चक्का जाम करके भड़ास निकाली। इस अवसर पर यूनियन पदाधिकारियों मक्खन कौर, प्रतिभा शमर आदि ने बताया कि 2017 में 3 से 6 साल की उम्र के बच्चों को स्कूलों में भर्ती करने के निदर्ेश दिए थे। इसके बाद उक्त फैसले में बदलाव करते हुए प्री-प्राइमरी कक्षाएं सांझे तौर पर चलाने का फैसला किया गया लेकिन 3 साल गुजर जाने के बाद भी उक्त फैसले को लागू नहीं किया गया। उक्त बच्चों को पढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी मुलाजिमों के बजाए नए अध्यापकों की भर्ती की जा रही है जिससे प्रदेश की 54 हजार आंगनबाड़ी मुलाजिमों के भविष्य पर तलवार लटक गई है। उन्होंने मांग की कि आंगनबाड़ी मुलाजिमों को एन.टी.टी. अध्यापकों का दजर दिया जाए, मुलाजिमों के भत्ते में की गई कटौती को जारी किया जाए तथा एडवाइजरी बोर्ड व चाइल्ड वैल्फेयर कौंसिल के तहत चल रहे केंद्रों को विभाग के तहत लाया जाए।
फोटो सहित-बीटीडी-8,9,10-आगनवाड़ी वर्कर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते व जिला प्रशासन को मांग संबंधी पत्र सौंपते हुए। फोटो-सुनील
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