-नगर निगम की जरनल हाउस बैठक में 162 करोड़ का बजट पास कर मंजूरी के लिए सरकार को भेजा
-शहर के विकास के लिए राजनीति से ऊपर उठकर करना होगा काम, देंगे कांग्रेस शासित निगम को सहयोग-गिल
बठिंडा. नगर निगम बठिंडा के जरनल हाउस में नए वित्त वर्ष साल 2022-23 का 162 करोड़ रुपए का प्रस्तावित बजट पास कर सरकार को मंजूरी के लिए भेज दिया गया। बैठक में विशेष तौर पर विधायक जगरूप सिंह गिल हाजिर रहे। उन्होंने जहां बैठक की प्रसूडिंग में हिस्सा लिया वही सभी पार्षदों को आश्वस्त किया कि उनका मुख्य मकसद शहर का विकास करवाना व नई योजनाओं को लेकर आना है। नगर निगम व सरकार विकास की धूरी है व इन दोनों को मिलकर काम करना होगा। उनकी सोच सबको साथ लेकर चलने की है यह तभी संभव है जब सरकार व निगम के बीच समजस्य बनाकर काम किया जाए। निगम में कांग्रेस का बहुमत है लेकिन शहर के विकास के लिए राजनितिक सोच को अलग रखकर काम करे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में शहर का मुद्दा बरसाती पानी की निकासी व गर्मियों में लोगों को 24 घंटे पीने वाले पानी की सप्लाई देना है। इसके लिए वह संबंधित विभागों के अधिकारियों से बैठक कर इसका स्थायी हल निकालने के लिए काम कर रहे हैं। इसमें शहर में बरसाती पानी की निकासी के लिए देशी कुआं योजना पर काम किया जा सकता है। इसमें शहर के नीचले एरिया जहां बरसात में जलभराव की स्थिति बनती है वहां इन कुओं का निर्माण कर पानी को स्टोर किया जा सकता है। वही जरूरत पड़ने पर इस पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी तरह गर्मियों में खासकर नहरबंदी के दौरान लोगों को पीने वाला पानी मिले इसके लिए झीलों के पानी को स्टोर करने के साधनों पर विचार करने के लिए प्रशासकीय अधिकारियों से बात की है। वही जगरूप सिंह गिल ने निगम की आय बढ़ाने के लिए पुख्ता कदम उठाने पर भी जोर दिया। इसके तहत इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को 12 साल पहले ब्ल्यूफाक्स की बेची गई जमीन का करीब 65 करोड़ रुपया बकाया था व वर्तमान में सालाना ब्याज जोड़कर यह राशि 135 करोड़ के करीब पहुंच गई है। इस स्थिति में नगर निगम उक्त राशि हासिल करने के लिए जमीनी स्तर पर काम करे ताकि निगम पर हुड़कों व दूसरी एजेंसी के कर्ज की किस्तों का निपटारा किया जा सके। यहां बताते चले कि कोरोना काल के चलते पिछले तीन साल से करों की वसूली में कमी व चुनावी वायदों के चलते निगम की आय में लगातार कटोती हो रही है। फिलहाल साल 2022-23 में महामारी का असर कम होने के चलते निगम को आय में बढ़ोतरी करने के लिए कदम उठाने पर जोर दिया है। इससे पहले निगम हाउस में पहुंचने पर सभी पार्षदों, मेयर व निगम अधिकारियों ने जगरूप सिंह गिल का गुलदस्ते भेंट कर स्वागत किया।
नगर निगम ने बजट में पंजाब म्यूनिसिपल फंड से 103.50 करोड़, प्रापर्टी व हाउस टैक्स से 11 करोड़, फायर सेस से 45 लाख, विज्ञापन कर से 1.61 करोड़, रैंट से 1.63 करोड़, तहबजारी व राजीनामा व पार्किंग फीस से 5.50 लाख, लाइसेंस व वाहन फीसों से 23 लाख, बिल्डिंग फीस से 1.50 करोड़, बिल्डिंग राजीनामा से 50 लाख, विकास चार्ज से 3.90 करोड़, चेंज आऱ लैंड यूज से 4.40 लाख, मलवा फीस बिल्डिंग शाखा से 30 लाख, वाटर सप्लाई चार्ज से 60 लाख, बिल्डिंग रेगुलाइजेशन फीस से 1.50 करोड़, काउसेस से 3 करोड़, एक्साइज ड्यूटी से 7.66 करोड़, म्यूनिसिपल बिजली टैक्स से 6 करोड़, गारबेज कुलेक्शन से एक करोड़ रुपए, अन्य साधनों से 7.05 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। नगर निगम ने पिछले बजट के मुकाबले इस बार सर्वाधिक राशि गारबेज कुलेक्शन से जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें पिछले साल जहां 36.14 लाख जुटाने थे वहीं इसमें इस बार 361 फीसदी अधिक लक्ष्य रख 1 करोड़ कर दिया है। वही एक्साइज ड्यूटी भी 118 फीसदी बढाकर 7.66 करोड़ रखी है जबकि सरकार की तरफ से नई एक्साइज पालसी जारी नहीं की गई है। इससे पहले इस मद से 6.66 करोड़ रुपए मिलता था।
नगर निगम ने दफ्तरी स्टाफ व अन्य खर्चों में किसी तरह की कटोती नहीं की है बल्कि जहां पिछले साल तक कर्मचारियों के वेतन व भत्तों पर जहां 60 करोड़ 38 लाख रुपए खर्च होते थे वही इस साल यह बजट 94 करोड़ 56 लाख निर्धारित किया है। इसमें कर्मचारियों के वेतन, सालाना तरक्की, मंहगाई ऊत्ते की किश्त, ग्रेजुअटी, मेडिकल भत्ते व एवटीसी शामिल है। वही दफ्तरी साजों सामान में भी जहां साल 2022 में 112 लाख खर्च किया गया वहीं नए वित्त वर्ष में यह राशि 147 लाख रखी गई है। वही कमिटेंटड मैनटेनस खर्च भी 3669.83 लाख के मुकाबले 4314 लाख रुपए रखा गया है। इस तरह से चर करोड़ 31 लाख से अधिक की राशि वाटर सप्लाई, बिजली बिल, जमीनी मुआवजे, बिल्डिंगों की मरम्त, साफ सफाई के साजों सामान सहित विभिन्न मदों पर खर्च होगा।