गुरुवार, 27 मई 2021

गांव माइसरखाना के तित्तसर गुरुद्वारा साहिब की पार्किंग से कार चोरी करने वाले दो चोर काबू

बठिंडा. गांव माइसरखाना के तित्तसर साहिब की पार्किंग से कार चोरी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया है। पुलिस को शिकायत देकर बलवीर सिंह निवासी गांव ज्ञाना ने बताया कि बीती 26 मई को आरोपित गुलाब सिंह निवासी गांव सूच व कुलवंत सिंह निवासी गांव डिख ने उसकी कार नंबर डीएल-02सीजेड-8443 गुरुद्वारा तित्तसर साहिब की पार्किंग से चाेरी कर ले गए। कार में 96 हजार रुपये की नकदी भी थी। आरोपितों की पहचान गुरुद्वारा की पार्किंग में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से हुई। जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर चोरी की गई कार व 96 हजार रुपये की नकदी बरामद कर मामला दर्ज किया गया। 

नशीली गोलियां व हेरोइन समेत तीन गिरफ्तार 

बठिंडा. जिला पुलिस ने नशा तस्करी के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से नशीली गोलियां व हेरोइन बरामद की है। जिनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। थाना तलवंडी साबो के एसआइ अवतार सिंह के अनुसार बीती बुधवार को पुलिस टीम ने तलवंडी साबो में नाकाबंदी कर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान शक के आधार पर स्विफ्ट कार नंबर पीबी-03एजे-4600 को रोककर उसमें सवार आरोपित हर्षवीर सिंह निवासी तलवंडी साबो व अमनदीप सिंह निवासी गांव माहीनंगल की तलाशी ली, तो उनके पास से 100 नशीली गोलियां व 10 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। पुलिस ने दोनों आरोपितों को मौके पर गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इसी तरह थाना सदर रामपुरा के एएसआइ बलजीत पाल सिंह ने गुप्त सूचना के आधार पर गांव कराड़वाला निवासी बिट्टू सिंह को 750 नशीली गोलियां समेत गिरफ्तार किया गया। पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपित नशा तस्करी का काम करता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।

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बठिंडा में प्रदेश स्तर की बैठक कर दिल्ली किसान आंदोलन को तेज करने के लिए संगठनों नौजवानों से शुरू किया संपर्क अभियान


बठिंडा.
किसान आंदोलन को तेज करने व इसमें नौजवानों की भागीदारी बढ़ाने के लिए भारतीय किसान यूनियन सिद्धू ने प्रदेश स्तर की बैठक बठिंडा में आयोजित की। इस दौरान विभिन्न जिलों से यूनियन के पदाधिकारियों ने फैसला लिया है कि किसान नेता गांव में संपर्क मुहिम शुरू करेंगे व नौजवानों के समूह को किसान आंदोलन में हिस्सा लेने व अपनी भागीदारी बढ़ाने की अपील करेंगे। किसान यूनियन के प्रधान बलदेव सिंह धनौला ने बताया कि दिल्ली में पिछले छह माह से किसान संगठन तीन खेती कानूनों को वापिस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार इस मसले का हल निकालने की बजाय इसे लटका रही है। अब किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि दिल्ली आंदोलन को तेज किया जाएगा व यह सभी संभव है जब इस आंदोलन में नौजवान वर्ग बड़े स्तर पर हिस्सा ले। इसी कड़ी में अब भाकियू विभिन्न स्थानों में बैठक कर इस बाबत रणनीति बना रही है व नौजवानों को मोदी सरकार की तरफ से पारित तीनों कानूनों को रद्द करवाने के लिए आंदोलन में हिस्सा लेने की अपील कर रहे हैं। 

फोटो-भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी बैठक कर नौजवानों को आंदोलन में हिस्सा लेने की अपील करते। 

कोरोना पर फतेह हासिल करने के लिए टीकाकरन और टेस्टिंग जरूरी: डिप्टी कमिश्नर कहा, ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना टेस्टिंग में लाई जाए तेजी, पोजटिव आने पर घबराने की नहीं बल्कि हौसले की जरूरत

 

बठिंडा: डिप्टी कमिश्नर बी.श्रीनिवासन ने कोरोना महामारी के साथ लड़ने और इसके बढ़ रहे प्रभाव को रोकने के मद्देनज़र जिले के उच्चाधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग की गई। प्रतिदिन की जाने वाली इस मीटिंग के दौरान उन्होंने जिले में कोविड की भयानक महामारी को रोकने के लिए दिशा -निर्देश देते कहा कि इस मुहिम को निर्विघ्न जारी रखा जाए क्योंकि कोरोना पर फतेह हासिल करने के लिए टीकाकरन और टेस्टिंग ही इसका हल हैं। इस मौके उन्होंने जिले में कोरोना मरीज़ों के इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में स्थापित किए गए लेबल 2 और लेबल 3 की समर्थता वाले बैंडों की स्थिति का जायजा लिया।

बैठक के दौरान उन्होंने कोरोना मुक्त गांव मुहिम के अंतर्गत डी.डी.पी.ओ नीरू गर्ग को आदेश देते कहा कि गांवों में लगाए जा रहे कोरोना कैंपों के द्वारा ग्रामीण स्तरर पर हो रही टेस्टिंग और वैक्सीनेशन में तेज़ी लाई जाए। इस मौके उन्होंने यह भी हिदायत दी कि प्रतिदिन की वैक्सीनेशन और टेस्टिंग करके निर्धारित किये लक्ष्यों को मुकम्मल किया जाए। इस मौके आधिकारियों को आदेश देते कहा कि अस्पतालों में आक्सीजन गैस के प्रयोग पर निगरानी रखी जाए जिससे कोई भी अस्पताल इसे गैरजरूरी स्टोर न कर सके।

 इस मौके डिप्टी कमिश्नर ने सेहत विभाग के सम्बन्धित आधिकारियों को आदेश देते कहा कि गांवों के लोगों को इस महामारी से बचाव के लिए अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। गांव वासियों को बताया जाए कि वह कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार की तरफ से जारी हिदायतों की पालना करे। यदि उन्हें खांसी, बुख़ार, जुकाम आदि लक्षण दिखाई दे तो तुरंत टेस्ट करवाए। यदि कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आता है तो उसको घबराने की नहीं बल्कि हौसले के साथ इलाज की ज़रूरत है। इसके साथ जहां वह मूलभूत पड़ाव पर ही इस बीमारी पर काबू पा सकते हैं, वही अपने परिवार और समाज को भी इस भयानक बीमारी से बचा सकेंगे।

इस मौके प्रशिक्षण अधीन आई.ए.एस. निकास कुमार, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर राजदीप सिंह बराड़, सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों, सहायक कमिश्नर गुरबीर सिंह कोहली, सहायक कमिश्नर कंवलजीत सिंह,बबनदीप सिंह, डा. यादविन्दर सिंह, कोरोना सेल के जिला इंचार्ज मनप्रीत सिंह, डाटा सेल के इंचार्ज नवीन गडवाल के इलावा घरेलू एकांतवास के जिला इंचार्ज गुरदीप सिंह मान और अलग -अलग कोरोना सेलों के इंचार्ज विशेष तौर पर उपस्थित थे। 

फोटो -जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करते डीसी बी श्रीनिवासन। 


बठिंडा की शीश महल कालोनी में 13 साल की बच्ची ने फंदा लगाकर की आत्महत्या, घटना के समय घर में अकेली थी

बठिंडा. शहर के शीश महल कालोनी की रहने वाली 13 वर्षीय बच्ची ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी क्यों और किस कारणों के चलते की है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन थाना कैनाल कालोनी पुलिस ने मृतक के पिता के बयानों पर आईपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई करते हुए लाश का पोस्टमार्टम करवाकर उसे अंतिम संस्कार के लिए स्वजनों को सुपुर्द कर दिया है। 

मृतक बच्ची की पहचान अंशिका पुत्री रवि कुमार निवासी शीश महल कालोनी बठिंडा के तौर पर हुई। बताया जा रहा है कि घटना के समय बच्ची घर पर अकेली थी, जबकि उसकी मां व भाई किसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश गए हुए थे, जबकि उसके पिता अपनी ड्यूटी पर थे। वहीं मामले के जांच अधिकारी व वर्धमान पुलिस चौकी के इंचार्ज एसआइ गणेश्वर कुमार ने बताया कि बुधवार देर शाम को पुलिस को सूचना मिली थी कि डबवाली रोड स्थित शीश महल कालोनी में एक बच्ची ने खुदकुशी कर ली है। जब वह घर पहुंचे, तो देखा कि बच्ची ने कुत्ते के गले में पहनाएं जाने वाले पट्टे से फंदा लगाकर कर खुदकुशी की हुई थी, जिसके बाद शव को अपने कब्जे में ेलेकर पोस्मार्टम के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया। एसआई गणेश्वर कुमार ने बताया कि खुदकुशी के सही कारणों का अभी कुछ पता नहीं चल सका है, लेकिन पुलिस अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रही है। वहीं बच्ची के पिता के बयानों पर कार्रवाई की गई है। 


बठिंडा जिला सिविल अस्पताल में इस साल मिलेंगी लोगों को कई नई सेहत सुविधाएं, योजना पर काम दो माह में होगा पूरा-डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों


कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए टेस्ट, ट्रैक व ट्रीटमेंट जरूरी : डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों

बठिंडा। सिविल अस्पताल बठिंडा में साल 2020 में कई विवादों ने जन्म लिया। ब्लड बैंक विवाद से लेकर कर्मचारियों व सविधाओं को लेकर उठे विवाद ने लोगों के विश्वास पर ठेस पहुंचाई। इस स्थिति में सिविल अस्पताल को नया सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों के तौर पर मिला। नए साल में नई उम्मीदों व नए संकल्प के साथ डा. ढिल्लों ने सिविल सर्जन जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी संभाली। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती मरीजों का डाक्टरों के साथ स्टाफ के प्रति उठे विश्वास को फिर से कायम करने की थी। अस्पताल की अव्यवस्था को सुधारकर उसे फिर से लोगों की पसंद का मेडिकल संस्थान बनाने का काम उन्होंने पहले दिन से ही शुरू कर दिया। बठिंडा सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में आए दिन लोगों व बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने के केस आ रहे थे, जिसे रोकने के लिए डा. तेजवंत सिंह ने सख्ती के साथ व्याप्त कमियों को दूर करने के लिए दूरदर्शी के तौर पर काम शुरू किया। हर रोज ब्लड बैंक की जांच करने से लेकर संबंधित अफसरों से रिपोर्ट लेने की योजना ने कमी में सुधार लाने का काम किया। डा. तेजवंत सिंह की दूसरी बड़ी खासियत सहकर्मियों व स्टाफ के बीच तालमेल को मजबूत करने की है। सिविल अस्पताल में आए दिन कर्मियों में होने वाले विवादों को खत्म करने का काम उनकी पहलकदमी में एक था। आज अस्पताल का डाक्टर हो या फिर दर्जा चार कर्मी वह अपनी समस्या को लेकर बेझिझक उनके पास जाता है। यही नहीं डा. ढिल्लों उसे राज्य स्तर के अफसरों तक लेकर जाते हैं व उसका हल निकालते हैं।

एमआरआई व सिटी स्कैन जैसी महत्वपूर्ण सुविधा उपलब्ध करवाना उनका सपना

डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों का कहना है कि जब उन्होंने सिविल अस्पताल का चार्ज संभाला तो कोरोना ने अपना असर दिखाना शुरू किया था। इस महामारी से निपटने के लिए सिविल अस्पताल को सुविधाओं से लैस करने का काम उन्होंने शुरू किया। अस्पताल में डायग्नोसिस्ट सेंटर बनाने के लिए योजना पर काम शुरू किया है। यहां मरीजों को एमआरआई व सिटी स्कैन की सुविधा संस्ते दाम में मिल सकेंगी। सिविल अस्पताल में भव्य इमारत है लेकिन मशीनरी की कमी आए दिन देखने को मिलती है। ऐसे में सिटी स्कैन व एमआरआई की सुविधा देने के लिए वह वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल व सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू से भी बात कर चुके है व इसका जल्द हल निकाल कर सुविधा अस्पताल में इंस्टाल हो जाएगी। यह काम पूरा करना उनके लक्ष्य व सपनों में एक है ताकि सिविल अस्पताल में आने वाली गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को कही बाहर न जाने पड़े व उन्हें अतिरिक्त खर्च वहन न करना पड़े। इसी तरह दूसरा काम सिविल अस्पताल घुद्दा में बने आर्थो आपरेशन की सुविधा शुरू करना है। इसके लिए जल्द ही सीआरएम मशीन की भी खरीद की जाएगी ताकि टैक्नोलाजी के साथ आर्थों के महंगे आपरेशन संस्ते दामों में किए जा सके। मालवा में गोड़े से संबंधित बीमारी काफी विकराल रुप ले रही है व इसमें मरीजों को बाहर महंगे इलाज करवाने पर मजबूर होना पड़ता है।

मल्टीस्टोरी पार्किग बनाना भी उनकी प्राथमिकता

सिविल अस्पताल में प्रतिदिन एक हजार से 1200 लोग इलाज के लिए आते हैं इस दौरान उन्हें वाहन पार्किंग करने की काफी समस्या रहती है व कई बार तो वाहन चोरी होने के मामले भी सामने आते हैं। इस स्थिति में सुधार के लिए वह सिविल अस्पताल में मल्टीपर्पज पर्किंग बनवाना चाहते हैं ताकि वहनों की सही ढंग से पार्किंग हो सके।

इस साल मिलेगी सिविल अस्पताल को यह नई सुविधाएं-

-सिविल अस्पताल बठिंडा में आधुनिक आपरेशन थियेटर आगामी दो माह में शुरू होगा, आपरेशन थियेटर का काम पूरा हो चुका है व मरीजों के लिए लिफ्ट की सुविधा भी इसमें शुरू की जाएगी।  

-वूमेन व चिल्ड्रन अस्पताल में बैड की क्षमता बढ़ाई जाएगी। सरकार की तरफ से 30 बैड बढ़ाने की योजना है व इस बारे में प्रस्ताव बनाकर संबंधित विभाग को भेजा जा चुका है व जल्द इसमें काम शुरू हो जाएगा।

-गोनियाना सिविल अस्पताल में मदर व चाइल्ड विंग की नई इमारत तैयार हो रही है। इस इमारत का काम भी दो माह में पूरा हो जाएगा व यहां 20 बैड की सुविधा मिलेगी।

-सिविल अस्पताल बठिंडा में आधुनिक वर्न वार्ड की इमारत भी बनकर तैयार हो चुकी है। इस वार्ड के लिए प्लास्टिक सर्जन व स्टाफ की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जा चुका है। इसमें जल्द नियुक्ति होने की उम्मीद है।

सीएचसी मौड़ मंडी बनेगी सब डिविजन अस्पताल

बठिंडा में मौड़ मंडी में पहले से स्थापित सीएचसी सेंटर को सब डिविजन अस्पताल बनाने की योजना है। इससे जहां बठिंडा सिविल अस्पताल में बड़े उपचार करवाने वाले मरीजों की भीड़ कम होगी वही मौड़ व आसपास के इलाके में रहती डेढ़ लाख की आबादी को घर के पास उपचार मिल सकेगा। इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजकर का भी शुरू कर दिया गया है। अब इसमें अलग इमारत का काम पूरा होने के बाद नई भर्ती का काम शुरू होगा।

कोरोना को रोकने के लिए उठाए अहम कदम

सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों क बड़े चैलेजों में एक कोविड-19 महमारी रही। इससे लड़ने के लिए जागरुता पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है। वही कोरोना से संक्रमित लोगों को समय पर उपचार व बेहतर सुविधा मिले इसके लिए वह दिन रात काम कर रहे हैं। जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार से तालमेल करना व जारी निर्देशों को नीचले स्तर पर कर्मियों तक पहुंचाने के काम में वह 24 घंटे लगे रहते हैं। उनका कहना है कि कोरोना महामारी को रोकना लोगों की भी सामाजिक जिम्मेवारी है। इसमें सरकार की गाइडलाइनों का सख्ती से पालन हो वही मास्क पहनना व सामाजिक दूरी बनाकर रखने जैसे कदमोंको अपनी दैनिक जीवन का हिस्सा बनाए। वही इस बीमारी में स्वंय को मजबूत करने के लिए सिविल अस्पताल व तय सेंटरों में फ्री वैक्सीनेशन का लाभ ले। कोरोना की चैन को तोड़ने के लिए वह तीन सूत्रों टेस्ट, ट्रैक व ट्रिटमेंट पर काम कर रहे हैं व इसी पर जोर दिया जा रहा है


सावधान-घर में हर रोज इस्तेमाल होने वाले दूध-पनीर से लेकर देसी घी में हो रही मिलावट, एक साल में की गई सैंपलिग रिपोर्ट में 40 फीसदी चीजें नहीं उतर रही है तय मानकों पर खरी


बठिंडा।
हमारी रोजाना खाने-पीने की बहुत सी चीजों में मिलावट पाई जा रही है, जोकि हमारी सेहत को बहुत हानि पहुंचाती है। यह एक तरह से धीरे-धीरे दी जाने वाले जहर के सामान ही है, जोकि अंत में व्यक्ति की जान ही ले लेता है। इसके इलावा शरीर के अंदरूनी अंगों पर भी इसका बहुत ही बुरा असर पड़ता है। ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में दुकानदार अपने सामान में बहुत ज्यादा मिलावट करते हैं और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ भी करते हैं। 

ऐसी मिलावटी चीजें खाने से पेट से संबंधित गंभीर बीमारियां अल्सर, ट्यूमर आदि होने का बहुत ज्यादा खतरा रहता है। इतना ही नहीं सेहत विभाग की फूड टीम हर माह चेकिग कर विभिन्न खाद्य पदार्थो की सैंपलिग करता है और उन्हें जांच करने के लिए लैब भेजता है। सैंपल फेल होने पर एक्ट के मुताबिक जुर्माना या कार्रवाई की जाती है, लेकिन इसके बावजूद भी हर खाने-पीने की चीज में मिलावटखोरी का खेल चल रहा है। हाल यह है कि दूध और दूध से बने उत्पाद के साथ घरों में रोजाना इस्तेमाल होने वाली दालों से लेकर मसालों में और देसी घी से लेकर रिफाइंड समेत अन्य खाद्य पदार्थो में भी जमकर मिलावट की जा रही है। 

विभाग द्वारा पूर्व एक साल में की गई सैंपलिग रिपोर्ट में 40 फीसद चीजें तय मानकों पर खरी नहीं उतर रही है। हर दसवीं चीज में मिलावट हो रही है, जोकि इंसान के शरीर के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है। इसके चलते आम आदमी खाद्य पदार्थो में हो रही मिलावटखोरी से खासा परेशान है। बाजार में मिलने वाली हर चीज में कुछ न कुछ मिलावट जरूर है, जोकि लोगों के लिए एक चिता का विषय है। आज मिलावट का कहर सबसे ज्यादा हमारी रोजमर्रा की जरूरत की चीजों पर ही पड़ रहा है। ऐसे में भारी भरकम जुर्माना व सजा होने के बाद भी सेहत विभाग सौ फीसद मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने में सफल नहीं हो रहा है। ऐसे में मिलावटखोर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने में पीछे नहीं हैं।

सेहत विभाग की फूड टीम की ढीली कारगुजारी

मिलावट रोकने के लिए सेहत विभाग की फूड टीम को हर माह कम से कम 100 खाद्य पदार्थों के सैंपल भरने होते हैं, लेकिन पूर्व एक साल माह में बठिडा फूड टीम ने महज 124 की सैंपल भरे, जबकि कम से कम 1200 सैंपल भरने जरूरी थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते 9 माह तक सब कुछ बंद रहने के कारण सैंपल नहीं भरे जा सके है। विभाग की तरफ से पूर्व एक साल में भरे गए 124 सैंपलों में 15 सैंपल फेल पाए है, जबकि 17 की रिपोर्ट आनी बाकी है। फेल हुए ज्यादा तरह सैंपल हररोज प्रयोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थो की है। विभाग की यह रिपोर्ट बताती है कि दूध और दूध से बने पदार्थो में सबसे ज्यादा मिलावटखोरी पाई गई है।

अब तक दस केसों में हो चुका है 15.56 लाख रुपए का जुर्माना

सेहत विभाग की मानने तो एक जनवरी 2018 से लेकर मार्च 2021 तक फूड सेफ्टी विभाग की तरफ से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के सैंपल भर गए थे, जिनमें में सैंपल फेल हुए। विभाग ने अब तक करीब 82 केसों में 15 लाख 56 हजार रुपए का जुर्माना करवाया है, जिसमें सबसे बड़ा जुर्माना पांच लाख रुपए वाला है। खाद्य उत्पाद विनियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को उम्रकैद की सजा और दस लाख रुपये तक का दंड देने का प्रावधान है। एफएसएसएआई ने 2006 के खाद्य सुरक्षा और मानक कानून में संशोधन के बाद किया है। ऐसे में उस व्यक्ति पर कम से कम दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया सकता है।

चार घंटे की ट्रेनिग करनी होगी लाजमी

जिला फूड सेफ्टी अफसर डा. ऊषा गोयल ने बताया कि सेहत विभाग फूड एंड सेफ्टी स्टेंडर्ड एक्ट के तहत सरकार के तरफ से कुछ जरूरी दिशा निर्देश जारी कर रखे हैं। इसके तहत होटल-रेस्टोरेंट, ढाबा, फास्ट फूड बेचने वाले लोगों को किस प्रकार से अपनी दुकान में साफ-सफाई रखने के अलावा उनका बनाने की पूरी ट्रेनिग लेना लाजिमी है। ट्रेनिग हासिल करने वालों को सार्टिफिकेट जारी किया जाएगा।

रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ रही है

सिविल अस्पताल बठिंडा की एमडी मेडिसन डा. रमनदीप गोयल का कहना है कि मिलावटी खाद्य सामग्री खाने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी का नतीजा है कि पहले की अपेक्षा अब अधिक लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ रही है। खासकर मिलावटी खाद्य सामग्री इस्तेमाल करने से गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है। मिलावटी मावा किडनी व लीवर को खराब कर सकता है। इससे संक्रमण पैदा हो सकता है। सिर दर्द, पेट दर्द व त्वचा रोग हो सकते हैं। पेट खराब होने व आंतों में संक्रमण होने की भी संभावना है। मावा या खोवा में मिलावट की पहचान रासायनिक व जैविक परीक्षण से की जा सकती है।

ऐसे कर सकते है नकली मावा की पहचान

भौतिक रुप से भी नकली मावा को पहचाना जा सकता है। कुछ बातें ध्यान रखने से नकली मावा की पहचान कर सकते हैं, जैसे मावा सफेद या हलके पीले रंग का है तो वह मिलावटी हो सकता है। सूंघने पर मिलावटी मावे की खुशबू अजीब सी लगती है, जबकि ओरिजिनल मावा की महक अच्छी होती है। मावे को हाथ से रगड़ने पर ओरिजिनल होने पर घी छोड़ता है। चखकर देखने पर असली मावा का स्वाद अच्छा लगता है, नकली होने पर यह कड़वा लग सकता है। नकली मावा आसानी से पानी में नहीं घुलता। मिलावटी मावा बनाने में दूध पाउडर का इस्तेमाल होता है। इसमें रिफाइंड या वेजीटेबल ऑयल मिलाया जाता है। इसके अलावा रसायन, आलू, शकरकंदी का प्रयोग भी किया जाता है। इसमें डिटर्जेंट पाउडर, तरल जैल, चिकनाहट लाने के लिए रिफाइंड व मोबिल आयल एवं एसेंट पाउडर डाला जाता है। इतना ही नहीं मिलावटखोर कई बार यूरिया के घोल में पाउडर व मोबिल डालकर भी तैयार करते हैं।
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माह          सैंपल भरे       फेल हुए सैंपल
जनवरी 2020     15           4
फरवरी             26            2
मार्च                 35             2
जून                    6             1
जुलाई               14            3
अक्टूबर              9            3
नवंबर                 9            0
जनवरी 21         10            0
फरवरी              25            0  (आठ पास है, जबकि 17 की रिपोर्ट पेडिंग है)

कैसे पहचाने मिलावटी खानपान 

वर्तमान में खाने- पीने की हर चीज शुद्ध हो यह जरूरी नहीं है। व्यापार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण मिलावट हर जगह देखने को मिलती है। कहीं दूध में पानी की मिलावट होती है, तो कहीं मसालों में रंगों की मिलावट...सब्जियां भी रसायनों के प्रयोग से पकाई जाती हैं। ऐसे में खाने की चीजों में यह मिलावट हमारे स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करती है। इससे बचने के लिए मिलावट का पता लगाना बहुत जरूरी है। हम बता रहे हैं,  खाद्य पदार्थों में मिलावट को परखने के कुछ खास तरीके - 

  • मसालों में बेहद आसानी से और अत्यधिक मिलावट होती है, जो आसानी से पकड़ में नहीं आती। सामान्यत: लोग इन्हें परखने की जहमत नहीं उठाते, जिसके कारण वे मसालों के साथ स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां भी मोल ले लेते हैं। चूंकि यह सभी चीजें हमारी दिनचर्या का अभिन्न अंग है, इसलिए इसके प्रति और अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है।
  • लाल मिर्च की ही बात करें तो इसमें मिलावट के तौर पर ईंट या कबेलू का बारीक पिसा हुआ पाउडर प्रयोग किया जाता है, जिसमें कृत्रिम रंग भी मिला हुआ होता है। इसमें मिलावट की जांच के लिए पानी में डालकर देखा जा सकता है। अगर लाल मिर्च पाउडर पानी में तैरता नजर आए तो वह शुद्ध है, लेकिन यदि वह डूब जाए तो आप समझ लिजिए कि वह मिलावटी है।
  •  बाजार में मिलने वाला हल्दी पाउडर भी मिलावटी हो सकता है। इसमें मेटानिल येलो नामक  रसायन मौजूद होता है, जो आपको कैंसर जैसी बीमारी का शिकार बना सकता है। इसे परखने के लिए हल्दी पाउडर में कुछ बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड और उतनी बूंदे पानी की डालकर देखें। अगर हल्दी का रंग गुलाबी या बैंगनी हो जाए, तो समझ लिजिए कि हल्दी में मिलावट है।
  • चावल में प्लास्ट‍िक और आलू से बने नकली चावलों की मिलावट होती है। यह शरीर में जाकर पाचन संबंधी समस्याओं सहित कई तरह की परेशानियां पैदा करते हैं। इसकी पहचान के लिए इन्हें उबलते वक्त देखें, यह अलग तरह की गंध पैदा करते हैं।
  • फलों में वैसे तो रसायनों की मिलावट होती ही है, लेकिन खासतौर से अगर आप सेब का प्रयोग करते हैं, तो उसपर चढ़ी हुई मोम की परत को पहले जांच लें। यह सेब को चमकदार दिखाने के लिए होती है। लेकिन चाकू की सहायता से खुरचने पर आप इसे देख पाएंगे।
  • सरसों के दानों या राई में भी इसी प्रकार अर्जेमोने के बीज मिलाकर वजन को बढ़ाया जाता है। लेकिन इसकी परख आप आसानी से कर सकते हैं। सरसों के बीजों को दबाकर देखने पर पीला पदार्थ निकलता है जबकि अर्जेमोने के बीजों को दबाने पर सफेद।
  • हरे मटर के दानों को अत्यधिक हरा दिखाने के लिए इसमें मेलाकाइट ग्रीन को मिलाया जाता है। लेकिन यह सेहत के लिए हानिकारक होता है। इसकी पहचान के लिए मटर के दानों को कुछ समय तक पानी में मिलाकर रखें, अगर यह हरा रंग छोड़ने लगे, तो समझि‍ए इसमें मिलावट है।
  • दूध में पानी की मिलावट को परखने के लिए किसी चिकनी सतह पर दूध की कुछ बूंदें गिराएं। अगर यह बूंदें बगैर निशान छोड़े तेजी से आगे बह जाए, तो इसमें पानी मिला हुआ है। वहीं दूध अगर शुद्ध होगा तो वह धीरे-धीरे बहेगा और सफेद धब्बा छोड़ जाएगा। 
  • इसी प्रकार काली मिर्च में पपीते के बीजों को काले रंग में रंगकर मिला दिया जाता है। ऐसा करने से इनका वजन अधिक हो जाता है और आपको कम मात्रा में देकर ज्यादा पैसे कमाए जा सकते हैं। इसे परखने के लिए पानी या शराब में डालें। अगर यह तैरते दिखाई दें, तो यह नकली हैं और अगर डूब जाए तो असली हैं।
  • गरम मसालों में प्रयोग होने वाली दालचीनी भी कई बार मिलावटी होती है। चूंकि इसमें कोई फर्क नहीं कर पाता, इसे पैकेज में डालकर आसानी से किसी को भी गुमराह किया जा सकता है। दालचीनी में मि‍लावट के तौर पर अमरूद की छाल मिलाई जाती है। इसकी पहचान करने के लि‍ए इसे हाथ पर रगड़कर देखें, अगर आपको इसका रंग नजर आए, तो यह असली है, अन्यथा नकली।
  • दूध और मावे के साथ अन्य डेयरी उत्पादों में भी मिलावट होती है। मावे की जांच के लिए सैंपल लेकर टेस्‍ट ट्यूब में भरें और उसमें 20 एमएल पानी डाल कर उबालें। ठंडा होने पर इसमें दो बूंद आयोडीन डालें। अगर सैंपल का रंग नीला हो जाए तो इसमें स्‍टार्च मिला हुआ है। 

बुधवार, 26 मई 2021

ਆਓ ਇਸ ਮਾਸੂਮ ਦੀ ਜਿੰਦਗੀ ਬਚਾਉਣ ਵਿੱਚ ਮੱਦਦ ਕਰੀਏ..ਪੰਜ ਦਿਨ ਪਹਿਲਾਂ ਰੀਮੋਟ ਦਾ ਸੈੱਲ ਨਿਗਲ ਲਿਆ। ਅੱਜ ਬੱਚੇ ਦੀ ਹਾਲਤ ਗੰਭੀਰ ਹੋਈ

 


ਬਠਿੰਡਾ। ਚਾਰ ਸਾਲ ਦਾ ਮਾਸੂਮ ਬੱਚਾ ਸਤਿਗੁਰੂ ਪੁੱਤਰ ਰਾਜ ਕੁਮਾਰ ਜੋ ਪਿੰਡ Akbarpura Khudal (District Mansa) ਦਾ ਰਹਿਣ ਵਾਲਾ ਹੈ, ਬੱਚੇ ਨੇ ਗਲਤੀ ਨਾਲ ਪੰਜ ਦਿਨ ਪਹਿਲਾਂ ਰੀਮੋਟ ਦਾ ਸੈੱਲ ਨਿਗਲ ਲਿਆ। ਅੱਜ ਬੱਚੇ ਦੀ ਹਾਲਤ ਗੰਭੀਰ ਹੋਈ ਤਾਂ ਪਿੰਡ ਦੇ ਇੱਕ ਨੇਕਦਿਲ ਵਿਅਕਤੀ ਨੇ ਸਤਿਗੁਰੂ ਨੂੰ ਬਠਿੰਡਾ ਦੇ ਆਰ. ਗਗਨ ਗੈਸਟ੍ਰੋ ਕੇਅਰ ਹਸਪਤਾਲ ਦਾਖਿਲ ਕਰਵਾਇਆ। ਜਿੱਥੇ ਡਾਕਟਰ Gagandeep Goyal  ਵਲੋਂ ਬੱਚੇ ਦੀ ਇੰਡੋਸਕੋਪੀ ਕਰਕੇ ਸੈਲ ਬਾਹਰ ਕਢਿਆ ਪਰ ਸੈਲ ਅੰਦਰ ਹੀ ਲੀਕ ਹੋ ਜਾਣ ਕਰਕੇ ਬੱਚੇ ਦੀ ਫ਼ੂਡ ਪਾਈਪ ਬੁਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਗੱਲ ਚੁੱਕੀ ਹੈ। 

ਕਿਸੀ ਵੀ ਸਮੇਂ ਫੱਟ ਸਕਦੀ ਹੈ। ਸਰਜਨ ਕੋਲੋਂ ਆਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਕਰਵਾਉਣ ਦਾ ਖਰਚ ਵੈਸੇ ਤਾਂ ਬਹੁਤ ਹੀ ਮਹਿੰਗਾ ਹੈ ਪਰ ਡਾਕਟਰ ਗਗਨਦੀਪ ਗੋਇਲ ਜੀ ਵਲੋਂ ਇੱਕ ਸਰਜਨ ਡਾਕਟਰ ਨਾਲ ਸਿਰਫ ਮੇਜਰ ਆਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਫੀਸ ਲੈਣ ਦੀ ਗੁਜਾਰਿਸ਼ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ।


ਜੇਕਰ ਫ਼ੂਡ ਪਾਈਪ ਨਾ ਫਟੀ ਤਾਂ ਦਵਾਈਆਂ ਅਤੇ ਬਾਹਰੀ ਖ਼ਰਚ ਤਕਰੀਬਨ 40 ਹਜਾਰ ਅਤੇ ਜੇਕਰ ਫ਼ੂਡ ਪਾਈਪ ਫ਼ਟ ਗਈ ਤਾਂ ਆਪ੍ਰੇਸ਼ਨ, ਦਵਾਈਆਂ ਅਤੇ ਕੁੱਝ ਬਾਹਰੀ ਖਰਚ ਮਿਲਾ ਕੇ ਤਕਰੀਬਨ 85 ਹਜਾਰ ਖਰਚ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ। ਬੱਚੇ ਦਾ ਪਿਤਾ ਦਿਹਾੜੀਦਾਰ ਮਜਦੂਰ ਹੈ। ਆਰਥਿਕ ਹਾਲਤ ਬਹੁਤ ਮਾੜੇ ਨੇ। ਬੱਚੇ ਦੀ ਮਦਦ ਲਈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬੈਂਕ ਡਿਟੇਲ ਸ਼ੇਅਰ ਕਰ ਰਹੇਂ ਹਾਂ। Axis Bank, Account No. 918010068014617, Branch :- Bahadurpur, IFSC Code:- UTIB0002252 ਜੋ ਬੱਚੇ ਦੀ ਮਾਤਾ Satvir Kaur ਦੇ ਨਾਮ ਪਰ ਹੈ। ਬੱਚੇ ਦੇ ਤਾਏ ਦਾ ਸੰਪਰਕ ਨੰਬਰ 98725-79962 ਹੈ। ਹਸਪਤਾਲ ਵਿੱਚ ਜਾ ਕੇ ਸਿੱਧੀ ਮੱਦਦ ਵੀ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ। ਇੱਕ-ਇੱਕ ਰੁਪਏ ਦਾ ਸਹਿਯੋਗ ਇਸ ਮਾਸੂਮ ਨੂੰ ਬਚਾ ਸਕਦਾ ਹੈ।

शिवसेना टक्साली सुधीर सूरी और श्री हिंदू तख़्त हिंदू महागठबंधन का बठिंडा से कल करेंगे आग़ाज़ : संदीप पाठक

बठिंडा। हिंदू समाज की धार्मिक गतिविधियों  व स्थानों में आ रही समस्याओं को लेकर हिंदू  संगठनों की ओर से महागठबंधन बनाने की जो तैयारी की जा रही है उसका आग़ाज़ 27 मई को बठिंडा से संदीप पाठक और सुधीर सूरी  विभिन विभिन संगठनों से मिलकर कर रहे है। जिसको लेकर हिंदू संगठनों की बैठक का आयोजन सोमवार को किया गया था । जिसमें श्री हिंदू तख्त, आल इंडिया स्टूडेंड फेडरेशन, शिव सेना पंजाब, हिंदू सुरक्षा समिति , भगवान परशुराम कर्मकांडी ब्राह्मण सभा के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया था । 

इस मौके पर हिंदू तख्त आल इंडिया स्टूडेंड फेडरेशन के प्रचारक संदीप कुमार पाठक ने बताया कि हिंदू महागठबंधन की जो मुहिम 27 मई को बठिंडा से शुरू की जा रही है उसे पूरे पंजाब में फैलाया जायेगा जिसमें हिंदुओं के  मुख्य मुद्दे हिंदू  धार्मिक स्थानों को सरकार के कब्जों से आजाद करवाना, हिंदू समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में कार्रवाई के लिए अलग से लीगल सैल बनवाना , 2022 के विधान सभा चुनाव को लेकर हिंदू समाज के लोगों के जागरूक करना है । 

संदीप पाठक ने कहा कि हिंदू महागठबंधन उस हिंदू एमएएल पद के उमीदवार का समर्थन करेगा जो हिंदुत्व  की बात करेगा बेशक वो किसी भी पार्टी से संबंधित हो । सिक्ख नेता चाहे किसी भी पार्टी से सम्बंधित हो और खलिस्तान का समर्थक ना होकर सिर्फ़ और सिर्फ़ हिंदू सिक्ख भाईचारे का समर्थक होगा उसकी हिंदू महगठबंदन हर सम्भव मदद करेगा । हिंदू महगठबँधन का मेन मुद्दा खलिस्तान समर्थक पार्टी और नेताओं का विरोध करने के साथ साथ हिंदू नेताओं के हत्यारों का सजा दिलवाना है । पाठक ने  कहा कि जिला स्तर पर महागठबंधन बनाने के बाद इसका राज्य स्तर पर विस्तार किया जाएगा।


बठिंडा में सीआईए पुलिस के एएसआई की तरफ से बेटे पर नशा तस्करी का केस दर्ज कर महिला से दुष्कर्म करने के मामले में तीन महिला पुलिस अधिकारियों की एसआईटी गठित


-हाईकोर्ट में दायर याचिका पर जारी किए थे निर्देश, बठिंडा सीआईए पुलिस का एएसआई है मामले में आरोपी 

बठिंडा. युवक के खिलाफ झूठा केस दर्ज कर विधवा मां से दुष्कर्म करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने एसएसपी बठिंडा की ओर से गठित एसआईटी को रद्द करके नई टीम  का गठन कर दिया है, जो नए सिरे से केस की जांच करेगी। इस एसआईटी के तीनों सदस्य महिला अधिकारी एडीजीपी गुरप्रीत दियो, एसएसपी मुक्तसर डी. सुधरविजी और डीएसपी बुढलाडा प्रभजोत कौर हैं।

मामले में आरोपी सीआईए स्टाफ का एएसआई गुरविंदर सिंह है। पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट के एडवोकेट गुरप्रीत सिंह भसीन ने पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने उक्त मामले की जांच आईपीएस अधिकारियों से करवाने की मांग रखी थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केस की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी। क्योंकि बठिंडा पुलिस द्वारा गठित टीम में कोई महिला अधिकारी नहीं थी।

हाईकोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही संवदेनशील मामला था, जिसे बठिंडा पुलिस अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। अब नई एसआईटी में शामिल तीनों महिलाएं महिला से दुष्कर्म व उसके बेटे पर नशा निरोधक एक्ट के तहत दर्ज केस की जांच करेंगी। इसके अलावा हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सीजेएम बठिंडा को निर्देश दिए कि इस दोनों मामलों में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग और मोबाइल फोन आदि सबूतों को सील करके जांच के लिए एफएसएल भेजा जाए।

ये है मामला

आरोपी एएसआई गुरविंदर सिंह विधवा महिला से संबंध बनाना चाहता था, लेकिन जब वह नहीं मानी तो आरोपी ने पीड़ित महिला को ब्लैकमेल करने के लिए पहले उसके 20 साल के बेटे पर नशा तस्करी का झूठा केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया और बाद में उसे छोड़ने की एवज में महिला से 2 लाख रुपए की मांग की। एक लाख रुपए लेने के बावजूद उसने बेटे को नहीं छोड़ा और महिला से जबरन शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला। इसके बाद उसने महिला से एक बार जबरदस्ती दुष्कर्म भी किया।

इससे परेशान महिला ने पूरे मामले की जानकारी पंचायत को देते हुए मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद गांव वालों ने ट्रैप लगाकर आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया। पुलिसवाले की निर्वस्त्र हालत में वीडियो भी बनाई। इसके बाद गांववालों ने जानकारी एसएसपी बठिंडा को देकर कड़ी कार्रवाई की मांग की। कार्रवाई न करने पर आत्मदाह की धमकी दी। पीड़ित महिला का मेडिकल करवाने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 के तहत दुष्कर्म का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी भूपिंदरजीत सिंह विर्क ने बताया कि आरोपी को बर्खास्त कर दिया गया है।

पहले समझाया, नहीं माना तो घर में लगवाए कैमरे, ताकि पकड़ सकें

गांव मानसा खुर्द के निवासी भोला मान ने बताया कि पीड़ित महिला ने उन्हें एएसआई की हरकतों के बारे में बताया। इस पर उन्होंने 20 दिन पहले फोन कर समझाया तो आरोपी ने गालियां दीं। इसके बाद उन्होंने दोस्त शेर सिंह तुंगवाली को बताया और महिला की मदद का फैसला किया। आरोपी पुलिस कर्मी द्वारा रात को आने की बात जब पीड़ित महिला ने बताई तो उन्होंने गांव बाठ की पंचायत के सरपंच कुलविंदर सिंह व पूर्व सरपंच थाना सिंह प्लानिंग बनाई।

इसके बाद महिला के घर में कैमरे लगा दिए और दरवाजे की कुंडी मोड़ दी ताकि वह बंद न कर सके। रात 11.05 पर एएसआई  आया तो 5-7 लोग कमरे में छिप गए। यह सारा वाक्या भोला सिंह व सहयोगी मोबाइल पर देख रहे थे। उन्होंने करीब 20 मिनट बाद घर में प्रवेश कर दरवाजा खोल दिया ताकि ASI को मौके पर पकड़ सकें। गांव वालों ने वीडियो पुलिस अधिकारियों को देते हुए कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आत्मदाह कर लेंगे


ਬਾਬਾ ਫ਼ਰੀਦ ਕਾਲਜ ਦੇ ਸਕਿੱਲ ਡਿਵੈਲਪਮੈਂਟ ਸੈੱਲ ਨੇ 'ਅਰਦੂਇਨੋ ਦੀ ਮੁੱਢਲੀ ਵਰਤੋਂ' ਬਾਰੇ ਮਾਹਿਰ ਭਾਸ਼ਣ ਕਰਵਾਇਆ

ਬਠਿੰਡਾ. ਬਾਬਾ ਫ਼ਰੀਦ ਕਾਲਜ, ਬਠਿੰਡਾ ਦੇ ਸਕਿੱਲ ਡਿਵੈਲਪਮੈਂਟ ਸੈੱਲ ਨੇ ਕਾਲਜ ਦੇ ਫਿਜ਼ਿਕਸ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਸਹਿਯੋਗ ਨਾਲ ਬੀ.ਐਸ.ਸੀ.(ਨਾਨ-ਮੈਡੀਕਲ/ਸੀ.ਐਸ.), ਬੀ.ਐਸ.ਸੀ. ਆਨਰਜ਼ (ਫਿਜ਼ਿਕਸ) ਅਤੇ ਐਮ.ਐਸ.ਸੀ. (ਫਿਜ਼ਿਕਸ)  ਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਲਈ 'ਅਰਦੂਇਨੋ ਦੀ ਮੁੱਢਲੀ ਵਰਤੋਂ' ਬਾਰੇ ਮਾਹਿਰ ਭਾਸ਼ਣ ਮਾਈਕਰੋਸਾਫ਼ਟ ਟੀਮਜ਼  ਰਾਹੀਂ ਆਨਲਾਈਨ ਕਰਵਾਇਆ। ਇਸ ਮਾਹਿਰ ਭਾਸ਼ਣ ਦਾ ਮੁੱਖ ਉਦੇਸ਼ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ 'ਅਰਦੂਇਨੋ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਬਾਰੇ ਮੁੱਢਲਾ ਗਿਆਨ ਦੇਣਾ ਸੀ। ਇਸ ਭਾਸ਼ਣ ਵਿੱਚ ਬਾਬਾ ਫ਼ਰੀਦ ਕਾਲਜ ਦੇ 105 ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੇ ਭਾਗ ਲਿਆ। ਇਹ ਭਾਸ਼ਣ ਦੇਣ ਲਈ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਦੇ ਸਹਾਇਕ ਪ੍ਰੋਫੈਸਰ  ਸ੍ਰੀ ਬਰਿੰਦਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਮੁੱਖ ਬੁਲਾਰੇ ਵਜੋਂ ਸ਼ਿਰਕਤ ਕੀਤੀ।  ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਆਪਣੀ ਗੱਲਬਾਤ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਇੰਡਸਟਰੀ 4.0. ਦੀ ਜਾਣ ਪਹਿਚਾਣ ਨਾਲ ਕੀਤੀ। ਅੱਗੇ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਵੈੱਬਸਾਈਟ ਟਿੰਕਰਕੈਡ ਡਾਟ ਕਾਮ 'ਤੇ 'ਅਰਦੂਇਨੋ ਦੇ ਕੁੱਝ ਮੁੱਢਲੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਆਨਲਾਈਨ ਪੇਸ਼ ਕੀਤੇ। ਫਿਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਮੈਟਲੈਬ ਸਾਫ਼ਟਵੇਅਰ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦਿਆਂ ਝਪਕਦੇ ਮੁੱਢਲੇ ਐਲ.ਈ.ਡੀ. ਦਾ ਲਾਈਵ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ। ਇਹ ਸੈਸ਼ਨ ਬਹੁਤ ਇੰਟਰੈਕਟਿਵ ਸੀ ਅਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੇ ਬਹੁਤ ਹੀ ਉਤਸ਼ਾਹ ਨਾਲ ਭਾਗ ਲਿਆ। ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੇ ਵਿਗਿਆਨ ਅਤੇ ਟੈਕਨਾਲੋਜੀ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਵਿਚ ਕੰਪਿਊਟੇਸ਼ਨਲ ਟੂਲਜ਼ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਬਾਰੇ ਮਾਹਿਰ ਨੂੰ ਕਈ ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਪੁੱਛੇ ਅਤੇ ਆਪਣੀਆਂ ਸ਼ੰਕਾਵਾਂ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕੀਤਾ।  ਮਾਹਿਰ ਬੁਲਾਰੇ ਦੁਆਰਾ ਪੇਸ਼ ਕੀਤੇ ਵਿਚਾਰ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਲਈ ਬਹੁਤ ਜਾਣਕਾਰੀ ਭਰਪੂਰ ਸਨ। ਕੰਪਿਊਟੇਸ਼ਨਲ ਟੂਲਜ਼ ਅਤੇ ਵਿਗਿਆਨ ਅਤੇ ਟੈਕਨਾਲੋਜੀ ਵਿੱਚ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਐਪਲੀਕੇਸ਼ਨਾਂ ਬਾਰੇ ਨਵੀਨਤਮ ਜਾਣਕਾਰੀ ਅਤੇ ਗਿਆਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਕੇ ਬਹੁਤ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਬਹੁਤ ਸੰਤੁਸ਼ਟ ਸਨ। ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੇ ਅਜਿਹੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਅਤੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਭਰਪੂਰ ਭਾਸ਼ਣ ਕਰਵਾਉਣ  ਲਈ ਹੁਨਰ ਵਿਕਾਸ ਸੈੱਲ, ਬਾਬਾ ਫ਼ਰੀਦ ਕਾਲਜ ਦੀ ਪ੍ਰਬੰਧਕੀ ਕਮੇਟੀ ਦੀ ਸ਼ਲਾਘਾ ਕੀਤੀ। ਸਮਾਗਮ ਦੀ ਸਮਾਪਤੀ ਮੌਕੇ ਫਿਜ਼ਿਕਸ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਮੁਖੀ ਅਤੇ ਫੈਕਲਟੀ ਵੱਲੋਂ ਮਾਹਿਰ ਬੁਲਾਰੇ ਦਾ ਧੰਨਵਾਦ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਅਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਦੀ ਵੀ ਭਰਪੂਰ ਪ੍ਰਸੰਸਾ ਕੀਤੀ ਗਈ । ਬੀ.ਐਫ.ਜੀ.ਆਈ. ਦੇ ਚੇਅਰਮੈਨ ਡਾ. ਗੁਰਮੀਤ ਸਿੰਘ ਧਾਲੀਵਾਲ ਅਤੇ ਕਾਲਜ ਦੇ ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਡਾ. ਪ੍ਰਦੀਪ ਕੌੜਾ ਨੇ ਸਕਿੱਲ ਡਿਵੈਲਪਮੈਂਟ ਸੈੱਲ ਅਤੇ ਫਿਜ਼ਿਕਸ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਇਸ ਉਪਰਾਲੇ ਦੀ ਭਰਪੂਰ ਸ਼ਲਾਘਾ ਕੀਤੀ।  

बठिंडा जिले में 16 लोगों की कोरोना से मौत वही नए केसों के मुकाबले बीमारी से ठीक हो रहे लोगों की तादाद बढ़ी


बठिंडा.
जिले में राहत वाली बात यह है कि नए केसों के मुकाबले पहले से अस्पतालों व होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना के मरीजों की रिकवरी रेट बढ़ रहा है। हालांकि कोविड से मरने वाले लोगों की तादाद में अभी कमी नहीं आई है। जिले में पिछले 24 घंटे में 16 कोरोना से संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। 

जिले में मंगलवार को जहां 350 नए कोरोना पॉजिटिव आए थे वही राहत की बात ये है कि 637 संक्रमित ठीक हो गए। जिले अब तक 31679 मरीज रिकवर हुए हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 37274 है। कोरोना के एक्टिव केस 4 हजार 840 हैं। जिले में इस दिनों 4407 मरीज इलाज के लिए होम आइसोलेशन में है। जिले में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण कम हुआ है। नए पॉजिटिव कम आने से राहत है। चिंता की बात यह है कि जिले में मौजूदा एक्टिव केस में से 150 मरीजों की उम्र 1 से 18 साल के बीच है। जिन्हें इलाज के लिए होम आइसोलेशन में रखा गया है।

जिले में अब एक्टिव केस कम होने लगे हैं। पांच दिन पहले 6 हजार 429 से अधिक एक्टिव कोरोना मरीज थे। चार-पांच दिनों से नए मरीजों की संख्या में कमी हुई, इन दिनों 500 से कम मरीज आ रहे हैं। इस कारण संख्या घटी हैं। संक्रमण की रफ्तार कम होने का पता ऑक्सीजन बेड से भी लगा है। जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए श्रेणी के अनुसार अस्पतालों में इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाया गया, जब मरीजों की संख्या अधिक थी, तो अस्पताल व अस्पतालों में बेड कम थे, अब मरीजों की संख्या कम होने लगी तो अस्पतालों की संख्या के साथ ही बेड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।

इन दिनों जिले में प्रतिदिन 500 से अधिक 800 व 900 की संख्या में मरीज मिलें हैं। 4 मई को पैनल में 39 अस्पताल और उक्त अस्पतालों मे लेवल 2 स्तर के 854 बेड और लेवल 3 स्तर के 186 बेड की व्यवस्था की गई थी और अब मरीज कम संख्या में आ रहे तो अस्पताल और बेड की संख्या भी बढ़ रही है। 25 अप्रैल को पैनल में 57 अस्पतालों में लेवल 2 स्तर के 1156 बेड और लेवल 3 स्तर के 286 बेड की व्यवस्था की गई है।

वही गांव अकलिया सिद्धू पत्ती और अनन्त अनाथ आश्रम नथाना में से माईक्रो कंटेनमैंट जोन हटा दिया गया है। डीसी बी.श्रीनिवासन की तरफ से जारी आदेश अनुसार कोविड-19 के मद्देनज़र जिले के गांव अकलिया सिद्धू पत्ती, मेन गली  क्षेत्र के हाऊस नंबर 25 से 32 और अनन्त अनाथ आश्रम नथाना के क्षेत्र को माईक्रो कन्नटेनमैंट जोन घोषित किया था। परन्तु सेहत विभाग की तरफ से मिली जानकारी अनुसार इन क्षेत्रों में अब कोई भी नया कोविड केस सामने नहीं आया। इसको मुख्य रखते इन्हे माईक्रो कंटेनमैंट जोन से हटाया गया है।

वही सहारा जनसेवा बठिंडा की कोरोना वारियर्स टीम विजय गोयल, पंकज सिंगला, गौरव कुमार, गौतम, हरबंस सिंह, टेक चंद, जग्गा सहारा, विजय कुमार विक्की, राजेंद्र कुमार, सुमीत ढींगरा, संदीप गोयल, कमल गर्ग, अर्जुन कुमार, सिमर गिल, संदीप गिल, मनी कर्ण, राजेंद्र कुमार, शिवम राजपूत, तिलकराज, सूरजभान गुनी, दीपक गोयल, मोनू कुमार, हरदीप सिंह, नितीश सैन, गुरबिंदर बिंदी, विकास शर्मा ने 16 कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार स्थानीय शमशान भूमि दाना मंडी और बठिंडा के आस पास के क्षेत्रों में टीम ने पीपीई किटे पहन कर पूर्ण सम्मान के साथ परिजनों की उपस्थिति में किया।

कोरोना मृतकों की सूचि

1. सुखेदव कौर पत्नी गिरधारी लाल आयु 65 साल वासी बहिमन दिवाना जो सिविल अस्पताल गिदड़वाहा में दाखिल थी

2. रेखा रानी पत्नी अशोक कुमार आयु 50 वर्ष वासी अग्रवाल कालोनी जो आदेश मेडिकल कालेज में दाखिल थी

3. कुलवंत सिंह आयु शेर सिंह आयु 80 साल वासी हाजीरतन जो सिविल अस्पताल में दाखिल था

4. साहिब सिंह वासी तुंगवाली जो निवारण अस्पताल में दाखिल था

5. गुरदेव सिंह पुत्र करतार सिंह आयु 70 वर्ष वासी बहिमन दिवाना जो रविंद्रा अस्पताल में दाखिल था

6. सुखवीर कौर पत्नी फौजा आयु 50 वर्ष वासी गोनियाना मंडी जो प्रेगमा अस्पताल में दाखिल थी

7. गुरजीत कौर पत्नी नैब सिंह आयु 41 वर्ष वासी संदौहा मौड़ मंडी जो न्यूरो स्पेन अस्पताल में दाखिल था

8. माया देवी पत्नी जनकराज आयु 61 वर्ष वासी सरदारगढ़ जो एम्स अस्पताल में दाखिल था

9. अनोक सिंह पुत्र मुंदन सिंह वासी बीबीवाला रोड जो मेडिवेस अस्पताल लुधियाना में दाखिल था

10. अनामिका पत्नी जगदत आयु 40 वर्ष वासी बठिंडा जो एम्स अस्पताल में दाखिल था

11. छिंदर कौर पत्नी हरनेक सिंह आयु 70 साल वासी रईया तलवंडी जो सिविल अस्पताल में दाखिल थी

12. नेक मौहम्मद पुत्र छोटू खान आयु 61 वर्ष वासी गोबिंदपुरा जो जिंदल हार्ट में दाखिल था को खाके सुपुर्द किया गया

13. सरोज कुमार पत्नी संदीप कुमार आयु 49 वर्ष वासी सिल्वर ऑक्स कालोनी जो दिल्ली हार्ट अस्पताल में दाखिल थी

14. सुखमेल सिंह पुत्र रूप सिंह आयु 46 वर्ष वासी मोगा जो दिल्ली हार्ट में दाखिल था

15. नारायण  सिंह पुत्र चान्न सिंह आयु 70 वासी मौड़ जो मेडिविन अस्पताल में दाखिल था

16. अंग्रेज सिंह पुत्र गुरदीप सिंह आयु 38 वर्ष वासी बुर्जलाधा रामपुरा जो फरीदकोट मेडिकल कालेज में दाखिल था  


ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਵੱਲੋ ਸੂਬਾ ਸਰਕਾਰ ਤੇ ਨੌਜਵਾਨ ਵਰਗ ਪ੍ਰਤੀ ਉਦਾਸੀਨ ਰਵੀਏ ਦੇ ਦੋਸ਼, ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਅਸਫਲਤਾ ਲਈ ਕੈਪਟਨ ਦੇ ਨਾਲ ਮੰਤਰੀ ਮੰਡਲ ਵੀ ਜਿੰਮੇਵਾਰ - ਗੁਰਪ੍ਰੀਤ ਮਲੂਕਾ

ਬਠਿੰਡਾ - ਸੂਬੇ ਦੀ ਕਾਂਗਰਸ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਕਾਰਗੁਜਾਰੀ ਤੋਜ਼ ਹਰ ਵਰਗ ਨਿਰਾਸ਼ ਹੈ ਤੇ ਕਿਸੇ ਵੀ ਵਰਗ ਨੂੰ ਸੰਤੁਸ਼ਟ ਕਰਨ ਵਿਚ ਸਰਕਾਰ ਬੁਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅਸਫਲ ਰਹੀ ਹੈ। ਇਹ ਦੋਸ਼ ਬਠਿੰਡਾ ਜਿਲ੍ਹਾ ਪ੍ਰੀਸ਼ਦ ਦੇ ਸਾਬਕਾ ਚੇਅਰਮੈਨ ਗੁਰਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਮਲੂਕਾ ਵੱਲੋਜ਼ ਪੱਤਰਕਾਰਾ ਨਾਲ ਗੱਲਬਾਤ ਕਰਦਿਆ ਲਗਾਏ। ਮਲੂਕਾ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੂਬੇ ਦੀ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਜ਼ 2017 ਦੀਆਂ ਚੌਣਾ ਤੋਜ਼ ਪਹਿਲਾ ਲੋਕਾਂ ਨਾਲ ਕੀਤੇ ਗਏ ਵਾਅਦਿਆ ਵਿਚੋ ਇਕ ਵੀ ਵਆਦਾ ਵਫਾ ਨਹੀ ਹੋਇਆ। 

ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤੌਰ ਤੇ ਸੂਬੇ ਦਾ ਨੌਜਵਾਨ ਵਰਗ ਸਰਕਾਰ ਤੋਜ਼ ਬੇਹੱਦ ਨਿਰਾਸ਼ ਹੈ ਕਿਉਜ਼ ਕਿ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਮਾੜੀ ਕਾਰਗੁਜਾਰੀ ਤੇ ਵਾਅਦਾ ਖਿਲਾਫੀ ਤੋਜ਼ ਸਭ ਤੋਜ਼ ਵੱਧ ਨੌਜਵਾਨ ਵਰਗ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੋਇਆ ਹੈ। 2017 ਦੀਆਂ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਚੌਣਾਂ ਤੋਜ਼ ਪਹਿਲਾ ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦੇ ਨੌਜਵਾਨ ਵਰਗ ਨੂੰ ਘਰ ਘਰ ਨੌਕਰੀ ਦੇਣ, ਕੱਚੇ ਅਤੇ ਠੇਕਾ ਅਧਾਰਿਤ ਮੁਲਾਜਮਾ ਨੂੰ ਪੱਕਾ ਕਰਨ ਅਤੇ ਸੂਬੇ ਵਿਚ ਰੁਜਗਾਰ ਦੇ ਨਵੇਜ਼ ਮੌਕੇ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਸਬੰਧੀ ਬਿਆਨ ਅਖਬਾਰਾ ਦੇ ਪਹਿਲੇ ਸਫਿਆ ਤੇ ਛਪਦੇ ਸਨ। ਸਰਕਾਰ ਬਣਨ ਤੋਜ਼ ਬਾਅਦ ਬਾਕੀ ਵਾਅਦਿਆ ਵਾਂਗ ਨੌਜਵਾਨਾ ਅਤੇ ਮੁਲਾਜਮਾ ਨਾਲ ਕੀਤੇ ਵਾਅਦਿਆ ਵਿਚੋਜ਼ ਇਕ ਵੀ ਵਾਅਦਾ ਪੂਰਾ ਨਹੀ ਹੋਇਆ। 

ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਨਵੀਆ ਨੌਕਰੀਆ ਤਾਂ ਕੀ ਦੇਣੀਆ ਸੀ ਬਲਕਿ ਸੇਵਾ ਕੇਜ਼ਦਰ ਅਤੇ ਹੋਰ ਕਈ ਅਦਾਰੇ ਬੰਦ ਕਰਕੇ ਪਹਿਲਾ ਤੋਜ਼ ਨੌਕਰੀ ਕਰ ਰਹੇ ਨੌਜਵਾਨਾ ਨੂੰ ਵਿਹਲੇ ਕਰ ਦਿੱਤਾ। ਪਿਛਲੇ ਸਾਢੇ ਚਾਰ ਸਾਲਾਂ ਦੌਰਾਨ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਜ਼ ਨਾ ਤਾਂ ਕੋਈ ਨੌਕਰੀ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਲੰਬੇ ਸਮੇਜ਼ ਤੋਜ਼ ਠੇਕਾ ਅਧਾਰਿਤ ਜਾਂ ਕੱਚੇ ਮੁਲਾਜਮਾ ਨੂੰ ਪੱਕਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਮਲੂਕਾ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਕਾਂਗਰਸ ਤੇ ਮੰਤਰੀ ਅਤੇ ਵਿਧਾਇਕ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਅਸਫਲਤਾ ਦਾ ਠਿੱਕਰਾ ਇਕੱਲੇ ਕੈਪਟਨ ਦੇ ਸਿਰ ਭੰਨ ਕੇ ਆਪ ਸੁਰਖਰੂਹ ਹੋਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਅਸਲ ਵਿਚ ਕਾਂਗਰਸੀ ਮੰਤਰੀ ਤੇ ਵਿਧਾਇਕ ਹੁਣ ਕਿਸੇ ਨਵੇਜ਼ ਕਪਤਾਨ ਨੂੰ ਅੱਗੇ ਲਾ ਕੇ ਇਕ ਵਾਰ ਫਿਰ 2017 ਵਾਂਗ ਝੂਠੇ ਵਾਅਦਿਆ ਦੇ ਸਹਾਰੇ ਸੱਤਾ ਹਾਸਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੰੁਦੇ ਹਨ। 

ਸਾਢੇ ਚਾਰ ਸਾਲ ਸੱਤਾ ਸੁਖ ਭੋਗ ਕੇ ਹੁਣ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਕਚਿਹਰੀ ਚ ਜਾਣ ਤੋਜ਼ ਡਰਦੇ ਕਾਂਗਰਸੀ ਮੰਤਰੀ ਤੇ ਵਿਧਾਇਕ ਡਰਾਮੇਬਾਜੀਆ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ। ਸੂਬੇ ਦੇ ਲੋਕ ਕਾਂਗਰਸ ਦੀ ਝੂਠ ਦੀ ਰਾਜਨੀਤੀ ਨੂੰ ਪਹਿਚਾਣ ਚੁੱਕੇ ਹਨ ਤੇ ਹੁਣ ਲੋਕ ਕਾਂਗਰਸ ਦੀਆਂ ਚਾਲਾ ਵਿਚ ਨਹੀ ਆਉਣਗੇ। ਸੂਬੇ ਦੇ ਲੋਕ ਭਲੀਭਾਂਤ ਜਾਣਦੇ ਹਨ ਕਿ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਅਸਫਲਤਾ ਤੇ ਮਾੜੀ ਕਾਰਗੁਜਾਰੀ ਲਈ ਪੂਰੇ ਦਾ ਪੂਰਾ ਮੰਤਰੀ ਮੰਡਲ ਤੇ ਵਿਧਾਇਕ ਜਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਮੀਡੀਆ ਇੰਚਾਰਜ ਰਤਨ ਸ਼ਰਮਾ ਮਲੂਕਾ, ਗਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਗੋਰਾ, ਬੂੱਟਾ ਸਿੰਘ ਭਾਈਰੂਪਾ, ਦੀਪਾ ਘੋਲੀਆ, ਨਰਦੇਵ ਭਾਈਰੂਪਾ, ਅਮਰਜੀਤ ਭੁੱਲਰ, ਚਰਨਜੀਤ ਬਰਾੜ, ਹਨੀ ਭੋਖੜਾ ਆਦਿ ਹਾਜਰ ਸਨ। 


ਰੈਡ ਕਰਾਸ ਸੁਸਾਇਟੀ ਬਠਿੰਡਾ ਵਲੋ ਬਠਿੰਡਾ ਜਿਲ੍ਹਾ ਪ੍ਰਬੰਧਕੀ ਕੰਪਲੈਕਸ ਬਠਿੰਡਾ ਵਿਖੇ ਮੁਲਾਜਮਾ ਨੂੰ ਮਾਸਕ ਵੰਡੇ।


ਬਠਿੰਡਾ।
ਕੋਰੋਨਾ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਸੰਬੰਧੀ ਕੀਤੇ ਜਾ ਰਹੇ ਯਤਨ ਦੇ ਤਹਿਤ ਅਜ ਰੈਡ ਕਰਾਸ ਸੁਸਾਇਟੀ ਬਠਿੰਡਾ ਵਲੋ ਸਕਤਰ ਰੈਡ ਕਰਾਸ ਦਰਸਨ ਕੁਮਾਰ ਬਾਸਲ ਦੀ ਅਗੁਵਾਈ ਹੇਠ ਜਿਲ੍ਹਾ ਪ੍ਰਬੰਧਕੀ ਕੰਪਲੈਕਸ ਬਠਿੰਡਾ ਵਿਖੇ ਕੋਵਿਡ ਕੰਟਰੋਲ ਰੂਮ, ਕੋਵਿਡ ਡਾਟਾ ਸੈਲ, ਬ੍ਰਚ ਦੇ ਮੁਲਾਜਮਾ ਅਤੇ ਆਮ ਜਨਤਾ ਨੂੰ ਫੇਸ ਮਾਸਕ ਵੰਡੇ ਗਏ। ਰੈਡ ਕਰਾਸ ਸੁਸਾਇਟੀ ਦੇ ਫਸਟ ਏਡ ਮਾਸਟਰ ਟਰੇਨਰ ਨਰੇਸ ਪਠਾਣੀਆ ਨੇ ਪ੍ਰਬੰਧਕੀ ਕੰਪਲੈਕਸ ਵਿਖੇ ਮਾਸਕ ਵੰਡਣ ਦੇ ਨਾਲ ਨਾਲ ਪਬਲਿਕ ਨੂੰ ਕੋਰੋਨਾ ਤੋ_ ਬਚਾਅ ਸੰਬੰਧੀ ਟਿਪਸ ਵੀ ਦਿਤੇ। ਉਹਨਾ ਦਸਿਆ ਕਿ ਰੈਡ ਕਰਾਸ ਸੁਸਾਇਟੀ ਬਠਿੰਡਾ ਵਲੋ ਸਮੇ ਸਮੇ ਤੇ ਫੇਸ ਮਾਸਕ, ਸੈਨੀਟਾਈਜਰ, ਸਾਬਣ, ਅਵੇਅਰਨੈਸ ਲਿਟਰੇਚਰ ਅਤੇ ਹੋਰ ਲੋੜੀ_ਦਾ ਸਾਮਾਨ ਵੰਡਿਆ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਇਸ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਹਸਪਤਾਲK ਵਿਚੋ_ ਕੋਵਿਡ ਦਾ ਇਲਾਜ ਕਰਵਾ ਕੇ ਹੋਮਕੇਅਰ ਵਿਚ ਰਹਿ ਰਹੇ ਲੋਕਾ ਨੂੰ ਡਾਕਟਰੀ ਸਲਾਹ ਅਨੁਸਾਰ ਆਕਸੀਜਨ ਕੋਨਸਨਟਰੇਟਰ ਦੇਣ ਲਈ ਰੈਡ ਕਰਾਸ ਭਵਨ, ਸਿਵਲ ਸਟੇਸਨ, ਬਠਿੰਡਾ ਵਿਖੇ ਆਕਸੀਜਨ ਕੋਨਸਨਟਰੇਟਰ ਬੈਕ ਦੀ ਸੁਵਿਧਾ ਵੀ ਸੁਰੂ ਕੀਤੀ ਗਈ।


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E-Paper Punjab Ka Sach 23 Nov 2024

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