सोमवार, 2 मार्च 2020

दो करोड़ खर्च करने के बावजूद हररायपुर गोशाला बनी जानवरों के लिए कालगाह


-प्रतिदिन 10 से 15 जानवरों की भूख व प्यास से हो रही मौत, मरे जानवरों को नहीं उठाने से फैल रही बीमारियां 

-समाज सेवी संस्थाएं जिला प्रशासन को मिलकर स्थिति में सुधार की कर चुके हैं कई बार मांग पर नहीं हो रही स्थिति में सुधार  

बठिंडा . नगर निगन व जिला प्रशासन की देखरेख में चल रही हररायपुर गोशाला में दो करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने के बावजूद लावारिस जानवरों की देखभाल नहीं हो पा रही है। इस गौशाला में एक तरफ नगर निगम शहर के लावारिस जानवरों को पकड़कर भेज रहा है वही आए दिन भूख व प्यास से ग्रस्त जानवरों की मौत हो रही है। हालात यह है कि इस बारे में शहर की समाज सेवी संस्थाओं की तरफ से कई बार जिला प्रशासन को गौशाला की बदहाल स्थिति के बारे में अवगत करवाया जा चुका है लेकिन जमीनी स्तर पर गायों के मरने का सिलसिला बंद नहीं हो रहा है। अब तो समाज सेवी संस्थाओं ने सवाल खड़े करना शुरू कर दिए है कि जब शहर के लोग हर साल तीन करोड़ रुपए से अधिक का काउ सेस टैक्स के तौर पर प्रशासन व नगर निगम को दे रहा है। इसके बावजूद गौशाला में पशुधन सुरक्षित नहीं है।


गौशाला के निर्माण से लेकर 15गौशाला के निर्माण से लेकर 1500 के करीब जानवर इन गोशाला में मर चुके हैं जबकि पिछले तीन माह में तीन सौ से अधिक जानवर दम तोड़ चुके हैं व अभी भी भूख व प्यास के कारण बीमार होकर प्रतिदिन 10 से 16 जानवरों की मौत हो रही है। इस बारे में समाज सेवी संजीव सिंगला ने 28 फरवरी से लेकर 1 मार्च तक के तीन दिन गौशाला का दौरा अपनी टीम के साथ किया तो वहा की बदहाल स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गौशाला में करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद जानवरों को हरा चारा व तूड़ी वहां की जरूरत से काफी कम मात्रा में दिया जा रहा है। वही जनवरों को देने के लिए नमक भी नहीं मिल रहा है। हालात यह है कि जो जानवर मर रहे हैं उन्हें पास के खाली स्थान पर फैंक दिया जाता है जिससे आसपास बदबू मार रही है व प्रदूषण के कारण दूसरे जानवर भी बीमार होकर मर रहे हैं। बदबू व गंदगी के कारण गायों की सेवा करने वाले लोग भी वहां जाने से कतराने लगे हैं। गोशाला पूरी तरह से मरे जानवरों की हड्डियों से भरी पड़ी है। वहां रखे जानवरों के लिए डाक्टर की व्यवस्था नहीं की जा रही है जो जानवर पड़े हैं उनके पेट फूल रहे हैं व चमड़ी गलने लगी है। इसके चलते जानवरों के मरने का सिलसिला लगातार चल रहा है।


इस बाबत वहां काम कर रहे कर्मचारियों से जब जानकारी हासिल की गई तो उन्होंने बताया कि डाक्टर कई दिनों तक यहां आते ही नहीं है। बीमार गायों के शव शैड के अंदर ही पड़े हैं व 6 जानवर मरने की कगार पर खड़े थे। हालत यह है कि तीन से पांच दिनों तक मरे जानवर दूसरी गायों के पास ही पड़े रहते हैं। इस दौरान पशुओं को उठाने वाले एक व्यक्ति रंजीत सिंह ने बताया कि बठिंडा में हड्डा रोडी नहीं है इसके चलते उन्हें मरे जानवरों को फिरोजपुर या फिर कालियावाली में फैंककर आना पड़ता है। इन लोगों के पास किसी तरह की जानवर उठाने की कोई अनुमति व ठेका नहीं है। यही लोग गाड़ी लेकर आते हैं जिन्हें प्रति पशु के हिसाब से पैसा दिया जाता है लेकिन वह एक दो जानवर वहां से उठा लेते हैं व बाकि जानवरों को गौशाला के अंदर ही खाली जगह में फैक देते हैं। इस बाबत गौशाला में तैनात मैनेजर बलजीत से बात की गई तो उसने किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। फिलहाल समाज सेवी संस्थाओं ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन व नगर निगम लोगों से भारी भरकम टैक्स वसूल करने के बावजूद गायों की देखभाल करने में लागातार लापरवाही कर रहा है। इसमें शहर से जानवरों को पकड़कर गोशाला में मरने के लिएओ छोड़ दिया जाता है जिससे शहर की धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं में भारी रोष है। उन्होंने प्रशासन से समय रहते हररायपुर गोशाला की स्थिति में सुधार करने की मांग रखी।

शराब तस्करों को पकड़ने गई पुलिस व एक्साइज टीम पर लोगों ने किया हमला,सात पर केस

-वही नशा व शराब तस्करी करने वाले 6 लोगों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया केस 


बठिंडा. जिला पुलिस ने शराब व नशा तस्करी के आरोप में जहां 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है वही शराब ठेकेदार के ड्राइवर पर जानलेवा हमला करने वाले सात लोगों के खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसमें शराब ठेकेदार के ड्राइवर गुरनाम सिंह वासी राजोवाल ने ने आरोप लगाया कि वह शराब ठेकेदार के पास ड्राइवरी का काम करता है। गत दिवस वह एक्साइज विभाग व पुलिस पार्टी की टीम के साथ गैसपुरा गांव में शराब तस्करी करने वाले लोगों के खिलाफ कारर्वाई करने के लिए गए थे। इस दौरान गांव के बलजीत सिंह, जोगिंदर सिंह, हरपाल सिंह, अरम सिंह, मनदीप सिंह, बलजिंदर कौर, संदीप कौर ने मिलकर उन पर हमला कर दिया। लोगों ने मिलकर एक्साइज विभाग, पुलिस कर्मियों को भी पीटा व गाड़ियों के साथ तोड़फोड़ की। पूरी टीम किसी तरह से जान बचाकर वहां से भागे। इसके बाद मामले की शिकायत दियालपुरा पुलिस के पास की गई। पुलिस ने आरोपी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है इसमें अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
वही शराब तस्करी के मामलों में कनाल कालोनी पुलिस थाना के होलदार बलविंदर सिंह ने बताया कि दविंदर सिंह वासी जनता नगर बठिंडा ठंडी सड़क रेलवे कालोनी में 10 बोतल शराब पंजाब मार्का लेकर जा रहा था। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर बाद में जमानत पर रिहा कर दिया। थर्मल पुलिस के सहायक थानेदार कुलविंदर सिंह ने बताया कि बलविंदर सिंह वासी गांव खचड़ा जिला फरीदकोट को नहरी पुल बठिंडा पर रोककर तलाशी ली गई तो उसके पास 2100 नशीली गोलियां बरामद की गई। आरोपी को गिरफ्तार कर हवालात में बंद कर दिया गया। नथाना पुलिस के सहायक थानेदार गुरप्रीत सिंह ने बताया कि शमशेर सिंह वासी गांव चक्कबख्तू गांव में जहां अवैध शराब निकालने का धंधा कर रहा था वही हरियाणा से शराब लाकर बेचता था। मौके पर आरोपी के पास 50 लीटर लाहन व 36 बोतल हरियाणा मार्का शराब बरामद की गई। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वही मौड़ पुलिस के सहायक थानेदार गुरतेज सिंह ने बताया कि गुलवंत सिंह वासी मौड़ मंडी के पास से 700 ग्राम अफीम बरामद की गई। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह नशा तस्करी का धंधा करता था। संगत पुलिस के सहायक थानेदार गुरचरण सिंह ने बताया कि केवल सिंह, बिक्कर सिंह वासी संगत कला के यहां छापामारी के दौरान 70 लीटर लाहन बरामद की गई। आरोपी घर में कच्ची शराब बनाकर बेचने का धंधा करता था।

सिविल अस्पताल बठिंडा की प्रबंधकीय व्यवस्था बेहाल, एक ही समय में चार डाक्टर पहुंचे डीसी की बैठक में

  • मरीजों को झेलनी पड़ी पूरा दिन परेशानी, डाक्टरों के कमरे के बाहर लोगों की लगी लंबी कतार



बठिंडा. सिविल अस्पताल में दोपहर बाद चार डाक्टरों के गैरहाजिर रहने से मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। इस दौरान डाक्टरों से जांच करवाने के लिए लोगों की लंबी कतारे लग गई। करीब दो घंटे तक लोग डाक्टरों के आने का इंतजार करते रहे। दरअसल जिला प्रशासन की तरफ से डैपो और करोना वायरस को लेकर सोमवार को जिला कांम्प्लेक्स में बैठक रखी गई थी। इस बैठक में सिविल अस्पताल में तैनात चार डाक्टरों को बुलाया गया था। इसमें डैपो की बैठक में जहां मनोरोग विशेषज्ञ डा. अरुण बांसल शामिल थे वही करोना वायरस को लेकर हुई बैठक में डा, मनु गुप्ता व डा. प्रियंका सिंगला बैठक में पहुंची थी। 
वही डा.जयंत करोना वायरस को लेकर मुक्तसर में चल रहे जागरुकता अभियान में हिस्सा लेने के लिए गए हुए है। इस स्थिति में एक ही समय में चार प्रमुख डाक्टरों के अस्पताल में नहीं रहने से मरीजों का काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसमें बताते चले कि सिविल सरज्न अमरिक सिंह भी छुट्टी पर चल रहे हैं जबकि एसएमओ डा, सतीश गोयल के सेवानिर्वित होने के कारण प्रबंधकीय व्यवस्था का काम भी विकल्पिक तौर पर डाक्टरों को दिया गया है। इसके चलते अस्पताल में किसी डाक्टर के हाजिर नहीं रहने या फिर किसी अन्य काम में व्यस्त रहने पर पीछे से काम कौन देखेंगा इसकी रुटेशन सही ढंग से नहीं हो पा रही है। इस अव्यवस्था का खामियाजा दूर दराज के क्षेत्रों से उपचार के लिए पहुंचने वाले सैकड़ों मरीजों व उनके परिजनों को भुगतान पड़ रहा है। 
अस्पताल में मनोचिकित्सक डा. अरुण बांसल के पास प्रतिदिन डेढ़ सौ से लेकर दो सौ मरीजों की ओपीडी रहती है जिसमें नशा छोड़ने के इच्छुक लोग ज्यादा पहुंचते हैं जबकि मानसिक समस्या से ग्रस्त लोगों का उपचार भी उनके पास ही होता है। रविवार की छुट्टी होने के चलते सोमवार को अस्पताल में अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा भीड़ भी रहती है। अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे रोशन लाल, राजू व मंजू ने बताया कि वह दोपहर 12 बजे से डाक्टर के आने का इंतजार कर रहे हैं पहले कहा गया कि डाक्टर है लेकिन वह जरूरी काम में व्यस्त है। इसमें कुछ समय बाद वहां बैठे सहायक ने बताया कि डाक्टर अरुण डीसी दफ्तर में मिटिंग करने गए है और कब तक वापिस आएंगे कुछ कहा नहीं जा सकता है।


इस दौरान कई मरीज तो डेढ़ घंटे तक इंतजार करने के बाद वापिस लौट गए लेकिन कई मरीज डाक्टर के आने का इंतजार काफी समय तक करते रहे। यही स्थिति ईएनटी स्पेसलिस्ट प्रियंका सिंगला व डा. मनु गुप्ता के कमरे के बाहर की थी जहां मरीजों की लंबी लाइनें लगी थी व उन्हें अटेंड करने वाला कोई नहीं था। इस बारे में डाक्टर अरुण बांसल का कहना था कि डीसी दफ्तर में बुलाई जाने वाली बैठक में जाना भी जरूरी है। इससे पहले पूरा रिकार्ड भी इकट्ठा करना पड़ता है जिसे आगे दफ्तर में देना पड़ता है। इस स्थिति में बैठक के दौरान उनका ज्यादातर समय तैयारी में ही निकल जाता है। उन्होंने माना कि इस दौरान उपचार के लिए आने वाले मरीजों का खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है लेकिन वह इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं। वही एडीशनल एसएमओ का कार्यभार देख रही डा. सीमा गुप्ता का कहना है कि डीसी दफ्तर की तरफ से डैपो व करोना वायरस को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में सेहत विभाग के संबंधित विभागों के डाक्टरों का जाना लाजमी होता है क्योंकि बैठक में आगामी योजना बनने के साथ पुरानी कारगुजारी का ब्योरा देना होता है। इस स्थिति में जहां जरूरत पड़ती है उसमें अस्पताल में व्याप्त साधनों के अनुसार विकल्प के तौर पर दूसरे डाक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है।


दिल्ली हिंसा पर पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी का बड़ा आरोप- 'हिंसा होती रही, सरकार सोती रही'

  • हामिद अंसारी ने कहा कि सरकार ने हिंसा रोकने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा पूरी तरह से सुनियोजित थी.



नई दिल्लीः दिल्ली हिंसा को लेकर पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने हिंसा रोकने की कोशिश नहीं कि. उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा पूरी तरह से सुनियोजित थी. एबीपी न्यूज़ चैनल से एक्सक्लूसिव बात करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में हिंसा होती रही और सरकार सोती रही. इसके अलावा उन्होंने सरकार पर कई आरोप लगाए.

हालत हो रहे हैं सामान्य

बता दें कि दिल्ली में फैली हिंसा के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. लोग अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से बाहर निकल रहे हैं. दंगा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं. कई इलाकों में धारा 144 में ढील दी गई है.

दिल्ली पुलिस ने बताया है कि राजधानी में जारी हिंसा को लेकर अब तक 123 एफआईआर दर्ज हुए हैं. 25 एफआईआर फायर आर्मस की दर्ज हैं. दिल्ली पुलिस के मुताबिक 630 लोगों को पकड़ा (गिरफ्तार या हिरासत) गया है.

सोशल मीडिया की भी मॉनिटरिंग में जुटी पुलिस

पुलिस के मुताबिक यह आंकड़ा और भी बढ सकता है. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में स्थिति सामान्य है. जांच का काम शुरू हो चुका है. दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएम रंधावा ने बताया कि फॉरेसिंक टीम ने क्राइम सीन का दौरा किया.

पुलिस सोशल मीडिया की भी मॉनिटरिंग में जुट गई है. स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम सबूत इकट्ठे कर रही है. हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है. हिंसा में 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

दिल्ली: अफवाह फैलाने वाला विकास गिरफ्तार, दी थी फायरिंग की झूठी जानकारी

  • अफवाह फैलाने वालों पर पुलिस का एक्शन

  • अमन विहार से एक गिरफ्तार, दो हिरासत में
  • बाइक के साइलेंसर को बताया था फायरिंग

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में रविवार शाम को अचानक हिंसा को लेकर अफवाह फैल गई थी. इस अफवाह के बाद दिल्ली में हड़बड़ी का माहौल था लेकिन पुलिस ने हर हिंसा की खबर को झूठा करार दिया. अब सोमवार को दिल्ली पुलिस ने अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की है. पुलिस ने अमन विहार से एक शख्स को गिरफ्तार किया है.

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दिल्ली पुलिस ने अमन विहार से विकास नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. विकास ने अमन विहार के ए ब्लॉक में फायरिंग होने की जानकारी दी थी और PCR को फोन किया था. जो कि गलत जानकारी थी.
विकास को गिरफ्तार करने के अलावा पुलिस ने दो अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया है. 22 साल के पुनीत ने बच्चों के फंसे होने की झूठी कॉल की थी, जिसे पुलिस ने रात को ही हिरासत में लिया. हालांकि पूछताछ के बाद पुनीत को छोड़ दिया.
वहीं, 22 साल के शिवम ने भी पुलिस को झूठी फायरिंग की कॉल की थी. दिल्ली पुलिस ने बाद में पूछताछ कर शिवम को भी छोड़ दिया. जांच में पता लगा कि आवाज़ किसी फायरिंग की नहीं, बल्कि मोटर साइकिल के साइलेंसर की थी. इसके अलावा अभी भी दिल्ली पुलिस का एक्शन जारी है और झूठी शिकायत दर्ज करने वालों की तलाश हो रही है.
रविवार को फैली थी हिंसा की अफवाह
गौरतलब है कि रविवार शाम को अचानक दिल्ली में अफवाह का माहौल बन गया था. तिलक नगर, उत्तम नगर, जाकिर नगर समेत क्षेत्रों में हिंसा को लेकर अफवाह फैलाई गई थी. इस दौरान लगातार बाजारों में हलचल तेज थी और लोगों ने दुकानें भी बंद कर दी थीं. इन अफवाहों के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस एक्टिव हुई थी और सड़कों पर उतरकर अफवाहों को गलत करार दिया था.
इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने लगातार सोशल मीडिया पर अपडेट, वीडियो डाल लोगों को भरोसा दिलाया था कि दिल्ली में सबकुछ ठीक है. बता दें कि अफवाहों को बीच रविवार को दिल्ली के करीब 7 मेट्रो स्टेशनों को कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया था.
दिल्ली हिंसा में अब तक 46 की मौत
नागरिकता संशोधन एक्ट के नाम पर दिल्ली में 24 फरवरी को फैली हिंसा तीन तक चली थी. इस दौरान उत्तर पूर्वी इलाके में भजनपुरा, करावल नगर, मौजपुर जैसे इलाकों में काफी पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी. इस हिंसा में अबतक 46 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हैं.
हालांकि, अब पुलिस ने हिंसा के बाद एक्शन लेना शुरू किया है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अबतक हिंसा से जुड़े मामलों में 334 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं जबकि पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया और हिरासत में लिया है.

कपिल-अनुराग और प्रवेश का हेट स्पीच मामला सुनेगा सुप्रीम कोर्ट, CJI बोले- कोर्ट दंगे नहीं रोक सकता

  • भड़काऊ भाषण देने के आरोपी कपिल मिक्षा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा समेत बीजेपी नेताओं के खिलाफ पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी..

  • याचिका में कहा गया कि इस मामले में जल्द सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि हर रोज हिंसा में लोग मारे जा रहे हैं.

Hate Speech: Supreme Court to hear pleas seeking fir against BJP leaders for hate speeches on wednesday
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नई दिल्ली: बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा और दूसरे बीजेपी नेताओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण के लिए एफआईआर की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. आज इस मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद अरविंद बोबडे ने सख्त टिप्पणी की और कहा कि ऐसा माहौल बनाया जाता है जैसे दंगा होने में कोर्ट की ही कोई गलती हो.

बुधवार को होगी अगली सुनवाई

हाई कोर्ट में बेवजह सुनवाई टलने का दावा कर रहे वकील कॉलिन गोंजाल्विस से सीजेआई शरद अरविंद बोबडे ने कहा है कि हाई कोर्ट ने किसी वजह से ही सुनवाई टाली होगी. हमने उनका आदेश नहीं देखा. सीजेआई ने यह भी कहा है कि कोर्ट दंगे नहीं रोक सकता, लेकिन माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे दंगा होने में कोर्ट की ही कोई गलती हो. अब इस मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी.

याचिका में क्या कहा गया है?

भड़काऊ भाषण देने के आरोपी कपिल मिक्षा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा समेत बीजेपी नेताओं के खिलाफ पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के मामले को 13 अप्रैल तक टालने को चुनौती दी गई हैं. याचिका में कहा गया कि इस मामले में जल्द सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि हर रोज हिंसा में लोग मारे जा रहे हैं. याचिका में भड़काऊ भाषण देने वाले बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई है.

अनुराग ठाकुरप्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा ने क्या कहा था?

बीजेपी सासंद प्रवेश वर्मा ने दिल्ली चुनावों के दौरान 28 जनवरी को कहा था कि कश्मीर में जो कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ वह दिल्ली में भी हो सकता है. साथ ही चेताया था कि शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लाखों लोग घरों में घुस कर लोगों की हत्या और महिलाओं के साथ रेप कर सकते हैं. वहीं अनुराग ठाकुर ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा में 'गोली मारो' वाला विवादित नारा लगाय था. इसके बाद जाफराबाद में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के बाद कपिल मिश्रा ने दिल्ली पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि तीन दिन में सड़क खाली कराएं वरना हम आपकी भी नहीं सुनेंगे.

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इंसानियत: हिंसा से झुलसी दिल्ली में सिख पिता-पुत्र ने 70 मुस्लिमों की बचाई जान

जिस वक्त दिल्ली हिंसा से जूझ रही थी, इंसान इंसान का दुश्मन बना बैठा था. उनमें से कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने इंसानियत की लाज रख ली. ऐसे ही लोगों में थे एक बुजुर्ग सिख और उनका बेटा. जिन्होंने मुस्लिमों की जान बचाने के लिए पगड़ी पहनाकर सुरक्षित जगह पहुंचाया.


नई दिल्ली: 24 फरवरी को जिस वक्त दिल्ली का गोकुलपुरी इलाका हिंसा की चपेट में था, उस वक्त कुछ ऐसे बंदे भी थे जो इंसानियत को बचाने के लिए आगे आए. ऐसे लोगों ने ना तो किसी का मजहब देखा और ना किसी की जात. नफरत की दीवारों से घिरे गोकुलपुरी में सिख बाप बेटे ने मिलकर करीब 70 मुस्लिमों को बचाया.

सिख बाप-बेटे ने 70 मुस्लिमों की बचाई जान

मोनिंदर सिंह कहते हैं, "हिंसा से घिरे इलाके के बीच मैंने अपने बेटे की मदद से करीब 70 मुस्लिमों को सुरक्षित जगह पहुंचाया. मैं अपने स्कूटर से लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचा रहा था जबकि मेरे काम में मेरा बेटा बुलेट से मदद कर रहा था. हम दोनों ने अपने-अपने दोपहिया वाहनों से मुस्लिम परिवारों को गोकुलपुरी इलाके से कर्दमपुरी पहुंचाया. हिंसाग्रस्त इलाके में सहमे हुए मुस्लिम परिवारों को बाहर निकालने के लिए करीब 20 चक्कर हम दोनों ने गोकुलपुरी इलाके का लगाया."

दंगाइयों से बचाने के लिए मुस्लिमों को पहनाई पगड़ी

बुजुर्ग मोनिंदर सिंह 1984 के दंगों को याद करते हुए बताते हैं, "दाढ़ीवाले मुस्लिमों की पहचान छिपाने के लिए हमने अपनी पगड़ी उन्हें पहनाई. फिर पहले औरतों और बच्चों को एक इलाके से दूसरे इलाके पहुंचाया. हमने सिर्फ इंसानियत की खातिर ऐसा किया. हमें किसी की जात या धर्म से क्या वास्ता?" आपको बता दें कि रविवार को नागरिकता कानून के विरोधी और समर्थक आमने सामने आ गये थे. जिसके बाद दो समुदाय में पथराव और आगजनी की घटना ने हिंसक रूप ले लिया. उसके बाद करीब चार दिनों तक चली हिंसा की चपेट में आकर 42 लोगों की जान चली गई. जबकि करीब 200 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं. फिलहाल दिल्ली पुलिस ने हिंसा की जांच के लिए दो SIT का गठन किया है.

गुरुवार, 23 जनवरी 2014

ऐसा ग्रह, जिस पर पृथ्वी से ज्यादा पानी

ऐसा ग्रह, जिस पर पृथ्वी से ज्यादा पानी
वाशिंगटन। मंगल और बृहस्पति ग्रहों की कक्षाओं के बीच ऐसे बौने ग्रह का पता चला है, जो बर्फ से लदा हुआ है। इसकी बर्फ से इतना पानी निकल सकता है, जितना पृथ्वी पर भी नहीं। ये बौना ग्रह मुख्य क्षुद्रग्रह पंट्टी यानि एस्टेरॉयड बेल्ट में है।
इस बौने ग्रह को सेर्स नाम दिया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि सेर्स से गाहेबगाहे जल की भाप निकलती है। ऐसा तब होता है जब इस ग्रह की बर्फीली सतह का ऊपरी हिस्सा गर्म होता है।
सेर्स क्षुद्रग्रह क्षेत्र में सबसे बड़ा और सबसे गोलाकार पिंड है। इसे बौना ग्रह कहा जाता है। यह सौरमंडल का एक ऐसा पिंड है जो क्षुद्रग्रह से बड़ा और ग्रह से छोटा है। इसका व्यास करीब 950 किलोमीटर है। शोध के मुख्य लेखक माइकल कुपेर्स ने बताया, 'यह पहली बार है जब क्षुद्रग्रह क्षेत्र में किसी पिंड पर जलभाप के बारे में स्पष्ट रूप से पता चला है। इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि सेर्स की सतह बर्फीली है।' पहली बार जब 1801 में सेर्स को देखा गया था तो खगोलविदों ने मान लिया था कि यह एक ग्रह है। बाद में इसी प्रकार की कक्षा वाले अन्य ब्रह्मांडीय पिंडों का पता चला। इससे सौरमंडल के मुख्य क्षुद्रग्रह क्षेत्र की खोज हुई। वैज्ञानिकों का मानना है कि सेर्स के भीतरी भाग की चट्टान बर्फ से ढकी हुई है। इसके पिघलने से उतना जल मिल सकता है जितना कि पृथ्वी पर भी नहीं है। यह शोध नेचर जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

लोकसभा चुनाव में सबको चाहिए 'आप' का टिकट


लोकसभा चुनाव में सबको चाहिए 'आप' का टिकट
नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को मिली सफलता के बाद लोकसभा चुनाव के लिए टिकट मांगने वालों की लाइन लग गई है। सबसे ज्यादा दावेदारी दिल्ली के सात लोकसभा क्षेत्रों के लिए है। यहां से करीब पांच सौ लोगों ने दावेदारी की है। उत्तर प्रदेश व हरियाणा से भी काफी संख्या में दावेदारी जताई जा रही है।
आप के हनुमान रोड स्थित कार्यालय में बुधवार को प्रेसवार्ता में पार्टी नेताओं ने बताया कि लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए देश भर से पांच हजार से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। आवेदन का सिलसिला जारी है, इसलिए उम्मीदवारों की घोषणा में कुछ वक्त लगेगा। राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता के मुताबिक लोकसभा चुनाव के लिए आए आवेदनों में से 2600 की जांच की गई है। करीब दो हजार ऑनलाइन और 500 हार्ड कॉपी की जांच बाकी है। ईमेल पर कई आवेदकों ने टुकड़ों में जानकारी भेजी है, इसलिए जांच में दिक्कत आ रही है। आवेदन तब तक स्वीकार किए जाएंगे, जब तक संबंधित सीट के उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं कर दिया जाता।
सदस्यों की संख्या पहुंची पचास लाख
पार्टी के सदस्यता अभियान के प्रमुख गोपाल राय ने बताया कि पिछले 11 दिनों में देश भर से करीब 50 लाख लोगों ने पार्टी की सदस्यता ली है। इसमें 3355425 लोगों को डोर-टू-डोर अभियान से जोड़ा गया है। एसएमएस व मिस्ड कॉल से 10.80 लाख लोगों ने सदस्यता ली है। इसके अलावा ऑनलाइन सदस्यता लेने वालों की संख्या लगभग 6.45 लाख है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 26 जनवरी तक सदस्यों की संख्या एक करोड़ तक पहुंच जाएगी।
दिल्ली व उत्तर प्रदेश में सबसेच्ज्यादा बन रहे हैं सदस्य
सदस्यता अभियान में दिल्ली, उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश जैसे परिणाम दक्षिण भारत में नहीं मिल रहे हैं। महाराष्ट्र में करीब पांच लाख लोगों ने सदस्यता ली है। नेताओं को उम्मीद थी कि मुंबई व पुणे जैसे शहरों से लोग बढ़-चढ़कर पार्टी में शामिल होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। चेन्नई, बेंगलूर व हैदराबाद जैसे शहरों से भी उम्मीद के मुताबिक सदस्य नहीं बने हैं। दिल्ली के पड़ोसी रच्च्य हरियाणा में लोग आप की सदस्यता ले रहे हैं। हालांकि चंडीगढ़ में उत्साह कम है।
राज्यवार आप के सदस्यों की संख्या इस प्रकार है..
राज्य - सदस्य
उत्तर प्रदेश - 11,93,628
दिल्ली - 5,82,567
मध्य प्रदेश - 5,22,567
महाराष्ट्र - 4,93,739
हरियाणा - 3,76,121
गुजरात - 3,38,004
तमिलनाडु - 2,25,562
राजस्थान - 2,19,059
बिहार - 2,30,588
पंजाब - 1,77,300
कर्नाटक - 1,08,881
केरल - 81,195
ओडिशा - 1,22,737
प. बंगाल - 58,872
आंध प्रदेश - 38,616
चंडीगढ़ - 10,000
गोवा - 5,000

मोदी के सवाल पर भड़के स्वामी स्वरूपानंद, पत्रकार को जड़ा थप्पड़



मोदी के सवाल पर भड़के स्वामी स्वरूपानंद, पत्रकार को जड़ा थप्पड़
भोपाल। द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मोदी के पीएम बनने को लेकर पूछे गए सवाल पर एक पत्रकार को थप्पड़ जड़ दिया। बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि ये लोग मोदी को चर्चा में बनाएं रखने के लिए ऐसा करते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी पीएम बने या न बने इससे मुझसे कोई मतलब नहीं है।
मीडिया रिपो‌र्ट्स के अनुसार द्वारिकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती गुरुवार को मध्यप्रदेश के जबलपुर में सिविक सेंटर स्थित बगलामुखी मंदिर में पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान जब एक पत्रकार ने शंकराचार्य से नरेंद्र मोदी के पीएम बनने पर सवाल किया तो उन्होंने गुस्से में एक थप्पड़ जड़ दिया।
शंकराचार्य ने घटना के बाद सफाई देते हुए कहा कि मुझे राजनीति की बातें नहीं करनी है। हालांकि इससे पहले भी शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से राजनीति पर सवाल पूछे जाते रहे हैं और वे बेबाक बयान भी देते रहे हैं।

पंचायत के आदेश पर आदिवासी युवती से 13 लोगों ने किया गैंगरेप


पंचायत के आदेश पर आदिवासी युवती से 13 लोगों ने किया गैंगरेप
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के लाभपुर ब्लॉक में आदिवासी युवती को अन्य जाति के युवक के साथ प्रेम संबंधों पर अमानवीय सजा दी गई। पंचायत प्रमुख के कथित आदेश पर युवती के साथ 13 लोगों ने गैंगरेप किया, उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। मंगलवार रात हुई इस घटना के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर गुरुवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। राज्यपाल एमके नारायणन का कहना है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। घटना ने पाकिस्तान के मुजफ्फरगढ़ जिले की महिला मुख्तारन बीबी के साथ हुए हादसे की याद दिला दी। वर्ष 2002 में पंचायत के निर्णय पर उनके साथ गैंगरेप किया गया था।
बंगाल सरकार ने भी मामले को गंभीरता से लिया है और पुलिस को जल्द जांच के आदेश दिए हैं। राज्य की महिला व बाल कल्याण मंत्री शशि पांजा ने गुरुवार को बताया कि मैंने पुलिस अधीक्षक, पीड़िता, अस्पताल अधीक्षक से बुधवार की रात को बातचीत की और गुरुवार सुबह पीड़िता से मिलने गई।
यदि युवती व उनके परिजन चाहें तो वापस अपने घर लौट सकते हैं। उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। यदि वे घर वापस नहीं लौटना चाहते तो हमने उनके लिए एक सुरक्षित घर भी तलाश कर लिया है। मंगलवार को वारदात के बाद युवती के परिजनों ने लाभपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था। इसमें बताया था कि उनकी जाति के ही लोगों ने युवती के प्रेम संबंधों से नाराज होकर सजा के तौर पर गैंगरेप किया है।
सभी दोषियों को मिले शारीरिक दंड : राज्यपाल
आदिवासी युवती के साथ गैंगरेप की निंदा करते हुए प्रदेश के राज्यपाल एमके नारायणन ने गुरुवार को कहा कि आरोपियों को शारीरिक दंड दिया जाना चाहिए। 20 वर्षीया आदिवासी युवती की हालत अभी गंभीर बनी हुई है। दोषियों ने जघन्य अपराध किया है, उन्हें शारीरिक दंड मिलना चाहिए।
राज्य महिला आयोग ने दिया जांच का निर्देश
सामूहिक दुष्कर्म कांड को लेकर पश्चिम बंगाल महिला आयोग ने गुरुवार को जांच का निर्देश दिया है। आयोग की अध्यक्ष सुनंदा मुखर्जी ने कहा कि हमने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। हम इसका पूरा ध्यान रखेंगे कि दुष्कर्म करने का आदेश देने वाले सहित सभी दुष्कर्मियों को सख्त सजा मिले।

सांसदों ने पीएम पद के लिए चुना तो विचार करूंगा: राहुल गांधी


सांसदों ने पीएम पद के लिए चुना तो विचार करूंगा: राहुल गांधी
अमेठी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी उन्हें प्रधानमंत्री बनाना चाहती है तो वे तैयार हैं, लेकिन पार्टी को इसका फैसला लोकसभा चुनाव के बाद करना होगा। अमेठी में कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव के बाद यदि पार्टी बहुमत में आती है और चुने हुए प्रतिनिधि [सांसद] यदि यह प्रस्ताव लाते हैं तो मैं इस पर विचार करूंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में चुने गए सांसद ही प्रधानमंत्री का चुनाव करते हैं।
राहुल ने उदाहरण देते हुए कहा कि मनमोहन सिंह को भी हमारे चुने हुए सांसदों ने प्रधानमंत्री चुना था। कांग्रेस में पहले से ही प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुनने की व्यवस्था नहीं है। इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं माना जा सकता, बल्कि यह व्यक्तिवादी व्यवस्था है। प्रधानमंत्री चुनना सांसदों का अधिकार है और यह उनके पास ही रहना चाहिए।
इससे पहले दिल्ली की कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में भी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की इच्छा थी कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाए मगर सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने पार्टी को ऐसा करने से मना कर दिया था। सोनिया ने कांग्रेस की परंपरा का हवाला देते हुए कहा था कि कांग्रेस में सांसदों द्वारा प्रधानमंत्री चुने जाने की परंपरा रही है।

यूपी को गुजरात बनाने के लिए 56 इंच का सीना चाहिए: मोदी


यूपी को गुजरात बनाने के लिए 56 इंच का सीना चाहिए: मोदी
गोरखपुर। भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने विजय शंखनाद रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में हर रैली रिकॉडतोड़ रही है। उन्होंने कहा कि जनसैलाब को देखकर ऐसा लग रहा है लोगों ने परिवर्तन का मन बना लिया है। अब भारत कांग्रेस मुक्त होकर रहेगा।
मोदी ने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल की बनने वाली प्रतिमा के लिए लोहा इकट्ठा करने का काम पूरे देश में चल रहा है और लोग बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने गोरखपुर की सांस्कृतिक विरासत को याद करते हुए कहा कि गीता प्रेस के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
मोदी ने चार राज्यों में भाजपा की शानदार जीत का उल्लेख करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव का ट्रेलर था। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 34 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं उसमें कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। वहीं मध्यप्रदेश की 35 सीटों में 28 पर भाजपा ने जीत हासिल की। छत्तीसगढ़ में 10 सीटों में से एक सीट पर कांग्रेस जीती। मोदी ने कहा कि भाजपा की सरकार में गरीबी कम हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल गरीबों की बात करती है लेकिन आजादी के इतने साल बीत जाने के बावजूद उसने गरीबी दूर नहीं की। देश की गरीबी के लिए वही जिम्मेदार है।
मोदी ने चाय वाले जुमले का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस गरीबों का मजाक उड़ाती है। उसे बर्दाश्त नहीं एक चायवाला देश का प्रधानमंत्री बने। उन्होंने लोगों से पूछा, बताएं 12 रुपये कहां खाना मिलता है? दिल्ली की सरकार असंवेदनशील है।
भाजपा नेता ने कहा कि रोजगार के लिए कौन पलायन करना चाहता है। अगर यूपी में नौजवानों को रोटी मिलती तो वो गुजरात नहीं जाते। मोदी ने मुलायम-अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि आजकल मैं यूपी में जहां जाता हूं बाप-बेटा मेरा पीछा करते हैं। उन्होंने कहा कि नेताजी कहते हैं कि मोदी की हैसियत नहीं कि वो यूपी को गुजरात बना सकते हैं। उन्होंने कहा नेताजी आपको नहीं पता है कि गुजरात बनाने का मतलब क्या होता है। गुजरात बनाने का मतलब है कि 24 घंटे और 365 दिन बिजली, कृषि में 10 प्रतिशत विकास दर, ढेरों रोजगार। मुलायम की हैसियत नहीं कि वो यूपी को गुजरात बना सकें। यूपी को गुजरात बनाने के लिए 56 इंच का सीना चाहिए।
मोदी ने कहा कि यूपी में बिजली, सड़क, रोजगार कुछ नहीं है। यहां अमूल जैसी डेयरी की जरूरत है, लाखों नौजवानों को रोजगार दे सकता है। सरकार यहां विकास करना ही नहीं चाहती है।
मोदी ने जनता से कहा कि आप हमें 60 महीने दीजिए, हम आपको सुख-चैन की जिंदगी देंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया की बराबरी वाला भारत बनाना चाहते हैं। पूर्वाचल से उठी आवाज पूरे देश में जाएगी।
इससे पहले, मोदी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ गुरुवार दोपहर यहां पहुंचे। दोनों नेताओं ने सबसे पहले मंदिर पहुंचकर बाबा गोरखनाथ का दर्शन किया। पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह सबसे पहले 12:30 बजे महाराणा प्रताप पालिटेक्निक कालेज में बनाए गए हेलीपैड पर हेलीकाप्टर से उतरे। मौके पर गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रो. यूपी सिंह और डॉ. वाईपी सिंह ने दोनों का स्वागत किया। इसके बाद सभी लोग कार में बैठकर गोरखनाथ मंदिर के लिए रवाना हो गए। कॉलेज से निकलने पर उमड़ी भीड़ जहां मोदी के समर्थन में नारेबाजी कर रही थी, वहीं उन्होंने कार से ही हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन किया। मोदी का काफिला 12.59 मिनट पर गोरखनाथ मंदिर पहुंचा और सभी ने गोरखनाथ बाबा का दर्शन किया। उसके बाद सभी लोगों ने महंत अवैद्यनाथ से मुलाकात की।
सांसद योगी आदित्यनाथ के गढ़ में भाजपा मजबूत रही है। रैली के लिए 13 संसदीय क्षेत्रों से भारी भीड़ जुटाई गई। रैली के सिलसिले में प्रशासन ने कड़े सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पूरे जोन से पुलिस अधिकारियों और जवानों को गोरखपुर भेजा गया था।
रैली स्थल पर चाकू लेकर आए दो संदिग्ध गिरफ्तार
गोरखपुर में होने वाली नरेंद्र मोदी की विजय शंखनाद रैली के सुरक्षा इंतजाम के बीच गुरुवार सुबह दो संदिग्ध लोगों के पास से चाकू बरामद किया गया। यह दोनों मोदी के सभास्थल पर प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस इन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। गोरखपुर प्रशासन की मांग पर शासन ने गैर जिलों से चार एसपी समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल उपलब्ध कराया गया। तय रणनीति के अनुसार रैलीस्थल के चारों ओर सुरक्षा घेरा बनाया गया था। मंच के इर्द-गिर्द एटीएस की टीम विशेष निगरानी रख रही थी।
पूर्वाचल की इन 13 सीटों पर हैं निगाह
गोरखपुर, बांसगांव, देवरिया, सलेमपुर, पड़रौना, महराजगंज, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, मऊ, घोसी, लालगंज एवं बलिया। गोरखपुर के करीबी जिलों की ये लोक सभा सीटें काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। जिसकी वजह से रैली महत्ता बढ़ गई है।

बुधवार, 22 जनवरी 2014

नशा करने में लड़कियां भी किसी से कम नहीं


Meerut : क्या आपको पता है कि शहर की महिलाएं भी नशे की आदी हो रही हैं. अगर नहीं पता तो हमसे जान लीजिए. सिटी की युवतियों को भी नशे का चस्का चढऩे लगा है. अभी तक तो केवल युवाओं में नशे की बात सामने आई थी. इस खबर से आप चौंक जाएंगें कि युवतियां भी अब नशे की आदी हो रही हैं. पिछले पांच सालों की बात करें तो मेरठ में ही सौ से भी अधिक महिलाएं नशे के दम पर अपना जीवन गुजारने लगी हैं. नशा मुक्ति केंद्रों के अनुसार यह महिलाएं भी यंग एज की ही हैं.
साफ बताते हैं आंकड़े जागृति नशा मुक्ति केंद्र पर ही अब तक पचास से भी अधिक युवतियां रजिस्टर्ड हो चुकी हैं. वहीं, प्राइवेट नशा मुक्ति सेंटर शताब्दी नगर स्थित परिवर्तन और बाईपास नवोदय में भी अब तक पचास के आसपास युवतियों को नशे के लिए काउंसलिंग दी गई है.

कैसे लगती है लत यह लत कहीं और से नहीं लगती बल्कि इसकी शुरूआत अपने ही घर से होती है. घरेलू कलह और तनाव आने पर महिलाएं नशा करने लगती हैं. वहीं सोसाइटी में हाई दिखने के लिए भी नशा करना महिलाओं का शौक बनने लगा है.

कहां से होती है शुरुआतशुरुआती दौर में खुद नशा टेंशनमुक्त करने के लिहाज से हल्के तौर पर किया जाता है. तनाव में नींद नहीं आने के कारण महिलाएं नींद की गोलियां खाने लगती हैं. फिर धीरे-धीरे यहीं गोलियां इतनी आदत में आ जाती है. इसके बाद एक या दो गोलियों से काम नहीं चलता है.

इंजेक्शन व शराब का नशानशा मुक्ति केंद्रों के अनुसार महिलाएं इंजेक्शन और शराब से भी नशा करने में पीछे नहीं है. लेट नाइट पार्टी में युवतियां अब इंजेक्शन से लेकर शराब तक का नशा भी करने लगी हैं. पिछले दो तीन सालों में यह बात सामने आई है कि अब सिटी की दस प्रतिशत युवतियां हाई सोसाइटी में ढालने के लिहाज से डिं्रक तक करने लगी है.

25 उम्र की युवतियों को है चस्का सिटी की महिलाओं में नशा करने वाली सबसे कम उम्र की युवती 25 वर्ष की है. 25 वर्ष से 30 की उम्र में हाई सोसाइटी और घरेलू कलह के कारण नशे की आदत में आ जाती है. वहीं 30 से 40 वर्ष में नशे की आदी महिलाओं का मेन रीजन घरेलू कलह ही होता है.

नशे से खतरा नींद की गोलियां जो एक तरह से ड्रग्स का ही काम करती हैं. इनको अधिक खाने से डिप्रेशन की समस्या भी आ जाती है. वहीं शराब से मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है.
थिनर और बाम से भी नशा
नशा मुक्ति केंद्रों के अनुसार अब तो थिनर और बाम से भी नशा किया जाने लगा है. यह नशा तो हर घर में ही खुलेआम यूज किया जाता है.

दवाओं से इलाज सिटी से अक्सर नशे की शिकार महिलाएं भी काउंसिलिंग के लिए आती रहती हैं. जागृति नशा मुक्ति केंद्र के डायरेक्टर हसनैन जैदी ने बताया कि महिलाओं को काउंसिलिंग और दवाओं के जरिए ठीक करने का प्रयास किया जाता है. अगर मरीज एक परसेंट भी ठीक नहीं हो पाता तो दुबारा से इलाज किया जाता है.

"नशे की आदी महिलाओं को यह गोलियों का नशा डिपे्रशन तक का शिकार बना देता है. इंजेक्शन से नशा करना तो इससे भी भयंकर परिणाम देता है. इंजेक्शन से नशा करने पर शरीर पर घाव के निशान पड़ जाना और गु्रपिंग इंजेक्शन से नशा करने से एड्स तक की संभावना आ सकती है."
शालू, काउंसलर, नशामुक्ति केंद्र

"अधिकतर नशे की आदी महिलाएं नींद की दवाओं और इंजेक्शन से नशा करती पाई गई है."
हुसनैन जैदी, डायरेक्टर जागृति नशा मुक्ति केंद्र

"महिलाओं में भी नशे की शुरुआत हो चुकी है. अक्सर महिलाएं गोलियों का नशा करती है."
मनोज, परिवर्तन नशा मुक्ति केंद्र

"नशे से संबंधित अनेक तरह के जागरुकता कैंप व रैलियों का आयोजन किया गया है."
आलोक कुमार, जिला मद्यनिषेध अधिकारी क्षेत्रीय मद्यनिषेध एवं समाजोत्थान विभाग

"इस तरह की महिलाएं खुद को अकेला महसूस करने लगती हैं. नींद नहीं आने के कारण वह गोलियां खाने लगती हैं. धीरे धीरे यह आदत बन जाती है."
अनिता बजाज, काउंसलर

http://www.jagran.com/entertainment/controversy-biggest-films-of-the-year2014-10975384.html

2014 में ये 14 फिल्में देखना मत भूलना!


2014 में ये 14 फिल्में देखना मत भूलना!
मुंबई। साल 2013 बॉलीवुड के लिए जबरदस्त रहा। इस साल कई फिल्में जहां 100 करोड़ के क्लब में शामिल हुई, तो तीन फिल्मों ने 200 का आंकड़ा पार किया। कुछ फिल्में भले ही पिट गई, लेकिन उनके गाने और कुछ लम्हे लोगों के लिए यादगार बन गए। साल 2014 से भी ऐसी ही कुछ उम्मीद है। इस साल कई बड़ी फिल्में बॉक्स आफिस पर धूम मचाने का इंतजार कर रही है। आइए हम आपको उन फिल्मों से रू-ब-रू कराते हैं, जो नए साल में बॉक्स ऑफिस में दस्तक देने को तैयार हैं।
2013 के टॉप टेन एक्टर
1. बैंग बैंग
साल 2013 रितिक रोशन के लिए काफी उतार चढ़ाव भरा रहा। जहां उनके फिल्मी करियर ने एक नए आयाम को छुआ, वहीं उनके जीवन से प्यार ने अलविदा कह दिया। जी हां इधर उनकी फिल्म कृष थ्री ने बॉक्स ऑफिस में धूम मचा दी, उधर उनकी पत्नी सुजैन खान ने उनके तलाक ले लिया। लेकिन हम उम्मीद करेंगे कि साल 2014 रितिक के लिए अच्छा रहेगा। वैसे भी उनकी एक और बड़ी फिल्म बैंग बैंग इस साल बॉक्स ऑफिस पर धमाका करने आ रही है। फिल्म में इनके साथ कट्रीना कैफ नजर आएंगी।
2013 में इन हसीनाओं का बॉलीवुड में रहा दबदबा
2. जय हो
सल्लू मियां ने भले ही साल 2013 में एक भी फिल्म नहीं की, लेकिन उनका पिछला साल जबरदस्त रहा। सलमान के लिए 2014 भी बेसब्री से इंतजार कर रहा है क्योंकि साल के पहले ही महीने में सल्लू की फिल्म जय हो रिलीज हो रही है। 24 जनवरी को रिलीज होने वाली इस फिल्म में गणतंत्र दिवस को देखते हुए देशभक्ति का रंग भी दिया गया है। फिल्म जय हो का डिजिटल पोस्टर लांच हो चुका है।
3. पीके
आमिर के लिए साल 2013 का अंत धमाकेदार रहा। पूरा साल ही जैसे उनके नाम रहा, लेकिन साल 2014 भी कम नहीं रहने वाला है। इस साल आमिर की एक और बड़ी फिल्म पीके रिलीज होने वाली है। इस फिल्म में आमिर के अलग-अलग अवतार देखने को मिलेंगे। इसलिए भी लोगों का क्रेज जबरदस्त है। वे हर फिल्म में कुछ न कुछ नया करते हैं।
4. जग्गा जासूस
रणबीर कपूर का साल 2013 कुछ खास नहीं रहा। रणबीर की फिल्म बेशरम सुपर फ्लॉप रही, लेकिन उन्हें अपने इस साल से काफी उम्मीदें हैं। उनकी और अनुराग बसु की जोड़ी हमेशा से ही जबरदस्त रही है। इस साल भी ऐसा ही कुछ होने जा रहा है। इस साल उनकी फिल्म जग्गा जासूस आने वाली है।
5. मेरी कॉम
प्रियंका चोपड़ा ने अपने एग्जोटिक गाने से साल 2013 में जबरदस्त धूम मचाई और साल 2014 में भी वे ऐसे कुछ प्लान के साथ तैयार हैं। जी हां पीसी ने खिलाड़ी मेरी कॉम की जीवनी को पर्दे पर उतारने का बेड़ा उठाया है। वे मेरी कॉम पर फिल्म करने जा रही हैं। वे इस फिल्म को लेकर काफी उत्साहित हैं।
6. 2 स्टेट्स
यह फिल्म चेतन भगत के नॉवेल पर आधारित है। अर्जुन कपूर और आलिया भट्ट की यह फिल्म 18 अप्रैल को रिलीज हो रही है। करण जौहर और साजिद नाडियावाला इस फिल्म के निर्माता हैं और अभिषेक वर्मन इसका निर्देशन करेंगे। फिल्म में शंकर-अहसान-लॉय का म्यूजिक है और इसलिए फिल्म का संगीत भी इसे हिट कराने में अहम भूमिका निभा सकता है।
7. हैप्पी न्यू ईयर
साल 2013 पर शाहरुख का राज रहा। जी हां पिछले साल शाहरुख ने चेन्नई एक्सप्रेस जैसी सुपरहिट फिल्म दी और इस साल भी वे कुछ धमाका ही करने जा रहे हैं। साल 2014 में किंग खान की फिल्म हैप्पी न्यू ईयर आ रही है। इस फिल्म में फराह खान के साथ काफी दिनों बाद शाहरुख काम कर रहे हैं।
8. गुंडे
यशराज फिल्म्स की गुंडे वेलेनटाइन डे पर रिलीज हो रही है। फिल्म में रणवीर सिंह, अर्जुन कपूर, प्रियंका चोपड़ा और इरफान खान जैसे स्टार हैं। पिछले महीने रिलीज हुए इसके ट्रेलर को काफी पसंद किया जा रहा है।
9. गुलाबी गैंग
माधुरी दीक्षित भले ही फिल्मों से काफी दिनों से दूर हैं, लेकिन उनके प्रति लोगों का क्रेज जबरदस्त है। वे नए साल में महिलाओं के विकास पर आधारित फिल्म गुलाबी गैंग करने जा रही हैं।
10. फैंटम
कट्रीना ने साल 2013 में अपनी धूम-3 से धूम मचाई और अब वे साल 2014 में भी धमाका करने जा रहीं हैं। कबीर खान की फिल्में हमेशा ही अलग होती है। नए साल में भी वे कुछ नया करेंगे। सैफ अली खान, कट्रीना कैफ फिल्म फैंटम लेकर आ रहे हैं।
11. सिंघम-2
यह 2012 में रिलीज हुई अजय देवगन की फिल्म सिंघम का सीक्वल है। माना जा रहा है कि रोहित शेट्टी और अजय देवगन की जोड़ी एक बार फिर इस फिल्म के जरिए बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाएगी।
12. एक्शन-जैक्सन
राउडी राठौर जैसे फिल्म बनाने वाले प्रभु देवा की आखिरी फिल्म आर राजकुमार भले ही कुछ खास नहीं कर पाई, लेकिन एक्शन-जैक्सन से वे फिर कमाल कर सकते हैं। अजय देवगन की 2014 में रिलीज होने वाली यह पहली फिल्म होगी।
13. किक
इस फिल्म की शूटिंग को लेकर कई बार अड़चने आई, लेकिन अब फिल्म पटरी पर आ चुकी है। यह फिल्म ईद पर रिलीज होगी और सलमान तथा ईद का पुराना नाता है।
14. हाइवे
साजिद नाडियावाला और इम्तियाज अली की इस फिल्म में भले ही आलिया भट्ट और रणदीप हुड्डा जैसे युवा स्टार है, फिर भी इस फिल्म से बड़ी कामयाबी की उम्मीद की जा रही है। 21 फरवरी को रिलीज होने वाली इस फिल्म में ऑस्कर अवॉर्ड विजेता एआर रहमान का म्यूजिक है।
इन फिल्मों पर भी रहेगी नजर
इसके अलावा कई और बड़ी फिल्में हैं जो साल 2014 में दस्तक देने वाली हैं। फरहान अख्तर और विद्या बालन की शादी के साइड इफेक्ट्स को लेकर भी लोगों में काफी क्रेज है, ये फिल्म भी साल 2014 में आ रही है।
http://www.jagran.com/entertainment/controversy-biggest-films-of-the-year2014-10975384.html

सोशल मीडिया पर केजरी का उड़ा मजाक, दिल्लीवासियों ने जताई नाराजगी

नई दिल्ली। सोशल मीडिया के चहेते सितारे अरविंद केजरीवाल ने धरने पर बैठकर अपने लिए मुसीबत मोल ले ली है। ट्विटर पर तो उनका जमकर मजाक उड़ाया ही जा रहा है, फेसबुक पर भी उनकी लोकप्रियता घटने के संकेत मिले हैं। लोगों ने फेसबुक व ट्विटर पर केजरीवाल के धरने की खूब आलोचना की है। एक आंकड़े के अनुसार 13 जनवरी को उनके फेसबुक पेज पर 68 हजार लोग जुड़े। 20 जनवरी को यह संख्या 30 हजार ही दर्ज की गई।
पढि़ए सोशल मीडिया पर आए कुछ कमेंट..
मैंने कहीं पढ़ा है कि अगर आप भिखारी को सोने का कटोरा दे दो तो भी वह उसका इस्तेमाल भीख मांगने के लिए ही करेगा। -सर रवींद्र जडेजा
केजरीवाल की तारीफ की जानी चाहिए कि उन्होंने 3डी सिनेमा और वीडियो गेम्स के इस जमाने में नुक्कड़ नाटक का प्रचार करने की हिम्मत दिखाई। -द बैड डॉक्टर
मैं शर्त लगाता हूं कि अगर केजरीवाल प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो वह सेनाओं का मुखिया बनने के लिए राष्ट्रपति के खिलाफ धरना देंगे। -राजदीप चक्रवर्ती
आप के दो नियम हैं। पहला- केजरीवाल कभी गलत नहीं होते। दूसरा-अगर कोई संदेह हो तो पहला नियम देखें। -आरिफ अख्तर
आप राजनीति की आइटम ग‌र्ल्स बन गई है। उसने अपनी नौटंकी से मुझे निराश कर दिया। -चेतन भगत, एक टीवी चैनल पर
मुख्यमंत्री के धरने से असंतुष्ट दिखे लोग
पूर्वी दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस के तीन अधिकारियों के निलंबन की मांग को लेकर धरने पर बैठे अरविंद केजरीवाल ने भले ही दिल्लीवासियों के हितों के लिए लड़ने का दावा किया पर लोगों की राय इस बारे में बिल्कुल अलग है। लोगों के मुताबिक इसके चक्कर में दिल्ली सरकार जनता की मूलभूत जरूरतों से जुड़े मसलों को नजरंदाज कर रही है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि राजनीति से जुड़े लोगों को आत्ममंथन करने की जरूरत है कि आखिरकार एक मुख्यमंत्री को धरने पर बैठने की नौबत क्यों आई?
मुख्यमंत्री का पद एक संवैधानिक पद है। इसीलिए अरविंद केजरीवाल का इस तरह धरने पर बैठना शोभा नहीं देता है। अगर उन्हें पुलिस अधिकारियों को निलंबित कराना ही था तो संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था। पिछले एक सप्ताह से अतिथि शिक्षक स्थायी करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। सरकार को धरना देने के बजाए उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए था। - डॉ. जे एस सक्सेना राज, आनंद विहार
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के धरने की वजह से ऑफिस आने जाने वालों को काफी समस्या हुई। इसके चलते जगह-जगह जाम लगा। मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री को सबसे पहले दिल्लीवासियों की बिजली, पानी की समस्या का समाधान निकालना चाहिए। -साजिद खान, दिलशाद कॉलोनी
दिल्ली की जनता को धरने से परेशानी तो जरूर हुई है, लेकिन इस बात पर भी विचार किया जाना चाहिए कि हर किसी को अपनी मांगों के लिए धरना-प्रदर्शनों का सहारा क्यों लेना पड़ा। -आयुष केसरी, मयूर विहार फेज-2
राजधानी का मुख्यमंत्री अपनी मांगों को लेकर धरना पर बैठा है। यह अपने आप में दिलचस्प है। लेकिन राजनीतिज्ञों को इस पर मंथन करना चाहिए कि आखिर इस तरह की नौबत क्यों आई कि मुख्यमंत्री को धरने का सहारा लेना पड़ा। -ममता सिंह, शकरपुर
मुख्यमंत्री को धरने पर बैठना पड़ रहा है। यह थोड़ा अजीब है, लेकिन केंद्र सरकार जिस तरह से पेश आ रही है, उससे तो लगता है कि अब धरना और प्रदर्शन ही एक मात्र विकल्प रह गया है। मुख्यमंत्री का यह कदम ऐतिहासिक है। -अस्मि पांडे, मयूर विहार फेज-3
धरना प्रदर्शन राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है। हमारे मुख्यमंत्री इसका लोकसभा चुनाव में फायदा उठाना चाहते हैं। -आदित्य प्रवेश, लक्ष्मीनगर
अरविंद केजरीवाल एच्च् अच्च्े मुख्यमंत्री हैं। अगर वे धरने पर बैठे हैं तो यह दिल्लीवासियों के हित के लिए हैं। -नगमा खान
धरना-प्रदर्शन के कारण लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा। भले ही यह अस्थाई समस्या रही हो, लेकिन मुख्यमंत्री को जनता की दिक्कतों का भी ख्याल रखना चाहिए। -भारत भूषण
SPONSER--जागरण न्यूज नेटवर्क

फेंसी नंबरों के शौकिनों को झटका: 0001 नंबर की बोली 5 लाख से होगी शुरू


भास्कर न्यूज | Jan 22, 2014, 07:54AM IST
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अमृतसर. राज्य सरकार ने फेंसी नंबरों के चाहवानों को खासा झटका दिया है। अब यह बोली खुले में होने की बजाय ऑनलाइन होगी। 0001 नंबर के लिए न्यूनतम बोली 5 लाख रुपए निर्धारित कर दी गई है, जबकि इससे पहले इसके लिए आरक्षित रकम 50 हजार थी। 
 
0002-0009 के लिए देने होंगे 2.5 लाख रुपए
 
0002 से 0009 नंबर लेने के लिए बोली 2.5 लाख रुपए से शुरू होगी। इससे पहले आरक्षित राशि 10 हजार रुपए थी। 0010 से 0099 नंबर के लिए आरक्षित राशि एक लाख रुपए कर दी गई है। इससे पहले यह राशि 3 हजार रुपए थी। इसी तरह 100-200-300-400-500 आदि नंबरों के लिए बोली 25 हजार रुपए से शुरू होगी। इससे पहले इन नंबरों की बोली 1000 रुपए से शुरू हुआ करती थी। इससे पहले बोली डीटीओ की देखरेख में होती थी और कई बार नेताओं के दबाव में फेंसी नंबर सस्ते में चला जाता था। इसीलिए सरकार ने नया तरीका अपनाया है।
 
अब प्रदेश में किसी भी जिले से अपनी मर्जी का नंबर लेने की सुविधा भी ग्राहक को दे दी गई है। मान लो आपने गाड़ी अमृतसर से खरीदी है और आपका लक्की नंबर 3366 है तो इसके लिए आप 5 हजार रुपए देकर नंबर को अपने नाम कर सकेंगे। यदि आपने गाड़ी तो जालंधर या किसी दूसरे जिले से खरीदी है और नंबर आप अमृतसर से लेना चाह रहे हैं तो इसके लिए आपको दोगुनी यानी 10 हजार रुपए खर्च करने होंगे। 

मौत से पहले सुनंदा ने बेहद गुस्‍से में मेहर तरार से की थी बात, थरूर से होगी पूछताछ


नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्‍नी सुनंदा पुष्‍कर की मौत स्‍वाभाविक थी या आत्‍महत्‍या या फिर किसी साजिश का नतीजा, इस बात की जांच पुलिस करेगी। मौत की वजह का पता लगाने के लिए पुलिस जल्दी ही शशि थरूर से पूछताछ कर सकती है। इस बीच, खबर आई है कि सुनंदा ने मौत से पहले पाकिस्‍तानी पत्रकार मेहर तरार से भी बात की थी। एक अग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक सुनंदा पुष्कर ने बुधवार (15 जनवरी) को काफी गुस्‍से में मेहर तरार से फोन पर बात की थी। बातचीत के बाद भी वह बेहद तनाव में रहीं और सिगरेट पीती रहीं। थोड़ी देर बाद शशि थरूर आए। वह माफी मांगने की मुद्रा में थे, लेकिन सुनंदा का गुस्‍सा ठंडा नहीं हुआ। 
 
आगे क्या करेगी पुलिस?
सूत्रों का कहना है कि पुलिस पुलिस शशि थरूर के अलावा सुनंदा के पिता और भाई को भी समन जारी करेगी। साथ ही पुलिस नए सिरे से थरूर और अन्य लोगों के बयान दर्ज करेगी। एसडीएम ने अभी तक होटल की सीसीटीवी फुटेज नहीं देखी है। पुलिस अभी एसडीएम को दिए गए 11 लोगों के बयानों की जांच कर रही है। 
 
सूत्रों का कहना है कि फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट के बाद ही इस बात की पुष्टि होगी कि आखिर किस तरह के जहर के कारण सुनंदा की मौत हुई है। पोस्टमार्टम के दौरान लिए गए सैंपल लैब में भेजे जा चुके हैं। 
 
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 'जहर के कारण मौत' होने के संकते मिले हैं, इसके बाद एसडीएम ने पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो चीजे सामने आई हैं, उसी को आधार बनाते हुए मामले की आगे की जांच की जाएगी। सुनंदा की शुक्रवार को नई दिल्ली के होटल लीला में संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। 
 
सुनंदा के परिवार ने किसी पर शक से किया इंकार
बसंत विहार के एसडीएम आलोक शर्मा ने सरोजनी नगर थाने के एसएचओ को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। सीआरपीसी की धारा 176 के तहत मजिस्ट्रेट द्वारा की गई शुरुआती जांच में निर्मता, प्रताड़ना और दहेज के कारण शोषण के सबूत नहीं मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि परिवार के लोगों ने सुनंदा की मौत को लेकर किसी पर कोई शक जताने से भी इंकार किया है।
 
11 लोगों से की मजिस्ट्रेट ने पूछताछ
मजिस्ट्रेट ने अभी तक करीब 11 लोगों से  शुरुआती तौर पर पूछताछ की है। इनमें सुनंदा का भाई राजेश और आशीष पुष्कर, सुनंदा के बेटे शिव मेनन, निजी सचिव आरके शर्मा, कंसल्टेंट शिव कुमार, अटेंडेंट नारायण व बजरंगी, सुनंदा का उपचार करने वाले दो ड़ॉक्टर शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार नलिनी सिंह से भी पूछताछ की है, जिनसे सुनंदा ने मौत से पहले वाली आखिरी रात को बात की थी। 

निकोल शेर्जिगर


कैलिफोर्निया. सिंगर निकोल शेर्जिगर ने हाल ही में कैलिफोर्निया के पिंक मोटल में एक फोटोशूट कराया है। फोटोशूट के लिए निकोल ने सेक्सी ब्लैक जम्पशूट पहना हुआ था, जिसमें उनके क्लीवेज साफ दिखाई दे रहे थे।
निकोल ने अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए ब्लैक आई लाइनर, नेचुरल लिपस्टिक और व्हाइट पेंट नेल का इस्तेमाल किया, जिसकी वजह से वह कुछ अलग ही नजर आ रही थीं। इसके बाद कुछ फोटोग्राफ्स में निकोल ब्लैक एंड व्हाइट लेपर्ड ड्रेस में दिखाई दे रही हैं।
पिंक मोटल और लॉस एंजिलस का कैडिलैक जैक कैफे अपने गुलाबी रंगत के लिए जाना जाता है। इसकी गुलाबी रंगत यहां होने वाले फोटोशूट को एक नया आयाम देती है। गौरतलब है कि 35 वर्षीय निकोल एक्स फैक्टर की जज भी रह चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि फार्मूला वन रेसिंग चालक लेविस हेमिल्टन से जून 2013 में अलग होने के बाद वेबसाइट ‘कांटेक्टम्यूजिक डॉट कॉम’ को बताया था कि उन्हें ऐसे पुरुष बिलकुल भी पसंद नहीं है जो खुद को उत्तेजक मानते हैं। शेर्जिगर ने कहा था कि मैं ऐसा लड़का चाहती हूं, जो मुझे हंसा सके और जो बहुत शांत हो।

धरना खत्‍म होने के वे चार कारण जो नहीं बता रहे केजरीवाल

रात में थी 'क्रैकडाउन' की तैयारी

नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों और समर्थकों का दो दिनों का धरना मंगलवार शाम को खत्म हो गया। लेकिन केजरीवाल ने धरना अपनी मांग पूरी हुए बिना ही खत्म कर दिया। केजरीवाल के धरना खत्म होने की असली वजह कुछ और मानी जा रही है। इस धरने को लेकर खुद को अराजक कहने वाले केजरीवाल, उनकी सरकार और पार्टी की जमकर आलोचना हो रही है। केजरीवाल ने सबसे पहले दिल्ली के कुछ पुलिसवालों  को सस्पेंड करनी की मांग की थी। लेकिन बाद में उन्होंने इसमें ढील देते हुए कहा कि इन पुलिसवालों का तबादला कर दिया जाए। लेकिन केंद्र सरकार ने इनमें से कोई भी मांग नहीं मानी। मंगलवार को दिल्ली के मालवीय नगर थाने के एसएचओ और पहाड़गंज पीसीआर वैन के इंचार्ज को छुट्टी पर भेजते ही अरविंद केजरीवाल ने धरना खत्म कर दिया। केजरीवाल ने धरना खत्म होने पर कहा, 'लेफ्टिनेंट गवर्नर साहब ने हमारी मांगें आंशिक रूप से मान ली हैं। यह दिल्ली की जनता की बहुत बड़ी जीत है। दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने की दिशा में यह पहला कदम है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार वचनबद्ध है।' 
 
सुरक्षा तंत्र ने कर ली थी धरना खत्म करने की तैयारी
 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश की राजधानी में मौजूद राजपथ के नजदीक शास्त्री पार्क में मंगलवार शाम पौने आठ बजे तक धरने पर बैठे हुए थे। 26 जनवरी को राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के मद्देनजर केजरीवाल का धरना सरकार के लिए बड़ी परेशानी बनता जा रहा था। यही वजह है कि केंद्र सरकार का शीर्ष नेतृत्व और सुरक्षा से जुड़े आला अफसर आम आदमी पार्टी समर्थकों के खिलाफ मंगलवार को निर्णायक कार्रवाई करने की योजना को अंतिम रूप देने लगे थे। बताया जाता है कि अगर मंगलवार को केजरीवाल का धरना खत्म नहीं होता तो रात में ही सुरक्षा बल धरना दे रहे लोगों पर धावा बोल देते। यह कार्रवाई कुछ वैसी ही हो सकती थी, जैसी कार्रवाई 4-5 जून की रात को दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के खिलाफ की गई थी। केजरीवाल का धरना खत्म होने की एक बड़ी वजह सुरक्षा बलों की तकरीबन निश्चित कार्रवाई भी थी। 

भुल्लर मामले में दिए अपने ही फैसले को पलटा सुप्रीम कोर्ट ने


नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फांसी की सजा पाए दोषियों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि यदि सरकार दया याचिका पर फैसले में देरी करती है तो इस आधार पर फांसी को उम्रकैद में बदला जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने 15 कैदियों की फांसी को उम्रकैद में बदल दिया है। कोर्ट ने खालिस्तानी आतंकवादी देविंदर पाल सिंह भुल्लर के मामले में दिए अपने ही फैसले को भी पलट दिया है।
कोर्ट ने 12 अप्रैल 2013 को कहा था कि दया याचिका पर फैसले में देरी फांसी माफ करने का आधार नहीं हो सकता। मई 2011 में भुल्लर की दया याचिका खारिज हुई थी। फैसले से भुल्लर को भी राहत मिल सकती है। जिनको राहत मिली उनमें हरियाणा के पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया के बेटी-दामाद के अलावा चंदन तस्कर वीरप्पन के बड़े 4 सहयोगी भी हैं।सबसे ज्यादा सात कैदी कर्नाटक के हैं। वहीं, उत्तरप्रदेश के चार, हरियाणा के दो और मध्यप्रदेश व उत्तराखंड के एक-एक कैदी शामिल हैं।
भुल्लर को भी मिल सकती राहत
26 मई 1965 को जालंधर में जन्मे और लुधियाना के गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज से बीई का कोर्स करने वाले खालिस्तानी आतंकी दविंदरपाल सिंह भुल्लर की तमाम याचिकाएं खारिज कर सुप्रीम कोर्ट ने 12 मार्च 2013 को फांसी देने का आदेश दिया था।
1993 में विस्फोट
1993  में दिल्ली में भुल्लर पर ब्लास्ट का आरोप। धमाके में 9 लोगों की मौत। जर्मनी भाग गया था भुल्लर। 199४ में भारत लाया गया। 2001 में फांसी की सजा सुनाई गई। 2003 में दया याचिका लगाई जो 2011 में खारिज हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने 12 मार्च 2013 को फांसी देने का आदेश दिया था।

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