गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021

बठिंडा में कोरोना वायरस के केसों में फिर से होने लगी बढ़ोतरी, सेहत विभाग के तीन कर्मियों सहित 19 लोगों की रिपोर्ट पोजटिव


-सेहत विभाग के कर्मियों को वैक्सीन लगाने के लिए दिया दूसरा मौका भी समाप्त अब पोजटिव आने वाले कर्मियों को उठाना पड़ेगा इलाज का खर्च 

बठिंडा. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद जिले में कोरोना पोजटिव केसों की तादाद लगातार बढ़ रही है। मामला इस कदर परेशान करने वाला है कि सरकार की तरफ से कोरोना वैक्सीन के लिए सेहत कर्मियों को बार-बार अपील करने के बावजूद दिलचस्पी नहीं दिखाने के चलते सिविल अस्पताल के कर्मी पोजटिव मिलना शुरू हो गए है। वीरवार की रिपोर्ट में सेहत विभाग के तीन कर्मियों की रिपोर्ट कोरोना पोजटिव मिली है। इसी तरह सिविल अस्पताल की तरफ से विभिन्न जांच में 19 लोगों की रिपोर्ट पोजटिव मिली है। इसमें आरटीपीसीआर कोविड रिपोर्ट में 13, एंटीजैन कोविड जांच में 5 व प्राइवेट लैब में कोविड जांच के के दौरान एक व्यक्ति कोरोना पोजटिव मिला है। इसमें भगता भाईका में एक, गुरु की नगरी में एक, पुलिस लाइन में एक, माडल टाउन में एक, जीएनएम सिविल अस्पताल में एक, सिविल सर्जन दफ्तर में दो, गुरु गोबिंद सिंह नगर में एक, श्री रामदास रोड में एक, बीबी वाला रोड में एक व्यक्ति कोरोना पोजटिव मिला है। 

वही दूसरी तरफ पंजाब सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन से परहेज करने वाले और वैक्सीन नहीं लगवाने वाले सेहत विभाग के कर्मियों व हेल्थ वर्करों के प्रति किए कड़े तेवर दिखाए हैं। सेशन सेंटरों पर वैक्सीन लगवाने के लिए बहुत कम संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि वैक्सिनेशन ड्राइव प्रक्रिया में जिला पिछड़ रहा है वही अब सेहत विभाग में भी कर्मी पोजटिव मिल रहे हैं। इसमें सरकार पहले ही हिदायते जारी कर चुकी है कि 25 फरवरी तक अगर किसी सेहत कर्मी ने वैक्सीन नहीं लगाई व वह पोजटिव आ जाता है तो उपचार का पूरा खर्च उसे स्वयं वहन करना पड़ेगा। 

हेल्थ वर्करों को वैक्सीनेशन के लिए कई बार मौका भी दिया गया, फिर भी बड़ी संख्या में हेल्थ वर्कर वैक्सीन लगवाने के परहेज कर रहे हैं। हेल्थ वर्करों को वैक्सीन लगाने के लिए पहले 19 फरवरी अंतिम तिथि थी, लेकिन बड़ी संख्या में हेल्थ वर्कर वैक्सीन प्रक्रिया से दूर थे। जिसके चलते सरकार ने हेल्थ वर्करों के लिए 25 फरवरी तक डेट बढ़ा दी गई थी। यह समय सीमा भी आज समाप्त हो गई है। जिन हेल्थ वर्कर ने 25 फरवरी तक वैक्सीन नहीं लगवाई हैं तो उनका नाम डाटा से हटा दिया जाएगा। दरअसल, सेहत विभाग के प्रयासों के बावजूद सेहत कर्मी कोरोना टीकाकरण मुहिम में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। उन्हें एकांतवास अवकाश का लाभ भी नहीं मिलेगा। इसी चेतावनी के बाद पिछले तीन दिनों से टीका लगवाने के लिए सेहत कर्मी आने शुरू हुए और आंकडा 300 से अधिक रहा। बता दें कि अभी तक सरकार कोरोना संक्रमितों के इलाज का खर्चा स्वयं उठा रही थी। सरकार के उक्त फैसले के बाद सिविल अस्पताल बठिंडा व दूसरे सेहत सेंटरों में डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ अब वैक्सीनेशन के लिए आगे आने लगे लेकिन टीका नहीं लगवाने वाले कर्मियों की तादाद अभी भी काफी ज्यादा है।

वैक्सीन को कोई साइड इफेक्ट नहीं: डा. सिंगला

जिला टीकाकरण अफसर डा. मीनाक्षी सिंगला ने बताया कि वैक्सीन ही कोरोना के विरुद्ध अंतिम ढाल है। टीके को लेकर भयभीत न हों। यह पूरी तरह सुरक्षित और कामयाब है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। बुधवार व वीरवार को सेशन सेंटरों पर अस्पताल में तैनात क्लास फोर्थ व सफाई कर्मचारियों के अलावा नगर निगम कर्मचारी भी वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे। उन्होंने बताया कि मुझे टीका लगवाने के समय या बाद में किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई। बुधवार को 6 सेशन सेंटरों पर 342 हेल्थ वर्करों व फ्रंट लाइन वर्करों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई। वही इतनी ही तादाद वीरवार को रही। सेहत विभाग द्वारा 91557 हेल्थ केयर वर्कर टीकाकरण के लिए रजिस्टर्ड किए गए है। 16 जनवरी से अब तक 5874 हेल्थ केयर वर्कर व फ्रंटलाइन वर्कर टीकाकरण प्रक्रिया में शामिल हुए है। जबकि अभी भी 3298 लाभपात्री शेष हैं।

एसएमओ डा. मनिंदर पाल सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव में मास्क ही बेहद अहम है, जिस किसी को भी कोरोना के लक्षण दिखाई दे वह तुरंत अपना टेस्ट करवाए और यदि वह संक्रमित मिलता है तो वह अपना उपचार डाक्टर की सलाह पर जरूर करवाए। बीमारी छुपाने से यह और बढ़ती है, सभी लोग मास्क जरूर लगाए। उन्होंने कहा की खतरा अभी टला नहीं है, ऐसे में सभी लोगों की जिम्मेदारी है की वे कोविड-19 की गाइड लाइन की पूरी तरह से पालन करें। घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहने और शारीरिक दूरी का पालन करें, लापरवाही खुद के साथ ही आपके परिवार का भी जीवन खतरे मे डाल सकती है साबुन से अच्छी तरह से हाथ साफ करते रहे। सभी लोग गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करे।


ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्वाइंटमेंट के खेल पर सवाल- बठिंडा आरटीए दफ्तर में सक्रिय एजेंट वेबसाइट ओपन होते ही दो मिनट में बुक कर लेते हैं सभी स्लाट


बठिडा :
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्वाइंटमेंट के खेल पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। लर्निग या पक्के लाइसेंस के लिए सुबह नौ बजे वेबसाइट ओपन होती है, लेकिन दो मिनट में सभी स्लाट बुक हो जाते हैं। इसके बाद आम लोग सारा दिन स्लाट लेने के लिए मत्थापची करते हैं, लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगता। बात तो यह भी हो रही है कि आरटीए दफ्तर में सक्रिय एजेंट वेबसाइट के खुलते ही दो मिनट में सारा कुछ बुक कर लेते हैं।

बुधवार को सुबह नौ बजे लाइसेंस की 30 अप्वाइंटमेंट खुली, लेकिन नौ बजकर 2 मिनट पर अप्वाइंटमेंट मिलनी बंद हो गई। अब एक महीने तक सभी अप्वाइंटमेंट फुल हो चुकी हैं। इस लिहाज से देखें तो सिर्फ चार सेकेंड में ही एक अप्वाइंटमेंट बुक हो गई। अप्वाइंटमेंट यानि स्लाट बुकिग की यह तेज रफ्तार आम आवेदकों को समझ नहीं आ रही है। अभी भले ही अप्वाइंटमेंट कम हों, लेकिन जब सुबह व शाम को ज्यादा अप्वाइंटमेंट मिलती थी, तब भी यही हालात थे। बड़ा सवाल यह है कि सेवा केंद्रों में भी लर्निग लाइसेंस बनाए जाते हैं। वहां अप्वाइंटमेंट हर वक्त खुली रहती है।

बात करें तो आरटीए के स्लाट जहां एक महीने तक बंद हो चुके हैं, लेकिन सेवा केंद्रों से अप्वाइंटमेंट मिल रही है। चर्चा यह है कि अगर लर्निग लाइसेंस की इतनी मारामारी है तो फिर यह भी फुल होना चाहिए था। इसके बावजूद सिर्फ आरटीए दफ्तर में ही चंद मिनटों में अप्वाइंटमेंट बुकिग को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, जबकि आरटीए के ट्रैक पर लर्निग टेस्ट आसान है या फिर ऐसी क्या सुविधा है कि यहां स्लाट बुकिंग की मारामारी हो रखी है। इसको लेकर लर्निग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर चुके अनिल सिंह ने बताया कि उनकी फाइल अप्लाई हुए काफी समय हो गया है। मगर हर बार स्लाट लेने के समय उसको यही मैसेज आता है कि अगले 30 दिन के लिए सभी स्लाट बुक हैं। अब काफी समस्या हो रही है, इसका हल होना चाहिए।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने तीन साल पहले लर्निंग से लेकर इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेकर ही बनाने  का फैसला लिया था। लर्निंग लाइसेंस में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट प्रक्रिया की कामयाबी के बाद अब परमानेंट यानि पक्का, रिन्युअल, डुप्लीकेट, रिप्लेस और इंटरनेशनल डीएल के लिए भी इसे लागू कर दिया गया है। 


कुल मिलाकर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का पूरा काम पासपोर्ट की तर्ज पर कर दिया गया है। हालांकि अब भी ऑनलाइन फीस भरने की सुविधा न होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। 

 

https://parivahan.gov.in पर मिलेगी अपॉइंटमेंट 

किसी तरह का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए पहले https://parivahan.gov.in वेबसाइट खोलनी होती है। इसमें दिए ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी सर्विसेज के ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद अपना राज्य सेलेक्ट करना होगा। फिर वेबसाइट के दाईं तरफ ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी अप्लाई ऑनलाइन की ऑप्शन आ जाएगी। इस पर क्लिक करने के बाद नए लर्निंग, पक्के के लिए पहली दो ऑप्शन दी गई हैं। वहीं, डीएल रिन्युअल, रिप्लेस, डुप्लीकेट, इंटरनेशनल परमिट, नाम या एड्रेस चेंज करने के लिए ‘सर्विसेज ऑन ड्राइविंग लाइसेंस’ की ऑप्शन में क्लिक करना होगा। इसमें अपना डीएल नंबर, जन्म तिथि, अन्य डिटेल्स भरने के बाद आगे आपको ऑप्शन आएगी कि आप डीएल रिन्यू, डुप्लीकेट या करेक्शन कराना चाहते हैं। इसे सबमिट करने के बाद अाप अपनी सुविधा के हिसाब से दिन-टाइम चुन सकते हैं। फिर अपॉइंटमेंट का प्रिंटआउट लेकर तय दिन-इम पर ट्रैक पर जाना होगा। वहां सरकारी फीस जमा करने के बाद आप लर्निंग के लिए टेब टेस्ट, पक्के के लिए ट्रैक टेस्ट दे सकते हैं।

 

पुराने डीएल भी इसी तरह हो रहे रिन्यू

बता दें कि डीएल बनाने वाली कंपनी ने  साल 2010 के बाद ड्राइविंग लाइसेंस का रिकॉर्ड कंप्यूटराइज्ड हो चुका है। इससे पहले के डीएल रजिस्टर में दर्ज किए गए हैं। आरटीए दफ्तर के एक अफसर ने बताया कि जिन लोगों के डीएल का रिकॉर्ड कंप्यूटराइज्ड नहीं है, उन्हें भी अपॉइंटमेंट लेनी होगी। जब वो ट्रैक पर आएंगे तो पुराना रिकॉर्ड वेरिफाई कर उसे कंप्यूटर पर अपडेट कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 मिलेगी लर्निंग लाइसेंस की अपॉइंटमेंट महीने बाद 

लुधियाना जैसे बड़े जिले में जहां रोजाना लर्निंग, पक्के और अन्य मिला 500 से 700 लाइसेंस बनते थे, उनके लिए अपॉइंटमेंट की परेशानी खड़ी हो रही है। अभी चल रहे लर्निंग लाइसेंस की बात करें तो दोनों ट्रैकों पर रोजाना 50-50 ही अपॉइंटमेंट मिलती हैं। इनमें एक ट्रैक पर 25 अपॉइंटमेंट सुबह 10 से 12 बजे, 25 शाम दो से चार बजे की हैं। मौजूदा वक्त में अगले 30 दिन के लिए अपॉइंटमेंट बुक हो चुकी हैं। इसके बाद आगे की अपॉइंटमेंट बंद कर दी गई है। 

 

कोविड इफेक्ट:पहले ऑनलाइन क्लास और अब मार्च में परीक्षा से बच्चों-परिजनों में दोहरा मानसिक तनाव; घबराहट-डिप्रेशन, असामान्य व्यवहार के बढ़ने लगे केस


लुधियाना। 
पढ़ाई की चिंता, परीक्षा का डर, ज्यादा से ज्यादा अंक लाने की होड़, साथी बच्चों से तुलना जैसे कई कारण बच्चों के मन में तनाव पैदा करते हैं। मार्च में एग्जाम शुरू होने वाले हैं। कोरोना के कारण घरों तक सीमित रह गए बच्चों और पेरेंट्स के लिए यह समय दोहरे मानसिक तनाव वाला है।

स्कूलबंदी के कारण इस वक्त बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे उनमें तनाव की स्थिति बनी हुई है और बच्चों और पेरेंट्स के रोजाना आने वाले केसों में इजाफा हो रहा है। इस वजह से घर में सकारात्मक वातावरण बना कर रखें और अनावश्यक दबाव न बनाएं।

बच्चों के साथ न करें गैर-जरूरी बहस, मनपसंद गाने सुनने और गेम खेलने दें
^कोविड-19 के बीच बच्चे और पेरेंट्स दोनों तनाव में हैं। घर के काम के साथ ही बच्चों का ऑनलाइन वर्क, एक्टिविटीज करवाने के कारण माताओं का तनाव भी बढ़ा है। यह समय टॉलरेंस का है। बच्चों में पढ़ाई-एग्जाम का स्ट्रेस है। अगर बच्चा पढ़ाई को लेकर अतिरिक्त तनाव में है तो उनसे मिलकर कुछ रिलेक्सेशन एक्टिविटी कर सकते हैं, जैसे गहरी सांस लेना और मेडिटेशन करें। बच्चों के साथ अनावश्यक बहस न करें। नई पीढ़ी को डांट-मारपीट के साथ नहीं समझाया जा सकता। बच्चों को आजादी दें। बच्चों की बात सुनें। बच्चों की डाइट और स्लीप का खास ख्याल रखें। बच्चों से ज्यादा पेरेंट्स के केस आ रहे हैं। बच्चों में एंजायटी और पैनिक अटैक के केस आ रहे हैं। डिप्रेशन, असामान्य व्यवहार, 9वीं-10वीं की लड़कियों में पोनोग्राफी एडिक्शन के मामले बढ़े हैं। रोजाना 4 से 5 केस आ रहे हैं। -डॉ. राजीव गुप्ता, साइकायट्रिस्ट, मानस अस्पताल

बच्चों पर ज्यादा नंबरों का बोझ न डालें

^अमूमन माता−पिता बच्चों से सिर्फ पढ़ाई की ही बात करते हैं। इससे बच्चा परेशान हो जाता है। यकीनन इस समय बच्चों को अतिरिक्त पढ़ाई करने की जरूरत होती है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि स्टडी प्लान बनाएं। इस तरह की एक्टिविटी बच्चे के लिए स्ट्रेस बस्टर की तरह काम करती है।

परीक्षा से पहले के एक सप्ताह में सही समय प्रबंधन जरूरी है, इससे उनका अतिरिक्त तनाव खत्म हो जाएगा। बच्चे को बताएं कि आप उनपर ज्यादा नंबर लाने जैसा कोई बोझ नहीं डाल रहे हैं। आप सिर्फ चाहते हैं कि वे पूरे आत्मविश्वास और ईमानदारी के साथ परीक्षा दें। परीक्षा के दिनों में बच्चों का खान−पान भी काफी अहम होता है। बच्चों को हैवी या तला हुआ फूड खिलाने की जगह थोड़ी−थोड़ी देर में कुछ ना कुछ हेल्दी खाने को दें। लिक्विड की मात्रा अधिक रखें। पानी पीते रहने से तनाव का स्तर घटेगा।
-डॉ. हरप्रीत सिंह, साइकायट्रिस्ट, मोहनदई ओसवाल अस्पताल

जिस बाइक पर लक्खा सिधाना रैली में पहुंचा, उस बाइक संबंधी एक व्यक्ति को बुलाया थाने

रामपुरा फूल : मंगलवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के पैतृक नगर मेहराज में आयोजित रैली में लक्खा सिधाना जिस मोटरसाइकिल पर सवार होकर पहुंचा था। उस मोटरसाइकिल के संबंध में थाना रामपुरा सिटी की पुलिस ने बुधवार सुबह मेहराज निवासी एक व्यक्ति को थाने में बुलाया गया। इसकी भनक लगते ही बड़ी संख्या में मेहराज के लोग बाबा हरदीप सिंह की अगुआई में थाने के बाहर जमा हो गए। थाने में लाए गए व्यक्ति को तुरंत छोड़ने की मांग करते ऐसा न होने की सूरत में उन्होंने थाने का घेराव करने की चेतावनी दी। दोपहर बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया गया। वहीं दूसरी और पुलिस द्वारा उक्त मामले में किसी भी व्यक्ति को थाने में बुलाए जाने की बात से इंकार कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार 26 जनवरी को उपद्रव के मामले में दिल्ली पुलिस को वांछित लक्खा सिधाना मंगलवार को मेहराज में आयोजित रोष रैली में एक मोटरसाइकिल पर सवार होकर पहुंचा था। थाना रामपुरा सिटी द्वारा बुधवार सुबह उस मोटरसाइकिल के संबंध में मेहराज निवासी भोला सिंह को थाने में बुलाया गया। उधर इसकी सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में मेहराज तथा आसपास के गांवों के लोग बाबा हरदीप सिंह की अगुआई में थाने के बाहर जमा होकर भोला सिंह को छोड़ने की मांग करने लगे। इस दौरान दोपहर दो वजे के करीब पुलिस द्वारा भोला सिंह को छोड दिया गया। थाने के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए भोला सिंह ने कहा कि मंगलवार को उसका मोटरसाइकिल अन्य वाहनों के साथ घर के बाहर पार्क में खड़ा था उसे नहीं मालूम कि उक्त मोटरसाइकिल लक्खा सिधाना अथवा रैली स्थल तक किस तरह पहुंचा। वहीं प्रदर्शनकारियों की अगुआई कर रहे बाबा हरदीप सिंह मेहराज ने चेतावनी देते हुए कहा कि पुलिस द्वारा रैली के मामले में यदि किसी भी व्यक्ति को उसके घर या अन्य जगह से उठाया जाता है तो ग्रामीणों द्वारा पुलिस का घेराव किया जाएगा तथा पुलिस को किसी भी व्यक्ति को परेशान करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। बाबा हरदीप सिंह ने कहा कि यह रैली किसी एक व्यक्ति ने नहीं की बल्कि सभी लोगों ने मिलकर की है। उन्होंने कहा कि पुलिस को रैली संबंधी यदि किसी से कोई पूछताछ करनी है तो पुलिस उनसे संपर्क कर सकती है।

-उक्त मामले में किसी को थाने नहीं बुलाया गया : थाना प्रभारी

इस संबंधी थाना प्रभारी सुखविद्र सिंह से बात करने पर उन्होंने उक्त मामले में किसी भी व्यक्ति को उठाए जाने अथवा थाने बुलाए जाने की बात की बात से इंकार करते हुए कहा कि भोला सिंह किसी मामले में खुद ही थाने आया था। 

 

अवैध हथियार व कारतूस के साथ एक व्यक्ति माडल टाउन से गिरफ्तार


 
बठिंडा. शहर में माडल टाउन के नजदीक स्थित एचपी पैट्रोल पंप के टी प्वाइट में एक व्यक्ति को अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया है। सिविल लाइन पुलिस के सहायक थानेदार गुरविंदर सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि माडल टाउन में एक व्यक्ति हथियारों के साथ संदिग्ध अवस्था में घूम रहा है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गुरजीत सिंह वासी माडल टाउन को गिरफ्तार कर उसके पास से एक अवैध पिस्तौल 315 बोर व दो जिंदा कारतूस 315 बोर बरामद किए है। पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है।

आधा किलो अफीम व अवैध शराब की तस्करी करने वाले चार लोग गिरफ्तार

बठिंडा. जिला पुलिस ने अफीम, अवैध शराब सहित चार लोगों को नामजद कर गिरफ्तार कर लिया है। दियालपुरा पुलिस के सहायक थानेदार राजवीर सिंह ने बताया कि संदीप सिंह वासी गांव गुमटी कलां जिला बठिंडा से 500 ग्राम अफीम गांव गुमटी से बरामद की गई। आरोपी को मौके पर गिरफ्तार कर लिया। सदर रामपुरा पुलिस के सहायक थानेदार लखविंदर सिंह ने बताया कि गुरजंट सिंह वासी गांव बल्लों से 9 बोतल अवैध शराब बरामद की गई। आरोपी को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। रामा पुलिस थाना के होलदार बलविंदर सिंह ने बताया कि जगतार सिंह व जीत सिंह वासी गोबिंदपुरा से 24 बोतल हरिय़ामा मार्का शराब बरामद की गई। आरोपी को गांव जजल से गिरफ्तार कर लिया गया।

वैक्सीनेशन :हेल्थ वर्करों को वैक्सीनेशन का आज आखिरी मौका, अभी सिर्फ 5559 ने ही लगवाया टीका

 


बठिंडा। 
पंजाब सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन से परहेज करने वाले और वैक्सीन नहीं लगवाने वाले सेहत विभाग के कर्मियों व हेल्थ वर्करों के प्रति किए कड़े तेवर दिखाए हैं। सेशन सेंटरों पर वैक्सीन लगवाने के लिए बहुत कम संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि वैक्सिनेशन ड्राइव प्रक्रिया में जिला पिछड़ रहा है।

हेल्थ वर्करों को वैक्सीनेशन के लिए कई बार मौका भी दिया गया, फिर भी बड़ी संख्या में हेल्थ वर्कर वैक्सीन लगवाने के परहेज कर रहे हैं। हेल्थ वर्करों को वैक्सीन लगाने के लिए पहले 19 फरवरी अंतिम तिथि थी, लेकिन बड़ी संख्या में हेल्थ वर्कर वैक्सीन प्रक्रिया से दूर थे। जिसके चलते सरकार ने हेल्थ वर्करों के लिए 25 फरवरी तक डेट बढ़ा दी गई थी।

हेल्थ वर्कर अगर 25 फरवरी यानी आज वैक्सीन नहीं लगवाते हैं तो उनका नाम डाटा से हटा दिया जाएगा। दरअसल, सेहत विभाग के प्रयासों के बावजूद सेहत कर्मी कोरोना टीकाकरण मुहिम में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। ऐसे कर्मचारियों को लेकर सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने गत दिवस चेतावनी दी कि जिन सेहत कर्मियों ने टीका नहीं लगवाया है, अगर वे भविष्य में संक्रमण के शिकार होते हैं तो पूरे इलाज का खर्च उनको खुद उठाना होगा।

उन्हें एकांतवास अवकाश का लाभ भी नहीं मिलेगा। इसी चेतावनी के बाद पिछले तीन दिनों से टीका लगवाने के लिए सेहत कर्मी आने शुरू हुए और आंकडा 300 से अधिक रहा। बता दें कि अभी तक सरकार कोरोना संक्रमितों के इलाज का खर्चा स्वयं उठा रही थी। सरकार के उक्त फैसले के बाद सिविल अस्पताल बठिंडा व दूसरे सेहत सेंटरों में डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ अब वैक्सीनेशन के लिए आगे आने लगे।

वैक्सीन को कोई साइड इफेक्ट नहीं: डा. सिंगला
जिला टीकाकरण अफसर डा. मीनाक्षी सिंगला ने बताया कि वैक्सीन ही कोरोना के विरुद्ध अंतिम ढाल है। टीके को लेकर भयभीत न हों। यह पूरी तरह सुरक्षित और कामयाब है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। बुधवार को सेशन सेंटरों पर अस्पताल में तैनात क्लास फोर्थ व सफाई कर्मचारियों के अलावा नगर निगम कर्मचारी भी वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे। उन्होंने बताया कि मुझे टीका लगवाने के समय या बाद में किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई।

90 को पहली और 103 को दूसरी डोज लगी
बुधवार को 6 सेशन सेंटरों पर 342 हेल्थ वर्करों व फ्रंट लाइन वर्करों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई। सेहत विभाग द्वारा 91557 हेल्थ केयर वर्कर टीकाकरण के लिए रजिस्टर्ड किए गए है। 16 जनवरी से अब तक 5559 हेल्थ केयर वर्कर व फ्रंटलाइन वर्कर टीकाकरण प्रक्रिया में शामिल हुए है। जबकि अभी भी 3598 लाभपात्री शेष हैं।

बुधवार को 90 हेल्थ वर्करों को पहली और 103 को दूसरी डोज लगाई गई। इसके अलावा 149 डोज फ्रंटलाइन वर्करों को लगाई गई। आदेश अस्पताल में 20, मैक्स अस्पताल में 101, सिविल अस्पताल में 160, दिल्ली हार्ट अस्पताल में 20, एम्स अस्पताल में 31 व रामपुरा में 10 डोज लगाई गई। सिविल अस्पताल एसएमओ डा. मनिंदर पाल सिंह, ईएमओ डा. गुरमेल सिंह, डा. खुशदीप सिंह व अन्य डाक्टरों ने सेशन सेंटर पहुंचकर टीका लगवाया और अन्य डाक्टरों व हेल्थ कर्मचारियों को वैक्सीन लगवाने की अपील की।

एसएमओ डा. मनिंदर पाल सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव में मास्क ही बेहद अहम है, जिस किसी को भी कोरोना के लक्षण दिखाई दे वह तुरंत अपना टेस्ट करवाए और यदि वह संक्रमित मिलता है तो वह अपना उपचार डाक्टर की सलाह पर जरूर करवाए। बीमारी छुपाने से यह और बढ़ती है, सभी लोग मास्क जरूर लगाए।

उन्होंने कहा की खतरा अभी टला नहीं है, ऐसे में सभी लोगों की जिम्मेदारी है की वे कोविड-19 की गाइड लाइन की पूरी तरह से पालन करें। घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहने और शारीरिक दूरी का पालन करें, लापरवाही खुद के साथ ही आपके परिवार का भी जीवन खतरे मे डाल सकती है साबुन से अच्छी तरह से हाथ साफ करते रहे। सभी लोग गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करे।

गोनियाना मंडी में लक्की ग्रोवर के पेट्रोल पंप पर 1400 रुपये का तेल डलवा कर युवक फरार


गोनियाना मंडी :
गोनियाना मंडी में बुधवार शाम को लक्की ग्रोवर के पेट्रोल पंप पर युवकों ने कर्मचारी से 1400 रुपये का तेल डलवाया। युवकों ने बाद में उसको स्वाइप करने के लिए मशीन मांगी और उसकी मशीन और कर्मचारी को धक्का मारकर वह कार में फरार होकर भाग गए। पेट्रोल पंप के मालिक लक्की ग्रोवर ने बताया कि कार पर कुछ युवक आए थे और उन्होंने तेल डलवाने की बात की। कर्मचारी ने तेल डालने के बाद स्वाइप मशीन दी तो उन्होंने कर्मचारी और स्वाइप मशीन को धक्का मारा और 1400 रुपये का पेट्रोल डलवा कर भाग गए। इस संबंधी नेहियावाला में रिपोर्ट लिखवा दी हैं। इस संबंधी ड्यूटी इंचार्ज गुरनैब सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंप पर लगे कैमरे की फुटेज ले ली है और अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।

 

एक मार्च से शुरू होगा आठवां सिलाई सिखलाई बैच

भुच्चो मंडी. श्री छिन्नमस्तिका धाम, मंदिर माता चिंतपूर्णी सहयोगी संस्था श्री छिन्नमस्तिका नारी शक्ति दल द्वारा संचालित लाला वासुदेव मंगला फ्री सिलाई परीक्षण केंद्र में लड़कियों को सिलाई की ट्रेनिंग दे कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से 8 वां सिलाई परीक्षण बैच 1 मार्च से शुरू किया जाएगा। इस संबंधी जानकारी देते हुए मंदिर के संस्थापक जोगिंदर काका ने बताया कि केंद्र में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद लड़कियों को निशुल्क सिलाई मशीनें और सर्टिफिकेट दिए जाएंगे तां जो वह अपना काम शुरू कर अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। उन्होंने बताया कि पिछले लंबे समय से चल रहे इस सिलाई केंद्र द्वारा अब तक सैंकडों लड़कियों को निशुल्क सिलाई मशीनें बांटी जा चुकी हैं।

 

कृषि कानूनों के खिलाफ मोचरें में महिलाओं ने केंद्र सरकार को लगाए रगड़े


भुच्चो मंडी. कृषि कानूनों के खिलाफ भाकियू एकता उग्राहां द्वारा भुच्चों के बेस्ट प्राइस माल और लहरा बेगा टोल प्लाजा के आगे लगाए पक्के मोर्चे जारी हैं। बेस्ट प्राइस मोर्चे में शामिल भारी गिनती महिलाओं ने केंद्र की मोदी सरकार के अड़ियल रवैये की सख्त शब्दों में निंदा करते हुए केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि जब तक काले कानून वापिस नही होते तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। मोर्चे के दौरान पूरा टाइम लंगर चलता रहा।    


 

 

पटवारियों की मनमानी से बढ़ी लोगों की परेशानी: प्रॉपर्टी की वेरिफिकेशन अटकने से करीब 11 हजार पंजाबियों की विदेश यात्रा रुकी


बठिंडा।
लॉकडाउन के बाद भले ही हालात सामान्य हो गए हैं, लेकिन प्रदेश के 10 हजार 863 पंजाबी विदेश नहीं जा पा रहे, इसकी वजह है उन्हें नॉन एंकमब्रैंस सर्टिफिकेट (एनईसी) नहीं मिल पा रहे। आवेदन करने के 3 महीने बाद भी लोगों की जमीन व प्रॉपर्टी के मालिकाना हक की वेरिफिकेशन नहीं हो पा रही जिसकी वजह से एनईसी जारी नहीं हो पा रहा जिसकी वजह से उनकी विदेश जाने की डाक्यूमेंटेशन अधूरी है।


  • राजस्व विभाग की ओर से एनईसी प्रक्रिया में तेजी लाने व पारदर्शिता बढ़ाने के लिए रेवेन्यू कोर्ट्स मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है जिसके साथ ही एनईसी का काम प्रदेश में बंद पड़ा है। तमाम एप्लिकेशन सब-रजिस्ट्रार दफ्तर में पेंडिंग पड़ी हैं।
  • पूर्व में तहसीलदार दफ्तर से यह दस्तावेज पाने के लिए एक फॉर्म भरना पड़ता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है जिसके प्रोफार्मा में अलग-अलग कॉलम में एड्रेस प्रूफ के अलावा संपत्ति की सभी जानकारियां देते हुए सर्वे नंबर, लोकेशन और अन्य विवरण भरना होता है। वहीं कितनी अवधि के लिए आपको नॉन एंकमब्रैंस सर्टिफिकेट चाहिए, इसके आधार पर प्रशासन फीस चार्ज करता है।

यह सर्टिफिकेट आपकी क्षेत्रीय भाषा में जारी किया जाता है। अगर आपको यह इंग्लिश में चाहिए तो इसके लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। सर्टिफिकेट जारी वर्ष के 1 अप्रैल से समाप्त होने वाले वर्ष के अंत यानी 31 मार्च तक जारी किया जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपको 20 साल के लिए यह सर्टिफिकेट चाहिए और 15 अप्रैल, 2021 को अप्लाई करते हैं तो इसकी अवधि 1 अप्रैल,2011 से लेकर 31 मार्च 2021 तक की होगी।

विदेश जाने के लिए जरूरी है नॉन एंकमब्रैंस सर्टिफिकेट

नॉन एंकमब्रैंस सर्टिफिकेट में एक खास अवधि के दौरान किसी विशेष संपत्ति से संबंधित सभी लेनदेन की जानकारी होती है। आमतौर पर नॉन एंक्रमब्रैंस सर्टिफिकेट में पिछले 12 वर्षों में संपत्ति के इतिहास की सूचना होती है। एनईसी कानूनी दस्तावेज है, जोकि इस बात का सबूत होता है कि प्रॉपर्टी कानूनी पचड़ों और वित्तीय बोझ से मुक्त है या नहीं।

अमूमन न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया आदि के लिए आवेदन करने के लिए एनईसी अटैच करवाना जरूरी होता है जोकि संबद्ध प्रोपर्टी के मालिकाना हक की पुष्टि करता है जिससे लिमिट तक के बैलेंस की जानकारी देता है। एंक्रमब्रैंस सर्टिफिकेट से जानकारी मिलती है कि प्रॉपर्टी बैंक के पास गिरवी रखी है या नहीं। इस सर्टिफिकेट के माध्यम से वर्तमान में प्रॉपर्टी के मालिक के अलावा जबसे प्रॉपर्टी बनी है, यह कितने लोगों के पास रह चुकी है।

जब आपको यह दस्तावेज मिलेगा तो आपको मालूम चल जाएगा कि आप असली मालिक के साथ ही डील फाइनल कर रहे हैं और प्रॉपर्टी पर कोई कानूनी विवाद या फिर वित्तीय बोझ तो नहीं है। प्रॉपर्टी के एवज में या प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन देने से पहले बैंक की ओर से नॉन एंकमब्रैंस सर्टिफिकेट लिया जाता है। प्रॉपर्टी बेचने पर नया खरीददार इस दस्तावेज की मांग करता है।

प्रदेश के पटवारियों ने सर्वसम्मति से लिया फैसला

पटवारियों ने एनईसी संबंधी जमीन अथवा प्राॅपर्टी की वेरिफिकेशन करने से इनकार कर दिया है और इस संबंध में प्रदेश के पटवारियों ने सर्वसम्मत फैसला लिया है जिसकी वजह से पूरे प्रदेश में ही नॉन एंकमब्रैंस सर्टिफिकेट लेने के लिए विदेश जाने के तलबगारों की लाइन लंबी हो रही है जोकि आरसीएमएस वेब पोर्टल पर एनईसी के लिए निर्धारित 1500 रुपए की फीस भरने के बाद 12 वर्षीय जमीन व प्रोपर्टी वेरिफिकेशन के लिए इंतजार कर रहे हैं जबकि आवेदन के 20 से 30 दिनों में आपको नॉन एंकमब्रैंस सर्टिफिकेट जारी होने का प्रावधान है।

पटवारियों का तर्क है कि एनईसी के लिए जमीन अथवा प्रोपर्टी का 12 साल का रिकार्ड वेरिफाई करके देना होता है जबकि ऐसी कोई प्रोपर्टी अथवा जमीन नहीं है जिस पर कर्जा न लिया गया हो अथवा गहने या गिरवी न रखी गई हो। वैसे भी 12 साल की अवधि में दो से तीन बार जमाबंदी हो जाती है। वहीं किसी बैंक से कर्ज लिया अथवा चुका दिए होने की जानकारी भी जमाबंदी के जरिए ही मिल जाती है। हालांकि 1989 में पटवारियों की ओर से प्रोपर्टी संबंधी वेरिफिकेशन बंद कर दिया गया था और तब से यह काम रजिस्ट्री क्लर्क के ही जिम्मे है।

पटवारियों को मिले अपडेट का काम
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रेवेन्यू विभाग ने 3 महीने पहले ऑनलाइन आवेदन के साथ वेरिफिकेशन व लिमिट बनाने संबंधी काम पटवारियों पर थोप दिया जिससे बोझ बढ़ा है। ऑपरेटर की किसी तरह की चूक होने गलती पटवारियों की ही होनी है। ऐसे में वेरिफिकेशन डेटा कंप्यूटर पर अपलोड करने का काम भी पटवारियों को दिया जाए। वेरिफिकेशन नहीं करने का फैसला स्टेट बॉडी की ओर से लिया गया है, सरकार को इस बारे में विचार करना होगा।
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सुखप्रीत सिंह, प्रधान पटवारी यूनियन

नियमों में बदलाव स्टेट लेवल पर होना है
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एनईसी में तेजी लाकर लोगों की सुगमता बढ़ाने व जिम्मेदारी तय करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन पटवारियों ने प्रदेश स्तर पर ही जमीन व प्रोपर्टी की वेरिफिकेशन नहीं करने का फैसला किया है। ऐसे में एनईसी सर्टिफिकेट पूरे पंजाब में अटके पड़े हैं और इसकी सूचना आलाकमान को भेज दी है। स्टेट लेवल पर ही पटवारियों के तर्क के आधार पर साफ्टवेयर में बदलाव संबंधी फैसला लेना है।
-डॉ. विनय, सब रजिस्ट्रार बठिंडा

बठिंडा में कोरोना के दोबारा मामले बढ़ने लगे और सरकार सख्त होने लगी है तो शहरवासियों को लाकडाउन का डर सताने लगा


बठिडा :
कोरोना जानलेवा संक्रमण है। इसे आए हुए एक साल होता आया। शुरू से ही लोगों को जागरूक किया जाने लगा था कि कोरोना को हराने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए नियमों का पालन करना होगा, लेकिन वैक्सीन आने के बाद जैसे ही हालात सामान्य होने लगे लोग लापरवाह होने लगे। मास्क लगाना, सार्वजनिक जगहों पर भीड़ न करना, शारीरिक दूरी का पालन करना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल और साबुन से बार-बार हाथ धोने के नियमों को लोग दरकिनार करने लगे। लोग भूल गए कि बड़ी मुश्किल से हालात सामान्य हुए हैं। अब कोरोना के दोबारा मामले बढ़ने लगे हैं और सरकार सख्त होने लगी है तो शहरवासियों को लाकडाउन का डर सताने लगा है।

बठिडा के हालात एक साल बाद फिर से बदलने लगे हैं। सरकार की ओर से कोरोना को लेकर नई पाबंदियां जारी कर दी गई हैं। अब लोगों को आने वाले दिनों की चिता सताने लगी है। लोग फिर भी स्कूलों, कालेजों, बस स्टैंड , बाजारों या अन्य सार्वजनिक जगह बिना नियमों का पालने किए बेखौफ घूम रहे हैं।

कोरोना की स्थिति

  • 254 कोरोना से हो चुकी मौत
  • 59 सक्रिय

बिजनेसमैन, स्कूल, कालेजों के संचालक चिंता में

आने वाले दिनों को लेकर बिजनेसमैन व स्कूल,कालेजों के संचालक चिता में हैं। क्योंकि उनको फिर से लाकडाउन होने या स्कूलों को बंद करने के आदेश आने की चिता सता रही है। पहले ही छात्रों की पढ़ाई व स्कूलों की आर्थिकी को काफी नुकसान पहुंच चुका है।

स्कूलों में शारीरिक दूरी नहीं संभव

हालांकि सरकार द्वारा स्कूलों में शारीरिक दूरी बना कर रखने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन प्रैक्टिकली यह संभव नहीं है। अगर स्कूल शारीरिक दूरी का नियम लागू करते हैं तो कक्षा में सिर्फ आधे ही छात्र बैठ पाएंगे। ऐसे में सभी प्राइवेट व सरकारी स्कूल अपने बच्चों को रूटीन की तरह ही बिठा रहे हैं।

अब सरकारी स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं के लिए सुंदर लिखाई, पहाड़े और भाषण में बच्चों की दक्षता निखारेंगे प्रतिभा मेले


बठिडा :
अब सरकारी स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं के लिए प्रतिभा मेला लगाया जाएगा। इस मेले के दौरान सभी छोटे बच्चों के मुकाबले करवाए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में प्रतिभा मेले करवाने के आदेश जारी किए हैं। इस मुकाबले का मकसद विद्यार्थियों की प्रतिभा को बढ़ाना है। यह मुकाबले सिर्फ तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों में करवाए जाएंगे। मेले के दिन स्कूल में सुंदर लिखाई मुकाबले, पहाड़ों के मुकाबले, अंग्रेजी और पंजाबी में भाषण प्रतियोगिताएं करवाई जाएंगी। स्कूलों में अलग-अलग ग्रुप बनाने के लिए कहा गया है। हर ग्रुप को विद्यार्थी की गिनती और माडल के अनुसार मैटीरियल उपलब्ध करवाया जाएगा। इस गतिविधि के दौरान 'पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब' के टीम मेंबर स्कूलों में दौरा कर वहां पर टीचर्स को परेशानी आने पर मदद करेंगे। मेले को सोशल मीडिया पर लाइव भी किया जाएगा, ताकि अन्य लोगों को भी स्कूल में होने वाली गतिविधियों की जानकारी मिले। इसके अलावा मेला सिर्फ एक हफ्ते लिए ही चलाया जाएगा।

इस मेले की खासियत यह है कि यह सिर्फ छोटे बच्चों के लिए ही लगाया गया है। इस दौरान सिर्फ पहली से पांचवीं कक्षा तक बच्चे ही भाग ले सकते हैं। यह मेला स्कूलों में 26 से 31 मार्च तक किसी भी दिन करवाने के आदेश दिए गए हैं। इसमें पहली से पांचवीं के सभी विद्यार्थी और अध्यापक हिस्सा लेंगे। इसमें बच्चों को विभिन्न तरह के माडल और विभिन्न तरह की गतिविधियां करवाई जाएंगी। विद्यार्थियों जहां अलग-अलग तरह के माडल बनाने सिखाए जाएंगे। वहीं, विद्यार्थी विभिन्न मुद्दों के चार्ट भी तैयार करेंगे। इनके लिए स्कूलों में पांच हजार जारी किए गए हैं।

विद्यार्थियों की उपलब्धियों को बढ़ाना

कोरोना के बाद काफी समय बाद स्कूलों को खोला गया है। इस कारण छोटे बच्चों पर काफी प्रभाव पड़ा है। इसलिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिभा मुकाबले करवाने का फैसला लिया है, ताकि बच्चों को प्रतिभा को उजागर तो किया जाएगा। इसके साथ ही विद्यार्थियों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा।

 

मामला Mour Mandi में उपभोक्ताओं को राशन कम देने का- गरीबों के मुंह से राशन निकाल कर डीपू होल्डर कर रहे हैं मोटी कमाई


 -गांव घुंमण कलां में धरना लगा कर डीपू होल्डर और फूड सप्लाई आधिकारियों खिलाफ की नारेबाजी

मौड़ मंडी. केंद्र और पंजाब सरकार जहां जरूरतमंद परिवारों तक सस्ते भाव में राशन पहचाने के उपराले कर रही है, वहां ही खुराक और सिविल सप्लाई विभाग के आधिकारियों की मिली भुगत के चलतमे डीपू होलडरों की तरफ से सरकारी राशन को बीच में ही खुर्द बुर्द किया जा रहा है, ऐसा ही एक मामला गांव घुम्मण कलां में सामने आया, जहां गरीब परिवारों की तरफ से सतीश कुमार के डीपू आगे धरना लगा कर डीपू होल्डर, खुराक और सिविल सप्लाई विभाग के आधिकारियों खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके अमरजीत सिंह, रामजीत सिंह, प्रवीण बेगम, जैसमीन बेगम, छिन्दर कौर, सुखपाल कौर ने खुराक और सिविल सप्लाई विभाग के आधिकारियों पर दोष लगाते हुए कहा कि मुलाजिमों की मिली भुगत के साथ डीपू होल्डर सतीश कुमार लंबे समय से कार्ड धारक परिवारों को प्रति जीव के हिसाब के साथ गेहूं और अन्य राशन देने की बजाय बड़ा काट लगा कर गरीबों के राशन की हेरा फेरी करता आ रहा है। उन्होनें कहा कि हम कई बार इस की सूचना फूड सप्लाई के आधिकारियों को दे चुके हैं, परंतु किसी भी अधिकारी ने डीपू होल्डर पर कार्यवाही करनी मुनासिब नहीं समझी, जिस कारण डीपू होल्डर सरेआम गरीबों के मुंह से राशन निकाल कर आगे महंगे भाव बेच रहा है। गांव वासी जगजीत सिंह, रेशम सिंह, जसवीर कौर, किरना कौर ने कहा कि डीपू होल्डर की रिहाईश मौड़ मंडी होने के कारण डीपू अकसर ही बंद रहता है, डीपू खोलने का भी कोई पक्का टाईम नहीं और न ही डीपू के बाहर स्टाक बोर्ड लगा। गरीब लोग दो चार दिन डीपू पर चक्कर मारते मारते परेशान हो जाते हैं, इसी वजह कारण वह राशन लेने से वंचित रह जाते हैं, फिर इन लोगों की तरफ से गरीबों के राशन को आगे महंगे भाव बेच कर मोटी कमाई की जाती है। उन्होनें आगे कहा कि जो कुछ महीने पहले मोदी सरकार की तरफ से प्रति कार्ड 5 किलो छोले की दाल और 25 किलो प्रति जीव के हिसाब के साथ मु़फ्त गेहूं आई थी, वह भी गरीबों में नहीं बांटी गई, बल्कि डीपू होल्डर ने धोखे के साथ घर घर जा कर लाभपातरियों से मशीन द्वारा अंगूठे लगवा कर सरकार का भेजा राशन खुर्द बुर्द कर दिया। उन्होंने पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और खुराक और सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु से मांग की कि गांव घुम्मण कलां के डीपू में आए राशन की बारीकी के साथ जांच की जाए, गरीबों का बाकी रहता राशन दिया जाए और डीपू समय सिर खोलना यकीनी बनाया जाए।

जब डीपू होल्डर सतीश कुमार के साथ बात करनी चाही, तो फोन उन के पुत्र रमन ने उठाया और कहा कि इस मामले संबंधी सारी जानकारी आपको बैठ कर बता सकते हैं।

इस संबंधी जब इंस्पेक्टर जगदीप सिंह के साथ बात की तो उन्होनें कहा कि मौके पर जा कर पता चला है कि डीपू होल्डर का उपभोक्ताओं के साथ व्यवहार बुरा था और एक गेहूं कम बांट रहा था, उन्होनें कहा कि उपभोक्ताओं के बयानों से आगे वाली कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

एएफएसओ त्रिलोक राये के साथ बात की तो उन्होनें कहा कि इंस्पेक्टर खपतकारों के बयान लिख रहा है और उच्च आधिकारियों को डीपू सस्पैंड करने बारे लिखा जाएगा।
गरीबों के राशन में हेरा फेरी बरदाश्त नहीं होगी
जब जिला फूड सप्लाई कंट्रोलर बठिंडा जसप्रीत सिंह काहलो से बात की तो उन्होनें कहा सरकार की तरफ से गरीबों के लिए भेजे जाते राशन के साथ यदि कोई हेरा-फेरी करेगा, तो वह बरदाश्त नहीं होगा, परंतु इस मामले की जांच करवाई जा रही है।
फोटो-गांव घुंमण कलां के डीपू आगे धरना लगा कर नारेबाजी करते हुए उपभोक्ता।

      पंजाब में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए बनेंगे 25 हजार मकान, ये होंंगे नियम और शर्तें

       

      चंडीगढ़। पंजाब कैबिनेट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों के लिए मकान बनाने के लिए नई नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 25000 से अधिक मकान बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इस नीति के तहत डेवलपर्स और अथारिटी की ओर से ईडब्ल्यूएस हाऊसिंग के लिए प्रोजेक्ट क्षेत्र का पांच फीसद निर्माण अपेक्षित होगा। ब्रिकलैस तकनीक से मकानों का निर्माण उचित आकार और उचित स्थानों में किया जाएगा। इसके लिए योग्य प्रोजेक्ट प्रबंधन एजेंसियों (पीएमए) की सेवाएं ली जाएंगी।

      योग्य लाभार्थियों को पंजाब में जन्म का प्रमाण या अर्जी देने की तारीख से 10 साल पहले राज्य में रिहायश का प्रमाण देना होगा। समय-समय पर भारत सरकार या पंजाब सरकार की तरफ से संशोधित किए गए नियमों अनुसार सभी स्रोतों से पारिवारिक आय तीन लाख रुपये सालाना से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदक (पति /पत्नी या नाबालिग बच्चे) के नाम पर पंजाब या चंडीगढ़ में पहले से ही कोई भी फ्री होल्ड, लीज होल्ड रिहायशी प्लाट, बसेरा यूनिट नहीं होना चाहिए। आवेदक को इन पहलुओं पर स्व-तस्दीक करनी होगी।

      मोटर व्हीकल कर वसूलने की प्रक्रिया के संशोधन को मंजूरी

      मोटरव्हीकल कर की वसूली और इसके रिफंड की प्रक्रिया सुविधाजनक बनाने के लिए कैबिनेट ने पंजाब मोटर व्हीकल टैक्सेशन एक्ट, 1924 (संशोधित) के सेक्शन तीन और शेड्यूल में संशोधन को मंजूरी दे दी। यह संशोधन मोटर कार या मोटर साइकिल मालिक की तरफ से किसी अन्य राज्य में वाहन समेत प्रवास कर जाने और पंजाब का निवासी न रहने या पंजाब से बाहर निवास करते किसी व्यक्ति के नाम मालिकाना हक तबदील करने की सूरत में अदा किए जाने वाले एकमुश्त कर के रिफंड जैसे मुद्दों से संबंधित है।

      अगर ट्रांसपोर्ट वाहन पंजाब के अलावा किसी अन्य राज्य में रजिस्टर्ड हैं तो ऐसे वाहन की तरफ से पंजाब में दाखिले के समय उस दर पर कर (टैक्स) की अदायगी की जाएगी जो सरकार समय-समय पर निर्धारित करती है। इसी तरह नए स्टेज कैरिज परमिट जारी करते समय ऐसी बसों पर प्रति किलोमीटर की दर से एक बार का कर वसूला जाएगा। जब भी किसी बड़ी बस के मालिक को बढ़ाए गए रूट पर बढ़ी माइलेज के साथ बस चलाने की आज्ञा दी जाएगी तो प्रति किलोमीटर के हिसाब से एक बार कर की वसूली की जाएगी।

      पंजाब कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले, स्वास्थ्य तथा मेेडिकल शिक्षा विभाग कामन काडर के विभाजन को मंजूरी

       


      चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मोहर लगी। कैबिनेट ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और मेेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान के कामन काडर के विभाजन को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य दोनों विभागों के काडर के मामलों के कारण पैदा हुए विवादों को हल करना है। बता दें, पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग एक ही विभाग थे। बाद में मेडिकल शिक्षा और खोज तथा सेहत व परिवार भलाई विभाग अलग-अलग हो गए। इससेे कई बार वरिष्ठता को लेकर विवाद हो जाता है। इसके मद्देनजर काडर को बांटने की मंजूरी दे दी गई है।

      पंजाब कैबिनेट ने प्रीजन एक्ट 1894 में संशोधन करने को भी मंजूरी दे दी है। इसके लिए संशोधन बिल बजट सत्र में लाया जाएगा। इस संशोधन से राज्य की जेलों में कैदियों द्वारा अंजाम दिए जाते दंगा-फ़साद, जेल से भागना और जेल अनुशासन और नियमों का उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए सख़्त सज़ा का प्रावधान होगा। इससे जेलों की सुरक्षा यकीनी बनाई जा सकेगी। 

      सरदूल सिकंदर का 10 लाख का मेडिकल बिल सरकार चुकाएगी


      मंत्रिमंडल ने प्रसिद्ध पंजाबी लोक गायक सरदूल सिकंदर की असामयिक मौत पर दुख प्रकट किया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ऐलान किया कि सरदूल सिकंदर के अस्पताल के बनते 10 लाख रुपये के बकाया बिल का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। कैबिनेट मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी द्वारा मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया गया कि गायक के परिवार के पास अस्पताल का बकाया देने के लिए कोई पैसा नहीं, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इसका भुगतान करने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को भी यह यकीनी बनाने के आदेश दिए कि बकाया अदा न करने की स्थिति में सरदूल सिकंदर का पार्थिव शरीर परिवार को सौंपे जाने में निजी अस्पताल की तरफ से किसी तरह से परिवार को परेशान न किया जाए।

      बुधवार, 24 फ़रवरी 2021

      अबोहर की घटना:बहू ने रिश्तेदारों के साथ मिल ससुर को लाठियों से पीटकर मार डाला, 5 पर केस


      अबोहर। 
      गांव रामपुरा में सोमवार रात पति-पत्नी के झगड़े में बहू ने अपने बेटे, बहन व भतीजे के साथ मिलकर ससुर व ननद पर हमला कर दिया। इसमें ससुर पृथ्वीराज की मौत हो गई। चौकी बाजीदपुर भोमा पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पृथ्वीराज की बेटी के बयान पर भाभी, भतीजे, भाभी की बहन और उसके बेटे सहित 5 लोगों पर केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। वर्षीय पृथ्वीराज की बेटी प्रोमिला ने बताया कि भाई विनोद

      और भाभी निर्मला अलग रहते हैं, जबकि उसके पिता व वह एक अलग रहते हैं। सोमवार रात उसके भाई व भाभी में विवाद हो गया। उसका भाई उनके घर आ गया। प्रोमिला ने बताया कि उसके पिता ने उसके भाई को झगड़ा शांत करवाने के लिए चाचा ओम प्रकाश के घर भेज दिया।

      रात 11 बजे बहू ने ससुर व ननद को पीटा...रात 11 बजे विनोद की पत्नी निर्मला बेटे अर्जुन व बहन अंजू व उसके बेटे कर्ण सहित उनके घर में लाठियां लेकर आए और उससे व उसके पिता से बुरी तरह से मारपीट की। जिसमें उसके पिता घायल हो गए। लेकिन देर रात उनकी मौत हो गई।

      पिता की मौत होने पर चाचा व भाई को किया सूचित- प्रोमिला नोे बताया कि जब रात को उसके पिता की मौत हो गई तो उसने करीब 3 बजे अपने चाचा ओम प्रकाश को फोन कर सूचना दी कि उसके पिता की मौत हो गई है। चाचा व उसके भाई घर पर आए और पुलिस को सूचित किया। बजीतपुर भोमा चौकी के प्रभारी दविंदर सिंह व एएसआई इकबाल सिंह मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी।

      जांच अधिकारी दविंदर सिंह ने मामला हत्या का देख थाना बहाववाला के एसएचओ बलविंदर सिंह को सूचना दी। जिसपर एसएचओ बलविंदर सिंह अपनी पुलिस टीम सहित मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया।

      पंजाब में नए आदेश: कर्मियों का टेस्ट कब कराया, निजी दफ्तर व रेस्त्रां 1 मार्च से करें डिस्प्ले


      जालंधर। 
      महाराष्ट्र के बाद पंजाब में भी सख्ती बढ़ाई जा रही है। सरकार ने आदेश जारी किया है कि 1 मार्च से निजी दफ्तरों और रेस्त्रां को अपने कर्मचारियों के कोरोना टेस्ट का ब्योरा डिस्प्ले करना होगा। इसमें बताना होगा कि आिखरी बार कोरोना टेस्ट कब कराया गया था, ताकि, वहां आने वाले लोग आश्वस्त हो सकंे कि जिनसे वे मिल रहे हैं, उनका टेस्ट हो चुका है। पंजाब सरकार ने हॉट स्पॉट इलाकों में जिलाधिकारियों को छूट दे दी है कि अगर जरूरी लगे तो वे लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू का फैसला भी ले सकते हैं। वहीं, 1 मार्च से मैरिज पैलेसों में इनडोर समारोह में मेहमानों की संख्या 100 और आउटडोर में 200 तक सीमित कर दी है।

      राज्य में सिनेमाघरों को 100% दर्शक क्षमता के साथ चलाने का फैसला भी 1 मार्च के बाद की परिस्थितियों के आधार पर लिया जाएगा। सीएम अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई हाईलेवल मीटिंग में यह फैसला लिया गया। सीएम ने मीटिंग में पुलिस से मास्क नहीं पहनने वालों और सोशल डिस्टेंस का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है। वहीं कोविड संक्रमित लोगों का पता लगाने के लिए रोजाना सैंपलिंग 30 हजार टेस्ट प्रतिदिन तक पहुंचाने का फैसला लिया गया।

      62 दिन बाद नए केस 400 के पार, 8 मौतें नवांशहर में सबसे ज्यादा 103 नए पॉजिटिव- 62 दिन बाद सूबे में 24 घंटे के दौरान 423 नए पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई है। इससे पहले 23 दिसंबर को एक दिन में 481 मामलों की पुष्टि हुई थी। मंगलवार को नवांशहर जिले में मंगलवार को 103 पॉजिटिव मामले रिपोर्ट हुए हैं। पिछले सात दिनों ये दूसरी बार है,जब जिले में एक दिन में 100 से ज्यादा मरीज मिले हों। सूबे में अब तक 1,79,124 मरीज कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। मंगलवार को 8 मौतें भी हुईं। सबसे ज्यादा 3 मौतें भी नवांशहर में हुईं। एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 3278 हो गई है। हालांकि सूबे की रिकवरी दर 94.9 फीसदी हो गई है। अब तक 170187 मरीज कोरोना मुक्त हो चुके हैं। मंगलवार को 276 मरीज विभिन्न जिलों में ठीक हुए।

      स्कूल बंद करने से किया इनकार -मुख्य सचिव विनी महाजन ने स्कूलों को बंद करने को नकारते हुए कहा कि शिक्षा विभाग बच्चों की सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठा रहा है। शिक्षकों को स्कूलों में नोडल ऑफिसरों के तौर पर नियुक्त किया गया है। जोकि प्रोटोकाॅल का पूरी तरह से पालन करवा रहे हैं।

      सूबे को 5 जोन में बांटने का फैसला - सूबे को 5 जोनों में बांटने का फैसला किया गया है। पहले जोन में अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर कपूरथला, जालंधर, तरनतारन शामिल हैं। बाकी जोन में अन्य जिले शामिल हैं। पांचों जोन के लिए एक-एक नोडल आॅफिसर होगा। सभी जिलों के सिविल सर्जन अपने इलाकों की रिपोर्ट हर रोज सौपेंगे। जिसमें उन्हें मरीजों की बढ़ती संख्या व उस पर काबू पाने के लिए उठाए कदमों की जानकारी देनी होगी।

      किसान आंदोलन पर राजनीति:PDP के नेता बोले-दिल्ली हिंसा के वांछित लक्खा सिधाना का बठिंडा में रैली करना पंजाब सरकार की नाकामी


      चंडीगढ़। 
      दिल्ली हिंसा के वांछित आरोपी लक्खा सिधाना का बठिंडा में रैली करना पंजाब सरकार की बड़ी नाकामी माना जा रहा है। बुधवार को चंडीगढ़ में पंजाब डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस पर आपत्ति जताई। उनका कहना है कि बठिंडा रैली कांग्रेस की शह पर ही हुई है। किसान आंदोलन की आड़ में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसा हुई थी। इसमें पंजाब का सिंगर लक्खा सिधाना भी दिल्ली पुलिस के निशाने पर है। पुलिस ने उस पर 1 लाख रुपए का इनाम रखा हुआ है, लेकिन बावजूद इसके बीते दिन मंगलवार को लक्खा बठिंडा में रैली में देखा गया।

      पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से ताल्लुक रखते जिले के गांव मेहराज में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर एक महापंचायत का आयोजन किया गया। इसमें दिल्ली पुलिस का वांछित लक्खा सिधाना भी देखा गया। बुधवार को इसी मसले पर चंडीगढ़ में पंजाब डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के नेताओं ने पंजाब सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। इ

      पार्टी के प्रधान गुरकिरपाल मान ने कहा कि एक तरफ तो केंद्रीय सरकार लक्खा सिधाना को ढूंढ रही है, दूसरी ओर पंजाब सरकार ने सिधाना को सूबे में विशाल रैली की इजाजत दे दी। यह तो पूरी तरह सरकारी तंत्र की नाकामी है। पंजाब डेमोक्रेटिक पार्टी डेमोक्रेटिक तंत्र की वकालत करती है, लेकिन ऐसे अलोकतांत्रिक घटनाओं को सूबे में होने देना पंजाब सरकार की बेबसी को जाहिर करता है।

      अगर सूबा सरकार चाहे तो वांछित तो क्या कोई भी इतनी बड़ी रैली कैसे संबोधित कर सकता है, वह भी स्टेज से खुलेआम सरकार को ललकारकर। पंजाब एक शांतिप्रिय सूबा है। बठिंडा में रैली कांग्रेस की शह पर ही हुई है। हमारी पार्टी डेमोक्रेसी और शांति चाहती है। यूथ की वेलफेयर चाहते हैं। हम पंजाब के यूथ को शांतिप्रिय तरीके से अपराधियों से दूर रहने की अपील करते हैं। उन्हें कांग्रेस की गुंडागर्दी से बचना होगा।

      आदमखोर चोर:थाने लाते वक्त गाड़ी से भागा चोर, पकड़ने पर दांतों से काटा थानेदार का कान


      होशियारपुर। चोर चोरी करते अक्सर सुने थे और पुलिस की गिरफ्त से भागते हुए भी अक्सर सुने थे, लेकिन एक आदमखोर चोर जिसने थानेदार का कान की काट दिया और वह भी दांतों से चबाकर। वार्ड नंबर-7 के धर्मपाल ने बताया के वह अपने पड़ोस में गए हुए थे इस दौरान जैसे ही वह घर लौटे तो देखा के युवक उनके घर में चोरी की नियत से घुसा हुआ था जिसने उनको देखते ही घर को अंदर से ताला लगा लिया और मकान की छत से भाग निकला। इस दौरान उन्होंने मोहल्ला निवासियों की सहायता से उक्त युवक को घेरा डाल काबू किया और पुलिस को सूचित किया और पुलिस के हवाले किया।

      बलकार के खिलाफ पहले भी दर्ज हैं चोरी के मामले...पुलिस ने बताया के बलकार पर पहले भी चोरी के मामले दर्ज हैं। डेढ़ महीना पहले चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था और 15 दिन पहले ही जेल से बाहर आया था।

      आरोपी 15 दिन पहले ही आया था चोरी के केस में जेल से बाहर- थाना सदर के एएसआई कौशल चंद्र ने बताया के बलकार निवासी अज्ज़ोवाल को काबू कर गाड़ी में थाने ले जा रहे थे। उनकी गाड़ी शिव बौड़ी मंदिर के पास पहुंची तो आरोपी गाड़ी का दरवाजा खोला और कूद कर खेतों की तरफ हथकड़ी समेत भाग निकला।

      पीछा कर जैसे ही दबोचा तो बलकार ने दांतों से उसका कान काट दिया और भागने की कोशिश की। साथियों की मदद से काबू कर उसे थाने लाए। मुझे और कटा कान लेकर जख्मी हालत में मेरे साथी सिविल अस्पताल पहुंचे। थाना सदर के एसआई चंचल सिंह ने बताया के आरोपी को काबू कर अगली कानूनी कार्रवाई जारी रखी गई है। आरोपी 15 दिन पहले ही जेल से बाहर आया था।

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