-सेहत विभाग के कर्मियों को वैक्सीन लगाने के लिए दिया दूसरा मौका भी समाप्त अब पोजटिव आने वाले कर्मियों को उठाना पड़ेगा इलाज का खर्च
बठिंडा. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद जिले में कोरोना पोजटिव केसों की तादाद लगातार बढ़ रही है। मामला इस कदर परेशान करने वाला है कि सरकार की तरफ से कोरोना वैक्सीन के लिए सेहत कर्मियों को बार-बार अपील करने के बावजूद दिलचस्पी नहीं दिखाने के चलते सिविल अस्पताल के कर्मी पोजटिव मिलना शुरू हो गए है। वीरवार की रिपोर्ट में सेहत विभाग के तीन कर्मियों की रिपोर्ट कोरोना पोजटिव मिली है। इसी तरह सिविल अस्पताल की तरफ से विभिन्न जांच में 19 लोगों की रिपोर्ट पोजटिव मिली है। इसमें आरटीपीसीआर कोविड रिपोर्ट में 13, एंटीजैन कोविड जांच में 5 व प्राइवेट लैब में कोविड जांच के के दौरान एक व्यक्ति कोरोना पोजटिव मिला है। इसमें भगता भाईका में एक, गुरु की नगरी में एक, पुलिस लाइन में एक, माडल टाउन में एक, जीएनएम सिविल अस्पताल में एक, सिविल सर्जन दफ्तर में दो, गुरु गोबिंद सिंह नगर में एक, श्री रामदास रोड में एक, बीबी वाला रोड में एक व्यक्ति कोरोना पोजटिव मिला है।
वही दूसरी तरफ पंजाब सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन से परहेज करने वाले और वैक्सीन नहीं लगवाने वाले सेहत विभाग के कर्मियों व हेल्थ वर्करों के प्रति किए कड़े तेवर दिखाए हैं। सेशन सेंटरों पर वैक्सीन लगवाने के लिए बहुत कम संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि वैक्सिनेशन ड्राइव प्रक्रिया में जिला पिछड़ रहा है वही अब सेहत विभाग में भी कर्मी पोजटिव मिल रहे हैं। इसमें सरकार पहले ही हिदायते जारी कर चुकी है कि 25 फरवरी तक अगर किसी सेहत कर्मी ने वैक्सीन नहीं लगाई व वह पोजटिव आ जाता है तो उपचार का पूरा खर्च उसे स्वयं वहन करना पड़ेगा।
हेल्थ वर्करों को वैक्सीनेशन के लिए कई बार मौका भी दिया गया, फिर भी बड़ी संख्या में हेल्थ वर्कर वैक्सीन लगवाने के परहेज कर रहे हैं। हेल्थ वर्करों को वैक्सीन लगाने के लिए पहले 19 फरवरी अंतिम तिथि थी, लेकिन बड़ी संख्या में हेल्थ वर्कर वैक्सीन प्रक्रिया से दूर थे। जिसके चलते सरकार ने हेल्थ वर्करों के लिए 25 फरवरी तक डेट बढ़ा दी गई थी। यह समय सीमा भी आज समाप्त हो गई है। जिन हेल्थ वर्कर ने 25 फरवरी तक वैक्सीन नहीं लगवाई हैं तो उनका नाम डाटा से हटा दिया जाएगा। दरअसल, सेहत विभाग के प्रयासों के बावजूद सेहत कर्मी कोरोना टीकाकरण मुहिम में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। उन्हें एकांतवास अवकाश का लाभ भी नहीं मिलेगा। इसी चेतावनी के बाद पिछले तीन दिनों से टीका लगवाने के लिए सेहत कर्मी आने शुरू हुए और आंकडा 300 से अधिक रहा। बता दें कि अभी तक सरकार कोरोना संक्रमितों के इलाज का खर्चा स्वयं उठा रही थी। सरकार के उक्त फैसले के बाद सिविल अस्पताल बठिंडा व दूसरे सेहत सेंटरों में डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ अब वैक्सीनेशन के लिए आगे आने लगे लेकिन टीका नहीं लगवाने वाले कर्मियों की तादाद अभी भी काफी ज्यादा है।
वैक्सीन को कोई साइड इफेक्ट नहीं: डा. सिंगला
जिला टीकाकरण अफसर डा. मीनाक्षी सिंगला ने बताया कि वैक्सीन ही कोरोना के विरुद्ध अंतिम ढाल है। टीके को लेकर भयभीत न हों। यह पूरी तरह सुरक्षित और कामयाब है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। बुधवार व वीरवार को सेशन सेंटरों पर अस्पताल में तैनात क्लास फोर्थ व सफाई कर्मचारियों के अलावा नगर निगम कर्मचारी भी वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे। उन्होंने बताया कि मुझे टीका लगवाने के समय या बाद में किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई। बुधवार को 6 सेशन सेंटरों पर 342 हेल्थ वर्करों व फ्रंट लाइन वर्करों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई। वही इतनी ही तादाद वीरवार को रही। सेहत विभाग द्वारा 91557 हेल्थ केयर वर्कर टीकाकरण के लिए रजिस्टर्ड किए गए है। 16 जनवरी से अब तक 5874 हेल्थ केयर वर्कर व फ्रंटलाइन वर्कर टीकाकरण प्रक्रिया में शामिल हुए है। जबकि अभी भी 3298 लाभपात्री शेष हैं।
एसएमओ डा. मनिंदर पाल सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव में मास्क ही बेहद अहम है, जिस किसी को भी कोरोना के लक्षण दिखाई दे वह तुरंत अपना टेस्ट करवाए और यदि वह संक्रमित मिलता है तो वह अपना उपचार डाक्टर की सलाह पर जरूर करवाए। बीमारी छुपाने से यह और बढ़ती है, सभी लोग मास्क जरूर लगाए। उन्होंने कहा की खतरा अभी टला नहीं है, ऐसे में सभी लोगों की जिम्मेदारी है की वे कोविड-19 की गाइड लाइन की पूरी तरह से पालन करें। घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहने और शारीरिक दूरी का पालन करें, लापरवाही खुद के साथ ही आपके परिवार का भी जीवन खतरे मे डाल सकती है साबुन से अच्छी तरह से हाथ साफ करते रहे। सभी लोग गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करे।