चंडीगढ़। पंजाब कैबिनेट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों के लिए मकान बनाने के लिए नई नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 25000 से अधिक मकान बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इस नीति के तहत डेवलपर्स और अथारिटी की ओर से ईडब्ल्यूएस हाऊसिंग के लिए प्रोजेक्ट क्षेत्र का पांच फीसद निर्माण अपेक्षित होगा। ब्रिकलैस तकनीक से मकानों का निर्माण उचित आकार और उचित स्थानों में किया जाएगा। इसके लिए योग्य प्रोजेक्ट प्रबंधन एजेंसियों (पीएमए) की सेवाएं ली जाएंगी।
योग्य लाभार्थियों को पंजाब में जन्म का प्रमाण या अर्जी देने की तारीख से 10 साल पहले राज्य में रिहायश का प्रमाण देना होगा। समय-समय पर भारत सरकार या पंजाब सरकार की तरफ से संशोधित किए गए नियमों अनुसार सभी स्रोतों से पारिवारिक आय तीन लाख रुपये सालाना से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदक (पति /पत्नी या नाबालिग बच्चे) के नाम पर पंजाब या चंडीगढ़ में पहले से ही कोई भी फ्री होल्ड, लीज होल्ड रिहायशी प्लाट, बसेरा यूनिट नहीं होना चाहिए। आवेदक को इन पहलुओं पर स्व-तस्दीक करनी होगी।
मोटर व्हीकल कर वसूलने की प्रक्रिया के संशोधन को मंजूरी
मोटरव्हीकल कर की वसूली और इसके रिफंड की प्रक्रिया सुविधाजनक बनाने के लिए कैबिनेट ने पंजाब मोटर व्हीकल टैक्सेशन एक्ट, 1924 (संशोधित) के सेक्शन तीन और शेड्यूल में संशोधन को मंजूरी दे दी। यह संशोधन मोटर कार या मोटर साइकिल मालिक की तरफ से किसी अन्य राज्य में वाहन समेत प्रवास कर जाने और पंजाब का निवासी न रहने या पंजाब से बाहर निवास करते किसी व्यक्ति के नाम मालिकाना हक तबदील करने की सूरत में अदा किए जाने वाले एकमुश्त कर के रिफंड जैसे मुद्दों से संबंधित है।
अगर ट्रांसपोर्ट वाहन पंजाब के अलावा किसी अन्य राज्य में रजिस्टर्ड हैं तो ऐसे वाहन की तरफ से पंजाब में दाखिले के समय उस दर पर कर (टैक्स) की अदायगी की जाएगी जो सरकार समय-समय पर निर्धारित करती है। इसी तरह नए स्टेज कैरिज परमिट जारी करते समय ऐसी बसों पर प्रति किलोमीटर की दर से एक बार का कर वसूला जाएगा। जब भी किसी बड़ी बस के मालिक को बढ़ाए गए रूट पर बढ़ी माइलेज के साथ बस चलाने की आज्ञा दी जाएगी तो प्रति किलोमीटर के हिसाब से एक बार कर की वसूली की जाएगी।
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