बठिडा : कोरोना जानलेवा संक्रमण है। इसे आए हुए एक साल होता आया। शुरू से ही लोगों को जागरूक किया जाने लगा था कि कोरोना को हराने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए नियमों का पालन करना होगा, लेकिन वैक्सीन आने के बाद जैसे ही हालात सामान्य होने लगे लोग लापरवाह होने लगे। मास्क लगाना, सार्वजनिक जगहों पर भीड़ न करना, शारीरिक दूरी का पालन करना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल और साबुन से बार-बार हाथ धोने के नियमों को लोग दरकिनार करने लगे। लोग भूल गए कि बड़ी मुश्किल से हालात सामान्य हुए हैं। अब कोरोना के दोबारा मामले बढ़ने लगे हैं और सरकार सख्त होने लगी है तो शहरवासियों को लाकडाउन का डर सताने लगा है।
बठिडा के हालात एक साल बाद फिर से बदलने लगे हैं। सरकार की
ओर से कोरोना को लेकर नई पाबंदियां जारी कर दी गई हैं। अब लोगों को आने वाले दिनों
की चिता सताने लगी है। लोग फिर भी स्कूलों, कालेजों, बस स्टैंड , बाजारों या अन्य सार्वजनिक जगह
बिना नियमों का पालने किए बेखौफ घूम रहे हैं।
कोरोना की स्थिति
- 254 कोरोना से हो चुकी मौत
- 59 सक्रिय
बिजनेसमैन, स्कूल, कालेजों के संचालक चिंता में
आने वाले दिनों को लेकर बिजनेसमैन व स्कूल,कालेजों के संचालक चिता में
हैं। क्योंकि उनको फिर से लाकडाउन होने या स्कूलों को बंद करने के आदेश आने की
चिता सता रही है। पहले ही छात्रों की पढ़ाई व स्कूलों की आर्थिकी को काफी नुकसान
पहुंच चुका है।
स्कूलों में शारीरिक दूरी नहीं संभव
हालांकि सरकार द्वारा स्कूलों में शारीरिक दूरी बना कर रखने
के आदेश जारी किए हैं, लेकिन
प्रैक्टिकली यह संभव नहीं है। अगर स्कूल शारीरिक दूरी का नियम लागू करते हैं तो
कक्षा में सिर्फ आधे ही छात्र बैठ पाएंगे। ऐसे में सभी प्राइवेट व सरकारी स्कूल
अपने बच्चों को रूटीन की तरह ही बिठा रहे हैं।
No comments:
Post a Comment