बठिंडा. बठिंडा के सिविल अस्पताल के पास स्थित प्राइवेट अस्पताल में कोविड मरीज की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया व अस्पताल प्रबंधन पर गुमराह करने व सही जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया। इस बाबत परिजनों की तरफ से पुलिस के पास भी बयान दर्ज करवाए है। इसमें पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है व अगली बनती कारर्वाई की जा रही है। जानकारी अनुसार फाजिल्का वासी राधा कृष्ण की 4 मई को तबीयत खराब होने के बाद उनके परिजनों की तरफ से बठिंडा के प्राइवेट अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। मृतक के बेटे आकाश ने बताया कि अस्पताल में दाखिल होने के बाद उन्हें अस्पताल प्रबंधक लगातार गुमराह करता रहा व बिल बनाने को तरजीह देता रहा। उनके पास हेल्थ इंश्योरेस का कार्ड था जिसके बारे में उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को पहले से जानकारी दे रखी थी। इसमें प्रतिदिन अस्पताल की तरफ से उन्हें जो रिपोर्ट दी जाती थी उसमें कहा गया कि राधा कृष्ण की तबीयत में सुधार हो रहा है। वही जिद्द करने के बाद रविवार की रात 11 बजे उन्हें कोविड केयर सेंटर के बाहर से उनके पिता को मिलाया गया उस दौरान उनकी तबीयत सामान्य लग रही थी। सोमवार की सुबह जब वह 11 बजे प्रतिदिन की तरह रिपोर्ट लेने के लिए आए तो उन्हें पूछा गया कि उनका अस्पताल में कैश चल रहा है . फिर हेल्थ कार्ड। इसके बाद उन्हें कहा गया कि दोपहर दो बजे उनके पिता के कुछ टेस्ट करवाए जाने हैं, इसमें रिपोर्ट बाद में देकर बताएंगे कि उनकी सेहत कैसी है। आकाश ने बताया कि जब वह घर गए तो अस्पताल से उन्हें एक फोन आया व कहा गया कि उनके पिता की रविवार रात को मौत हो चुकी है। परिजनों का कहा है कि अस्पताल प्रबंधन उनके पिता की मौत को लेकर उन्हें गलत जानकारी देता रहा। फाइल में उनकी मौत रात की लिखी गई है लेकिन सुबह जब वह 11 बजे उन्हें मिले थे तो उन्हें किसी ने नहीं बताया कि उनके पिता की मौत हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन पैसे बनाने की होड में मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। लाखों रुपए का बिल बनाने व उसमें वसूली करने के बाद भी परिजनों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में पुलिस ने जांच करने व अस्पताल प्रबंधन पर गुमराह करने का मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन अपनी गलतियां छिपाने के लिए अब झूठ बोल रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि अस्पताल के कर्मी रात को उन्हें फोन कर रहे थे लेकिन कोई उठा नहीं रहा था। आकाश ने कहा कि अस्पताल की फाइल में उन्होंने तीन फोन नंबर दिए है व किसी भी फोन पर कोई काल नहीं आई है। दूसरी तरफ मामले में सिविल अस्पताल चौकी ने बयान दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
फोटो सहित-बीटीडी-10-मृतक कोरोना मरीज के परिजन पुलिस के पास बयान दर्ज करवाते हुए।