-मामले की जांच कर हेल्थ कार्पोरेशन को भेजी रिपोर्ट, ठेकेदार पर घटिया समाग्री का इस्तेमाल करने का लगा है आरोप
उद्घाटन से पहले ही होने लगी थी इमारत जर्जर, घटिया समाग्री लगाने से बैठने लगा फर्श
-दो माह पहले ही तैयार की गई थी इमारत, मंत्री का समय मिलने के इंतजार में नहीं हो रहा था उद्घाटन
बठिंडा. शहीद मनी सिंह सरकारी अस्पताल की नई बनाई गई मोर्चरी ठेकेदार की ओर से विभाग को काम शुरू करने के लिए सौंपने के सप्ताह बाद ही टूटनी शुरू हो गई थी। इस बाबत अखबारों में सामाचार प्रकाशित होने के बाद सिविल अस्पताल प्रशासन की नींद खुली व उसने टूटे फर्श व दीवारों की रिपेयरका काम शुरू करवा दिया। हालांकि इस लापरवाही के लिए जिम्मेवार ठेकेदार व अधिकारी पर किसी तरह की कारर्वाई नहीं की गई है। इसके पीछे तकनीकी खामी बताकर आरोपियों को बचाया जा रहा है। गैरतलब है कि मोर्चरी में लगाए गए मार्बल में जहां दरारें पड़ गई हैं वहीं फर्श धंसने लगा है। बता दें कि सरकारी अस्पताल के नवीनीकरण में 4.38 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसमें से 56.58 लाख की लागत से नई मोर्चरी का निर्माण किया गया था। जिसका कुछ दिन पहले ही शुभारंभ किया गया है। मोर्चरी विभाग को हैंडओवर करने के सात दिन में ही फर्श के धंसने और मार्बल टूटने से काम और मटीरियल पर सवाल उठने लगे हैं। उधर रेनोवेट की गई इमरजेंसी वार्डां की दीवारों में सीलन आने लगी है। जबकि इससे पहले दीवारों पर सीलन आने के कारण ही रेनोवेट किया गया था। दोनों मामले एसएमओ डा. मनिंदरपाल सिंह के ध्यान में आने के बाद उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित ठेकेदार को तलब किया और विभाग के उच्चाधिकारियों को इस सारे मामले के बारे में अवगत करवा दिया है। स्थानीय प्रशासन ने अब इस मामले में भी पूर्व की तरह राज्य सरकार पर पूरा मामला छोड़ दिया है। जिसमें कहा गया है कि स्थानीय स्तर पर गुणवत्ता संबंधी खामियों को लेकर रिपोर्ट तैयार कर सेहत निगम को भेज दी है। इसमें अब अगली कारर्वाई उन्होंने करने हैं।
तीन दशक पुरानी मोर्चरी की इमारत को तोड़कर 56.58 लाख रुपए की लागत से नई इमारत तैयार की गई है। मोर्चरी की नई इमारत में बाडी स्टोरिंग यूनिट, पोस्टमार्टम रूम, डाक्टर रूम, विजिटर रूम व जनरल टायलेट बनाया गया है। पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन द्वारा इमारत के निर्माण कार्य का ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया था। ठेकेदार द्वारा इसे कुछ दिन पहले ही पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के अधिकारियों की उपस्थिति में सेहत विभाग के अधिकारियों को हैंडओवर किया था, लेकिन इमारत का फर्श धंस गया, वहीं बाउंड्री में भी दरार आनी शुरू हो गई। यदि यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं होगा जब पूरी इमारत दरक जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि विभाग की ओर से किसी भी निर्माण को सही मापदंडों से पूरा किया जाता है। हर इमारत को इस हिसाब से तैयार किया जाता है कि वो 50 साल तक मजबूत रहे। बिल्डिंग को सौंपने के बाद जिम्मा संबंधित विभाग का होता है, लेकिन निर्माण कार्य के दौरान उपयोग में लाई जा रही बिल्डिंग मेटेरियल की चेकिंग करने की जिम्मेदारी पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के अधिकारियों की होती है।
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