चंडीगढ़। लाल किले पर तिरंगे के अपमान को लेकर जिस लक्खा सिधाना को दिल्ली पुलिस ढूंढ़ रही है, वह किसानों के आंदोलन में बैठा है। गुरुवार को दोपहर बाद लक्खा सिधाना ने किसान आंदोलन से लाइव होकर पंजाबियों से इस आंदोलन को बचाने की अपील की। उसका कहना है कि जो भी घटना हुई है, उसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है।वह पहले से कह रहा था कि केंद्र सरकार इस आंदोलन को खत्म करने पर तुली है। जो हुआ उसे छोड़ो, सभी लोग आंदोलन पर ध्यान दो। जब भी हम सरकार के खिलाफ ऐसे बड़े संघर्ष करते हैं तो ऐसी साजिशें होती रही हैं। यह समय किसने क्या किया, यह देखने का नहीं है। अभी एकजुट होने का समय है, ताकि आंदोलन को बचाया जा सके।
लक्खा ने कहा कि उसे गद्दार कहा जा रहा है, उस पर जो चाहे इल्जाम लगा लो। यह आंदोलन जीतने के बाद चाहे उसके माथे पर गद्दार लिख देना। लेकिन आंदोलन बचाने के लिए संयम की जरूरत है। उसने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि 25 जनवरी को रात वह लंगर छक रहा था कि उसे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का फोन आ गया कि स्टेज पर युवा चढ़ गए हैं, कहीं स्टेज को न तोड़ दें।
वह स्टेज पर गया और उसने युवाओं से यही अपील की थी कि वह शांत रहें, अगर अशांति हुई तो आंदोलन खत्म हो जाएगा। लगभग 17 मिनट के वीडियो में सिधाना लोगों से आंदोलन को बचाने की अपील करता दिखा। उसने पंजाबियों को अपने अंदर खौफ को खत्म कर इस आंदोलन में पहुंचने के लिए कहा। उसने कहा कि आंदोलन खत्म हुआ तो उनकी जमीनों पर पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा।
बता दें कि लक्खा सिधाना पंजाब का रहने वाला है। कभी अपराध की दुनिया में सिधाना का बड़ा नाम हुआ करता था। बाद में वह राजनीति में आया और फिर समाजसेवा में लग गया। पंजाब के बठिंडा का रहने वाला लक्खा कबड्डी खिलाड़ी भी रह चुका है। खेल से अपराध और फिर राजनीति में आने वाले लक्खा ने किसान आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। लक्खा सिधाना का असली नाम लखबीर सिंह है। लक्खा पर हत्या, हत्या के प्रयास और मारपीट के कई आरोप लगे हैं।
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