जालंधर। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर पंजाब में विरोध जारी है। इस बीच बठिंडा जिले के गांव विर्क खुर्द की पंचायत ने प्रस्ताव पारित किया है कि प्रत्येक घर से एक व्यक्ति दिल्ली संघर्ष में जाएगा। पंचायत ने कहा कि नहीं जाने वाले परिवार पर 1500 रुपये जुर्माना किया जाएगा। इस फैसले को न मानने वालों का सामाजिक बायकाट भी होगा।
बघेल के घर पहुंची पुलिस
वीडियो वायरल कर 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की आड़ में लाल किला पर केसरिया झंडा लगाने का दावा करने वाले गढ़शंकर के गांव ललिल्या के सरपंच बघेल सिंह पहलवान के घर पहुंचकर पुलिस ने छानबीन की है। एसएचओ इकबाल सिंह ने बताया कि बघेल सिंह घर पर नहीं मिला।
परिवार वालों ने बताया है कि वह किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए ही दिल्ली गया है। उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है। गांव के लोगों ने बताया कि बघेल सिंह पहले पहलवानी करता था और गांव में पहलवानी की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी करवाता रहा है और वर्तमान में सरपंच है। वह पहले शिरोमणि अकाली बादल का सरगर्म सदस्य था, लेकिन बरगाड़ी कांड के बाद उसने पार्टी को अलविदा कह दिया था।
दिल्ली आंदोलन से लौटे पंजाब के दो किसानों की मौत
दिल्ली आंदोलन लौटे दो किसानों की मौत हो गई। 26 जनवरी को देर शाम आंदोलन से लौटे गुरदासपुर जिले के बटाला हलके के गांव घोगा के किसान मलकीयत सिंह की तबीयत बिगड़ गई। स्वजनों ने सिविल अस्पताल बटाला में भर्ती कराया और वीरवार सुबह मौत हो गई। मौत की वजह हार्ट अटैक बताया जा रहा है। मलकीयत सिंह भारतीय किसान मजदूर यूनियन (माझा) के संयुक्त सचिव थे। वह पहले दिन से दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में शामिल थे। धर, फतहेगढ़ साहिब के सरहिंद के गांव चनारथल कलां में दिल्ली किसान आंदोलन से लौटे 40 वर्षीय किसान गुरशेर सिंह की मौत हो गई। वह 26 जनवरी को दिल्ली से लौटा था। उसे पीलिया हो गया था। गुरशेर सिंह के बेटे हरकीरत सिंह ने बताया कि उनके पास एक एकड़ जमीन है। उसके पिता करीब एक माह पहले दिल्ली में चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए गए थे।
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