जालंधर। गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर केसरी झंडा लगाने वाले तरनतारन के जुगराज सिंह की तलाश में दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने जालंधर की बस्ती पीरदाद में रेड की। करीब दो घंटे तक टीम जुगराज को यहां तलाशती रही लेकिन वो यहांं नहीं मिला और टीम वापस लौट गई। रेड के वक्त जालंधर कमिश्नरेट के थाना बस्ती बावा खेल के SHO गगनदीप सेखों की टीम भी उनके साथ थी। SHO सेखों ने रेड की पुष्टि करते हुए कहा कि टीम आई थी, लेकिन युवक नहीं मिला।
जुगराज के गांव का रिश्तेदार रहता है जालंधर में
दिल्ली क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि तरनतारन के जुगराज सिंह के गांव वां तारा सिंह का कोई व्यक्ति जालंधर की बस्ती पीरदाद में रहता है। जो जुगराज का रिश्तेदार भी है। जुगराज सिंह का परिवार तरनतारन में अपने गांव से फरार हो चुका है। इसलिए जांच में संदेह हुआ कि जुगराज जालंधर में छिपा हो सकता है। इसके बाद पुलिस की टीम ने यहां रेड की। दिल्ली क्राइम ब्रांच अब जुगराज सिंह से जुड़े उन सभी लोगों के नाम-पते खंगाल रही है, जो किसी न किसी तरीके से उससे जुड़े हुए हैं।
मजदूरी करता है जुगराज, गांव में निशान साहिब पर चोला पहनाता था
तरनतारन के गांव वां तारा सिंह का 22 साल का जुगराज पहले नौकरी करने के लिए दसवीं पास कर चेन्नई गया था, लेकिन फिर वापस लौट आया। अब वह गांव में मजदूरी कर रहा था और गांव के छह गुरुद्वारों में निशान साहिब पर चोला चढ़ाने का काम करता था। 24 जनवरी को ट्रैक्टर ट्रालियां दिल्ली गई तो जुगराज भी उनके साथ चला गया। 26 जनवरी को पुलिस की टीम उसके घर पहुंची थी, लेकिन तब पिता बलदेव सिंह ने इतना कहा था कि उनका बेटा किसान आंदोलन में शामिल होने गया था। इसके बाद उसके माता-पिता व बहन अंडरग्राउंड हो गए। जुगराज का गांव वां तारा सिंह पाकिस्तान बॉर्डर से सटा है, जहां उसका परिवार 2 एकड़ जमीन पर खेती करता है।
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