बठिंडा। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब की तरफ से वीरवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बस स्टैंड के बाहर पंजाब सरकार की अर्थी फूंक रोष प्रदर्शन किया गया। इससे पहले टीचर होम से लेकर शहर में रोष मार्च करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई।
इस मौके पर डीटीएफ के जिला प्रधान रेशम सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं, जिनमें डीए की बकाया जारी करना,6वां वित्त कमीशन लागू करना, पुरानी पेंशन बहाल करना मुख्य मांगें है। सरकार षडयंत्र के तहत नई शिक्षा नीति 2020 के तहत व आलुवालिया कमेटी की शिक्षा विरोधी नीति को लागू करने की फिराक में है। शिक्षा विभाग को एक कंपनी की तरह चलाने के लिए अधिकारी, शिक्षा शासि्त्र की ओर से स्लेबस को दरकिनार कर फर्जी आंकड़ों से शिक्षा का बेड़ा गरक कर रही है।
विद्यारि्थयों व अध्यापकों पर मानसिक व आरि्थक बोझ डालकर उनका शोषण किया जा रहा है, जिससे डीटीएफ कतई बरदाश्त नहीं करेगी। पंजाब सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में जो वायदें किए थे, उसे भाग रही है जिनमें 4500 व 205 ईटीटी अध्यापकों को और 6060 मास्टर कैडर की 4 वरि्षय मामलों को लटकाया जा रहा है। अध्यापकों व लैक्रारों की तरक्कीयों को भी जानबूझ कर रोका जा रहा है। सरकार की इस नीतियों के खिलाफ अध्यापकों में रोष है, जिसके चलते सरकार की अर्थी फूंक प्रदर्शन किया गया।
वहीं डीटीएफ के जिला सचिव बलजिंदर सिंह, वित्त सचिव अनिल भट्ट ने बताया कि स्कूल को आम दिनों जैसे खोलने के बाद भी आनलाइन व आफलाइन शिक्षा करवानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों पर मानसिक बोझ व विद्यार्थियों पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। बिना वित्ती मदद से प्राइमरी स्कूलों में पीडीएफ भेजकर पेपर लेने के कहा जा रहा है। शिक्षा सचिव की तरफ से 100 प्रतिश्त नतीजे देने का बोझ भी डाला जा रहा है। जिले के उपप्रधान परविंदर सिंह, सचिव गुरप्रीत सिंह खेमुआणा ने कहा कि शिक्षा विभाग मास्टर काडर से लेक्चर मुख्य अध्यापकों की पद उन्नतियों, ईटीटी से मास्टर काडर की तरक्कियां करवाने के लिए महंगाई की किशतें जारी करवाने की मांग की गई।
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