बठिंडा. कोरोना के खिलाफ जंग के तहत वैक्सीन के टीकाकरण की जिले में वीरवार को दूसरे चरण की शुरूआत के बाद शुक्रवार को 182 कर्मियों को वैक्सीन लगाई गई। इस चरण में पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई जा रही है। वैक्सीन को लेकर पहला चरण काफी धीमा रहा लेकिन इसके बाद प्राइवेट अस्पतालों व अब सरकारी कर्मियों को लग रही वैक्सीन को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। पंजाब पुलिस व एमडीआरएफ के कर्मी एक मिशन के तहत वैक्सीन लगाने के लिए आगे आ रहे हैं। इसमें सबसे राहत वाली खबर यह है कि जिले में अब तक 2751 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है व किसी भी व्यक्ति को किसी तरह की समस्या व साइड इफ्केट सामने नहीं आया है।
यही इस वैक्सीन के प्रति लोगों को विश्वास जगाने की सबसे बड़ी कड़ी है। यही कारण है कि पहले चरण में जहां सेहत विभाग के कर्मी वैक्सीन को लेकर ढीले रहे वही इसके बाद प्राइवेट अस्पताल के डाक्टरों व कर्मियों के साथ अब पंजाब पुलिस, सरकारी कर्मी व एनडीआरएफ कर्मियों में नई ऊर्जा व उत्साह देखने को मिल रही है। गत वीरवार को जहां 180 लोंगों ने वैकसीन लगाई वही शुक्रवार को यह आकड़ा 182 तक पहुंच गया। यहां बताते चले कि सरकारी कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के पहले दिन बठिडा रेंज के आइजी जसकरण सिंह व एसएसपी भूपिदरजीत सिंह विर्क ने खुद को टीका लगवाकर इसकी शुरूआत की थी।
इसके बाद पहले दिन जिले के विभिन्न डीएसपी समेत कुल 28 पुलिस कर्मियों ने वैक्सीन लगवाई। इसके अलावा एनडीआरएफ के 37 कर्मियों, और 10 सेहत कर्मियों सहित कुल 180 लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई थी। शुक्रवार को पांच सेंटरों में 182 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। इसमें आदेश में तीन, मैक्स अस्पताल में 78, दिल्ली हार्ट में 41, डीएस सेंटर में 51, संगत में 9 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। पहले चरण में सेहत कर्मियों को वैक्सीन लगाई गई थी लेकिन इसमें सेहत विभाग के कर्मियों ने ज्याजा दिलचस्पी नहीं दिखाई जबकि इसके मुकाबले प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीनेशन को भारी समर्थन मिला व अधिकतर प्राइवेट अस्पतालों के डाक्टरों व स्टाफ ने वैक्सीन लगाकर इस मुहिम को सफल बनाया। वही अब पंजाब पुलिस, सरकारी विभागों के कर्मियों को वैक्सीन लगाने का काम शुरू किया गया है जिसमें औसतन दो दिन में 362 लोगों ने वैक्सीन लगवाई जो काफी संतोषजनक मानी जा रही है। सेहत विभाग अब तक 2751 हेल्थ वर्करों को वैक्सीन लगा चुका है। अब फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल किया गया है। 17वें दिन भी छह सेंटरों पर लोगों की वैक्सीनेशन की गई। कोविन पोर्टल पर फ्रंट लाइन वारियर की श्रेणी में शामिल पुलिस कर्मचारी, पंचायती राज विभाग, कारपोरेशन, रेवेन्यू विभाग, होमगार्ड का ब्योरा अपडेट किया गया है। यहां बताते चले कि सरकार ने जब वैक्सीन लगाने की शुरूआत की तो सरकारी अस्पतालों में तैनात मल्टीपर्पज हैल्थ वर्करों व पैरामेडिकल स्टाफ ने वैक्सीन लगाने से इंकार कर दिया था। उनका कहना था कि सरकार उनकी मांगों को लंबे समय से लटका रही है व उन्हें पूरा नहीं कर रही है। इसी के विरोध में वह वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं। उनका कहना था कि सरकार अगर उनकी मांगों को पूरा कर दे तो वह वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार है। इस घोषणा के बाद बेशक सिविल अस्पताल की तरफ से सेहत कर्मियों को वैक्सीन लगाने की मुहिम ठंडी पड़ी लेकिन उन्होंने मल्टी हेल्थ वर्करों की मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जिसके चलते सेहत विभाग की तरफ से तय 12 हजार वैक्सीन लगाने की मुहिम तय लक्ष्य से 80 फीसदी पीछे रही।
सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लो ने बताया कि जिले में फ्रंट लाइनर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को वैक्सीन का टीका लगाने की शुरूआत की गई है। तय प्रोग्राम के तहत पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों का पुलिस विभाग द्वारा जो डाटा उपलब्ध करवाया गया था, उसे कोविन एप व वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है। इसके बाद रोजाना ही लाभार्थियों को फोन पर मेसेज भेजकर उन्हें टीकाकरण का स्थान और टाईम बताया जाएगा।
सभी पुलिसकर्मी बचाव के लिए लगवाएं वैक्सीन: आइजी
आइजी जसकरण सिंह ने कोरोना महामारी के दौरान दिन-रात ड्यूटी करने वाले सभी पुलिस कर्मियों को वैक्सीनेशन करवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि टीके के खिलाफ फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न देते हुए टीका लगवाएं। सबसे पहला टीका डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों को लगा था। उसके बाद से सभी स्वास्थय कर्मी पूरी तरह से ठीक हैं।
टीका लगवाने के आधे घंटे बाद ही काम पर लौटा: एसएसपी
एसएसपी भूपिदरजीत सिंह विर्क ने कहा कि यह टीका पूरी तरह के सुरक्षित है। टीका लगवाने के बाद उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नही है। टीका लगने के आधे घंटे के बाद ही वह अपने काम पर जुट गए थे व देर शाम तक काम करते रहे। किसी प्रकार की कोई कमजोरी या अन्य कोई तकलीफ उन्हें नहीं आई। टीका लगवाने के बाद आत्मविश्वास बढ़ा है। कोरोना का डर भी दिमाग से खत्म हो गया है।
फोटो- जिले के विभिन्न सेंटरों में पंजाब पुलिस व एनडीआरएफ के कर्मी वैकसीन लगाने के लिए पहुंच वही सिविल अस्पताल में वैक्सीन लगवाते एनडीआरएफ कर्मी।
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