अमृतसर। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, जिसका शिकार भाजपा के नेता हो रहे हैं। इसी के चलते शुक्रवार को किसानों ने एक ही दिन में भाजपा के तीन बड़े नेताओं का घेराव कर डाला। राष्ट्रीय एससी कमीशन का चेयरमैन बनने के बाद शुक्रवार सुबह पहली बार अमृतसर पहुंचे विजय सांपला को रामतीर्थ और फिर दरबार साहिब में विरोध का सामना करना पड़ा। वहीं रेलवे स्टेशन पर डीआरएम राजेश अग्रवाल व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक के खिलाफ नारेबाजी करने के लिए किसान स्टेशन सुपरिंटेंडेंट के दफ्तर तक पहुंच गए।
विरोध का सामना करने वाले तीसरे नेता रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी, जिन्हें रामतीर्थ में किसानों ने अपने साथ धरने पर ही बैठा लिया। जोशी-सांपला के साथ रामतीर्थ गए थे। किसानों के आने के बाद सांपला को तो प्रशासनिक अिधकारियों ने बीएसएफ कैंपस के भीतर वाली सड़क से निकाल दिया, मगर जोशी किसानों के प्रदर्शन के कारण रामतीर्थ रोड पर फंस गए।
किसानों से काफी समय तक चले तर्क-वितर्क के बाद जोशी को किसानों के साथ वहीं बैठना पड़ा। कुछ देर बाद जब सांपला के रामतीर्थ से निकलने की सूचना पहुंची तो किसान नेताओं ने प्रदर्शन खत्म कर दिया, जिसके बाद जोशी भी अमृतसर लौट आए।
रामतीर्थ : सांपला को प्रशासन ने बीएसएफ कैंप के रास्ते निकाला, किसानों के प्रदर्शन में फंसे जोशी - शुक्रवार सुबह गुरु रामदास एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद नेशनल एससी कमीशन के चेयरमैन विजय सांपला, पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर अनिल जोशी व अन्य भाजपा नेताओं के साथ रामतीर्थ में माथा टेकने पहुंचे। इसकी जानकारी किसान संघर्ष कमेटी (पन्नू ग्रुप) के नेता बचित्तर सिंह कोटली को लगी तो वह किसानों को साथ लेकर वहां पहुंचे मेन रोड पर जाम कर दिया।
वापसी पर प्रशासनिक अधिकारियों ने सांपला को बीएसएफ कैंपस के रास्ते निकाल दिया। बाकी भाजपा नेताओं को मेन रोड पर भेजा गया। इस पर किसानों ने अनिल जोशी की गाड़ी घेर ली। किसानों ने जोशी से पूछा कि वह जनता के नुमाइंदे हैं, कृषि कानून को रद्द क्यों नहीं करवाते। इस पर जोशी का कहना था कि इसके लिए सीनियर लीडरशिप काम कर रही है। किसान संतुष्ट नहीं हुए तो जोशी किसानों के उनके बीच धरने पर बैठ गए, जबकि उधर दूसरी तरफ से सांपला निकल गए।
राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक शुक्रवार दोपहर रेलवे स्टेशन पर स्टेशन सुपरिंटेंडेंट (एसएस) के दफ्तर में डीआरएम राजेश अग्रवाल व अन्य अफसरों से बैठक करने पहुंचे। इसी बीच वहां किसान आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर दफ्तर का दरवाजा बंद कर दिया गया, मगर किसानों ने बाहर नारेबाजी जारी रखी। किसानों को करीब 1 घंटे बाद थाना सिविल लाइन की पुलिस ने हिरासत में लिया और गाड़ी में लाद कर दूर ले गई। इसके बाद मलिक स्टेशन से निकले।
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