बठिडा: भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) की ओर से शनिवार दोपहर को अजीत रोड स्थित एक निजी अस्पताल के गेट पर धरना लगाया गया। अस्पताल में काम करने वाले तीन कर्मियों को वेतन न देने को लेकर किए गए प्रदर्शन के दौरान अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई। थाना सिविल लाइन के प्रभारी दविदर सिंह ने मौके पर पहुंचकर आश्वासन दिया और धरना हटवाया।
भाकियू के नेता मोठू सिंह कोटड़ा ने बताया कि गांव छन्ना के दो लड़के तथा एक लड़की इस अस्पताल में काम करती थीं, लेकिन कुछ महीने काम करने के बाद डाक्टर के रवैये से तंग आकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी। नौकरी छोड़ने पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से तीनों का एक माह का वेतन रोक लिया गया। वे सात हजार रुपये प्रति माह के वेतन पर काम करते थे। उन्होंने कई बार अस्पताल प्रबंधन से वेतन देने की मांग की, लेकिन उन्हें साफ कह दिया गया कि अस्पताल का एक माह का वेतन न देना असूल है। इसलिए यह वेतन नहीं दिया जाएगा। इस पर दोनों युवकों व युवती ने भाकियू के पास इस मुद्दे को उठाया। भाकियू के पास यह मुद्दा आने पर बीते वीरवार को उन्होंने अस्पताल आकर डाक्टर से बात की, लेकिन इस दौरान डाक्टर ने उन्हें भी वेतन देने से मना कर दिया। तीनों का 21 हजार रुपये वेतन बकाया है। इस पर उन्हें धरना लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उधर थाना सिविल लाइन के प्रभारी दविदर सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने दोनों पक्षों के बातचीत कर इस विवाद को सुलझाया। मोठू सिंह कोटड़ा ने बताया कि डाक्टर ने रविवार को वेतन दे देने की सहमति जता दी है। इसलिए उसके सहमति जता देने के बाद धरना उठा लिया गया।
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