चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने प्राइवेट स्कूल संचालकों को निर्देश दिया है कि वह सिर्फ NCERT/CISCE व संबंधित बोर्डों द्वारा प्रमाणित संस्थाओं की प्रकाशित किताबें लगाएंं। डायरेक्टर शिक्षा विभाग (एसई) ने इस संबंध में सीबीएसई, आइसीएसई और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबंधित सभी प्राइवेट स्कूलों के मैनेजमैंट को पत्र जारी कर दिया है। प्रवक्ता के अनुसार इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के हितों की रक्षा करना है।
प्रवक्ता के अनुसार प्राइवेट स्कूलों की कुछ मैनेजमेंटों द्वारा अपने स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्राइवेट प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित किताबें लगाई जा रही हैं और उनको यह किताबें और वर्दियां कुछ खास दुकानों से खऱीदने के लिए कहा जा रहा है। यह किताबें विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को महंगे मूल्य पर खरीदनी पड़ रही हैं। इस संबंध में मिली शिकायतों के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को ख़ास दुकानों/फर्मों से किताबें और वर्दियां खरीदने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से मजबूर न करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। ऐसा करने की स्थिति में दोषी संस्थाओं की मान्यता/अनापत्ति प्रमाण पत्र को रद करने की चेतावनी दी है।
सरकारी स्कूलों में दाखिलों के लिए ‘दाखिला सप्ताह’ शुरू
पंजाब में सरकारी स्कूलों में दाखिलों के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने ‘दाखिला सप्ताह’ शुरू कर दिया है। विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि यह ‘दाखिला सप्ताह’ बीते दिन शुरू हुआ और यह 27 मार्च तक चलेगा। इसका उद्देश्य लोगों को अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिल करने के लिए प्रेरित करना है।
सरकारी स्कूलों में दाखिलों की मुहिम चलाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से ‘इनरोलमेंट बूस्टर टीमों’ का गठन पहले ही किया जा चुका है। इस मुहिम को चलाने के लिए सरकारी स्कूलों की विशेषताओं को दर्शाते हुए पोस्टर, वीडीयो, शार्ट फिल्में तैयार करवा के सोशल मीडिया के द्वारा प्रचार किया जा रहा है।
पंजाब के सरकारी स्कूलों के बिजली के खर्चे घटाने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से 183 और प्राइमरी स्कूलों में 2.74 करोड़ रुपये के खर्च के साथ 3 किलोवाट उत्पादन क्षमता वाले सोलर पैनल लगाए जाएंगे। शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने बताया कि शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बुनियादी ढांचे को और मजबूती प्रदान करने के लिए निरंतर यत्न किए जा रहे हैं। स्कूलों में बिजली की समस्या को हल करने और खर्चे को घटाने के लिए सोलर पैनल लगाना बहुत ही लाभप्रद कदम है।
सिंगला ने कहा कि सोलर ऊर्जा आने वाले समय की जरूरत है। सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के किए जा रहे प्रयासों से स्कूलों में सोलर ऊर्जा के प्रयोग से बिजली के उपभोग को घटाया जाएगा। इसके साथ ही कुदरती सौर ऊर्जा का उचित प्रयोग भी हो सकेगा। सिंगला ने कहा कि इससे पहले 3214 स्कूलों में 97.55 करोड़ की लागत से सोलर ऊर्जा प्रोजेक्ट स्थापित किए जा रहे हैं। अब 3 किलोवाट उत्पादन क्षमता वाले सोलर पैनल लगाने से जिला फिरोजपुर के अन्य 183 सरकारी प्राइमरी स्कूलों को भविष्य में बिजली की आपूर्ति मिल सकेगी।
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