बुधवार, 6 जनवरी 2021

खुशखबरीः कल से पंजाब में खुलेंगे 5वीं से 12वीं तक के सभी स्कूल


 

चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूल खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। 7 जनवरी से स्कूल खुल जाएंगे और 5वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी ही आएंगे। प्रदेश के शिक्षामंत्री विजयइंदर सिंगला ने प्रेस नोट जारी करके यह जानकारी दी। बता दें कि कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से सूबे में शैक्षिक संस्थान बंद हैं। हालांकि, बीच में स्कूल खोलने की पहल की गई थी, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते स्कूल खोले नहीं गए।

अब फिर से पहल करते हुए पंजाब सरकार स्कूल खोलने जा रही है। स्कूलों का समय सुबह 10 से दोपहर 3 तक रहेगा। शिक्षामंत्री के इस फैसले पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने भी अपनी सहमति जता दी है। लेकिन, उन्होंने कोरोना नियमों का पालन करने और एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। सभी स्कूल प्रबंधकों को सेहत विभाग की तरफ से जारी की हिदायतों का सख़्ती से पालना करने के लिए कहा गया है।

जानकारी अनुसार कोरोना काल में बंद पड़े स्कूल अब पूरी तरह से खुलने जा रहे हैं। पंजाब शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिंगला ने ऐलान कर दिया है कि 7 जनवरी से पंजाब में सभी स्कूल खुलेगें। मंत्री के अनुसार, सरकारी, अर्ध सरकारी और निजी स्कूल  5वीं से लेकर 12वीं तक सभी स्कूल खुलेंगे और अब फिर से विद्यार्थी स्कूल जा सकेंगे।पंजाब सरकार ने यह ऐलान करते हुए कहा है कि अब पंजाब में फिर से सारे स्कूल खुलेंगें और करीब 10 महीने बाद फिर से विद्यार्थी स्कूल जाकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगें। पंजाब में सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक स्कूल खुलेंगे और स्कूल खुलने के बाद बच्चों को पूरी एहतियात बरतनी जरुरी होगी।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही पंजाब में 9वीं और 12वीं तक के विद्यार्थियों को स्कूल जाने की अनुमति दी गई थी, हालांकि स्कूल पूरी तरह से खुले नहीं थे। कुछ महीने पहले छोटी कक्षाओं के लिए स्कूलों को नहीं खोला गया था। बच्चे सिर्फ स्कूल मे जाकर काम ले सकते थे और सिर्फ 10वीं 12वीं के बच्चे ही स्कूल में आ सकते थे, वो भी बच्चों के परिवारों की सहमति से ही। अगर परिवार उन्हें भेजे तभी बच्चे स्कूल जा सकते थे. लेकिन पिछले साल कोरोना काल में बंद पड़े स्कूलों में अब फिर से रौनक लौट आएगी। 
 
स्कूल आना बच्चों की इच्छा पर निर्भर
शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिंगला ने कहा कि अगर बच्चे स्कूल आना चाहता है तो आ सकता है और अगर बच्चा स्कूल नहीं आना चाहता वो ना आए। इससे बच्चे की रिपोर्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
 
स्कूलों को पूरी तरह किया जाएगा सैनिटाइज
मंत्री ने कहा कि स्कूल खुलने के बाद स्कूलों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा और बच्चों को स्कूल में मास्क पहन कर आना जरुरी होगा और बच्चों को सैनिटाइज बी इस्तेमाल करना जरुरी होगा.वहीं मंत्री ने कहा कि इम्तिहानों को देखते हुए ही स्कूलों को खोलने का फैसला लिया गया है।

बठिंडा -मास्टर हरपाल सिंह की आत्मिक शांति के लिए पाठ का भोग 10 जनवरी को

 


बठिंडा. नरवाणा रोड बठिंडा में रहने वाले मास्टर हरपाल सिंह का गत दिनों देहांत हो गया था। सामाजिक कार्यों में अग्रणी व धार्मिक प्रवृति को मास्टर हरपाल सिंह के देहांत पर कभी पूरा नहीं होने वाला नुकसान समाज को हुआ है। मास्टर हरपाल के पुत्र अमनदीप सिंह ने बताया कि उनके पाठ का भोग व अरदास 10 जनवरी रविवार को दोपहर 12 से एक बजे तक गुरुद्वारा सत्संग सभा रेलवे कालोनी ठंडी सड़क में रखा गया है। जिंदगी भर बच्चों को शिक्षित करने के साथ नैतिक शिक्षा व तंदरुस्तु का पाठ पठाने वाले मास्टर जी के सैकड़ों शागिर्द आज विभिन्न क्षेत्रों में अपना नाम कमा रहे हैं। सेवा से निवृत होने के बाद भी उनका बच्चों से खासा लगाव रहा व समय-समय पर विभिन्न खेल समागमों में हाजिर होकर अपनी जिंदगी के अनुभव व खेल के गुरों के बारे में लोगों को जागरुक करने का काम करते थे।


बठिंडा शहर की स्वच्छता के नाम पर लाखों की बर्बादी : पांच साल में शहर में तीसरी बार डस्टबिन लगाए जा रहे, करीब 55 लाख रुपए खर्च


 

बठिंडा. नगर निगम शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर पूरी तरह गंभीर है तथा स्वच्छता अभियान में तीन बार हैट्रिक कर पंजाब के अलावा देश में भी अहम स्थान हासिल कर चुका है। लोगों के सहयोग व सफाई कर्मियों के दम पर शहर को साफ सुथरा रख रहे नगर निगम के लिए यह बहुत खुशी की बात है, लेकिन दूसरी ही तरफ नगर निगम डस्टबिनों पर ही पैसा पानी की तरह बहा रहा है जिसका आंकलन इस बात से किया जा सकता है कि 2015-16 से लेकर अभी तक पांच साल में तीसरी बार करीब 15 से 20 लाख रुपए के लोहे के डस्टबिन शहर में विभिन्न जगहों पर लगाए जा रहे हैं ताकि शहर को कचरे से बचाया जा सके, लेकिन इस प्रक्रिया में डस्टबिन को रिपेयर करने की बजाए सीधे उखाड़ नए इंस्टाल किए जा रहे हैं जो रखरखाव के अभाव में बेवजह साल दो साल में ही टूट रहे हैं तथा जनता का कीमती पैसा डस्टबिनों पर ही बहता दिख रहा है। स्टील के करीब 25 लाख के डस्टबिन जहां थोड़े समय में ही चोरी हो गए, लेकिन निगम इसकी कोई एफआईआर नहीं करवा पाया। इसी तरह 2018 में इंस्टाल किए डस्टबिन फिर टूट गए जो अब नए लगवाने की पुन नौबत आ गई है। ऐसे में 50 लाख से अधिक रुपये डस्टबिनों पर ही खर्च हो गए हैं।

न डस्टबिन के रखराखव की कोई योजना, न चोरी होने से बचाने का उचित प्रबंध

रखरखाव के अभाव में पब्लिक संपत्ति की हो रही है बर्बादी
बठिंडा नगर निगम जितनी शिद्दत से शहर को साफ रखने का काम करता है, अगर उसका आधा भी शहर को साफ रखने में अहम रोल देते डस्टबिन के रखरखाव पर लगा दे तो शायद यह सालों ही खराब नहीं हों। लगातार कचरे से अटे रहने के अलावा इंस्टालेशन के बाद ना तो इनमें पुन कभी प्राइमर किया जाता है तथा ना ही इन्हें फिर रंग-रोगन किया जाता है। वहीं क्वालिटी को लेकर एफएंडसीसी के सदस्य ही सवाल उठा रहे हैं। पूर्व एफएंडसीसी मैंबर निर्मल संधू कहते हैं कि निगम का कीमती पैसा डस्टबिन पर बार-बार खर्च करना सही नहीं है। अगर शहर में अच्छी क्वालिटी के डस्टबिन लगाकर उनका सही रखरखाव किया जाए तो यह खराब ही नहीं हों।मोहाली की तर्ज पर पूर्व निगम कमिश्नर अनिल गर्ग ने स्टील के 150 से अधिक डस्टबिन लगवाए थे।

इस पर करीब निगम ने करीब 22 से 25 लाख रुपए खर्च किए थे, लेकिन धीरे-धीरे इनके टूटने के अलावा यह चोरी भी होते गए जिसमें जिम्मेदार निगम अधिकारियों द्वारा इनकी पैरवी के अभाव में पुलिस में भी कोई शिकायत नहीं दी गई। इसके बाद निगम ने शहर मंे 2018 में 200 से अधिक लोहे के डस्टबिन लगवाए, लेकिन उनके रखरखाव व रिपेयर के अभाव में वह भी कचरा-कचरा होने शुरू हो गए तथा हालत यह है कि निगम की यह संपत्ति आपको शहर के अलग-अलग कोनों में उखड़ी मिल जाएगी जिसे या तो तोड़ दिया गया या फिर आसपास के लोगों द्वारा रेगुलर सफाई नहीं होने से कचरा इकट्ठा होने के चलते उखाड़कर फेंक दिया गया, लेकिन जो सही हैं या हलके खराब हैं, उन्हें रिपेयर की जाए सीधे उखाड़कर नए लगाए जा रहे हैं। अब तीसरी बार करीब 120 से 150 लोहे के डस्टबिन पर 10 से 15 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं।

हमारी बात अनसुनी की
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दूसरी बार जब डस्टबिन लगाए जाने थे तो बतौर एफएंडसीसी मैंने व सीनियर डिप्टी मेयर तरसेम गोयल ने मीटिंग में कहा था कि डस्टबिन अच्छी क्वालिटी का लगाना चाहिए, लेकिन हमारी बात अनसुनी कर दी गई। बार-बार पैसा लगाने की बजाए अच्छी क्वालिटी के डस्टबिन लगें।
गुरिंदरपाल कौर मांगट, पूर्व डिप्टी मेयर, नगर निगम, बठिंडा

 

स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत लगाए थे डस्टबिन

नगर निगम की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के तहत शहर में सार्वजनिक स्थानों पर जनवरी 2018 में 237 लगाए गए थे। ताकि इसके प्रतियोगिता में अंक हासिल किए जा सकें। आखिर निगम को इसका लाभ भी मिला। प्रतियोगिता में इसके अच्छे अंक मिले और बठिंडा को राज्य में प्रथम स्थान हासिल हुआ। इन डस्टबिनों पर करीब 24 लाख रुपये खर्च हुए थे। लेकिन सर्वेक्षण संपन्न होने के बाद निगम ने इनके रखरखाव एवं सफाई के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया। लोगों ने भी इनका सदुपयोग नहीं किया। आखिरकार यह डस्टबिन कबाड़ में तब्दील होने लगे। धीरे-धीरे कूडे के डंप ही बन गए। कई पूरे के पूरे डस्टबिन चोरों ने चोरी कर लिए। जबकि बड़ी गिनती में डस्टबिनों के अंदर से प्लास्टिक के डिब्बे (डस्टबिन) चोरी कर लिए गए। पहले जब यह डस्टबिन तोड़े या चोरी हुए थे तो नगर निगम की ओर से तुरंत पुलिस के पास शिकायतें भी दर्ज कराई गईं, लेकिन उसके बाद शिकायतें दी जानी भी बंद हो गई।

सफाई को भी नहीं रखे 27 कर्मचारी

बीती 12 मार्च को हुई नगर निगम के जनरल हाउस की बैठक में इन डस्टबिनों की सफाई के लिए 25 कर्मचारी रखने का प्रस्ताव भी रखा गया था। लेकिन कर्मचारी रखने से पहले बैठक में इसकी गिनती की पड़ताल करने के लिए सब कमेटी के गठन की घोषणा कर दी गई। सब कमेटी ने पड़ताल तो क्या करनी थी, अभी तक एक बैठक भी नहीं की। सफाई कर्मी रखना तो दूर की बात रही। स्थिति यह है कि सफाई के अभाव में यह डस्टबिन बदबू का जरिया बन हुए हैं। जिनकी अब स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 की प्रतियोगिता के लिए मरम्मत की तैयारियां की जा रही हैं।

इलेट्रो होम्योपेथी के जनक काउंट सीजर मैटी: इस डॉक्टर के पास होती थी इतनी भीड़ कि सेना संभालती थी मोर्चा



-11 जनवरी इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा के जनक डॉक्टर काउंट सीजर मैटी के 212 वें जनमदिवस पर विशेष* 

आज से 160 साल पहले इटली के डॉक्टर ने पौधों से ऐसी दवाइयां तैयार करने की पद्धति प्रचलित की जो दुनियाभर में इलेट्रो होम्योपेथी नाम से मशहूर हो गई। यह अपने वजूद के किए लड़ रही है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन के पंजाब प्रमुख डॉक्टर हरविंदर सिंह,  कहते हैं कि 11 जनवरी को केंद्र सरकार ने इस बाबत दिल्ली में मीटिंग बुलाई है, जिस पर देश भर में काम कर रहे तक़रीबन पांच लाख ईएच डॉक्टर्स में उम्मीद की किरण जगी है।  इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को एलोपैथी, आयुर्वेद, होमियोपैथी, यूनानी के बाद पांचवीं पद्धति के रूप में  मान्यता देने बाबत दिल्ली में ज्वाइंट बॉडी इलेक्ट्रो होम्योपैथी प्रपोजलिस्ट कमेटी ऑफ़ इंडिया के साथ  मीटिंग पर सब की नज़रे हैं। 

चंडीगढ़. दुनियाभर में अल्टरनेटिव मेडिसिन सिस्टम की मांग बढ़ रही है। जानकर आश्चर्य होगा कि आज से 160 साल पहले इटली के डॉक्टर ने पौधों से ऐसी दवाइयां तैयार करने की पद्धति प्रचलित की जो इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा के नाम से दुनियाभर में मशहूर हो गई और आज भी कई देशों में लोगों के लिए वरदान बनी हुई है। चिकित्सा जगत में पांचवीं पद्धति आज अपने वजूद के किए लड़ रही है। 

 11 जनवरी को केंद्र सरकार ने इस बाबत दिल्ली में मीटिंग बुलाई है, जिस पर देश भर में काम कर रहे तकरीबन पांच लाख ईएच डॉक्टर्स में उम्मीद की किरण जगी है। ज्वाइंट बॉडी इलेक्ट्रो होम्योपैथी प्रपोजलिस्ट कमेटी ऑफ़ इंडिया के वरिष्ठ सदस्य डॉक्टर दिनेश चंद्र श्रीवास्तव कहते है की भारत सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय स्वास्थ्य और अनुसंधान विभाग के सचिव डीआर मीणा की ओर से इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को एलोपैथी, आयुर्वेद, होमियोपैथी, यूनानी के बाद पांचवीं पद्धति के रूप में  मान्यता देने बाबत दिल्ली में ज्वाइंट बॉडी इलेक्ट्रो होम्योपैथी प्रपोजलिस्ट कमेटी ऑफ़ इंडिया के साथ  मीटिंग बुलाई गई है। ज्वाइंट बॉडी ईएच के संयोजक डॉक्टर के.डी तिवारी को लेटर भी जारी किया गया है

शिक्षा पर सरकार कर रही करोड़ों का खर्च पर एक साल के बाद भी मेरिटोरियस स्कूलों में कोचिंग की इंस्टीट्यूशंस को नहीं दी फीस, बच्चों की पढ़ाई पर पड़ने लगा असर

 


कोचिंग का निर्धारित अवधि में बिल भी जमा करवाने के बावजूद शिक्षा विभाग में कोई सुनवाई नहीं

चंडीगढ़ /बठिंडा.  पंजाब सरकार एक तरफ शिक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा कर रही है वही स्कूलों को अपग्रेडशन करने व इमारतों की मियार में सुधार के लिए भारी भरकम फंड खर्च करने का दावा किया जा रहा है। वही छात्रों को बेहतर साइंस एजुकेशन देने के लिए शुरू किए विभिन्न प्रोजेक्टों पर फंड देने में आनाकानी की जा रही है। इस नीति से राज्य में बेहतर इंजीनियर, डाक्टर व साइटिस्ट बनाने के लिए बेहतर कोचिंग व शिक्षा देने की योजना पर विराम लगने का अंदेशा बन रहा है।

 पंजाब प्रदेश के मेरिटोरियस स्कूल के बच्चों को कांपीटेटिव एग्जाम की तैयारी करवाने वाले इंस्टीट्यूशंस को एक साल बाद भी अदायगी नहीं हुई है। एक मेरिटोरियस स्कूल के बच्चों को पढ़ाने की एवज में 10 से 15 लाख रुपए तिमाही फीस के अलावा टेंडर राशि की सिक्योरिटी की एवज में भी 10 लाख रुपए की रकम की अदायगी अटक गई है। लगभग 25 लाख रुपए की अदायगी करवाने के लिए इंस्टीट्यूशंस वेंडर चंडीगढ़ मुख्यालय में 1 साल से चक्कर लगाकर 20 से 25 हजार रुपए खर्च चुके हैं लेकिन इन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा। टेंडर के नियमानुसार कोचिंग का निर्धारित अवधि में बिल भी जमा करवाया, इसके बावजूद शिक्षा विभाग में कोई सुनवाई नहीं हो रही। वहीं दो साल की टेंडरिंग में कोरोना काल का अवरोध लगने की वजह से अगले सेशन के लिए रिलेक्सेशन का भी असमंजस बना हुआ है।

हर इंस्टीट्यूट की कोचिंग फीस व सिक्योरिटी का 25 लाख रुपया विभाग के पास अटका

शिक्षा विभाग की ओर से सोसायटी के अधीन प्रदेश के 10 मेरिटोरियस स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों काे मेडिकल व इंजीनियरिंग एंट्रेस एग्जाम की तैयारी करवाई जा रही है। प्रदेश में विभिन्न प्राइवेट इंस्टीट्यूट को टेंडर के जरिए मेरिटोरियस स्कूलों में कांपीटेटिव एग्जाम की कोचिंग का जिम्मा सौंपा गया। टेंडर की शर्त के मुताबिक 2019-20 2020-21 के लिए संबंधित इंस्टीट्यूट वेंडर को कोचिंग का काम अलॉट हुआ। मार्च में सेशन मुकम्मल होने तक प्राइवेट इंस्टीट्यूट की ओर से कोचिंग दी गई जबकि 22 मार्च 2020 में लॉकडाउन लगने से काम रुका, तब तक सिलेबस कवर कर लिया गया था। इंस्टीट्यूशंस की ओर से हर तिमाही पर अपने बिल संबंधित स्कूल प्रिंसिपल के रेफरेंस से भिजवाए गए, लेकिन दो तिमाही की लाखों रुपए की रकम इंस्टीट्यूट को अदा नहीं हुई। इंस्टीट्यूशंस की ओर से शिक्षा विभाग के खिलाफ खुलकर बोलने पर किरकिरी से बचने को हाल ही में सितंबर से दिसंबर 2020 तक की रकम रिलीज की और उसमें भी 10 से 20 प्रतिशत की कटौती की गई है जबकि जनवरी से मार्च तक की तीन महीने की रकम जारी ही नहीं की।

संचालकों का दूसरे साल के टेंडर के रेगुलर रहने का असमंजस
इंस्टीट्यूट की ओर से 2019-20 सेशन में 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को कोचिंग दी जबकि इनका कांट्रेक्ट अगले सेशन 2020-21 के लिए इन्हें अलॉट हुआ था। नियमानुसार दो साल कोचिंग दी जानी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से अभी तक मेरिटोरियस स्कूल नहीं खुले और यह सेशन कोचिंग दिए बिना ही निकल गया। इससे इंस्टीट्यूट वेंडर असमंजस में हैं कि उन्हें टेंडर के नियमानुसार दो साल की अलॉटमेंट में कोरोना काल में 1 साल नुकसान का हर्जाना की एवज में अगले सेशन 2021-22 की कोचिंग का जिम्मा मिलेगा अथवा नहीं। उनके अनुसार प्रोजेक्ट डायरेक्टर और डीजीएसई से कई बार व्यक्तिगत तौर पर मिलकर संपर्क किया, लेकिन कोई भी अधिकारी उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे।

इस मामले में राज्य के वित्त मंंत्री मनप्रीत सिंह बादल का कहना है कि मामला उनके ध्यान में नहीं था। इस बाबत विभाग से बात की जाएगी। सरकार के पास फंड की कोई कमी नहीं है। एजुकेशन पर सरकार पूरा ध्यान लगा रही है व जरूरत अनुसार फंड उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। वित्त विभाग की तरफ से फंड को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं है। वह इस मामले का जल्द हल निकालेंगे। 

 

मंगलवार, 5 जनवरी 2021

Bathinda / पतंग लूटते हाईवोल्टज तार की चपेट में आया बच्चा झुलसा



बठिडा: मंगलवार शाम पतंग लूटते समय सात साल का बच्चा बिजली की हाईवोल्टज तारों की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गया। बच्चे के दोनों पैर व हाथ पूरी तरह से झुलसने के कारण स्वजन उसे सिविल अस्पताल से निजी अस्पताल में ले गए। बच्चे की पहचान अंशु कुमार पुत्र अनिल कुमार निवासी किला रोड के तौर पर हुई।


बताया जा रहा है कि अंशु कुमार लोहे की पाईप लेकर पतंग लूट रहा था। पतंग किला रोड पर स्थित हाईवोल्टेज तारों में अटक गई, जिसे वह लोहे की पाईप से उतारने की कोशिश करने लगा। इसी दौरानव करंट का झटका लगा और वह नीचे गिर गया। लोगों ने उसे तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया। डाक्टरों के मुताबिक बच्चे के दोनों पैर व हाथ पूरी तरह झुलस चुके हैं, जिसके चलते स्वजन उसे निजी अस्पताल ले गए। वहां उसका इलाज चल रहा है। 

दो सड़क हादसों में तीन लोग जख्मी

शहर में विभिन्न हादसों के दौरान जख्मी हुए तीन लोगों को सहारा जनसेवा को सदस्यों ने अस्पताल पहुंचाया। झील नंबर तीन के पास एक मोटरसाइकिल सवार कार से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सूचना मिलने पर सहारा की लाइफ सेविग टीम के सदस्य मनी कर्ण मौके पर पहुंचे और जख्मी हुए बाइक सवार गांव भोखड़ा के सुखपाल सिंह को अस्पताल पहुंचाया। इसके अलावा बठिडा-मानसा रोड पर स्थित ओवरब्रिज के पास एक मोटरसाइकिल सवार महिला से टकरा गया, जिस कारण दोनों जख्मी हो गए। सहारा टीम के मनी कर्ण व हरबंस सिंह ने मोटरसाइकिल सवार अमरपुरा बस्ती के नसीब चंद व यशोदा रानी पत्नी प्रकाश सिंह को अस्पताल पहुंचाया।

डा. नीलम ग्रेवाल ने संभाला गुरुकाशी यूनिवर्सिटी के उपकुलपति का पदभार

 


तलवंडी साबो: डा. नीलम ग्रेवाल ने गुरुकाशी यूनिवर्सिटी (जीकेयू) में उपकुलपति के तौर पर पदभार संभाल लिया है।डा. ग्रेवाल पंजाब पब्लिक सर्विस कमिशन की पूर्व मेंबर हैं। उन्होंने कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना में बतौर डीन भी काम किया है। खेतीबाड़ी और प्रबंधकीय क्षेत्र में 40 साल से अधिक का तजुर्बा रखने वालीं डा. ग्रेवाल के दिशा-निर्देश में भारत सरकार के कई प्रोजेक्टों को लीड किया गया है। खेतीबाड़ी में महिलाओं के योगदान के अलावा 70 खोज पत्र और आठ किताबें भी लिख चुकी हैं। इस मौके पर चेयरमैन गुरलाभ सिंह सिद्धू ने कहा कि डा. ग्रेवाल के आने से गुरुकाशी यूनिवर्सिटी विद्या के क्षेत्र में नए प्रतिमान स्थापित करेगी। यहां एमडी सुखराज सिंह सिद्धू, डा. हरजिदर सिंह रोज, डा. पुशपिदर सिंह और समूह कालेजों के डीन विशेष तौर पर हाजिर हुए। उन्होंने कहा कि डा. ग्रेवाल के पदभार संभालने से विवि का विकास होगा।

सरहदी इलाके फाजिल्का में बड़ी कार्रवाई:पाकिस्तान से साढ़े 46 किलो हेरेाइन मंगवाकर आगे सप्लाई की, 28 लाख की ड्रगमनी के साथ स्टेट ऑपरेशनल सेल ने दो को धरा



फाजिल्का। पंजाब के सरहदी इलाके फाजिल्का में मंगलवार देर शाम पुलिस ने नशा तस्करी से जुड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में स्टेट ऑपरेशन सेल ने दो लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही 28 लाख की ड्रगमनी भी बरामद की है। पता चला है कि बीते दिनों पाकिस्तान से आई साढ़े 46 किलो हेरोइन को अमृतसर के तस्करों तक पहुंचाने के बदले इन्हें 28 लाख मिले थे। आरोपियों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करके आगे की जांच का क्रम फिलहाल जारी है।


मुख्य आरोपी की पहचान जिले के गांव मुहार खीवा मनसा के संदीप सिंह के रूप में हुई है। उसके साथ ढाब खुशाल जोईयां का कृपाल सिंह नामक एक व्यक्ति और मिला हुआ था, जिसे धर लिया गया। इस बारे में AIG अजय मलूजा ने बताया कि 2013 में फिरोजपुर में CIA की तरफ से कृपाल सिंह को 8 किलो हेरोइन के साथ पकड़ा गया था। उस मामले में 15 साल की सजा भी हुई थी और इन दिनों आरोपी पैरोल पर आया हुआ है।


पूछताछ में खुलासा हुआ कि संदीप सिंह के खेत सीमा के करीब स्थित हैं। इसी बात का फायदा उठाकर वह 3 साथियों के साथ मिलकर तस्करी के धंधे से जुड़ा था। ये लोग रात के समय तस्करी की वारदातों को अंजाम देते थे। आधी रात में बार्डर के समीप जाकर पाकिस्तान से आई हेरोइन की खेप लाते थे और इस बार इन चार लोगों ने मिलकर पाकिस्तान से साढे 46 किलो हेरोइन मंगवाई थी।


संदीप सिंह ने पूछताछ के दौरान बताया कि अमृतसर साइड से कुछ बड़े तस्कर आते थे। उनके साथ गुरचरण सिंह उर्फ चन्ना व सुरजीत सिंह उर्फ लभ्भू सिंह, दो अन्य व्यक्ति भी शामिल हैं, जो आगे अमृतसर के तस्करों के संपंर्क में रहते थे। उन्हें आगे सप्लाई करते थे और सुरजीत सिंह उर्फ लभ्भू फोन पर सारी बातचीत कर दिशा-निर्देश देता था कि कौन सा तस्कर इस समय कहां आएगा।


10 दिन के दौरान यह चौथी राष्ट्रविरोधी घटना

बता दें कि कोहरे के सीजन के दौरान फाजिल्का जिले से संबंधित पिछले 10 दिन के दौरान यह चौथी राष्ट्रविरोधी घटना है। इससे पूर्व फाजिल्का सैक्टर के गांव पक्का चिश्ती में पाकिस्तान की ओर से रात के समय घुसपैठ की कोशिश की गई जबकि रविवार की रात को जलालाबाद सेक्टर में BSF ने एक पाक घुसपैठिए को गिरफ्तार किया है। इससे पहले CIA स्टाफ ने गांव संतोख सिंह वाला में दो सगे भाइयों में से एक को काबू किया था, जबकि दूसरा फरार हो गया था। पकड़े गए व्यक्ति की निशानदेही पर पुलिस ने चार किलो हेरोइन, एक पिस्टल व कुछ कारतूस बरामद किए थे।

3 शव मिलने से फैली सनसनी:संगरूर में महिला और दो नाबालिग बच्चियों की मौत; पुलिस मामले की जांच में जुटी, हत्या-आत्महत्या की आशंका



पंजाब के संगरूर स्थित गांव सारों में सोमवार की सुबह तीन शव मिलने से सनसनी फैल गई। शव एक विवाहिता और उसकी दो नालाबिग बेटियों के हैं। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने तीनों के शवों को सिविल अस्पताल संगरूर भेज दिया है। पुलिस ने संभावना जताई है कि महिला ने दोनों नाबालिग लड़कियों की हत्या करने के बाद खुद आत्महत्या की है।


थाना सदर संगरूर के SHO राकेश कुमार ने बताया कि मृतका की पहचान 29 वर्षीय बलजीत कौर पत्नी अवतार सिंह और उसकी दो बेटियों साढ़े 4 वर्षीय अर्शनूर और ढाई वर्षीय विरासत के रूप में हुई है। बलजीत ने फंदा लगाकर आत्महत्या की है। बेटियों के शव बिस्तर पर पड़े थे।


बलजीत कौर का पति अवतार सिंह लकड़ी का काम करता था। बलजीत कपड़े सिलाई करके घर का गुजारा चलाती थी। अवतार सिंह लकड़ी का काम करने के लिए घर से बाहर गया हुआ था। अवतार सिंह की मां भी घर पर मौजूद नहीं थी। इस दौरान बलजीत कौर ने ऐसा खौफनाक कदम उठाया।


अवतार सिंह रात को घर आया तो उसने रवाजा खटखटाया, लेकिन किसी ने ट नहीं खोला। सरपंच बलविंदर सिंह की मौजूदगी में अवतार सिंह ने जब घर की दीवार फांदकर अंदर प्रवेश किया तो वहां का नजारा देखकर दंग रह गया।

पटियाला में पंजाबी गायक व गीतकार श्रीबराड़ गिरफ्तार, गाया था हथियारों पर गाना



पटियाला। अपने गीतों द्वारा गन कल्चर को प्रमोट करने के मामले में पंजाबी गायक पवनदीप सिंह बराड़ उर्फ श्रीबराड़ को पटियाला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। श्रीबराड़ पर बंदूक कल्चर व कानून का उल्लंघन करने के लिए उकसाने मामले में केस दर्ज हुआ था। एसएसपी विक्रमजीत बराड़ के निर्देशों पर इस मामले में थाना सिविल लाइन में केस दर्ज  किया था।

बराड राजस्‍थान के हनुमानगढ़ जिले के गांव सिलवाला रहने वाले हैं। एसपी डी हरमीत हुंदल, डीएसपी डी करिशन कुमार पैंथे की सुपरविजन में बनी सीआइए स्टाफ की टीम ने गायक श्रीबराड़ को मोहाली के सेकटर 91 से गिरफ्तार किया। गायक श्रीबराड़ के हाल ही में रिलीज गीत जान को लेकर यह कार्यवाही की गई है। एसएसपी विक्रमजीत दुग्गल ने कहा कि फिलहाल इस मामले में अभी गायक और गीतकार श्रीबराड़ को अरेस्ट किया है। इस मामले में अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। इन लोगों को भी गिरफ्तार करेंगे और गीत पर भी रोक लगाई जाएगी।

भड़काऊ और पुलिस गरिमा को ठेस पहुंचाता है गीत

'जान' टाइटल गीत को महिला सिंगर बारबी मान व श्री बराड़ ने गाया है। इसमें गुरनीत दुसांज की आवाज है और इस गीत को श्रीबराड़ ने लिखा है। गीत में एक जेब में दूसरा गाड़ी में दो रखते हथियार वे, जुर्म जिना दे सांह च वसदा व पटियाला में हुए कत्ल के पीछे हाथ वगैरह लाइन हैं।


इसके अलावा गीत के फिल्मांकन में पटियाला का एक पुलिस थाना व वहां जेल में बंद लोगों को फायर कर छुड़ाने के सीन हैं। इसके अलावा सरकार को दबाने वाले लोगों के साथ दोस्ती जैसी लाइनें इस गीत में है। इस मामले में श्रीबराड़ पर पुलिस गरिमा को ठेस पहुंचाने की धारा के अलावा 500, 501, 502,505,115,116,1120 बी आइपीसी के तहत केस दर्ज हुआ है।

एम्स डाक्टर मरीजों को देखते भी हैं, लेकिन इलाज की सुविधा नहीं , एम्स व कैंसर अस्पताल के बीच होने वाले एमओयू में सियासत बनी अड़ंगा



बठिडा।
 बठिडा में कैंसर मरीजों को इलाज करवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। एम्स में कैंसर विभाग काम तो कर रहा है और डाक्टर मरीजों को देखते भी हैं, लेकिन इलाज की सुविधा नहीं है। एम्स ने बठिंडा के एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट से समझौते का प्रयास किया था। इसके तहत दोनों संस्थानों में एमओयू साइन होना था लेकिन राज्य सरकार की ओर से ध्यान दिए जाने कारण यह सिरे नहीं चढ़ सका।

बठिडा एम्स में 23 दिसंबर 2019 को ओपीडी को शुरू हुई थी, इस दौरान कैंसर विभाग भी शुरू किया गया। मगर अस्पताल में इलाज के लिए संसाधन नहीं है। इसलिए एम्स प्रबंधन ने कैंसर अस्पताल के साथ समझौते का प्रयास शुरू किया। मगर वह सफल नहीं हो सका। इसका कारण था कैंसर अस्पताल को बाबा फरीद हेल्थ एंड मेडिकल साइंसेज यूनिवर्सिटी के तहत पंजाब सरकार की ओर से चलाया जा रहा है तो एम्स अस्पताल को केंद्र सरकार द्वारा चलाया जा रहा है। यह बात फरवरी 2019 में चली थी, जिसके बाद मार्च में कोरोना के कारण सब कुछ बंद हो गया तो यह प्रोजेक्ट भी ठप हो गया। अगर यह सफल हो जाता तो कैंसर रोगियों को इलाज में काफी सुविधा मिलती। बठिडा एम्स में रोजाना 10 के कैंसर मरीज अपना चेकअप करवाने के लिए आ रहे हैं। 

-- एमओयू साइन होने पर ये मिलती सुविधाएं

एम्स व एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट के साथ एमओयू साइन होता तो एम्स मे इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों का इलाज कैंसर अस्पताल में हो सकता था। एम्स के डाक्टर भी अस्पताल में जाकर मरीजों का इलाज कर सकते थे और वहां के संसाधनों का इस्तेमाल कर सकते थे। बठिडा के एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट में रेडियोलाजी व कीमोथ्रेपी जैसी सभी प्रकार की मशीनों का प्रबंध है। इसके अलावा यहां पर मरीजों के इलाज के लिए उनकी जरूरत के हिसाब से वार्ड भी बने हुए हैं।

- कैंसर अस्पताल में दोगुणा हुई ओपीडी

बठिडा के कैंसर अस्पताल में मानसा, मुक्तसर, फिरोजपुर, फरीदकोट, फाजिल्का, संगरूर, बरनाला आदि जिलों के अलावा हरियाणा से भी कैंसर के मरीज दवा लेने के लिए आते हैं। यहां पर 2020 में अभी तक 30 हजार मरीज इलाज के लिए आ चुके हैं। साल 2018 में 15 हजार तो 2019 में 18 हजार मरीजों की ओपीडी हुई थी। वहीं रेडियोलाजी की बात की जाए तो 2020 में यहां पर 12 हजार के करीब लोगों का इलाज किया गया है। इससे पहले 2018 में 506 व 2019 में मात्र 481 लोगों की रेडियोलाजी हुई थी। अस्पताल में 2020 में 9600 लोगों की कीमोथरेपी व 750 लोगों की सर्जरी हुई है। इस समय 200 मरीजों की रोजाना ओपीडी हो रही है। 

मरीजों को नहीं आने दी जाएगी कोई परेशानी- डा.दीपक अरोड़ा


एमओयू साइन करने को लेकर बेशक बात चली थी, मगर यह प्रोजेक्ट अभी तक पूरा नहीं हो पाया। यह सरकार पर निर्भर करता है। मगर एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट में 200 मरीजों की ओपीडी रोजाना हो रही है। अस्पताल में इस समय 35 के करीब मरीजों को रोजाना दाखिल किया जा रहा है। ओपीडी 200 रहने का कारण अन्य शहरों में इलाज करवाने वाले मरीज अब बठिडा में आ रहे हैं। यहां पर उनको इलाज से संबंधित हर प्रकार की दवा भी मिल रही है। जिसके लिए उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है।

-डा.दीपक अरोड़ा, डायरेक्टर, एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट,बठिडा


तकनीकी कारणों के कारण नहीं हुआ एमओयू- डा.सतीश गुप्ता

एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट के साथ एमओयू साइन करने को लेकर बात चली थी। लेकिन तकनीकी कारणों के कारण पूरा नहीं हो पाया। इसके बारे में ज्यादा जानकारी अभी मेरे पास नहीं है।


डा.सतीश गुप्ता,मेडिकल सुप्रीटेंडेंट,एम्ज बठिडा

बठिंडा में कर्ज वसूली करने वालों से परेशान महिला ने सूए में छलांग लगाकर की खुदकुशी, तीन महिला समेत छह पर केस दर्ज


बठिंडा.
बाबा दीप नगर की रहने वाली 55 वर्षीय एक महिला ने गत सोमवार को मानसा रोड से गुजरने वाले पानी के सूए में छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली। मरने से पहले महिला ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उसने अपनी माैत के लिए तीन महिला समेत छह लोगों को जिम्मेवार ठहराया है। सुसाइड नोट के मुताबिक उक्त आरोपितों से पैसे उधार लिए थे, जिसे वापस करने के लिए महिला पर दबावव बनाया जा रहा था। थाना कैनाल कालोनी पुलिस ने मृतक महिला के सुसाइड नोट के आधार पर तीन महिलाओं समेत छह लोगों पर खुदकुशी करने के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। 

फिलहाल आरोपित लोगों की गिरफ्तारी होनी अभी बाकी है। पुलिस को बयान देकर राकेश कुमार निवासी बाबा दीप सिंह नगर बठिंडा ने बताया कि उसकी मां बिमला देवी ने आरोपित बिट्टू निवासी गुरु की नगर बठिंडा, सुखजीत कौर, मंजीत कौर निवासी दंगा पीड़ित कालोनी बठिंडा, अमन निवासी बाबा दीप सिंह नगर बठिंडा, डोली कौर निवासी उधम सिंह नगर बठिंडा, पटवारी निवासी दंगा पीड़ित कालोनी बठिंडा से कुछ पैसे उधार लिए हुए थे। जिसकी एवज उसकी मां ने आरोपितों को खाली चेक दिए हुए थे। पिछले कुछ दिनों से उक्त आरोपित उसकी मां को उधार लिए पैसे वापस करने के लिए दबाव बना रहे थे। जिसके कारण उसकी मां मानसिक तौर पर परेशान भी थी। 

इतना ही नहीं आरोपित उसकी मां के खाली चेक बैंक में लगाकर उसे बाउंस करवाने और उसके खिलाफ केस दर्ज करवाने की धमकी भी दे रहे थे। इसी बात से परेशान होकर गत चार जनवरी को उसकी मां बिमला देवी ने बठिंडा-मानसा रोड पर स्थित पानी के सूए में छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली। शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं दूसरी तरफ तीन डाक्टरों के बोर्ड ने मृतक महिला के शव का पोस्टमार्टम किया। उधर, मामले के जांच अधिकारी एएसआइ अक्षय कुमार ने बताया कि महिला के सुसाइड नोट के आधार पर आरोपित लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल आरोपित लोगों की गिरफ्तारी होनी बाकी है। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।


कृषि कानूनों पर कृषि अर्थशास्त्री सरदारा सिंह जौहल का बड़ा बयान- सरकार चर्चा करने की बजाय मौजूदा मसले का हल निकाले



28 राज्यों से छात्र व 16 प्रांतों से शिक्षकों के साथ सीयूपीबी एक मिनी इंडिया- डा जोहल  

-बठिंडा पहुंचे डा जोहल ने मीडिया के आगे रखे खुल कर विचार

बठिंडा: नए कृषि कानून किसानों के हक में है या नहीं इस के ऊपर पहले ही बहुत बहस हो चुकी है। लिहाजा ज्यादा जरूरी है कि पैदा हुए इन हालातों को कैसे सुलझाया जाए और सरकार व किसानों के बीच में टस से मस न होने वाले हालातों से आगे बढ़ कर सहमति कैसे बनाई जाए। यह विचार देश के जाने माने कृषि अर्थशास्त्री, लेखक व माहिर पदम भूषण डा. सरदारा सिंह जोहल ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए प्रकट किए, जो बठिंडा के घुद्दा स्थित पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूपीबी) की छटी कन्वोकेशन में बतौर कुलाधिपति शामिल होने के बाद पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे। इस मौके उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में उस समय की कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने एग्रीकल्चर मार्किट प्रोड्यूस (अमेंडमेंट) एक्ट 2006 पास कर प्राइवेट व्यापारियों को मौका दे दिया था जबकि साल 2013 में अकाली भाजपा सरकार द्वारा कांट्रेक्ट फार्मिंग एक्ट पास किया गया था, जिसको केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अब ये नए तीन कानून लाकर आगे बढ़ाया गया है।

अर्थशास्त्री डा जोहल ने चिंता जाहिर की कि जिस ढंग से यह कानून पारित किए गए है वो बहुत ही निराशाजनक था, क्यूंकि कोई भी कानून पास करने से पहले उस पर पूर्ण चर्चा होनी बहुत जरूरी है। इस मौके उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो कानून पार्लियामेंट के द्वारा पास किया गया है। उसे खारिज करने के लिए भी संसद का सेशन फिर से बुलाना होगा व बहुमत के आधार पर ही कोई कार्यवाही संभव है। मसले के हल के बारे अपने सुझाव देते हुए डा जोहल ने कहा कि सरकार चाहे तो रास्ता निकालने तक इन कानूनों को रोक सकती है। इसके इलावा कानुनों को मॉडल स्टेट के रूप में लागू करते हुए तजुर्बे में कुछ राज्यों पर लागू करके देखा जा सकता है। हालाकिं उन्होंने यह भी कहा कि जब किसान इन कानूनों को मानने से मना ही कर रहे हैं तों सरकार को इन्हे वापिस ले लेना चाहिए।

पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा के बारे बात करते हुए उन्होंने कहा कि 28 राज्यों से छात्र व 16 प्रांतों से शिक्षकों के साथ सीयूपीबी एक मिनी इंडिया है जो बेहद तेजी के साथ आगे बढ़ रही है और देश की सर्वोत्तम 100 यूनिवर्सिटियों में अपनी जगह बना चुकी है, जिसको और बेहतर बनाने के लिए ग्रामीन इलाके में स्थित इस युनिवरसिटी की कनेक्टिविटी बेहतर करने की बेहद जरूरत है जिसके लिए एक्सप्रेस रेलवे की सहूलत को बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आॅनलाइन शिक्षा कभी भी फिजिकल क्लासेज की जगह नहीं ले सकती है व उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही हालत सामान्य हो जाएंगे और वर्सिटी छात्र क्लासरूम में बैठ कर शिक्षा हासिल कर सकेंगे।


Bathinda-सीवरेज को लेकर संगुआना बस्ती में राजनीति गर्माई, कांग्रेस व अकाली दल हुए आमने सामने



सीवरेज का काम धीमी गति से चलाने व घटिया समाग्री लगाने का आरोप लगा किया प्रदर्शन

बठिंडा. संगुआना बस्ती स्थित नरुआमा रोड के सुविधा केंद्र के पास नगर निगम की तरफ से डाले जा रहे सीवरेज को लेकर जहां स्थानीय लोगों ने विरोध जताया वही मामले में कांग्रेस व अकाली वर्कर आमने सामने हो गए। इस दौरान जहां नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की गई वही कांग्रेस सरकार पर भी लोगों ने अपनी भड़ास निकाली। लोगों ने आरोप लगाया कि सीवरेज का काम जहां धीमी गति से चलने के कारण रास्ते बंद पड़े हैं वही इसमें इस्तेमाल की जा रही समाग्री व पाइपें सही नहीं डाली जा रही है जिससे सीवरेज जल्द चाक होने का अंदेशा बन रहा है। अकाली दल के अमन ढिल्लों ने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने के लिए बिना किसी पैमाने के सीवरेज का काम करवा रही है जिसमें गुणवत्ता का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है।



वही इलाके की जरूरत के अनुसार सीवरेज पाइपों का साइज भी छोटा रखा जा रहा है इससे आने वाले समय में सीवरेज जाम की स्थिति बनी रहेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि इलाके में सीवरेज का काम धीमी गति से चलने के कारण रास्ते बंद पड़े हैं व आवागमन करने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बाबत मंगलवार को जब सीवरेज कार्य को जल्द पूरा करने व साजों सामान सही ढंग से डालने की मांग की गई तो मामला दो राजनीतिक दलों के बीच आ गया व इसमें काग्रेस से संजय विसवाल व अकाली दल के अन ढिल्लो सीवरेज को लेकर आमने सामने हो गए। वही लोगों ने मिलकर नारेबाजी कर सीवरेज का काम बंद करने व इसमें क्वालिटी ठीक कर काम शुरू करवाने की मांग रखी। गौरतलब है कि नगर निगम चुनावों के नजदीक वार्ड नंबर 21 में राजनीतिक सर्गमियां तेज हो गई है। हालांकि इस वार्ड से कांग्रेस ने टिकट संतोष महंत को दी है जबकि इसमें कांग्रेस के संजय विसवाल टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन इसमें अंदर खाते विरोध के तेवर चल रहे हैं। इसी बीच अकाली दल भी वार्ड में अपनी गतिविधियां बढ़ा रही है। इसी के चलते पिछले 10 दिन में सीवरेज व्यवस्था को लेकर दो बार विरोध हो चुका है। 


सरकारी पॉलिटेक्निक कालेज का आऊंटस्टैंडिंग इंस्टीट्यूट अवार्ड के लिए चयन



-कालेज को तीसरी बार मिला यह अवार्ड, फरवरी के पहले हफ्ते में मिलेगा संस्था को अवार्ड 

बठिंडा. नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टैक्निकल टीचर्ज प्रशिक्षण और रिर्सच (निटर) की तरफ से सरकारी पॉलिटेक्निक कालेज बठिंडा को साल 2019 -20 के आऊटस्टैंडिंग इंस्टीट्यूट अवार्ड (पॉलिटेक्निक कैटागरी) के लिए चुना गया है। यह जानकारी कालेज के प्रिंसिपल यादविन्दर सिंह ने सांझी की।  प्रिंसिपल यादविन्दर ने बताया कि यह नेशनल इंस्टीट्यूट जो कि भारत सरकार का एक अदारा है की तरफ से अपने अधीन आते राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू -कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और यू.टी. चंडीगढ़ स्थित पॉलिटेक्निक कालेजों में से इस अवार्ड के लिए बेहतर कालेजों का चुनाव किया जाता है।

यादविन्दर सिंह ने कालेज के समूह स्टाफ और विद्यार्थियों को बधाई देते हुए बताया कि तकनीकी शिक्षा मंत्री, पंजाब चरनजीत सिंह चन्नी और प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा अनुराग वर्मा और डायरेक्टर तकनीकी शिक्षा विभाग की योग्य नेतृत्व और कालेज के स्टाफ की मेहनत के चलते कालेज को यह मान मिला है। उन्होंने कहा कि कालेज के लिए यह मान वाली बात है कि इस कालेज को तीसरी बार यह अवार्ड मिला है। इससे पहले कालेज को साल 2008 -09 और 2013 -14 के लिए भी यह अवार्ड मिल चुका है। उन्होंने बताया कि निटर की तरफ से अपने अधीन आते उपरोक्त 9 राज्यों के सभी सरकारी और प्राईवेट पॉलिटेक्निक कालेजों से इस सम्बन्धित अर्ज़ियों की माँग की जाती है और कालेज की दाख़िला, परिणाम, प्लेसमेंट, टीचर प्रशिक्षण और इन्नफरास्टरक्कचर के इलावा सभी तकनीकी और ग़ैर -तकनीकी गतिविधियों के आधार पर उत्तरी भारत के आऊटस्टैंडिंग इंस्टीट्यूट का चयन किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह अवार्ड फरवरी के पहले हफ्ते दौरान चण्डीगढ़ में एक समागम दौरान दिया जायेगा।

फोटो सहित-बीटीडी-15-सरकारी पोलोटैक्निक कालेज की तस्वीर, जिसे उत्तरी भारत में प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है।


लोग, लोकतंत्र और मतदान विषय पर बोली मुकाबलों में भाग लेने के लिए 7 जनवरी तक भेजी जाए बोलियां -जिला चुनाव अधिकारी



प्रतियोगता में चुनी गई बोलियों को दिए जाएंगे प्रमाणपत्र

बठिंडा. मुख्य चयन अधिकारी पंजाब की तरफ से राष्ट्रीय वोटर दिवस 2021 के मौके पर आंगनवाड़ी कर्मचारियों, आशा वर्कर और आम महिला वोटरों का जिला स्तर पर बोली मुकाबला करवाया जा रहा है। लोग, लोकतंत्र और मतदान विषय पर करवाए जाने वाले इस मुकाबलो में भाग लेने के लिए 7 जनवरी तक बोलियां विभाग के पास भेजी जा सकतीं हैं। यह जानकारी जिला चुनाव अधिकारी -कम डिप्टी कमिशनर बी. श्रीनिवासन ने दी। उन्होंने कहा कि इन मुकाबलो में पंजाब के सभी जिलों की चुनिन्दा बोलियों को दफ़्तर मुख्य चुनाव अफसर पंजाब में संग्रहित करके एक किताब का रूप दिया जायेगा। इस किताब को राष्ट्रीय वोटर दिवस के मौके पर रिलीज किया जाएगा। बी. श्रीनिवासन ने बताया कि मुकाबलों में भाग लेने के लिए जिले के प्रतियोगी अपनी 'बोली' पंजाबी भाषा में लिखकर तहसीलदार चुनाव की ई-मेल आई डी etbtd@punjab.gov.in पर या डाक के द्वारा जिला प्रशासकीय कंप्लैक्स में स्थित दफ़्तर तहसीलदार मतदान के कमरा नंबर 303 दूसरी मंजिल में 7 जनवरी 2021 तक भेजी जा सकती है। उन्होंने बताया कि यह मुकाबला केवल पंजाबी बोलियों का ही होगा। इसके इलावा प्रतियोगिता में चुनी गई बोलियों को प्रमाण -पत्र दिए जाएंगे।  




सिविल अस्पताल बठिंडा में नई मोर्चरी के फर्श धंसने व एमरजेंसी की दीवारों की सीलन को कम करने के लिए रिपेयर का काम किया शुरू


-मामले की जांच कर हेल्थ कार्पोरेशन को भेजी रिपोर्ट, ठेकेदार पर घटिया समाग्री का इस्तेमाल करने का लगा है आरोप 

उद्घाटन से पहले ही होने लगी थी इमारत जर्जर, घटिया समाग्री लगाने से बैठने लगा फर्श

-दो माह पहले ही तैयार की गई थी इमारत, मंत्री का समय मिलने के इंतजार में नहीं हो रहा था उद्घाटन

बठिंडा. शहीद मनी सिंह सरकारी अस्पताल की नई बनाई गई मोर्चरी ठेकेदार की ओर से विभाग को काम शुरू करने के लिए सौंपने के सप्ताह बाद ही टूटनी शुरू हो गई थी। इस बाबत अखबारों में सामाचार प्रकाशित होने के बाद सिविल अस्पताल प्रशासन की नींद खुली व उसने टूटे फर्श व दीवारों की रिपेयरका काम शुरू करवा दिया। हालांकि इस लापरवाही के लिए जिम्मेवार ठेकेदार व अधिकारी पर किसी तरह की कारर्वाई नहीं की गई है। इसके पीछे तकनीकी खामी बताकर आरोपियों को बचाया जा रहा है। गैरतलब है कि मोर्चरी में लगाए गए मार्बल में जहां दरारें पड़ गई हैं वहीं फर्श धंसने लगा है। बता दें कि सरकारी अस्पताल के नवीनीकरण में 4.38 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसमें से 56.58 लाख की लागत से नई मोर्चरी का निर्माण किया गया था। जिसका कुछ दिन पहले ही शुभारंभ किया गया है। मोर्चरी विभाग को हैंडओवर करने के सात दिन में ही फर्श के धंसने और मार्बल टूटने से काम और मटीरियल पर सवाल उठने लगे हैं। उधर रेनोवेट की गई इमरजेंसी वार्डां की दीवारों में सीलन आने लगी है। जबकि इससे पहले दीवारों पर सीलन आने के कारण ही रेनोवेट किया गया था। दोनों मामले एसएमओ डा. मनिंदरपाल सिंह के ध्यान में आने के बाद उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित ठेकेदार को तलब किया और विभाग के उच्चाधिकारियों को इस सारे मामले के बारे में अवगत करवा दिया है। स्थानीय प्रशासन ने अब इस मामले में भी पूर्व की तरह राज्य सरकार पर पूरा मामला छोड़ दिया है। जिसमें कहा गया है कि स्थानीय स्तर पर गुणवत्ता संबंधी खामियों को लेकर रिपोर्ट तैयार कर सेहत निगम को भेज दी है। इसमें अब अगली कारर्वाई उन्होंने करने हैं। 

तीन दशक पुरानी मोर्चरी की इमारत को तोड़कर 56.58 लाख रुपए की लागत से नई इमारत तैयार की गई है। मोर्चरी की नई इमारत में बाडी स्टोरिंग यूनिट, पोस्टमार्टम रूम, डाक्टर रूम, विजिटर रूम व जनरल टायलेट बनाया गया है। पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन द्वारा इमारत के निर्माण कार्य का ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया था। ठेकेदार द्वारा इसे कुछ दिन पहले ही पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के अधिकारियों की उपस्थिति में सेहत विभाग के अधिकारियों को हैंडओवर किया था, लेकिन इमारत का फर्श धंस गया, वहीं बाउंड्री में भी दरार आनी शुरू हो गई। यदि यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं होगा जब पूरी इमारत दरक जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि विभाग की ओर से किसी भी निर्माण को सही मापदंडों से पूरा किया जाता है। हर इमारत को इस हिसाब से तैयार किया जाता है कि वो 50 साल तक मजबूत रहे। बिल्डिंग को सौंपने के बाद जिम्मा संबंधित विभाग का होता है, लेकिन निर्माण कार्य के दौरान उपयोग में लाई जा रही बिल्डिंग मेटेरियल की चेकिंग करने की जिम्मेदारी पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के अधिकारियों की होती है।


दुष्कर्म:लुधियाना में चौकी के अंदर कांस्टेबल ने महिला से किया रेप, रातभर रखा निर्वस्त्र

 










लुधियाना।
लुधियाना की चौकी मुंडिया में बिना किसी अपराध चौकी लाई गई महिला (25) के साथ कांस्टेबल ने गंदगी की सारी हदें पार कर दीं। महिला को जबरन घर से उठाया और चौकी लाकर उससे रेप कर डाला। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल को दी, 18 दिन की जांच के बाद सोमवार को कांस्टेबल राकेश कुमार पर पुलिस कस्टडी में दुष्कर्म करने का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि साथ गए चौकी इंचार्ज एएसआई सुखविंदर सिंह को भी सस्पेंड करने के साथ पूरी चौकी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसके अलावा 3 महिलाओं समेत 4 के खिलाफ भी मारपीट का केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच कर रहीं एडीसीपी रूपिंदर कौर सरां ने पीड़िता के बयान नोट कर मेडिकल के लिए भेज दिया। मेडिकल के बाद पड़ताल की गई। फिलहाल चौकी में रात को तैनात मुलाजिमों के भी बयान लिए जा रहे हैं।
आरोपियों पर कार्रवाई की बजाय आधी रात महिला को घर से चौकी उठा लाए थे पुलिसवाले
पीड़िता ने बताया वह पति के साथ किराये के मकान में रहती है, जहां पति का दोस्त करमा भी आता था। लेकिन करमा की सास पम्मी, साली पूजा, साला बिंदा और पम्मी की सहेली ममता को शक था कि उसके करमा से अवैध संबंध हैं। 3 दिसंबर को उसके पति की गैरहाजिरी में रात करीब 9 बजे आरोपियों ने मुझे घर से निकालकर पीटा। नग्न कर वीडियो बनाने लगे।
लेकिन शोर सुनकर लोग इकट्ठा हुए तो आरोपी फरार हो गए। 4 दिसंबर को पीड़िता ने चौकी मुंडिया में शिकायत दी पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। 5 दिसंबर को आरोपियों ने उसे दोबारा पीटकर चौकी में उसके खिलाफ झूठी शिकायत दे दी। 6 दिसंबर की रात साढ़े 12 बजे कांस्टेबल राकेश कुमार, चौकी इंचार्ज सुखविंदर सिंह ने उसे पीटा व बिना लेडी कांस्टेबल उसे चौकी ले गए। पीड़िता ने आरोप लगाया रात करीब डेढ़ बजे कांस्टेबल राकेश ने अलग कमरे में रेप किया। सुबह 4 बजे तक उसे निर्वस्त्र रखा गया। सुबह उसे कपड़े दिए गए। बाकी के मुलाजिम मूकदर्शक बने रहे।
शिकायत के बाद हुई इंवेस्टिगेशन, अब पर्चा... डरी सहमी पीड़िता की ओर से 17 दिसंबर को सीपी को शिकायत के बाद जांच शुरू हुई। 18 दिन बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। सूत्र बताते हैं कि जांच में थाने के कैमरों से कुछ डिटेल हाथ लगी थी। हालांकि, इसकी पुष्टि पुलिस नहीं कर रही है।
चौकी में ही महिला से कांस्टेबल ने दुष्कर्म कर डाला? -बहुत ही निंदनीय घटना है। आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। {मुलाजिमों के सामने ये सब होता रहा, क्या किसी ने नहीं रोका, उन्हें सिर्फ लाइनहाजिर किया गया? -इसकी जांच महिला एडीसीपी रुपिंदर कौर सरां कर रही हैं। वो अपनी रिपोर्ट देंगी, उसके बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। {थानों में महिला मुलाजिम नहीं मिलती, क्या महिला मुलाजिमों की शॉर्टेज है? -नहीं मुलाजिम पूरे हैं। लेकिन महिलाओं को रात को थानों में रूकने नहीं दिया जाता। केस आने पर घर से बुलाया जाता है। चेकिंग भी की जाएगी।
कागजों में महिला पीसीआर की मौजूदगी
शहर के 28 थानों व 30 चौकियों में से कोई भी एेसा नहीं, जहां महिलाओं को गिरफ्तार करने के बाद लाॅकअप में रखा जा सके। उन्हें रखने के लिए दफ्तरों के कमरे और मुलाजिमों के आराम करने वाले कमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा यहां लगे कैमरों की जांच भी नहीं की जाती। हालात ये है कि कई थाने व चौकियों के कैमरे बंद पड़े हैं। वहां कौन आ रहा है? किसे रखा जा रहा है? और कहां रखा जा रहा है? इसके बारे में न तो कोई अधिकारी नजर रख रहा है और न ही थाने व चौकी के सीनियर अफसर। यही वजह है कि जब पुलिस पर आरोप लगते हैं तब सबूत काफी हद तक खत्म हो जाते हैं।
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बठिंडा नें बढ़ता क्राइम, खाैफजदा शहर:पिछले 21 दिनों में एक मर्डर, 5 स्नेचिंग और 6 से अधिक जगहों पर ताले टूटे

 


  • बठिंडा शहर की कानून व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने पर तुले स्नेचर और अपराधी प्रवृति के लाेग, सख्ती नहीं आ रही नजर
  • बठिंडा। कानून व्यवस्था कायम रखना पुलिस की जिम्मेदारी मानी जाती है तथा अपराधियों में पुलिस का खौफ ही आमजन के लिए सबसे बड़ी राहत मानी जाती है, लेकिन वर्तमान में बठिंडा की कानून व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने में अपराधी प्रवृति के लोग कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। आलम यह है कि सरेआम दिनदहाड़े लड़कियों से उनके पर्स व मोबाइल स्नेच कर अपराधी मोटरसाइकिल पर आराम से फायरिंग करते हुए फरार हो रहे हैं तथा आसपास के वीडियो कैमरों में कवर होने के बावजूद ऐसे क्रिमिनल लोगों की धरपकड़ नहीं हो पा रही है। शहर में पिछले 21 दिनों में ही एक मर्डर, 3 अटैंप्ट टू मर्डर जैसे मारपीट के केस, 5 स्नेचिंग व गोलीबारी तथा बाजारों में 6 से अधिक जगहों पर दुकानों के ताले टूटे चुके हैं, लेकिन पुलिस को सुराग तक नहीं मिला है। वहीं सप्ताह भर पहले पट्‌टा मार्केट में दो लोगों को बुरी तरह घायल करने, अजीत रोड पर सरेराह गुंडागर्दी के अलावा रेलवे ग्राउंड में मर्डर कर लाश जलाने के अलावा 3 जनवरी को स्नेचिंग की चार वारदातें हालातों की गंभीरता दर्शाती हैं। कानून व्यवस्था को अपराधी इतनी आसानी से तोड़ने का हौसला पाले हुए हैं तथा वह भी तब जब शहर की सुरक्षा का जिम्मा 5 पुलिस स्टेशन व 5 चौकियां के हवाले है। लगातार बढ़ते अपराध सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह हैं।

    शहर में रोजाना हो रहीं स्नेचिंग और चोरी की वारदातें

    शहर में चोरियां या झपटमारी कोई नई नहीं है, लेकिन हैरानी इस बात पोस्ट से मात्र कुछ सौ मीटर पर छह दुकानों के ताले तोड़कर चोर फरार हो जाते हैं हालांकि पोस्ट में रात को पुलिस तैनात नहीं हैं, लेकिन वहां के दुकानदारों के अनुसार पहले चोरी होने पर जब पुलिस को इसकी सूचना दी गई तो वहां रात में भी पुलिस तैनात करने की बात कही गई, लेकिन वह नहीं हुई। रविवार को चार स्नेचिंग की वारदातें की गईं। कुछ दिन पहले रविवार को शाम को सदर बाजार में फायरिंग कर एक महिला से सोने की चेन झपटने के मामले को अभी तक केस ट्रेस नहीं हो सका है जबकि उक्त घटना की वीडियो भी रिलीज हुई थी।

    पट्‌टा मार्केट में लूट, रेलवे ग्राउंड में मिली थी जली लाश

    कुछ दिनों पहले सुरिंदर कपूर मार्ग के नजदीक पट्‌टा मार्केट में सहारा जनसेवा ने दो बेहद बुरी तरह घायल लोगों को सिविल अस्पताल पहुंचाया था। उन्हें रात में कोई अज्ञात लोग बुरी तरह घायल कर गायब हो गए तथा रात भर वह घायल उसी तरह पड़े रहे जिन्हें सुबह जाकर मेडिकल सहायता मिल सकी। इसी तरह रेलवे ग्राउंड में एक साधु के कत्ल की आशंका है जिसे बाद में जला दिया गया तथा मौके से कैनाल पुलिस ने खून सना पत्थर भी रिकवर किया था। अगर इतने बेखौफ अंदाज में अपराधी अपराध कर गायब होंगे तो आम लोगों का सवाल उठाना लाजमी है कि उन्हें सुरक्षा देने वाली पुलिस का कंट्रोल कहां है।


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