नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच देश में बर्ड फ्लू (Avian influenza) ने दस्तक दे दी है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सतर्क कर दिया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और केरल में इसकी पुष्टि हो चुकी है। वहीं हरियाणा में हजारों पक्षियों की मौत के बाद उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। हालांकि, अभी तक इससे कोई प्रभावित नहीं हुआ है। सर्दियों की शुरुआत साथ देश में विदेशी प्रवासी पक्षियों के आने के कारण बर्ड फ्लू फैलने की आशंका व्यक्त की गई है। बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। जैसे यह बीमारी क्या है? यह कैसे फैलता है? आइए जानते हैं, ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब।
क्या है बर्ड फ्लू
यह एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है। पक्षियों में एक दूसरे से फैलने वाला .ह वायरस काफी संक्रामक होता है। यह उनमें सांस की गंभीर बीमारी का कारण बनता है। इसके कई स्ट्रेन हैं, लेकिन H5N1 सबसे खतरनाक है। इंसानों में इस वायरस के मामले बहुत कम देखने को मिलता है। इस वायरस से मृत्यु दर 60 फीसद है।
कैसे फैलता है बर्ड फ्लू
मनुष्यों में H5N1 संक्रमण के लगभग सभी मामले संक्रमित जीवित या मृत पक्षियों, या H5N1-दूषित वातावरण के संपर्क में आने जुड़े हैं। वायरस मनुष्यों को आसानी से संक्रमित नहीं करता है। इस बात का अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है कि अगर संक्रमित पक्षी को ढंग से पकाया जाए, तो उसे खाने से संक्रमण फैलता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
बुखार (अक्सर तेज बुखार) और बेचैनी, खांसी, गले में खराश और मांसपेशियों में दर्द इसके लक्षणों में शामिल हैं। शुरुआत में पेट में दर्द, सीने में दर्द और दस्त भी देखने को मिल सकती है। आगे यह संक्रमण सांस लेने में कठिनाई या सांस की तकलीफ, निमोनिया का कराण बन सकता है।
बर्ड फ्लू का इलाज
मनुष्यों में ज्यादातर मामलों में एवियन इन्फ्लूएंजा एक गंभीर बीमारी के रूप में विकसित होता है। इसका इलाज अस्पताल में तुरंत किया जाना चाहिए। आइसीयू की आवश्यकता हो सकती है। इसके इलाज में आमतौर पर एंटीवायरल दवा ओसेल्टामिविर का इस्तेमाल किया जाता है। इस संक्रमण को रोकने के लिए टीके विकसित किए गए हैं, लेकिन वे व्यापक उपयोग के लिए तैयार नहीं हैं।
राजस्थान रोज बर्ड फ्लू के नए केस आ रहे हैं। झालावाड़, बारां, कोटा और जयपुर के बाद बुधवार को सवाई माधोपुर में भी बर्ड फ्लू से कौओं की मौत की पुष्टि हुई है। प्रदेश में अब तक कुल 1157 कौओं की मृत्यु हो चुकी है। बुधवार को सबसे ज्यादा जयपुर में 72 कौवे मृत मिले।
इनके अलावा कोटा में 20, बारां 42, झालावाड़ 26, जोधपुर में 54 कौए मृत मिले हैं। इनके अलावा कोटा और बूंदी में पॉल्ट्री में भी 51 मुर्गियां मृत मिली हैं। हालांकि, राहत की बात है कि अब तक पॉल्ट्री में बर्ड फ्लू का एक भी केस नहीं आया है।
हालांकि पाॅल्ट्री संचालकों का कहना है कि पाॅल्ट्री में एक प्रतिशत मृत्यु दर सामान्य मानी जाती है। इसलिए इन मौतों को सीधे बर्ड फ्लू से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए। इसके अलावा अब तक पॉल्ट्री में बर्ड फ्लू का एक भी केस सामने नहीं आया है। प्रदेश भर से अब तक 149 सैंपल भोपाल स्थित निशाद लैब भेजे जा चुके हैं।
हालांकि पशुपालन विभाग ने एतिहातन प्रदेश के सभी पॉल्ट्री फार्म मालिकों को उनके जिलों में तैनात पशुपालन अधिकारियों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप पर जुड़ने के निर्देश दे दिए हैं। विभाग के मंत्री लालचंद कटारिया व प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा ने बुधवार को प्रदेश पॉल्ट्री फार्म एसोसिएशन के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बातचीत की।
24 घंटे के अंदर ये 4 बड़े कदम
रेपिड रेस्पांस टीम; पशुपालन विभाग ने एहतियात के लिए सभी जिलाें में रेपिड रेस्पांस टीम गठित कर दी है।
आरटीपीसीआर लैब; प्रदेश में आरटीपीसीआर लैब अगले सप्ताह तक खोले जाने की स्वीकृति मिल जाएगी।
वाॅट्सएप ग्रुप; प्रदेश में करीब 2500 पॉल्ट्री फार्म है। इनके संचालकों के साथ अफसर एक वॉट्सग्रुप बनाएंगे।
पीपीई किट; पशुपालन अधिकारियों को निशुल्क पीपीई किट बांटने के निर्देश। बिना इसके मृत पक्षी नहीं उठाएंगे।