- साल 2017 से लेकर 2021 तक अकाली दल की बड़ी टीम को तोडने में सफल रही कांग्रेस, चुनाव में कांग्रेस की अकाली दल से होगी कडी टक्कर
बठिंडा. नगर निगम चुनाव की घोषणा होने के बाद कांग्रेस ने विपक्ष पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसका खुलासा इस बात से होता है कि कांग्रेस पूरी तरह से अकाली दल को कमजोर करने के लिए हर प्रहार कर रही है। अकाली दल के दो दिग्गज नेताओं को जहां मंगलवार को कांग्रेस में शामिल किया गया वही बुधवार को अकाली दल के पूर्व पार्षद रोशन ज्ञाना को कांग्रेस में शामिल कर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। वही कांग्रेस का दावा है कि उनके संपर्क में अभी भी अकाली दल के दर्जनों नेता है जो आने वाले दिनों में कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं।
अकाली दल के लिए समस्या यही समाप्त नहीं हो रही है बल्कि गत दिवस अकाली दल के प्रवक्ता चमकौर सिंह मान पर उनकी ही एक सहयोगी रही वर्कर ने छेडखानी का आरोप लगाकर सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज करवा दिया। चमकौर मान अकाली दल के बठिंडा शहरी क्षेत्र में प्रमुख रणनीतिकारों में एक है व लाइन पार इलाके में उनकी अच्छी पैठ है जिसका अकाली दल को समय-समय पर चुनाव में फायदा भी मिलता रहा है। फिलहाल उन पर दर्ज केस के बाद अकाली दल इस बात को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हो गया है व उसने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सोचीसमझी रणनीति के तहत उनके वर्करों को निशाना बना रही है व झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं। अकाली दल के हलका इंचार्ज सरुपचंद सिंगला ने कहा कि कांग्रेस की इस चाल को लोग अच्छी तरह से समझते हैं। कांग्रेस को अहसास हो गया है कि वह नगर निगम चुनावों में हार रहे हैं व अकाली दल भारी बहुमत हासिल कर अपना मेयर बनाने जा रहा है इसी बोखलाहट में आकर कांग्रेस अब उनके वर्करों को डराने की कोशिश कर रही है।
गौरतलब है कि मंगलवार को कांग्रेस ने शिअद के दो अहम चेहरों को अपने साथ मिलाया। इसमें विश्वकर्मा मार्केट के प्रधान कुलबीर ढल्ला ने कांग्रेस का दामन थामकर कई लोगों को हैरान कर दिया। वहीं उसके बाद कांग्रेस ने ट्रक यूनियन के सदस्य व सरूप सिंगला के बेहद खास लोगों में शुमार डिंपी बाघला के कांग्रेस में जाने के बाद शिअद में खलबली का दौर शुरू हो गया है। कुलबीर ढल्ला बेहद साफ व्यक्तित्व के इंसान तथा पिछले दो दशक से शिअद से जुड़े हुए बताए जाते हैं। वही बुधवार को अकाली दल के पार्षद रहे रोशन ज्ञाना को भी कांग्रेस में शामिल कर लिया। रोशन ज्ञाना के साथ डिंपी भी शिअद के काफी एक्टिव लोगों में शामिल रहे हैं, लेकिन नजदीकी के बावजूद टिकट नहीं मिलने के बाद खुद को दरकिनार महसूस कर रहे थे, इसलिए कांग्रेस ने मौका संभालने में जरा भी देरी नहीं की। यहां बताना जरूरी है कि इससे पहले साल 2017 के विधानसभा चुनावों व बाद में 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी कांग्रेस ने यही पत्ता खेला था व अकाली दल के दर्जनों पार्षदों व वर्करों को कांग्रेस में शामिल कर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में किया था।
यही नहीं साल 2020 में भी सिंगला ग्रुप के कई खास पार्षदों के कांग्रेस में जाने के बाद बेहद हंगामा हुआ था जिसके लिए बादल परिवार को मैदान में आना पड़ा था। वहीं अब एक बार फिर सिंगला ग्रुप पर सदस्यों के छोड़ने से दबाव बढ़ गया है। वर्तमान में कांग्रेस के चुनाव प्रचार की पूरी कमान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयजीत जौहल ने संभाल रखी है व लगातार बैठकों का दौर शुरू कर रखा है। इसमें वह अकाली दल के साथ दूसरे दलों के दिग्गज नेताओं से लगातार संपर्क बना उन्हें कांग्रेस में शामिल करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसका असर दूसरे दलों की चुनाव मुहिम में भी पड़ता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस चुनाव से पहले शहर के सभी वार्डों का सर्वे करवा चुकी है व वर्करों की फीडबैक लेकर अपनी स्थिति से भी भलीभांति अवगत है। अब इसमें कमजोर वार्डों के साथ प्रभावी समुदायों के बीच पैठ बनाने व वोट हासिल करने के लिए कुछ चुने हुए चेहरों को अपने पाले में करने पर जोर दिया जा रहा है ताकि कांग्रेस नगर निगम चुनावों में सभी वार्डो में अपनी स्थिति को मजबूत कर सके। पिछले दिनों वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने घोषणा की थी कि वह नगर निगम का चुनाव शहर के विकास को लेकर लड़ेगे व चुनावों में यही सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा। वही अकाली दल के पूर्व विधायक व इंचार्ज सरुपचंद सिंगला ने सोशल मीडिया के माध्यम से विकास को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला था जिसमें जयजीत सिंह जौहल ने जबाबी हमला कर अकाली दल को फिर से घेरने की कोशिश की। फिलहाल नगर निगम चुनावों में जिस तरह से कांग्रेस व अकाली दल में चुनावी जंग शुरू हुई है वह इस बात की तरफ संकेत करती है कि इन चुनावों में कांग्रेस और अकाली दल के बीच कड़ी टक्कर होगी जबकि भाजपा व आप के साथ सोशल मीडिया ग्रुप दोनों दलों के बीच घुसपैठ कर उनके वोट बैंक में सेधमारी का काम करेगा। इसमें अब किसी फायदा होगा व कौन नुकसान में होगा यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे।
फोटो -अकाली दल का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए रोशन ज्ञना को वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह कांग्रेस में शामिल करते वही कुलबीर ढल्ला व डंपी बाघला को जयजीत सिंह जौहल ने कांग्रेस में शामिल किया।