बठिंडा. महाशिवरात्रि का पर्व वीरवार को
पूरे जिले में धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़
जुटना शुरू हो गई थी। पुलिस द्वारा मंदिरों में सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध
किए गए। वीरवार को महाशिवरात्रि पर्व को लेकर सभी शिव मंदिरों को फूलों व लड़ियों
से सुंदर ढंग से सजाया गया। मंदिरों में सुबह से ही भगवान शिव के भक्तिमय भजन गूंज
रहे थे। सुबह से ही लोग शिवालयों में पहुंचकर जल चढ़ाने लगे। श्रद्धालुओं ने
विधिवत पूजा-अर्चना कर शिवलिग पर जलाभिषेक किया तथा दिनभर व्रत रखा। नगर के एसएसडी
सभा के प्राचीन शिव मंदिर, हाथी
वाला मंदिर, शिववाड़ी
मंदिर, श्री
अन्नपूर्णा मंदिर, महावीर
दल मंदिर, श्री
दुर्गा मंदिर, मां
ज्वाला जी, शिव
मंदिर, संतोषी
माता मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भारी भीड़ जुटी नजर आई। गंगाजल लेकर कांवड़ियों का
शहर में जोरदार स्वागत किया गया।कोरोना काल के चलते इस बार महाशिवरात्रि पर मंदिरों में बड़े
आयोजन नहीं किए जा रहे हैं। साथ ही शोभायात्रा भी नहीं निकाली गई। हालांकि
श्रद्धालु सुबह से ही शिवालयों में शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए आने शुरू हो गए थे, लेकिन उन्हें शारीरिक दूरी का
ध्यान रखने और मास्क पहनना जरूरी किया गया। शहर के सबसे बड़े मेहना चौक स्थित
प्राचीन शिव मंदिर में भी इस बार सिर्फ जलाभिषेक की तैयारी की गई है। हालांकि
मंदिर को लाइटों से सजाया गया है, लेकिन बड़े आयोजन नहीं किए गए।
शहर के अन्य मंदिरों में भी वीरवार को महाशिवरात्रि पर्व
कोरोना गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए मनाई जा रही है। जिले के सभी छोटे-बड़े शिवालयों
में ब्रह्ममुहूर्त से श्रद्धालु शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए भगत आते रहे। शहर के
प्रसिद्ध मंदिर शिव बाड़ी, एसएसडी
सभा मंदिर, अग्रवाल
कालोनी मंदिर, पोस्ट
आफिस बाजार, माता
चितपूर्णि मंदिर व माडल टाउन के माता दुर्गा मंदिर में शिवरात्रि साधारण तरीके से
मनाई जाएगी। मंदिरों में पूरा दिन पूजा पाठ होगी और शिवलिंग पर बिल पत्र, फल, दूध चढ़ाए जा रहे हैं।
मंदिरों में एक साथ 100 लोगों को एंट्री नहीं मिली
भले ही महाशिवरात्रि पर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं
होगा, लेकिन
श्रद्धालु पूरा दिन पूजा पाठ और जलाभिषेक के लिए आ सकते हैं। साथ ही इस बात का
ध्यान रखा गया कि एक साथ 100 लोग इक्ट्ठा न हों। साथ ही सभी को मास्क पहनकर रखना अनिवार्य होगा।
एसएसडी सभा के मेहना चौक स्थित प्राचीन शिव मंदिर व हाथी
वाला मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लाइन लगी रही। भक्तों ने लाइन में लगकर जल
चढ़ाया और परिवार की खुशहाली के लिए भगवान शिव से मन्नतें मांगी। मंदिर के पुजारी
गोपाल प्रसाद शास्त्री व पंडित दिनेश शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि के त्योहार
पर सुबह चार बजे से ही भक्तों का आना शुरू हो गया था। इस दिन भगवान शिव का उपवास
रखना काफी फलदायी माना जाता हैं। ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों में भी विशेष उत्साह
महा शिवरात्रि को लेकर नजर आया। मंदिरों में भगवान शिव के भजनों पर शिव भक्त नृत्य
करते हुए नजर आए।
मैहना चौक स्थित प्राचीन शिव मंदिर में सुबह
चार बजे से ही 'हर हर महादेव' के जयकारे गूंजने लगे। मंदिर में सैकड़ों
श्रद्धालुओं ने शिवलिग पर जल चढ़ाए, जिनकी लंबी कतारें दोपहर तक लगी रहीं। शिव मंदिर
बर्फानी आश्रम, जय ज्वाला मंदिर, मंदिर माता वैष्णो देवी, वैष्णो विद्या मंदिर
समेत महानगर के विभिन्न मंदिरों में शिवभक्तों का तांता लगा रहा। उन्होंने शिवलिग
पर दूध, घी, दही, शहद, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, दूब, फल-फूल चढ़ाए और धूप-दीप से पूजा-अर्चना की। शाम
के समय मंदिरों में भजन-संकीर्तन के दौर चले, वहीं जलाभिषेक भी हुआ।
शिव विवाह व संकीर्तन का आयोजन किया
श्री सनातन धर्म सभा की ओर से श्री सनातन धर्म सभा हाथी वाला
मंदिर में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में शिव विवाह व संकीर्तन का आयोजन किया गया।
महाशिवरात्रि उपलक्ष्य में एसएसडी सभा की ओर से शाम 4 बजे पूजन उपरांत भव्य शोभयात्रा
नही निकाली गई लेकिन सुंदर झांकिया तैयार की गई। शाम 6:15 से रात्रि 8 बजे तक शिव विवाह और संकीर्तन
हुआ।
शिववाड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं ने मांगी मन्नत :
मालवा के प्रसिद्ध शिव बाड़ी मंदिर में लोगों को तांता सुबह
से लेकर शाम तक लगा रहा। मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर में सुबह चार बजे
कावड़ियों द्वारा गंगा चल चढ़ाया गया। इसके उपरांत सुबह शिव भोले को स्नान कर
श्रृंगार किया गया। सुबह से लोगों ने शिव भोले पर जल चढ़ाना शुरू कर दिया।
श्री ज्वाला जी मंदिर में शिवरात्रि पर्व मनाया : श्री
ज्वाला माता मंदिर ट्रस्ट की ओर से शिवरात्रि के पर्व धूमधाम से मनाया गया। मंदिर
में आने वाले लोगों को प्रसाद दिया गया। इस मौके पर आरएन गौर, विजय कुमार गोयल, हरमेल सिंह, ज्ञान चंद गांधी आदि मौजूद थे।