जालंधर। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर कृषि कानूनों को लेकर हुई किसानों व केंद्रीय मंत्रियों के बीच 11वें दौर की बैठक में समाधान की किरण दिखाई दी। केंद्र ने किसानों के सामने दो प्रस्ताव रखे। पहला डेढ़ साल तक कृषि कानूनों को निलंबित करेंगे व दूसरा एमएसपी पर बातचीत को नई कमेटी बनाएंगे। वे सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा देने को तैयार हैं। इसे किसानों ने नामंजूर कर दिया लेकिन कृषि मंत्री के कहने पर किसान संगठन आज बैठक कर 22 जनवरी को केंद्र को बताएंगे। बैठक में किसानों ने कहा- एनआईए के नोटिस से माहौल खराब हो रहा है। तोमर ने कहा किसी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होगी।इससे पहले किसानों ने दिल्ली, हरियाणा व यूपी पुलिस से कहा- उन्हें आउटर रिंग रोड पर परेड की मंजूरी मिले। वहीं, एक्सपर्ट कमेटी आज किसानों से मिलेगी। उधर पटियाला के धन्ना सिंह (65), लुधियाना के जगजीत (34) की टिकरी बॉर्डर पर मौत हो गई।]
मीटिंग का टर्निंग पॉइंट... लंच के दौरान शाह-तोमर में फोन पर बात -3 बजकर 50 मिनट पर अब तक का सबसे लंबा लंच लंच शुरु हुआ। इसी दौरान तोमर ने शाह को फोन पर बताया, किसानों को चिंता है कि कोर्ट में दो माह कमेटी रिपोर्ट देगी, किसान उठ गए तो कानूनों से कभी भी रोक हट सकती है। शाह ने तोमर से कहा, उन्हें बताएं- हम एक से डेढ़ साल तक कानून होल्ड करने को तैयार हैं। तोमर के प्रस्ताव देने पर कुछ किसान नेता सहमत होते दिखे परन्तु बाद में किसानों ने प्रस्ताव नहीं माना। तोमर ने उन्हें चर्चा के लिए समय देते हुए अगली बैठक 22 को रखने पर सहमति बना ली।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का 57वां दिन है। इससे पहले बुधवार को किसानों के साथ 11वें राउंड की बातचीत में सरकार कुछ झुकती हुई नजर आई। केंद्र ने बुधवार को किसान नेताओं को दो प्रपोजल दिए। पहला यह कि डेढ़ साल तक कृषि कानून लागू नहीं किए जाएंगे और सरकार इसका हलफनामा कोर्ट में देने को तैयार है। दूसरा- MSP पर बातचीत के लिए नई कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी जो राय देगी, उसके बाद MSP और कृषि कानूनों पर फैसला लिया जाएगा।
मीटिंग का टर्निंग पॉइंट...
दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों और सरकार की मीटिंग में लंच से पहले तक कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर लंच ब्रेक हुआ। इसी दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्री अमित शाह को फोन लगाकर किसानों की चिंता बताई। चिंता यह कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी 2 महीने में रिपोर्ट दे देगी, उसके बाद कृषि कानूनों के अमल पर लगी रोक कभी भी हट सकती है। इस पर शाह ने तोमर ने कहा- किसानों को बताएं कि सरकार डेढ़ साल तक कानून होल्ड करने को तैयार है।
किसान आज फैसला लेंगे, कल मीटिंग में बताएंगे
लंच के बाद तोमर ने मीटिंग में प्रपोजल रखा तो कुछ किसान नेता सहमत हो गए, लेकिन बाद में प्रस्ताव नहीं माना। तोमर ने उन्हें चर्चा के लिए समय देते हुए अगली बैठक 22 जनवरी को रखने पर सहमति बना ली। किसान आज सरकार के प्रपोजल पर चर्चा करेंगे और कल होने वाली बैठक में अपना फैसला बताएंगे।
एक्सपर्ट कमेटी की आज किसानों से पहली मीटिंग
कृषि कानूनों के मुद्दे पर समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी आज किसान संगठनों के साथ पहली बैठक करेगी। कमेटी ने कहा है कि जो किसान नहीं आएंगे, उनसे खुद मिलने भी जाएंगे। ऑनलाइन सुझाव लेने के लिए पोर्टल बनाया गया है। 15 मार्च तक किसानों के सुझाव लिए जाएंगे।
NIA की कार्रवाई को लेकर किसानों को ऐतराज
किसानों की सरकार के साथ 11वें राउंड की चर्चा में किसान नेताओं को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के समन मिलने का मुद्दा भी उठा। किसान संगठनों ने कहा कि NIA का इस्तेमाल किसानों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। इस पर सरकार ने जवाब दिया कि अगर ऐसा कोई बेगुनाह किसान आपको दिख रहा है तो आप लिस्ट दीजिए, हम ये मामला तुरंत देखेंगे।
पंजाब से 1140 ट्रैक्टर दिल्ली रवाना-ट्रैक्टर -
परेड के लिए पंजाब के 4 जिलों से 1140 ट्रैक्टरों पर किसान दिल्ली रवाना हुए। होशियारपुर से फ्री बस सेवा भी शुरुआत की गई। अमृतसर से 850 ट्रैक्टर का जत्था रवाना किया गया। संगरूर: 250 ट्रैक्टर-ट्रालियों पर करीब 350 किसान। मोगा से 40 ट्रैक्टरों पर 200 लोग रवाना हुए।