बठिंडा. पंजाब सरकार की तरफ से सेहत विभाग और मेडिकल शिक्षा व रिसर्च विभाग के कामन काडर को दोफाड़ करने का फैसले के विरोध में शुक्रवार को प्रदेश भर में सेहत विभाग के कलेरिक्ल स्टाफ की तरफ से अनिश्चितिकाल समय के लिए पैन डाउन हड़ताल शुरू की गई। इसके तहत बठिंडा सिविल अस्पताल व सिविल सर्जन आफिस में जिला प्रधान महिंदर सिंह सचदेवा की अगुआई में कलेरिक्ल स्टाफ द्वारा हड़ताल की और सिविल सर्जन दफ्तर के बाहर रोष धरना देकर पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। क्लेरिकल स्टाफ की हड़ताल की वजह से सिविल अस्पताल व सिविल सर्जन समेत अन्य दफ्तर का काम पूरी तरह से प्रभावित हुआ, वहीं जन्म व मौत ब्रांच का काम भी बंद कर दिया गया। इसके चलते शुक्रवार को ना तो किसी जन्म व मौत का सार्टिफिकेट नहीं बन सका। अगर हड़ताल लंबे समय के चली, तो हजारों की संख्या में सार्टिफिकेट की फाइलें पेड़िंग पड़ी रहेगी। यूनियन के प्रधान महिंदर सिंह सचदेवा ने कहा कि सेहत व परिवार भलाई विभाग और मेडिकल व रिसर्च विभाग के कामन काडर की बाईफरकेशन करके पंजाब सरकार ने सेहत विभाग के क्लेरिकल कैडर कर परमोशन खत्म करने की योजना बनाई है। इससे क्लेरिकल स्टाफ में रोष है। सरकार की तरफ से पत्र जारी करके डीआरएमई और डीएच पंजाब के कामन काडर को अलग-अलग करने से क्लेरिकल विभाग की 250 पोस्ट और पैरामेडिकल की लगभग 1900 पोस्ट समाप्त करने के साथ सेहत विभाग के क्लेरिकल कैडर और पैरामेडिकल स्टाफ की परमोशना समाप्त कर दी हैं। इसके साथ कई साल से काम कर रहे कर्मचारी परमोशना लेने से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से लिए गए बेतुके फैसले के साथ सेहत विभाग और मेडिकल शिक्षा व रिसर्च विभाग की सीनियर्ता अलग अलग करके हजारों मुलाजिमों के हितों का नुकसान होगा। यदि पंजाब सरकार ने दोनों विभागों को अलग-अलग करना था, तो जत्थेबंदियों को विश्वास में लेकर ऐसा करने के साथ मुलाजिमों के हितों का नुकसान होने से बचाव किया जा सकता था। क्लेरिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की तरफ से डीआरएमई और डीएच यह अलग अलग करने की कर्मचारियों ने कभी भी सरकार के आगे मांग नहीं रखी थी। सरकार की तरफ से छुट्टी वाले दिन एकदम पत्र जारी करके दोनों विभागों की बंटवारा करने के साथ सेहत विभाग के क्लेरिकल कैडर और पैरामेडिकल स्टाफ को अनिश्चितता में डाल दिया है। पंजाब हेल्थ विभाग चंडीगढ़ और सेहत मंत्री पंजाब बलवीर सिंह सिद्धू को मिलकर विभाग का बटवारा नहीं करने संबंधी मांग पत्र भी दिया गया था, परंतु सरकार के कान से कोई भी जूं नहीं सरकी। जिसके विरोध के तौर पर पंजाब हेल्थ मनिस्ट्रियल सर्विसज़ यूनियन की स्टेट बाडी की तरफ से विरोध के तौर पर अनिश्चित समय के लिए पैन डाउन हड़ताल शुरू की गई है। इस दौरान कोई भी क्लेरिकल स्टाफ दफ्तरी काम काज नहीं करेगा। यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार कर्मचारी विरोधी फैसले को वापिस नहीं लेती है।
फोटो -कलम छोड़ हड़ताल करते सेहत विभाग के कर्मचारी।
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