नई दिल्ली। महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल (ऑनलाइन) मीटिंग की। प्रधानमंत्री ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए राज्यों को तीन T का मंत्र दिया। PM ने कहा कि हमें देशभर में टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट पर एक बार फिर से जोर देना होगा।
पीएम ने कहा कि कई देशों में संक्रमण की कई लहरें देखने को मिल रही हैं। हमारे यहां भी महाराष्ट्र, केरल, पंजाब और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में केस काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। हमें इसे रोकने के लिए तेजी से काम करना होगा। इन सबके बीच लोग हैरान-परेशान न हों हमें इसका भी बखूबी ध्यान रखना होगा।
प्रधानमंत्री ने इन तीन बातों पर दिया जोर...
- कोरोना संक्रमण की जांच में और तेजी लाएं : पीएम ने राज्यों से कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच जांच प्रक्रिया को और तेज करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि RT-PCR टेस्ट को 70% करने की जरूरत है। उन्होंने केरल, छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश में रैपिड टेस्टिंग ही किए जाने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि 2 और 3 टियर शहरों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हमें इन्हें समय रहते रोकना होगा, वर्ना गांवों में मामले बढ़े तो संभालना मुश्किल हो जाएगा।
- वैक्सीनेशन ड्राइव को और गति दी जाए, वेस्टेज पर सतर्क रहें : पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन ड्राइव को और तेज करने की बात रखी। उन्होंने राज्यों से वैक्सीन के वेस्टेज पर भी आगाह रहने को कहा। मोदी ने कहा कि अब तक एक अनुमान के मुताबिक करीब 30 लाख वैक्सीन रोज लग रहे हैं। ऐसे में हमें इसे और गति देने की जरूरत है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को इसके लिए जरूरी लगे तो वैक्सीनेशन सेंटर्स बढ़ाने चाहिए। पीएम ने उत्तरप्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में वैक्सीन के वेस्टेज पर भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में वैक्सीन वेस्ट का आंकड़ा करीब 10 प्रतिशत तक पहुंच गया है। हमें वैस्टेज को रोकना होगा। उनकी एक्सपायरी डेट देखनी होगी। जो वैक्सीन पहले आई, उसका उपयोग पहले होना चाहिए।
- पाबंदियां खुद तय करें, जनता परेशान न हों इसका ध्यान रखें : बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों से कहा कि संक्रमण रोकने के लिए राज्य बंदिशें अपने हिसाब से तय करें। हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि लोगों में दहशत न फैले। हमें दवाई भी-कड़ाई भी’ का पालन करना होगा। इसके लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य नियमों का कड़ाई से पालन करना और करवाना होगा। पीएम ने राज्यों में माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाने पर जोर दिया। साथ ही सभी राज्यों से एक-दूसरें के साथ सतत संपर्क और जानकारी शेयर करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि राज्यों को इसके लिए खुद बैठकें करनी चाहिए।
हम उन चुनिंदा देशों में शामिल, जहां कोरोना से मृत्युदर सबसे कम
PM मोदी ने कहा कि भारत में 96 प्रतिशत से भी ज्यादा केस रिकवर हो चुके हैं। हमारा देश उन चुनिंदा देशों में शामिल है जहां मृत्युदर सबसे कम है। कोविड-19 से प्रभावित ज्यादातर देशों में कोरोना की कई वेव आई हैं। हमारे देश के कुछ राज्यों में भी अब संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। मुख्यमंत्रियों ने भी इस पर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देशभर के 70 जिलों में पिछले सप्ताह से कोरोना मामलों की तादाद 150 प्रतिशत तक बढ़ गई है। यदि इसे नहीं रोका गया तो आने वाले समय में ये पूरे देश में ऐसे मामले दिख सकते हैं। हमें कोरोना की दूसरी वेब को तुरंत रोकना होगा।
ममता बनर्जी समेत तीन सीएम मीटिंग में नहीं हुए शामिल
इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल नहीं हुए। इन राज्यों के प्रतिनिधि बैठक में मौजूद थे। वहीं ममता बनर्जी ने बंगाल से ही PM मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बंगाल को वैक्सीन नहीं दे रही है। यहीं आरोप राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी लगा चुके हैं। ममता ने कहा कि बिहार में PM मोदी ने मुफ्त वैक्सीन की बात कही थी। क्या वहां के लोगों को वैक्सीन मिल पाई। उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने झूठ बोला।
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